क्या अब आप अपनी ड्रेस में फिट नहीं आ रही हैं? आपका बढ़ा पेट आपको रात में भी चैन से सोने नहीं देता है? यदि इन सवालों का जवाब हां में है तो आपको अपनी जीवन शैली में थोड़े से बदलाव करने की जरूरत है। इसमें कोई शक नहीं है कि बेली फैट बिल्कुल भी अच्छा नहीं दिखता है। इसकी वजह से न तो कोई ड्रेस परफेक्ट लगती है और न ही सेहत के लिहाज से यह अच्छा है।
बेली फैट कम करने के लिए कार्डियो एक्सरसाइज़
बेली फैट कम करने के अन्य तरीके
क्यों होता है बेली फैट – Causes of Belly Fat in Hindi
बेली फैट बढ़ने की बहुत सी वजहें होती हैं, जिनमें से बड़ी वजहें हम आपको यहां बता रहे हैं-
जेनेटिक्स – Genetics
मोटापे को बढ़ाने में जेनेटिक्स का खासा बड़ा योगदान है। आपके शरीर में कुछ फैट सेल्स आनुवांशिक तौर पर रहते हैं जो बेली फैट का कारण बनते हैं।
कमजोर मेटाबॉलिज्म – Weak Metabolism
बेली फैट का एक अन्य कारण कमजोर मेटाबॉलिज्म भी है। हम भले ही कैलोरी का कम सेवन करें, फिर भी हमारा शरीर फैट बनाता ही है। इसलिए आप भले ही कम कैलोरी ले रही हों, लेकिन अगर आपका मेटाबॉलिज्म सही नहीं है तो आप वजन कम करने या वजन नियंत्रित करने में असफल हो सकती हैं।
हार्मोन में बदलाव
हार्मोन में आए बदलाव बेली फैट को तुरंत बढ़ा देते हैं। मेनोपॉज के दौरान तो बेली फैट बढ़ता ही है। इस समय एस्ट्रोजेन लेवल तेजी से नीचे गिरता है और पेट में बड़ी मात्रा में चर्बी जमा होने लगती है।
तनाव और हाइपरटेंशन
लगातार तनाव और हाइपरटेंशन रहने की वजह से शरीर में कोर्टिसोल नामक स्ट्रेस हार्मोन ज्यादा बनता है, जो वजन बढ़ने का बड़ा कारण बनता है। इससे खासकर पेट में ज्यादा चर्बी जमा होने लगती है।
जीवनशैली से जुड़े रोग
कुछ रोगों की वजह से भी बेली फैट लगातार बढ़ता जाता है। डायबिटीज, ब्रेस्ट कैंसर, ह्दय के रोग, हाई ब्लड प्रेशर वजन बढ़ना भी बेली फैट के बढ़ने के कारण हो सकते हैं।
ढीली मांसपेशियां
कई दफा जब पेट के इर्द- गिर्द की मांसपेशियां ढीली होने लगती हैं तो पेट के अंदर की चर्बी बढ़ने लगती है।
खराब पोस्चर – Bad Posture
आप लगभग आठ- दस घंटे ऑफिस में काम करते हैं। इस समय आप बैठे ही रहते हैं। लंच के बाद भी सीट पर आकर बैठ जाते हैं। बैठते समय भी आपका पोस्चर सही नहीं रहता है। आप कमर को झुका कर बैठते हैं। यह भी धीरे- धीरे शरीर में चर्बी बढ़ने की वजह बनता है।
सुस्त जीवन शैली
सुस्त जीवन शैली बेली फैट होने का एक महत्वपूर्ण कारण है। ऑफिस में बैठ कर काम करते या टीवी के सामने बैठे- बैठे जीवन सक्रिय नहीं रहता है। यही वजन बढ़ने का सबसे बड़ा कारण होता है और जब आप सिर्फ खाते जाते हैं, भोजन के माध्यम से अर्जित कैलोरी को खत्म करने के लिए किसी तरह का व्यायाम नहीं करते हैं तो यही कैलोरीज़ आपकी बेली में सबसे ज्यादा जमा होने लगती हैं।
ज्यादा खाना – Overeating
