बाल किसी की भी खूबसूरती में इजाफा करते हैं। फिर चाहे वह लेडीज के बाल हों या जेंट्स के। लेकिन इन दिनों गिरते और सफेद पड़ते बालों ने सबको दुखी कर रखा है। चाहे किसी भी कंपनी के शैंपू से साफ करो, किसी भी कंपनी के तेल से मसाज कर लो, बालों का गिरना बंद ही नहीं होता। कुछ लोग अपने फ्रिजी बालों से परेशान हैं तो कुछ डैंड्रफ वाले बालों से। खासकर इन सर्दियों में तो बालों की देख- रेख करना बहुत मुश्किल हो जाता है क्योंकि इसी समय बाल डैंड्रफ आैर फ्रिजीनेस के ज्यादा शिकार हो जाते हैं। इसमें से कुछ लोग अपवाद भी होते हैं क्योंकि उनके बालों के गिरने का कारण उनकी कोई बीमारी होती है। लेकिन यदि आपके डॉक्टर ने आपको हेल्दी बता दिया है, फिर भी आपके बाल गिरने बंद नहीं हो रहे या डैंड्रफ से आपको मुक्ति नहीं मिल रही है और अपने बालों के लिए आप हर तरह के उत्पादों का प्रयोग करकेे भी देख चुके हैं तो फिर आपके बालों के लिए रामबाण औषधि है सरसों का तेल।
देखा जाए तो बाजार में कई तरह के तेल उपलब्ध हैं, जो यह दावा करते हैं कि बालों को खूबसूरत और चमकदार बनाने के लिए उनका उपयोग करना चाहिए। लेकिन फिर भी किसी तरह के तेल की गारंटी सुनिश्चित नहीं है। वैसे तो नारियल तेल, बादाम तेल और अरण्डी का तेल बालों के लिए अच्छा माना जाता है लेकिन जरूरी नहीं है कि सबके घर में यह हो ही। ऐसे में सरसों का तेल एक ऐसा उपाय है, जो हर घर में आसानी से उपलब्ध होता हैं। क्योंकि अमूमन लोग सरसों के तेल का इस्तेमाल खाना बनाने के लिए करते हैं।
सरसों का तेल सरसों के पौधे के बीजों से निकलता है। इसका इस्तेमाल न केवल खाना पकाने बल्कि इसके कई औषधीय प्रयोग भी हैं। गुजराती में इसे रेनु तेल, मराठी में मोहारिचे तेल, मलयालम में कडुगेना, उड़िया में सोरिशा तेल, तमिल में कडुगू एन्नइ और तेलुगू में एवेनूने कहा जाता है। सरसों का तेल न केवल बालों के लिए प्राकृतिक कंडीशनर का काम करता है, बल्कि इससे बालों का गिरना भी कम होता है। आप खुद ही इस प्राकृतिक कंडीशनर का इस्तेमाल करके इसे आजमा सकते हैं।
सरसों तेल में कई चिकित्सकीय गुण हैं, जो अन्य तेलों में नहीं होते हैं। यही वजह है कि बालों के लिए भी यह उतना ही लाभदायक है, जितना खाने के लिए। इसमें ओमेगा - 3 और ओमेगा - 6 फैटी एसिड का बेहतरीन संतुलन होता है। साथ ही इसमें सैचुरेटेड फैट की मात्रा भी काफी कम होती है। इसमें 60 फीसद मोनोसैचुरेटेड फैट, 21 फीसद पॉलीअनसैचुरेटेड फैट और 12 फीसद सैचुरेटेड फैट होता है। ये फैटी एसिड गुड फैट्स के अंतर्गत आते हैं क्योंकि ये आर्टरी की वॉल्स पर जमा नहीं होते। इसका स्वाद तीखा आैर गंध भी तीखी होती है। इसमें ग्लूकोसिनोलेट्स होता है, जिसमें एंटी माइक्रोबियल गुण होते हैं। सरसों के तेल में कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल नहीं होते। इसमें अल्फा- लिनोलेनिक एसिड होता है, जो एक जरूरी ओमेगा - 3 फैटी एसिड है। एक छोटे चम्मच सरसों के तेल में करीब 0.8 ग्राम ओमेगा - 3 फैटी एसिड होता है। ऑलिव, फ्लेक्स सीड, ग्रेप सीड और पीनट ऑयल के मुकाबले इसमें मोनो सैचुरेटेड फैट कम होता है।
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सरसों तेल में मौजूद अल्फा फैटी एसिड बालों को हाइड्रेटेड और जीवंत रखता है। इसलिए ये बढ़िया कंडीशनर की तरह भी काम करता हैं। सरसों तेल से की गई मसाज हेयर फॉलिकल्स को मजबूत बनाती है और खराब होने से भी बचाती है। बालों को भी मजबूती प्रदान करता है।
