कपूर तेज खूशबू वाला उड़नशील और सफेद रंग के मोम की तरह का पदार्थ होता है। इंग्लिश में इसे कैम्फर, संस्कृत में कर्पूर और फारसी में काफूर कहा जाता है। कपूर का प्रयोग हमारे देश में पूजा के लिए किया जाता है। कोई भी आरती बिना कपूर के पूरी नहीं मानी जाती है। इसके साथ ही बीमारियों के इलाज में भी कपूर का उपयोग किया जाता है। अपने देश भारत के अलावा, चीन में भी कपूर का प्रयोग बहुलता में किया जाता है। कपूर में ऐसी चिकित्सकीय शक्ति है कि यह कई रोगों को तुरंत ठीक करने की क्षमता रखता है। कपूर कैम्फोरा नामक पेड़ से मिलता है। अपने यहां यह पेड़ देहरादून, नीलगिरि, मैसूर और सहारनपुर में पाया जाता है। इसके पेड़ छोटे और इसके पत्ते लगभग तीन- चार इंच लंबे होते हैं। पत्तियां चमकदार होती हैं और इनसे भी अच्छी सी खुशबू आती है। इस पेड़ के फूल सफेद रंग के होते हैं, जो गुच्छों में लगते हैं।
स्किन के लिए प्रभावशाली - Camphor for Skin in Hindi
बालों के लिए लाभकारी कपूर - Camphor for Hair in Hindi
स्वास्थ्य के लिए कपूर - Camphor for Health in Hindi
अन्य लाभ - Other Benefits of Camphor in Hindi
कपूर को प्राकृतिक तौर पर कपूर के पेड़ से निकाला जाता है। लेकिन कई बार कृत्रिम तौर पर रसायन से भी बनाया जाता है। यही वजह है कि बाजार में कई तरह के कपूर उपलब्ध हैं।
कपूर को तीन तरह की वनस्पति से निकाला जाता है। इसलिए यह तीन तरह का होता है।
इसे जापानी कपूर भी कहा जाता है, जिसे सिनामोमस कैफ़ोरा (Cinnamomum camphora) नामक पेड़ से निकाला जाता है। मूलत: यह पेड़ जापान और चीन में पाया जाता है लेकिन कपूर के उत्पादन के लिए इसे दूसरे देशों में भी लगाया जाता है। अपने देश में यह पेड़ नीलगिरि, मैसूर, देहरादून और सहारनपुर में बहुलता से पाया जाता है। इसके पत्तों से कपूर निकाला जाता है।
भीमसेनी कपूर को ड्रायोबैलानॉप्स ऐरोमैटिका (Dryobalanops aromatica)नामक पेड़ से निकाला जाता है। सुमात्रा में यह पौधा अपने आप ही पैदा हो जाता है। इस पेड़ में जहां फांक रहता है, वहां खुरचने के बाद कपूर को निकाला जाता है। इसे आप जब पानी में डालेंगे तो यह नीचे बैठ जाएगा। इन दिनों भीमसेनी कपूर के नाम पर कृत्रिम कपूर भी बाजार में बिकता है, इसलिए जापानी कपूर खरीदना ही बेहतर है।
यह कपूर अपने देश में कंपोज़िटी (Compositae) कुकरौंधा नामक पेड़ से मिलता है।
कपूर के फायदे क्या हैं (benefits of camphor in hindi)? कपूर में इतने एंटीऑक्सिडेंट्स और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं कि यह हमारी खूबसूरती को निखारने के साथ ही हमें स्वस्थ रखने में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। खासतौर पर कपूर हमारी स्किन के लिए इतना बढ़िया है कि स्किन से जुड़ी कई परेशानियां इसे लगाने से कुछ ही देर में ठीक हो जाती हैं। आइये जानें कपूर के फायदे फोर स्किन।
कपूर के इसेंशियल ऑयल का प्रयोग स्किन एलर्जी में किया जाता है। खासकर खुजली में। यह स्किन के उन हिस्सों को ठंडक और राहत प्रदान करता है, जहां एलर्जी हो। यह इतना हल्का होता है कि आसानी से रोमछिद्रों में चला जाता है और स्किन को ठंडा महसूस कराता है। नारियल तेल के साथ पीसे गए कपूर को लगाने से खुजली वाली स्किन को राहत मिलती है। इसके लिए एक छोटे कप नारियल तेल में एक चम्मच कपूर को पीसकर मिला लें। अब इस मिश्रण को प्रभावित हिस्से में लगाएं। रोजाना एक- दो बार आप इसे लगाएं। दो- तीन दिनों में ही फर्क महसूस होने लगेगा।
स्किन में जलन हो तो भी कपूर का इस्तेमाल फायदेमंद साबित हुआ है। एक चम्मच पीसे हुए कपूर को एक कप पानी में मिलाएं। इसके बाद रुई की सहायता से इसे प्रभावित हिस्से में लगाएं। ऐसा दिन में दो- तीन बार किया जा सकता है। धीरे- धीरे राहत मिल जाएगी।