कई लोगों को अपने पेट का अंदाज नहीं होता है और वे अपनी भूख से काफी ज्यादा भोजन कर लेते हैं। कुछ लोग तनाव में रहते हुए भी अधिक खाते हैं। यह ज्यादा भोजन पेट में जाकर सबसे पहले जमा होता है और बेली फैट का कारण बनता है।
सिर्फ डाइटिंग पर्याप्त नहीं
स्लिम बने रहने के चक्कर में कई लोग कम और सीमित मात्रा में भोजन करना पसंद करते हैं। कम खाने के चक्कर में इस बात पर ध्यान नहीं देते हैं कि वे पर्याप्त मात्रा में फाइबर का सेवन कर रहे हैं या नहीं। पर्याप्त मात्रा में फाइबर का सेवन न करने से शरीर में जमा वसा को खत्म होने में मुश्किल होती है।
पेट कम करने का एक्सरसाइज – Pet Kam Karne Ki Exercise
क्रंचेज
क्रंचेज बेली फैट को कम करने का नंबर एक तरीका है। (belly fat kam karne ka tarika) इसके लिए आप जमीन पर लेट जाएं। घुटनों को मोड़ लें और जमीन पर पैर रखें। अब वैकल्पिक रूप से पैरों को जमीन से 90 डिग्री के कोण में ऊपर उठाएं। अपने हाथ भी उठाएं और सिर के पीछे रखें। अब सांस अंदर की ओर लें और जैसे ही अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को उठाएं, सांस बाहर करें। नीचे जाने पर फिर से सांस अंदर लें और ऊपर जाते हुए फिर से बाहर छोड़ें। शुरुआत में इसे कम से कम दस बार करें। फिर इसके दो या तीन सेट करें।
ट्विस्ट क्रंचेज़ – Twisted Crunches
एक बार आप क्रंचेज़ में पारंगत हो जाएं तो इसे अधिक प्रभावी बनाने के लिए ट्विस्टेड क्रंचेज़ कर सकती हैं। इसके लिए जमीन पर लेट जाएं और हाथ आपके सिर के पीछे हों। अपने घुटने मोड़े लें और पैर जमीन पर रखें। अब अपने दाहिने कंधे को बाएं की ओर उठाएं, ध्यान रखें कि सिर्फ कंधा ही उठना चाहिए। फिर बाएं को दाहिनी ओर। ऐसा दस- दस बार करें।
साइड क्रंच – Side Crunches
यह ट्विस्ट क्रंच की तरह ही है। अंतर सिर्फ इतना है कि आपको अपने पैरों को भी उसी तरफ मोड़ना है, जिस तरफ आपके कंधे हैं। साइड क्रंचेज आपके किनारे की मांसपेशियों पर केंद्रित रहते हैं।
रिवर्स क्रंच – Reverse Crunch
इसके लिए अपने हाथ नीचे की ओर करके लेट जाएं। आपको अपने पैर ऊपर की ओर उठाने हैं, ध्यान रखें कि साथ में हिप भी ऊपर की ओर उठें। ऐसा महसूस हो कि आप पैर के सहारे छत को छूना चाहते हैं।
वर्टिकल लेग क्रंच – Verticle Crunch
जमीन पर लेट कर अपने पैरों को छत की ओर ऊपर उठाएं और एक घुटने पर दूसरा रखें। अब क्रंचेज़ करें। इसके बारह- पंद्रह के तीन सेट करें।
साइकिल एक्सरसाइज़ – Cycle Exercise
इसके लिए साइकिल की जरूरत नहीं है। जमीन परलेट कर अपने हाथ सिर के नीचे रखें। दोनों पैरों को जमीन से ऊपर उठाकर घुटने के पास मोड़ लें। दाहिने घुटने को छाती के पास लाएं, बाएं को पहले वाले स्थान पर रहने दें। अब वैकल्पिक तौर पर ऐसा करें मानो आप साइकिल चला रही हों।
लंज ट्विस्ट – Lunge Twist
