अगर आपको प्यार करने से डर लगता है तो इसका मतलब है कि आपको फिलोफोबिया है। इसका मतलब है कि आपको ऐसा महसूस होना कि आप किसी रिश्ते में नहीं रह सकते हैं और आप किसी को प्यार भी नहीं कर सकते हैं। फिलोफोबिया की वजह से लोग खुद को आइसोलेट कर सकते हैं और उन्हें लेफ्ट आउट महसूस होने लग जाता है। अतीत के खराब एक्सपीरियंस से लेकर रिजेक्शन का बहुत अधिक डर होने की वजह से आपको ये कंडीशन हो सकती है या फिर इसके कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं। कई लोग जो इस कंडीशन का सामना कर रहे होते हैं, उन्हें रिलेशनशिप का नाम सुनते हिए घबराट होने लगती है, दिल की धड़कनें तेज हो जाती हैं और सांस नहीं आ पाती है। प्यार की बात आने पर अगर आपको थोड़ा बहुत डर लगता है तो उसे सामान्य माना जाता है लेकिन अगर आपको इससे बहुत अधिक डर लगता है तो ये 4 टिप्स आपके काम आ सकती हैं।
खुद को समझें
हमेशा ध्यान दें कि आप इस तरह से क्यों महसूस कर रहे हैं। खुद से सवाल पूछें कि इस भावना का कारण क्या है। हो सकता है कि आपने अभी तक इस चीज को अवॉइड किया हो लेकिन ये साफ है कि अगर आप इन सवालों को लंबे वक्त तक इग्नोर करती रहीं तो आपकी जिंदगी बहुत मुश्किल हो जाएगी। अगर इसका कारण अतीत का कोई एक्सपीरियंस है तो अपने डाउट को समझें। क्या पता इससे आपको सही में खुशी मिले? क्या पता इस रिश्ते में आने से आप खुद को हील कर सकें? रिश्ते में सकारात्मक चीजें देखने की कोशिश करें।
अपनी फीलिंग्स को समझें
एक बार आपको अपने डर का कारण समझ आ जाए तो खुद को उन फीलिंग्स को समझने का वक्त दें। हां इसका मतलब ये नहीं है कि आप अपने डाउट को भूल जाएंगी लेकिन एक बार इन भावनाओं को समझनें लग जाएंगे तो आपका डर कम होने लग जाएगा। जब बात प्यार की आती है तो वहां हमेशा डर, रिस्क और अनसर्टेनिटी होती है और आप इसमें अकेले नहीं हैं। ध्यान रखें कि आप अपने करीबी लोगों से बात करें ताकि आप इस डर को निकाल सकें।
खुद पर हार्श ना हों
जब आपको ये डर होता है तो हो सकता है कि आपके लिए किसी के साथ खुल पाना मुश्किल हो। इस वजह से खुद का दिल दुखाने से बचने के लिए आपको प्यार की ओर सेंस ऑफ इमोशन को समझना चाहिए। उन लोगों से बात करनी चाहिए, जो आपके करीब हैं और आपको लगता है कि समझते हैं लेकिन कभी भी इन भावनाओं को खुद तक ना रखें क्योंकि इससे स्थिति अधिक खराब हो सकती है।
इस फैक्ट से संतुष्ट करें कि इस चीज में वक्त लगेगा
प्यार या फिर रिलेशनशिप में आने के डर को निकाल पाना आसान नहीं है और यह डर एक रात में नहीं निकलेगा। इतना ही नहीं आपको किसी के साथ बहुत जल्दबाजी भी नहीं करती है। खुद को वक्त दें और चीजों को धीरे-धीरे आगे बढ़ाएं ताकि आप खुद को हील होने का वक्त तदे सकें और अपनी फीलिंग्स को समझ सकें।
खुद के साथ बहुत हार्श ना हों और हमेशा जड़ से परेशानी को समझने की कोशिश करें ताकि आप असरदार तरीके से उससे बाहर निकल पाएं। साथ ही जरूरत पड़ने पर अपने करीबी दोस्तों से मदद लेना ना भूलें।