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कपूर इतना जादुई होता है कि यह आपकी स्किन में कसाव ला सकता है। यह एंटी इंफेक्शन एजेंट के तौर पर काम करता है, जो एक्ने और पिंपल्स को दूर करने में अहम भूमिका निभाता है। इसके लिए कपूर के तेल में टी ट्री ऑयल को मिलाएं और इसे पिंपल्स और एक्ने पर लगाएं। कुछ ही दिनों में अंतर पता चलने लगेगा।
फटी एड़ियां किसे अच्छी लगती हैं? इसे ठीक करने के लिए आपने कई तरह की कोशिश की होगी। इस बार कपूर का प्रयोग करके देखें। एक बाल्टी पानी में दस कपूर डालें। इस पानी में अपनी फटी एड़ियों को पंद्रह- बीस मिनट तक डूबोकर रखें। इससे पैर तो मुलायम होंगे ही, फटी एड़ियों की दरारें भी भर जाएंगी।
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बालों के लिए केम्फर के बहुत से फायदे हैं (camphor ke fayde)। लहराते चमकदार बाल भला किसे अच्छे नहीं लगते? यदि आपके बाल लंबे नहीं हो रहे या गिर रहे हैं तो कपूर इसमें आपकी मदद कर सकता है।आइये जानें कपूर के लाभ बालों के लिए।
इन दिनों हर व्यक्ति की यही शिकायत रहती है कि उसके बाल बहुत गिरते हैं। बालों को झड़ने और गिरने से बचाने के लिए यदि आप नियमित तौर पर कपूर के तेल का प्रयोग बालों पर करें तो यह धीरे- धीरे बालों के गिरने को रोक सकता है। कपूर का तेल बालों की जड़ को मजबूत करके झड़ना रोकता है।
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लंबे बाल हर किसी की चाहत होती है। लेकिन गिरते बाल भला लंबे कैसे हो सकते हैं? ऐसे में कपूर के तेल को इसेंशियल ऑयल में मिलाना बालों के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता है। चाहें तो लैवेंडर या कैमोमाइल या फिर नारियल तेल में कपूर के तेल को मिलाकर लगाएं।
बाल में रहने वाले जूंए सिर की सेहत के लिए हानिकारक होते हैं। आपने कई तरह के एंटी डैंड्रफ शैंपू का भी प्रयोग करके देख लिया, जूं जाने का नाम ही नहीं लेते हैं। ऐसे में आप कपूर के तेल को पानी में मिलाकर नहाएं। कपूर के तेल में निहित एंटीऑक्सिडेंट्स एंटी इंफेक्शन एजेंट के तौर पर काम करते हैं और जूंओं को मार देते हैं।
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कपूर एक बेहतरीन एंटीऑक्सिडेंट के तौर पर काम करता है। यही वजह है कि कई बीमारियों के लिए यह रामबाण है।आइये जानें कपूर के फायदे (kapur ke fayde) स्वास्थय के लिए।
कपूर एंटीऑक्सिडेंट का बेहतरीन स्रोत है, जो कई बीमारियों को ठीक करने में लाभकारी है। यही वजह है कि कपूर को प्राकृतिक गुणकारी इलाज में शामिल किया जाता रहा है। अपने यहां प्राचीन जमाने में कपूर का प्रयोग कई तरह के रोग को दूर करने में किया जाता रहा है।
कपूर पाचन तंत्र को बेहतर बनाकर इसके कामकाज को अनुकूल बनाता है। साथ ही पाचन रस और एंजाइम के स्राव को भी बढ़ाता है, जो पाचन या डाइजेशन की प्रक्रिया को बेहतर करने के लिए जरूरी है। यह पेट में गैस को बनने से रोकता है, साथ ही इससे जुड़ी अन्य समस्याओं को भी। डायरिया, गैस्ट्रोएंटाइटिस और डाइजेशन से जुड़े अन्य रोगों के लिए भी रामबाण है।
कपूर एक बेहद प्रभावी एंटी इंफ्लेमेटरी साबित हुआ है। कंवेंशनल मेडिशिन के साथ ही आयुर्वेद में भी यह काफी प्रभावी सिद्ध हुआ है। दर्द कम करने वाले बाम का यह महत्वपूर्ण घटक है, जो दर्द दूर करने के साथ ही सूजन को भी कम करता है। कपूर आसानी से स्किन में घुस जाता है, इसलिए बाहरी चोटों और इसकी वजह से होने वाली सूजन को ठीक करने में यह जादू की तरह काम करता है।
कपूर की तीखी सुगंध प्रभावशाली होती है। यह ब्रॉन्काई, स्वर यंत्र और हवा के अन्य भागों को खोलने में मददगार है, जो बलगम और मकस को दूर करता है। कोल्ड रब में कपूर का इस्तेमाल किया जाता है, इसे छाती और गले पर रगड़ने से काफी राहत मिलती है। चाहें तो गरम पानी में कपूर को मिलाकर इसे इनहेल करें। फलस्वरूप, सर्दी- खांसी दोनों में राहत मिलती है।