यह एक्सरसाइज़ (pet kam karne ki exercise) उनके लिए है, जो जल्दी फैट कम करना चाहते हैं। अपने दोनों पैर एक दूरी पर करके खड़े हों, घुटने थोड़े मुड़े हों। दोनों हाथ अपने सामने लाएं, कंधे के सीध में। अब दाहिने पैर को आगे करें और कुर्सी पर बैठने वाली मुद्रा में आएं। बायां पैर पीछे ही रहना चाहिए। रीढ़ की हड्डी सीधी रहे। अब अपने शरीर के केवल ऊपरी हिस्से को पहले दाहिने और फिर बाएं ट्विस्ट करें। ऐसा पंद्रह बार करें।
रोलिंग प्लैंक – Rolling Plank
रोलिंग प्लैंक पेट, हिप और पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों को सुदढढ़ करता है। अपने घुटने और कुहनी को जमीन पर टिका कर पोजीशन ले लें। रीढ़ के सीध में सिर गर्दन को रखें और सामने देखें। अब घुटनों को ऊपर करें और पैरों को उंगलियों के सहारे टिखाए रखें। सामान्य तौर पर सांस लेते रहें। इस पोजीशन में 30 सेकेंड तक रहें। अब आगे जाएं और फिर पीछे जाएं। यही रोलिंग प्लैंक कहलाते हैं।
स्टमक वैक्यूम – Stomach Vacuum
जमीन पर अपने दोनों पैर और दोनों हाथ के सहारे रहें। अंदर की ओर सांसें लें और पेट को ढीला छोड़ दें। जब सांस बाहर की ओर छोड़ें तो पेट की मांसपेशियों को कस लें। इस पोजीशन में 15- 30 सेकेंड तक रहें। इस प्रक्रिया को दोहराएं।
कैप्टन्स चेयर – Captains Chair
इस व्यायाम के लिए आपको एक कुर्सी की आवश्यकता है। कुर्सी पर बैठ जाएं, रीढ़ सीधी रहे और कंधे रिलैक्स। दोनों हाथ हथेली के पीछे, हिप्स के किनारे रखें। अंदर की ओर गहरी सांस लें। सांस बाहर की ओर छोड़ते वक्त दोनों पैरों को कुछ इस तरह से ऊपर की ओर करें कि घुटने आपकी छाती के नजदीक आ जाएं। पांच सेकेंड तक ऐसे ही रहें। पैर को धीरे- धीरे नीचे करें। इस प्रक्रिया को भी दोहराएं।
बेंडिंग साइड टू साइड – Bending Side To Side
बेली फैट कम करने के लिए यह व्यायाम आसान, लेकिन काम लायक है। पैरों को अलग- अलग करके, हाथ किनारे की ओर करके खड़ी हो जाएं। जितना संभव हो अपने शरीर को दाहिनी ओर मोड़ें, आपको अपनी बायीं कमर में तनाव महसूस होना चाहिए। इस समय आपका दाहिना हाथ दाहिने हिप पर होना चाहिए। इस पोजीशन में 15 सेकेंड रहें। अब यही प्रक्रिया बायीं ओर से ही दोहराएं।
इस तरह कैलोरी बर्न करके करें वेटलॉस
पेट कम करने के घरेलू उपाय – Pet Kam Karne ke Gharelu Nuskhe
कार्डियो एक्सरसाइज़
कार्डियो एक्सरसाइज़ पूरे शरीर का वजन कम करने के साथ ही बेली फैट को भी कम करने में सहायक है। यह आपके शरीर से कैलोरी और अतिरिक्त चर्बी को दूर करता है। नियमित तौर पर कार्डियो करने से व्यक्ति तनाव से दूर रहता है, फेफड़े स्वस्थ रहते हैं और नींद अच्छी आती है।
वॉकिंग
कार्डियो का नाम लेते के साथ ही इसी एक्सरसाइज़ का ध्यान सबसे पहले आता है। यदि आप सप्ताह में चार- पांच दिन करीब आधे- पौने घंटे तेज चाल के साथ हेल्दी डाइट लेते हैं तो आपको धीरे- धीरे अपना वजन कम होता दिखने लगेगा। यह आपके मेटाबॉलिज्म रेट को भी बढ़ाता है और ह्दय को भी स्वस्थ रखता है।
