दीपावली (Diwali 2020) के बाद गोवर्धन पूजा और उसके अगले दिन भाई दूज (Bhai Dooj 2020) का त्योहार मनाया जाता है। दीपावली का त्योहार अब कुछ ही दिन दूर रह गया है और बस उसके बाद भाई दूज का त्योहार भी आ जाएगा। जिस प्रकार से रक्षाबंधन भाई और बहन के रिश्ते का प्रतीक है, ठीक उसी प्रकार से भाई दूज भी बहन और भाई के रिश्ते को ही दर्शाता है और उन्ही के रिश्ते से जुड़ा एक त्योहार है।
हर साल रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। वहीं भाई दूज का पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाता है। भाई दूज दिवाली के 5 दिन के महोत्सव का आखिरी दिन होता है। ऐसे में यदि आप भाई दूज और रक्षाबंधन के बीच का अंतर नहीं जानते हैं तो हमारे इस लेख को अंत तक पढ़िएगा।
रक्षा बंधन और भाई दूज के बीच अंतर- Difference Between Bhai Dooj and Raksha Bandhan in Hindi
सबसे पहले आपको बता दें कि इस साल भाई दूज का त्योहार 16 नवंबर को मनाया जा रहा है। दरअसल, रक्षा बंधन की शुरुआत इंद्र, राजा बली और श्रीकृष्ण के कारण हुई थी और वहीं भाई दूज का त्योहार यमराज के कारण मनाया जाता है और इस वजह से इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है। रक्षा बंधन के दिन बहनों का खास महत्व होता है। इस मौके पर भाई अपनी विवाहित बहनों को अपने घर बुलाते हैं और उनसे राखी बंधवाते हैं। साथ ही अपनी बहनों की हमेशा रक्षा करने का वचन देते हैं।
वहीं भाई दूद के दिन बहनें अपने भाई को घर बुलाकर उन्हें तिलक लगाती हैं और उनकी आरती उतारकर उन्हें भोजन कराती हैं। भाई दूज को संस्कृत में भागिनी हस्ता भोजन कहा जाता है। रक्षा बंधन के मौके पर बहन अपने भाई की कलाई पर मौली या फिर रक्षा सूत्र बांधती हैं जबकि भाई दूज पर बहनें अपने भाइयों का तिलक करती हैं।
रक्षा बंधन को राखी के नाम से भी जाना जाता है और इसे दक्षिण भारत के हिस्सों में नारियल पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। वहीं भाई दूज का त्योहार प्रमुख रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है और देश के अन्य हिस्सों में इस त्योहार को अलग-अलग नामों से जाना जाता है और अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है।
कर्नाटक में भाई दूज को सौदरा बिदिगे के नाम से जाना जाता है। वहीं बंगाल में भाई दूज को भाई फोटा के नाम से जानते हैं। गुजरात में इसे भौ या फिर भै-बीज कहा जाता है। महाराष्ट्र में भाऊ बीज के नाम से इस त्योहार को मनाया जाता है। भारत के बाहर नेपाल में भी भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है, जहां इसे भाई टीका कहते हैं। मिथिला में इस त्योहार को यम द्वितीया के नाम से ही मनाया जाता है।
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