ब्लड सर्कुलेशन को सुधारने में कपूर की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। यह डिटॉक्सिफिकेशन में भी लाभदायक है। जोड़ में दर्द हो या गाउट की समस्या, कपूर असरकारक है। इसे मलने से ब्लड सर्कुलेशन दुरुस्त होता है और इसकी हल्की खुशबू रिलैक्स करने में भी मदद करता है।
अन्य दवाइयों के साथ मिलकर कपूर दिल की बीमारियों के इलाज में फायदेमंद साबित हुआ है।
सेक्सुअल फंक्शन को दुरुस्त करने में कपूर के तेल का प्रयोग खासा फायदेमंद साबित हुआ है। कपूर मस्तिष्क के उस हिस्सों को उत्तेजित करता है, जो सेक्सुअल आग्रह और क्षमताओं को नियंत्रित करते हैं। कपूर का तेल बाहरी तौर पर लगाना इरेक्टाइल संबंधी समस्याओं के इलाज में भी फायदा करता है। चूंकि यह ब्लड सर्कुलेशन दुरुस्त करता है तो प्रभावित हिस्सों में ब्लड का बेहतर सर्कुलेशन इसकी कार्यप्रणाली में सुधार लाता है।
कपूर का तेल प्रेगनेंट महिलाओं के लिए बहुत लाभकारी है। प्रेगनेंसी के दौरान मांसपेशियों में होने वाली ऐंठन और दर्द को दूर करने में इसका प्रयोग लाभकारी है। कपूर के तेल को हल्के हाथ से प्रभावित हिस्सों में लगाने से प्रेगनेंट महिलाओं को दर्द और ऐंठन से छुटकारा मिलता है।
सेहत और खूबसूरती में फायदेमंद कपूर के और भी बहुत से फायदे हैं (kapoor benefits in hindi)।
इस मौसम में मच्छर आतयायी के तौर पर आपके घरों में घुस जाते हैं। आप लाख एंटी मॉस्किटो प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर लें, यह हमला करने से पीछे नहीं हटते। ऐसे में कपूर जलाने के फायदे का लाभ उठाएं। कपूर प्राकृतिक रेपेलेंट के तौर पर काम करता है। इसके लिए बस आपको अपने कमरे में कपूर को जलाने की जरूरत है। मच्छर के साथ सभी तरह की कीट- पतंगें भी अपने आप भाग जाएंगे।
कान के दर्द में भी कपूर फायदेमंद साबित हुआ है। इसके लिए तुलसी के पत्तों का रस निकालें। इसमें कपूर को मिलाकर कान में दो बूंद डालें। जल्दी ही कान का दर्द दूर हो जाएगा।
कई बार गरमी में सिरदर्द हो जाता है। दवाइयां ले- लेकर आप परेशान हो गई हैं तो इस बार प्राकृतिक इलाज ढूंढें। नींबू के रस में कपूर को मिलाकर सिर पर लगाएं। सिरदर्द के साथ भारीपन और तनाव भी काफी हद तक दूर हो जाएगा।
कपूर का इस्तेमाल जब सीमित तौर पर किया जाए तो यह सुरक्षित और फायदेमंद है। कपूर को स्किन गैप और खुली चोट पर लगाने से बचना चाहिए क्योंकि वहां कपूर को लगाने से जहरीला साबित होने की आशंका रहती है। डिकंजेशन के लिए निश्चित सीमा तक कपूर की इनहेलिंग ठीक है। अधिक मात्रा में कपूर का सेवन खतरनाक हो सकता है। कपूर टॉक्सिटी के लक्षण मुंह और गले में जलन, मितली और उल्टी हैं। बच्चों को विशेष तौर पर कपूर से दूर रखना चाहिए क्योंकि वे अधिक सेंसिटिव होते हैं और इसकी टॉक्सिटी को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। ब्रेस्टफीड कराने वाली महिलाओं को कपूर के सेवन से बचना चाहिए। कपूर को लगाने के हल्के दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जैसे- लालिमा और त्वचा में जलन।
ब्रेस्टफीड कराने वाली महिलाओं को कपूर से क्यों दूर रहना चाहिए?
ब्रेस्टफीड कराने वाली महिलाओं को कपूर से इसलिए दूर रहना चाहिए क्योंकि यह यदि बेबी की स्किन तक पहुंच गया तो उसके लिए हानिकारक हो सकता है।
कपूर को किस तरह अपनी ब्यूटी रुटीन में शामिल किया जा सकता है?
कपूर स्किन में कसाव लाने का काम करता है। एंटी इंफेक्शन एजेंट के तौर पर काम करते हुए यह एक्ने और पिंपल्स को दूर करने में अहम भूमिका निभाता है।
कपूर बालों को स्वस्थ रखने में किस तरह मदद करता है?
कपूर बालों को बिना नुकसान पहुंचाए बालों की जड़ों को मजबूत बनाता है। कपूर के तेल में अंडा या दही को मिलाकर लगाने से यह बालों को जरूरी पोषक तत्व प्रदान करता है।
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