सरसों के तेल में निहित एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल गुण बालों को झड़ने बचाते हैं। आप सरसों तेल को गुनगुना करके बालों में लगाएं। स्नान करने से पहले आप गुनगुने सरसों तेल से बालों की मसाज करेंगे तो ब्लड सर्कुलेशन बढ़ेगा और बाल मजबूत बनेंगे।
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सरसों तेल से नियमित हेयर मसाज करने से बाल लंबे होते हैं। स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन में तेजी आती है। इसमें निहित बीटा कैरोटीन, आयरन, प्रोटीन, ओमेगा- 3 फैटी एसिड बालों को न्यूट्रिशन प्रदान करते हैं और बाल जड़ से बढ़ते हैं।
सरसों के तेल में निहित एंटी बैक्टीरियल गुण स्कैल्प को हेल्दी रखकर डैंड्रफ को दूर भगाते हैं। यह एक नैचुरल क्लीनर है, जो बालों में फंगस नहीं लगने देता। इसके लिए सरसों के तेल और नारियल तेल को बराबर मात्रा में मिलाकर बालों पर मसाज करें। तौलिये से बालों को ढक लें आैर दो घंटे तक यूं ही रहने दें। बाद में माइल्ड शैंपू से बालों को धो लें। ऐसा सप्ताह में कुछेक बार करें आैर आप पाएंगे कि आपके बालों से डैंड्रफ गायब हो गई है।
सरसों के तेल में कई जरूरी विटामिन और मिनरल होते हैं, जिन्हें यदि नियमित तौर पर इस्तेमाल में लाया जाए तो यह बालों को सफेद होने से बचाते हैं। अपने बालों को धोने से पहले करीब आधे घंटे तक सरसों का तेल बालों पर लगे रहने दें।
बालों में छोटी- छोटी मांग बना लें। अब सरसों के तेल को हाथ में लेकर हल्के- हल्के हाथों से हर मांग में लगाते जाएं। साथ ही स्कैल्प पर भी मसाज करें। इसके बाद अपने सिर को शावर कैप से कुछ घंटे के लिए ढक लें। बाद में हमेशा की तरह शैंपू और कंडीशनर लगा लें। यदि आपके बाल रूखे आैर बेजान हैं तो सरसों के तेल को गुनगुना करके कॉटन से लगाएं। इस तरह से यह जड़ों में जल्दी पहुंचता है आैर उतनी ही तेजी से बालों को लाभ पहुंचाता है।
चाहें तो सरसों तेल और दही को एक बर्तन में मिला कर स्कैल्प पर सीधा लगा लें। गर्म पानी में एक तौलिये को भिगोकर निचोड़ लें। इस गर्म तौलिये को तेल - दही लगे बालों पर लपेट लें। इसे कम से कम आधे- पौने घंटे ऐसे ही रहने दें। बाद में माइल्ड शैंपू से धो लें। इस पैक का इस्तेमाल सप्ताह में एक - दो बार महीने भर के लिए जरूर करें। यह हेयर पैक आपके बालों को मुलायम और चमकदार बनाएगा।
सरसों तेल और ऐलोवेरा को मिला लें। इस मिश्रण को स्कैल्प पर आधे घंटे के लिए लगा लें। माइल्ड शैंपू से बालों को धोएं और बेहतरीन परिणाम के लिए इस पैक को सप्ताह में दो बार लगाएं। यह आपके बालों को खराब होने से बचाता है।
सरसों तेल, नींबू का रस और मेथी पाउडर को मिलाकर हेयर मास्क के तौर पर स्कैल्प पर लगाएं और शैंपू करने से पहले आधा घंटा तक लगे रहने दें। मेथी बालों को नरिश करता है और सेंसिटिव स्कैल्प को सुरक्षा प्रदान करता है। नींबू और सरसों तेल डैंड्रफ को भगाकर बालों को मजबूत बनाता है।
एक पके केले को अच्छी तरह से मैश करके इसमें सरसों तेल और दही मिला लें। इसे बालों पर आधा घंटे के लिए लगाएं आैर बाद में शैंपू से धो लें। इसके बाद हेयर ड्रायर का इस्तेमाल नहीं करें क्योंकि यह आपके बालों को रूखा आैर फ्रिजी बना सकता है। यह हेयर पैक बालों को मॉइश्चराइज करने के साथ ही मुलायम और बाउंसी बनाता है।
