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कोरोनावायरस कहर के बीच अमेरिका से भारत लौटने के बाद कुछ ऐसे बीते 14 दिन…

कोरोनावायरस कहर के बीच अमेरिका से भारत लौटने के बाद कुछ ऐसे बीते 14 दिन…

कोरोनावायरस ने पूरी दुनिया के लगभग हर देश में दस्तक दे दी है। सभी देश इसकी वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं और इससे निपटने के तरीकों पर अमल कर रहे हैं। भारत ने मार्च से कोविड-19 के प्रति गंभीर रवैया अपनाते हुए सोशल डिस्टेंसिंग को प्रमोट करना शुरू कर दिया था। होली के आस-पास कोरोनावायरस (coronavirus) संक्रमित लोगों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए डोमेस्टिक और इंटरनेशनल, दोनों फ्लाइट्स को रोकने का निर्णय कर लिया गया था। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले एक दिन और फिर 21 दिनों के पूर्ण लॉकडाउन (lockdown) की घोषणा भी कर दी थी। इसके तहत जो जहां भी था, उसे वहीं रुकने का आदेश था। उसके बावजूद कोरोनावायरस का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा था, जिसके बाद सभी राज्यों और फिर जिलों तक की सीमाओं को बंद कर दिया गया था। अब भारत के कई शहरों में धारा 144 लगी हुई है तो कुछ में बिलकुल कर्फ्यू जैसे हालात हैं।

ऐसी स्थिति में भी काफी लोग स्थिति की गंभीरता को समझने के बजाय प्रशासन के काम में अड़ंगा डाल रहे हैं। यहां तक कि मार्च में विदेशों से लौटे बहुत से स्टूडेंट्स और प्रोफेशनल्स ने भी अपनी वापसी की जानकारी अब तक सरकार या प्रशासन के साथ शेयर नहीं की है। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं डॉ. जिज्ञासा तिवारी (Dr. Jigyasa Tiwari) की कहानी, जो मार्च में यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका से वापिस आई हैं …

कोरोनावायरस के कारण वतन वापसी

उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित झांसी शहर महारानी लक्ष्मी बाई के शहर के नाम से जाना जाता है। इसी शहर की बेटी जिज्ञासा तिवारी अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित एक यूनिवर्सिटी से हेल्थ केयर एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स कर रही है। दुनियाभर में कोरोनावायरस आउटब्रेक होने के बाद मार्च में वे भी अपने परिवार के पास भारत लौट आई थीं। भारत वापिस आने से पहले ही उन्होंने निर्णय कर लिया था कि कोरोनावायरस का कोई भी लक्षण न होने के बावजूद वे खुद को क्वारंटाइन ज़रूर करेंगी। इसी के चलते उनके पिता डॉ. बी.एल.तिवारी ने प्रशासन और सीएमओ को उनके आने की जानकारी दे दी थी।

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आमतौर पर विदेश से किसी के आने की सूचना मिलते ही पूरा परिवार या परिवार के कुछ सदस्य व दोस्त उसे रिसीव करने के लिए एयरपोर्ट पहुंच जाते हैं, मगर डॉ.जिज्ञासा के मामले में ऐसा नहीं हुआ। वे इस बात को लेकर बिल्कुल तटस्थ रहीं कि एयरपोर्ट से सीधा झांसी स्थित क्वारंटाइन वाली जगह पर ही पहुंचेंगी। ऐसा ही हुआ भी। दिल्ली एयरपोर्ट से कार द्वारा वे झांसी पहुंची थीं। उनके घर के पास ही उनके परिवार का एक निर्माणाधीन घर भी है, जहां उनके 14 दिनों तक ठहरने की व्यवस्था की गई थी। सीएमओ व प्रशासन द्वारा की गई ज़रूरी जांच-पड़ताल के बाद वे उसी घर में सेटल हो गई थीं।

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इस बाबत उन्होंने बताया,
‘झांसी में मेरी जॉइंट फैमिली है, जहां हर जेनरेशन और उम्र के लोग हैं। मैं नहीं चाहती थी कि मेरी वजह से किसी को भी कोई परेशानी हो। अमेरिका से भारत आने तक मेरे अंदर कोरोनावायरस के कोई लक्षण नहीं थे, मगर मैं रिस्क नहीं लेना चाहती थी। मैं एक्सपोज़र से आ रही थी और इसलिए सेल्फ आइसोलेशन बहुत ज़रूरी था।’
जिज्ञासा तिवारी ने इन 14 दिनों तक बोर होने के बजाय खूब रेस्ट किया। आखिर आराम करने का अच्छा मौका बार-बार नहीं मिलता है। जिज्ञासा ने बताया,
‘मेरा यह सेमेस्टर ऑनलाइन है इसलिए इन 14 दिनों में अपनी ऑनलाइन क्लासेज़ अटेंड करने के अलावा मैंने खूब रेस्ट किया। दोस्तों से फोन पर ढेर सारी बातें कीं और खूब आराम किया। न्यूयॉर्क में मैं बहुत बिज़ी रहती थी इसलिए सेल्फ क्वारंटाइन के ये 14 दिन मेरे लिए रेस्टिंग पीरियड की तरह थे। हालांकि, अब मैं काफी बोर हो रही हूं। सेल्फ क्वारंटाइन के दिन पूरे हो जाने के बावजूद प्रशासन और सीएमओ लगातार मेरे हाल-चाल ले रहे हैं। मैं मार्च में विदेश से लौटे हर व्यक्ति से यही कहना चाहूंगी कि घर में रहकर सबसे मिलने-जुलने के बजाय कुछ दिनों तक अकेले ही रहें। कोरोनावायरस एक ऐसा संक्रमण है, जिसमें कई बार लक्षण नहीं नज़र आते हैं, ऐसे में मान लीजिए कि अगर आप संक्रमित होंगे तो आपसे दूसरों को काफी खतरा हो सकता है।’

क्वारंटाइन में जिज्ञासा

लॉकडाउन की वजह से पूरा देश इस समय सेल्फ आइसोलेशन में है। शहरों में प्रदूषण का स्तर काफी हद तक कम हो गया है, जिसका असर फूल-पत्तियों के साथ ही पशु-पक्षियों और नदियों पर भी साफ तौर पर देखा जा सकता है। ऐसे में डॉ. जिज्ञासा के इस सुझाव में काफी दम नज़र आता है। उन्होंने कहा,
‘मुझे लगता है कि हर देश में 14 दिनों का क्वारंटाइन पीरियड होना चाहिए। इससे लोग रिफ्रेश महसूस करेंगे और यह नेचर के लिए भी रीबूट साबित होगा।’
इस दौरान जिज्ञासा का पेट डॉग उनका क्वारंटाइन पार्टनर बना था। देखिए यह प्यारी फोटो।

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डॉ. जिज्ञासा की ही तरह मार्च में काफी लोग विदेश से लौटे हैं मगर इतनी सावधानी और समझदारी हर किसी ने नहीं दिखाई, जिसकी वजह से देश में कोरोनावायरस का संक्रमण कई गुणा तेज़ रफ्तार से बढ़ गया। घर पर रहें, स्वस्थ रहें और प्रशासन का सहयोग करें। हमारा आप सभी से निवेदन है कि अगर आपमें संक्रमण के लक्षण नज़र आ रहे हों या आप जाने-अनजाने किसी संक्रमित व्यक्ति से टकरा गए हों तो खुद को क्वारंटाइन कर लें और अपना खास ख्याल रखें।

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08 Apr 2020
good points

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