रनिंग
आपको अपने शरीर के साथ भी नए-नए प्रयोग करते रहना चाहिए। इस लिए कभी-कभार बदलाव के लिए आप दौड़ भी सकते हैं। यह पेट कम करने के एक्सरसाइज़ (pet kam karne ke liye exercise) में से एक है। यह कैलोरी को फटाफट बर्न करता है और बेली फैट को भी कम करता है।
बेली फैट कंट्रोल करके परफेक्ट फिगर पाने का आसान सा उपाय
जॉगिंग
यदि आपको दौड़ना पसंद नहीं है तो आप जॉगिंग की मदद से भी बेली फैट को कम कर सकती हैं। (fat kam karne ka tarika) यह एक तरह का एरोबिक एक्सरसाइज़ है, जो स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है।
साइक्लिंग
साइक्लिंग एक फायदेमंद कार्डियो एक्सरसाइज है, जो तेजी से फैट बर्न करके बेली फैट को कम करता है। लेकिन इसके लिए साइक्लिंग के समय आपका हार्ट रेट ऊपर की ओर जाते रहना चाहिए।
स्विमिंग – Swimming
स्विमिंग भी एक कमाल की एक्सरसाइज है, जो वजन कम करने में मददगार होने के साथ ही आपके शरीर को टोन भी करती है। सप्ताह में एक या दो बार स्विमिंग के लिए जाकर आप शुरुआत कर सकती हैं।
पेट कम करने के उपाय – Pet Kam Karne ka Tarika
सही खाएं
बेली फैट कम करने का एक अन्य असरकारक तरीका सही और संतुलित भोजन का सेवन करना है। जंक और पैकेज्ड भोजन से बचकर रहना और घर में बने भोजन का सेवन करना इसके लिए जरूरी है। कच्चे फल और सब्जियों के साथ उबली सब्जियां भी खाएं।
पानी पिएं
हमेशा अपने साथ पानी की एक बोतल रखें और दिन भर पीती रहें। दिन भर में छह से आठ गिलास पानी पीना आवश्यक है। हालांकि अपने वजन और जीवनशैली का ध्यान रख कर ही आप अपने लिए पानी पीने की दिनचर्या बनाएं तो सही रहेगा।
शक्कर नहीं
शक्कर का सेवन कम करें क्योंकि आपके रोजाना के भोजन में शक्कर छिपा रहता है। शक्कर की जगह शहद का सेवन सही रहता है।
सोडियम कम
नमक के बिना भोजन का स्वाद अधूरा लगता है लेकिन आप सोडियम युक्त नमक की जगह नींबू और सेंधा नमक का प्रयोग कर सकती हैं। अपने भोजन में काली मिर्च डालकर आप नमक की जरूरत को कम कर सकती हैं।
विटामिन सी ज्यादा
शरीर में व्याप्त फैट को ऊर्जा में बदने की क्षमता विटामिन सी के पास है। साथ ही यह तनाव में निकलने वाले हार्मोन कॉर्टिसोल को भी अवरुद्ध कर देता है।
फैट बर्निंग भोजन
प्याज, अदरक, लहसुन, बंद गोभी, टमाटर, दालचीनी और सरसों फैट कम करने वाले खाद्य पदार्थ हैं। हर सबुह कच्चा लहसुन, और एक इंच अदरक का सेवन फैट को बर्न करने में मददगार है।
ब्रेकफास्ट है जरूरी
कभी भी सुबह का नाश्ता न छोड़ें। ये ब्लोटिंग को बढ़ाता है और आपके शरीर केे भूखा रखता है, जो बेली फैट का कारण बनता है। थोड़ी- थोड़ी देर पर कम अनुपात में भोजन का सेवन वजन के मैनेजमेंट के लिए जरूरी है।
भरपूर नींद
भरपूर नींद वजन के प्रबंधन की अहम कड़ी है। जरूरत से कम या ज्यादा नींद वजन बढ़ने का कारण है।
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