ADVERTISEMENT
home / लाइफस्टाइल
जानें कौन से हैं महिलाओं में सबसे ज्यादा होने वाले पांच तरह के कैंसर और इनसे जुड़े लक्षण

जानें कौन से हैं महिलाओं में सबसे ज्यादा होने वाले पांच तरह के कैंसर और इनसे जुड़े लक्षण

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर प्रीवेंशन एंड रिसर्च के मुताबिक भारतीय महिलाओं में आम तौर पर स्तन (ब्रेस्ट कैंसर), गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल कैंसर) कोलोरेक्टल कैंसर (मलाशय और बड़ी आंत), अंडाशय (ओवेरियन  कैंसर) और मुंह का कैंसर होने की शिकायत ज्यादा पाई जाती है। भारत में सर्वाइकल कैंसर से हर आठ मिनट में एक महिला की मौत होती है, जबकि नए मालूम होने वाले स्तन कैंसर के दो मामलों में से एक की इससे मौत हो जाती है। भारत की महिलाओं में कैंसर का पता देर से चलने की प्रमुख वजह जागरूकता की कमी है। 2015 की एक ईएंडवाई- फिक्की (फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री) एफएलओ (फिक्की लेडीज ऑर्गेनाइजेशन) रिपोर्ट से पता चलता है कि महिलाओं में कैंसर के आधे से ज्यादा मामलों का पता तीसरी या चौथी स्टेज में लगता है, जब मरीज के बचने की संभावना बहुत कम रह जाती है।

Sonali bendre with friends

क्यों होता है कैंसर

महिलाओं में कैंसर के जो जोखिम घटक हैं उनमें आंतरिक और बाहरी दोनों पहलू शामिल हैं। आंतरिक स्तर जेनेटिक पूर्ववृत्ति या आरामतलब जीवनशैली के कारण ऐसा लग सकता है। ब्रेस्ट और ओवेरियन कैंसर के 6- 8 प्रतिशत मामले असल में जेनेटिक होते हैं। जीवनशैली से जुड़े कारणों में मोटापा एक बड़ा फैक्टर है, जिसके साथ अत्यधिक स्मोकिंग तथा शराब का सेवन भी बड़ी भूमिका निभाते हैं। पीरियड जल्दी शुरू होना और देर से बंद होना भी महिलाओं के कैंसर का कारण हो सकता है। बाहरी तौर पर वायु प्रदूषण और संक्रमित खाद्य पदार्थों तथा दूषित जल का सेवन इस जोखिम को काफी बढ़ा देते हैं।

Manisha Koirala %281%29

ADVERTISEMENT

प्रमुख 5 तरह के कैंसर और उनके लक्षण

कैंसर का पता अगर जल्दी चल जाए तो इसका इलाज किया जा सकता है और इस तरह इससे होने वाली मौतों के मामले कम किए जा सकते हैं। इसलिए, महिलाओं के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे भिन्न किस्म के कैंसर तथा इन कैंसर के लक्षण के बारे में जानें ताकि समय पर बीमारी का पता चले और उपचार हो सके।

1. ब्रेस्ट (स्तन) कैंसर

शहरी महिलाओं में सबसे आम और ग्रामीण महिलाओं में दूसरा सबसे सामान्य कैंसर है। कम आयु में स्तन कैंसर का शिकार होने वाली महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। यह स्तन में असामान्य कोशिकाओं के म्युटेशन (गुणात्मक आधार पर बढ़ने) से होता है। ये कोशिकाएं मिलकर पहले एक ट्यूमर बनाती हैं। इसके आम लक्षणों में निप्पल का धंसा हुआ होना, दूध जैसा पानी या खून आना, स्तन की त्वचा पर नारंगी रंग के छिलके जैसे दिखना या स्तन अथवा बगल में गांठ होना शामिल है जो पीरियड के बाद भी बनी रहे।

2. सर्वाइकिल (ग्रीवा) कैंसर

इंडियन कौंसिल फॉर सर्वाइकिल रिसर्च के मुताबिक सर्वाइकिल कैंसर से भारत में वर्ष 2015 के दौरान 63,000 महिलाओं की मौत हो गई। यह ह्युमन पैपिलोमा वायरस से होता है जो यौन संबंध से फैलता है। यह कैंसर गर्भाशय ग्रीवा से शुरू होता है जो गर्भाशय का सबसे निचला हिस्सा है और योनि मार्ग के ऊपरी हिस्से में स्थित होता है। यहां से यह कैंसर धीरे-धीरे शरीर के दूसरे हिस्से में फैलता है। पीरियड साइकल के बीच में खून दिखना, सामान्य से ज्यादा पीरियड होना या योनि से असामान्य डिस्चार्ज इसके चेतावनी संकेत हैं।

3. कोलोरेक्टल कैंसर

यह कैंसर बड़ी आंत (इंटेस्टाइन) को प्रभावित करता है और ज्यादातर मामलों में इसकी शुरुआत कोशिकाओं के गैर कैंसरस गुच्छे के रूप में होती है, जिसे नजरअंदाज किया जाए तो यह कैंसर जैसा बन सकता है। महिलाओं में यह तीसरा सबसे आम कैंसर है। इसके लक्षणों में डायरिया या कब्ज समेत पेट का व्यवहार बदलना, या मल की संगति में बदलाव (जो चार हफ्ते से ज्यादा रहे) शामिल है। अन्य संकेतों में मलद्वार से खून आना, पेट में दर्द रहना, वजन का घटना और कमजोरी या थकान शामिल हैं।

ADVERTISEMENT

4. ओवेरियन कैंसर (अंडाशय) कैंसर

अंडाशय के कैंसर के मामले तीस से 55- 65 साल की उम्र के बीच सबसे ज्यादा होते है। जिन महिलाओं के परिवार में पेट, अंडाशय (ओवरी), स्तन या गर्भाशय (यूटेरिन) कैंसर का इतिहास हो वे ज्यादा जोखिम में होती हैं। पेल्विस (श्रोणि), पेट के निचले हिस्से में दर्द, अपच, बार- बार पेशाब आना, भूख न लगना, पेट के व्यवहार में परिवर्तन, पेट में सूजन और पेट का फूलना इस कैंसर के प्रमुख लक्षण हैं।

5. मुंह का कैंसर

मुंह का कैंसर महिलाओं को उतना ही प्रभावित करता है जितना पुरुषों को। इसके मुख्य जोखिम घटकों में तंबाकू या शराब का ज्यादा सेवन शामिल हैं। इसके लक्षण हैं मुंह में लाल या सफेद निशान, गांठ बनना या होंठों या मसूड़ों की खराबी। अन्य संकेतों में सांस की बदबू, दांतों का कमजोर होना और वजन का काफी कम हो जाना शामिल हैं।

हाल में जारी विश्व कैंसर रिपोर्ट के मुताबिक 2012 में 5.37 लाख भारतीय महिलाओं को कैंसर होने का पता चला था जबकि इसकी तुलना में पुरुषों की संख्या 4.77 लाख थी। यह प्रवृत्ति बढ़ रही है। इसलिए, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि महिलाओं को अलग- अलग किस्म के कैंसर के लक्षणों के बारे में जानकारी हो, ताकि बीमारी का जल्दी पता चल जाए और समय पर सही उपचार हो सके।

(डॉ. सभ्यता गुप्ता, डायरेक्टर गायनेकोलॉजी एंड गायनी ऑनकोलॉजी, मेदांता – दि मेडिसिटी से बातचीत के आधार पर)

ADVERTISEMENT

इन्हें भी देखें – 

 
11 Jun 2018
good points

Read More

read more articles like this
ADVERTISEMENT