ओलंपिक 2021 (Olympic 2021) की शुरुआत टोक्यो में हो चुकी है और पहले दिन ही भारत ने पहला मेडल जीत लिया है। भारत की मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में सिल्वर मेडल जीत कर इतिहास रच दिया है। मेडल जीतने के साथ ही उन्होंने वेटलिफ्टिंग में 21 साल से चले आ रहे इंतज़ार को खत्म कर देश का नाम भी रोशन कर दिया है।मीराबाई चानू ने महिलाओं की 49 किलोग्राम वेट कैटेगरी में कुल 202 किलोग्राम (87 किग्रा + 115 किग्रा) वजन उठाकर सिल्वर मेडल जीता। वहीं इस कैटेगरी में चीन की होउ जिहूई ने 210 किलोग्राम वजन उठाकर गोल्ड मेडल जीता। ओलंपिक के पहले दिन ही देश के नाम पहला मेडल करने के बाद से ही मीराबाई चानू काफी खुश हैं।
मेडल जीतने के बाद मीराबाई चानू ने कहा, “मैं पिछले पांच वर्षों से इसका सपना देख रही थी। मैं बहुत खुश हूं कि मैंने मेडल जीता। पूरे देश की नजरें मुझपर थीं। इसलिए मैं थोड़ा नर्वस थी लेकिन मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ देने की ठान ली थी। इसके लिए मैंने बहुत मेहनत की है। मैंने गोल्ड मेडल जीतने की भी पूरी कोशिश की लेकिन मैं गोल्ड नहीं जीत पाई, लेकिन मैंने सच में कोशिश की। जब मैंने दूसरी बार लिफ्ट किया, तो मुझे समझ में आ गया कि मैं मैडल जरूरी जीतूंगी। मुझे खुद पर गर्व महसूस हो रहा है।”
बता दें बता दें कि पांच साल पहले रियो ओलंपिक के दौरान वे हार गई थीं। उस दौरान वे एक भी वैध वजन नहीं उठा सकीं थीं। आज उनकी इस जीत ने उस हार की भरपाई कर दी। मणिपुर की रहने वाली 26 साल की मीराबाई चानू ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से सभी का दिल जीत लिया। इसके अलावा मीराबाई पिछले कुछ महीनों से अमेरिका में ट्रेनिंग कर रही थी। देश के लिए सिल्वर मेडल जीतने पर उन्होंने कहा कि “मैं सिर्फ मणिपुर की नहीं हूं, मैं पूरे देश की हूं”।
मीराबाई चानू से पहले साल 2000 के सिडनी ओलंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी ने कांस्य पदक जीता था। इसके चलते 21 साल बाद वे भारत की दूसरी वेटलिफ्टर बन गई हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि वेटलिफ्टर से पहले मीराबाई का सपना तीरंदाज बनने का था, लेकिन किन्हीं कारणों के चलते उन्हें वेटलिफ्टिंग को अपना करियर चुनना पड़ा।
POPxo की सलाह: MYGLAMM के ये शनदार बेस्ट नैचुरल सैनिटाइजिंग प्रोडक्ट की मदद से घर के बाहर और अंदर दोनों ही जगह को रखें साफ और संक्रमण से सुरक्षित!