बच्चे के पहले कदम और पहले बोल का इंतजार हर पेरेंट्स को बेसब्री से रहता है। चलने से पहले शिशु क्रॉल यानी घुटनों पर चलना सीखता है। कुछ बच्चे 5 से 7 महीने के होने पर घुटनों के बल चलना शुरू करते हैं। तो कुछ क्रॉल करने में देरी भी कर सकते हैं। अगर बच्चा टाइम पर घुटने के बल चलना शुरू न करे तो माता पिता टेंशन में आ जाते हैं। इस लेख में हम जानेंगे बच्चे किस उम्र में क्रॉल करना शुरू करते हैं। साथ ही बेबी को क्रॉल करना सिखाने के टिप्स साझा कर रहे हैं।
बच्चे क्रॉल (घुटनों के बल चलना) करना कब शुरू करते हैं? (When do Babies Start Crawling in Hindi)
हर बच्चा अलग होता है। इसलिए सभी में घुटनों के बल चलना शुरू करने का समय अलग होता है। यह बच्चों में विकास को दर्शाता है। कुछ बच्चे पांच से सात महीने में घुटनों के बल चलना शुरू कर देते हैं। वहीं, कुछ बच्चों को क्रॉल करने में समय लग सकता है। ज्यादातर बच्चे दस महीने के होने तक घुटनों के बल चलना शुरू कर देते हैं। कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं जो सीधा चलना शुरू करते हैं।
बच्चा घुटनों के बल चलना न शुरू करें तो पेरेंट्स क्या करें? (How to Help Your Baby Crawling in Hindi)
अगर बच्चा छह से सात महीने का हो गया है और उसने क्रॉल करना शुरू नहीं किया है, तो उस पर किसी तरह का दबाव न डालें। नीचे दिए टिप्स को फॉलों कर उन्हें घुटने के बल चलने के लिए तैयार कर सकते हैं।
- बच्चे को पर्याप्त टमी टाइम दें
ज्यादातर बच्चे अपनी कमर के बल सोते रहते हैं। जब बच्चा जाग रहा हो तो उन्हें पेट के बल लिटाएं। इससे बच्चे को सिर उठाना व कंधों, कमर और बांहों को मजबूत बनाने में मदद होती है। ये ही मांसपेशियां बच्चे को घुटनों के बल चलने में मदद करती हैं।
- बच्चे के साथ ऐसे खेलें
कुछ बच्चों को पेट के बल लेटना नहीं पसंद होता है। अगर आप कोशिश भी करती हैं तो वो रोने लगते हैं। ऐसे में दिन में एक बार फर्श पर बच्चे के साथ अलग-अलग पोजीशन (जैसे साइड, बैक और टमी) में खेलें। बच्चे को अपनी कमर पर पेट के बल लेटाएं और अपनी गर्दन घुमाकर उनसे बात करें। इससे बच्चा भी अपने सिर को उठाना सिखेगा।
- खिलौनों के जरिए
बच्चे को फर्श पर बिठाकर उनका फेवरेट खिलौना उनसे थोड़ी दूर रख दें। अब बच्चे के भाई-बहन या आप खुद बच्चे को क्रॉल करके खिलौने के पास जाकर दिखाएं। इसके बाद फिर से कुछ दूरी पर खिलौना रखें और बच्चे को खिलौने के पास जाने के लिए कहें।
इन 5 इशारों से समझें बच्चा घुटनों के बल चलने के लिए है तैयार
बच्चे के घुटने के बल चलने से पहले उनमें कुछ शारीरिक एक्टिविटीज शुरू करना जरूरी होता है। ये एक्टिविटीज उनकी मांसपेशियों को मजबूत बनाती हैं। चलिए, जानते हैं वो संकेत जिनके नजर आने पर समझ लीजिए कि आपका बच्चा अब क्रॉल करने के लिए तैयार है:
- पेट के बल लेटकर खेलना
- लेटने पर करवट बदलते रहना
- पेट के बल लेटने पर गर्दन को घुमाना
- लेटने पर पैरों को चलाना
बेबी के क्रॉल करने पर पेरेंट्स को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? (Crawling Safety Tips for Babies in Hindi)
अगर बच्चे ने घुटने के बल चलना शुरू कर दिया है, तो अभिभावकों को निम्न बातों का ध्यान रखने की जरूरत होती है:
- शिशु को कीटाणुओं से बचाव के लिए फर्श को हमेशा साफ सुथरा रखें। फर्श को साफ करने के लिए केमिकल की जगह प्लांट बेस्ड क्लींजर का इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि, नॉर्मल फ्लोर क्लीनर में मौजूद केमिकल से शिशु के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।
- शिशु जब पैरों के बल चलना शुरू करे तो उसे सीढ़ियों से दूर रखें।
- यदि कोई दीवार पर नीचे के तरफ बिजली का सॉकेट है, तो उसे इलेक्ट्रिक टेप की मदद से बंद कर दें। बच्चे की पहुंच से इलेक्ट्रिक चीजों को दूर रखें।
- फर्श पर पानी या तरल पदार्थ न गिरा हो। इससे शिशु फिसल सकता है।
- घर की साफ-सफाई के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले प्रोडक्ट्स को ऐसी जगह रख दें, जहां बच्चा न जा पाए।
उम्मीद करते हैं इस लेख को पढ़ने के बाद बच्चों के क्रॉल करने को लेकर आपके मन में जितने सवाल थे वो दूर हो गए होंगे। यदि बच्चा 10 महीने तक घुटने के बल व नॉर्मल चलना शुरू नहीं करता है, तो किसी बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श करें।
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