पहली बात – राशि में चंद्रमा का स्थान
अंकज्योतिष में भी व्यक्ति के नामकरण को बहुत अहमियत दी गई है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार व्यक्ति के नाम के पहले अक्षर का बहुत ज्यादा महत्व होता है। इसीलिए जन्म के समय की राशि में चंद्रमा के स्थान को देखते हुए ही बच्चे का नाम तय किया जाता है।
दूसरी बात – विशेष दिन
बच्चे का नामकरण संस्कार उसके जन्म होने के ग्याहरवें, बाहरवें व सोलहवें दिन में कर लेना चाहिए। इससे पहले जन्म के कारण सूतक लगता है इसलिए इस दौरान बच्चे का नाम नहीं रखना चाहिए। इसके अलावा अगर इन दिनों में यह संस्कार न किया जा सके तो किसी भी पावन दिन इसे संपन्न किया जा सकता है। लेकिन ध्यान रहे कि पूर्णिमा और अमावस्या तिथि पे नामकरण संस्कार बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
तीसरी बात – राशि के अनुसार
ये बात ध्यान रखें कि बच्चे का नाम उसकी राशि के अनुसार ही रखें। क्योंकि ज्योतिष विज्ञान में सभी 12 राशियों के लिए अलग-अलग अक्षर सुझाए गए हैं जिसके आधार पर नाम रखे जाते हैं। नाम का पहला अक्षर आपको राशि के अनुसार चुनना चाहिए। उसके बाद आप अपनी रूचि के अनुसार उसका नाम रख सकते हैं।
चौथी बात – नक्षत्रों का ध्यान
नामकरण सही नक्षत्र में होता है तो ये बेहद शुभ माना जाता है। इसीलिए शास्त्रों में अनुराधा, पुनर्वसु, माघ, उत्तरा, उत्तराषाढा, उत्तरभाद्र, शतभिषा, स्वाती, धनिष्ठा, श्रवण, रोहिणी, अश्विनी, मृगशिर, रेवती, हस्त और पुश्य नक्षत्रों को नामकरण के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
पांचवी बात – अर्थपूर्ण होना चाहिए नाम
आजकल बच्चों के नाम इंटरनेट पर पॉपुलैरिटी देखकर रखे जाते हैं। लेकिन नाम वो होना चाहिए जिसका कोई अर्थ हो। अगर किसी शब्द का कोई अर्थ ही नहीं निकल रहा है और वो आम बोल-चाल या फिर फैशन में बोला जाता है तो इससे बच्चे के व्यक्तित्व पर भी असर पड़ सकता है। इसीलिए बच्चे का नाम हमेशा अर्थपूर्ण होना चाहिए। ऐसे नामों का चयन करने से बचना चाहिए जिनका कोई अर्थ नहीं निकलता।
POPxo की सलाह : MYGLAMM के ये शनदार बेस्ट नैचुरल सैनिटाइजिंग प्रोडक्ट की मदद से घर के बाहर और अंदर दोनों ही जगह को रखें साफ और संक्रमण से सुरक्षित!