चेहरे पर भी सरसों का तेल कमाल कर सकता है। लेकिन इसके लिए आपको इसका प्रयोग रोजाना करना होगा। चमकदार और हेल्दी त्वचा का एक राज सरसों का तेल भी है। इससे रोजाना चेहरे पर मसाज करने से टैनिंग, गहरे दाग- धब्बे और स्किन पिगमेंटेशन कम होता जाता है। चाहें तो सरसों के तेल के साथ बेसन, एक चम्मच दही और नींबू के रस की कुछ बूंदें मिलाकर एक पेस्ट तैयार कर लें। इसे चेहरे और गर्दन पर रोजाना लगाएं, पंद्रह मिनट लगे रहने दें। इसके बाद ठंडे पानी से चेहरा और गर्दन धो लें। ऐसा सप्ताह में कम से कम तीन बार जरूर करें। कुछ महीने इस पेस्ट को चेहरे पर लगाने के बाद आप पाएंगे कि आपके चेहरे से टैनिंग खत्म हो गई है और चेहरा कमनीय एवं रंग निखर गया है। सरसों के तेल में निहित विटामिन ए, बी कॉम्प्लेक्स आैर ई होता है, जो एंटी एजिंग और हेल्दी स्किन को बढ़ावा देता है। जवां त्वचा पाने के लिए सरसों तेल और नारियल तेल को बराबर मात्रा में मिलाएं आैर इससे रोज रात को पंद्रह मिनट तक मसाज करें। इसके बाद एक माइल्ड फेस वॉश से चेहरा धो लें। नियमित प्रयोग के बाद आपके चेहरे की रंग निखर जाएगी आैर चेहरे की झुर्रियां पास नहीं फटकेंगी। इसके अलावा, घर से बाहर निकलने से कुछ देर पहले त्वचा पर सरसों तेल की मसाज सनस्क्रीन का काम करती है। इसमें निहित विटामिन ई सूरज की खतरनाक किरणों से स्किन की सुरक्षा करता है।
रोजाना रात को सोने से पहले अपनी नाभि में दो- तीन बूंदें सरसों का तेल डालना किसी करिश्मे से कम नहीं है। आपने सही पढ़ा है! अपनी नाभि में दो- तीन बूंद सरसों के तेल की डालिए, आपके होंठ कभी रूखे नहीं होंगे, बल्कि इनकी कोमलता बनी रहेगी। नाभि में सरसों का तेल लगाने से पेट दर्द आैर पाचन संबंधी समस्याएं भी दूर रहती है। इसके अलावा, आंखों की जलन, खुजली और रूखापन भी ठीक हो जाता है। यहां तक कि एड़ी का फटना भी कम हो जाता है।
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रोजाना रात को सोने से पहले यदि पैरों के तलवे में सरसों के तेल से मसाज की जाए तो इससे आंखों की रोशनी तेज होती है। यदि आपको नींद आने में दिक्कत होती है तो भी तलवे पर सरसों तेल की मसाज लाभदायक है। इसके बाद आपको नींद आने में मदद मिलेगी।
इसके तीखेपन की वजह से सरसों तेल का इस्तेमाल सदियों से सर्दी- जुकाम को ठीक करने के लिए किया जाता रहा है। इसमें गर्माहट का गुण है, जो रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट के कंजेशन को साफ करता है। लहसुन के साथ मिलाकर जब इससे छाती और पीठ पर मसाज की जाती है तो यह जादू की तरह काम करता है।
सरसों का तेल यूं तो फायदेमंद ही है। फिर चाहे बालों के लिए हो या खाना पकाने के लिए। लेकिन सरसों के तेल का अधिक सेवन भी नुकसान का कारण बन सकता है। अध्ययन बताते हैं कि सरसों के तेल में एरूसिक एसिड होता है, जो हमारी हेल्थ के लिए सही नहीं है। इसलिए कहा जाता है कि सरसों के तेल का अधिक सेवन हृदय संबंधी विकार उत्पन्न कर सकता है। कुछ लोगों को इससे एलर्जी भी हो सकती है, इसलिए जांच कर और सीमित मात्रा में ही इसका सेवन करें।
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