अपने घरों में, बाज़ारों में, चाय की दुकानों पर या ढाबे पर आपने अक्सर छोटे बच्चों को बाल मजदूरी करते हुए देखा होगा। ये बच्चे स्कूल न जाकर छोटी उम्र से ही काम-काज के बारे में सोचने लगते हैं। कई बार तो 14 वर्ष की आयु से छोटे बच्चे ईंटें ढोते व अन्य खतरनाक और बड़े काम करते हुए भी नज़र आ जाते हैं। देश-दुनिया कितनी भी तरक्की कर लें पर समाज का एक तबका आज भी अपने कई अधिकारों से वंचित है। बाल श्रम (bal shram) को खत्म करने के लिए (How to Stop Child Labour in Hindi) कई कानून तो बनाए गए मगर उनका पालन भी ठीक प्रकार से नहीं हो पा रहा है। भारत में भी हर क्षेत्र में बाल मजदूर देखे जा सकते हैं। बाल श्रम को रोकने और लोगों को जागरूक करने के लिए 12 जून को एंटी चाइल्ड लेबर डे (child rights in hindi) मनाया जाता है।
बाल श्रम क्या है – About Child Labour in Hindi
14 वर्ष की आयु तक वाले बच्चों से करवाया गया कोई भी ऐसा काम, जो उनके राइट टु एजुकेशन यानि स्कूल जाने के अधिकार (child rights in hindi) से उन्हें वंचित रखता हो, बाल श्रम कहलाता है। यह बच्चों का बचपन छीनकर उन्हें उम्र से पहले बड़ा और ज़िम्मेदार बना देता है, जिसकी वजह से उनका उचित मानसिक और शारीरिक विकास नहीं हो पाता है। आईएलओ (इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन-अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन) के मुताबिक, 14 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों से करवाया जाने वाला कोई भी ऐसा काम, जो उनके शारीरिक, मानसिक या सामाजिक विकास में बाधा डालता हो या उनके लिए खतरनाक साबित हो, बाल श्रम की श्रेणी में आता है। दुनिया में अब भी 15 करोड़ बाल मजदूर हैं।
ऐसा नहीं है कि छोटी उम्र में किया गया हर काम बाल श्रम ही कहलाए पर अगर काम की वजह से बच्चा स्कूल नहीं जा पा रहा है तो उसे बाल श्रम (bal shram) या बाल मजदूरी (bal majduri) ही माना जाएगा। घर के छोटे-मोटे कामों में मदद करना या घर के कामों के बदले पॉकेट मनी पाना बाल श्रम नहीं है। बाल श्रम को खत्म करने और लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 12 जून को वर्ल्ड डे अगेंस्ट चाइल्ड लेबर (World Day Against Child Labour) मनाया जाता है।
How to Stop Child Labour in Hindi
बाल श्रम के कारण – Causes of Child Labour in Hindi
भारत में बाल श्रम – Child Labour in India in Hindi
बाल श्रम कानून की शुरुआत हो जाने के बावजूद देश के कई हिस्सों में बाल मजदूरी बेहद आम है। 2017 में यूनिसेफ (यूनाइटेड नेशंस इंटरनेशनल चिल्ड्रेंस एमर्जेंसी फंड) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के 12 प्रतिशत बच्चे किसी न किसी तरह से चाइल्ड लेबर में लिप्त हैं। 5 से 14 वर्ष के लगभग 12 मिलियन बच्चे बीड़ी, चूड़ी, पटाखे बनाने और कंस्ट्रक्शन जैसे खतरनाक काम करते हैं। बच्चों को उनके अधिकार दिलाने के लिए ही आईएलओ (इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन) ने 2002 में 12 जून को वर्ल्ड डे अगेंस्ट चाइल्ड लेबर (विश्व बाल श्रम निषेध दिवस) की शुरुआत की थी।
Child Labour in India in Hindi
इससे वे बाल श्रम के वैश्विक स्तर को समझकर उसे खत्म करने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। इसके लिए संगठन हर साल एक थीम निश्चित करता है और 2019 की थीम थी – ‘बच्चों को फील्ड पर नहीं बल्कि सपनों पर काम करना चाहिए’। इस पहल के साथ यूनाइटेड नेशंस 2025 तक बाल श्रम के किसी भी प्रकार को खत्म कर देना चाहता है। भारतीय एनजीओ चाहते हैं कि चाइल्ड लेबर पर लगे बैन को 18 साल तक के बच्चों पर भी मान्य कर देना चाहिए क्योंकि सेंसस के मुताबिक, देश के 74 प्रतिशत बाल श्रमिक 12-16 वर्ष की आयु के बीच हैं।
बाल श्रम कानून – Children’s Rights in Hindi
Children’s Rights in Hindi
बाल मजदूरी रोकने के उपाय – How to Stop Child Labour in Hindi
बालश्रम को लेकर पूछे जाने वाले सवाल-जवाब
जी बिलकुल, बच्चों को शिक्षा का मूलभूत अधिकार प्राप्त है। इसके तहत देश का हर बच्चा मुफ्त में शिक्षा ग्रहण कर सकता है।
हां, आप चाहें तो बाल मजदूरी को खत्म करने में अपना योगदान दे सकते हैं। अपने घर के रोज़मर्रा के कार्यों के लिए किसी बच्चे को नियुक्त न करें और अगर आस-पास कोई बाल श्रमिक नज़र आए तो पुलिस या एनजीओ को सूचित करें।
जी हां, अगर आपको किसी घर, होटल, दुकान, ढाबा, कंस्ट्रक्शन साइट आदि में 14 वर्ष की आयु तक का कोई बच्चा काम करता नज़र आए तो आप नियोक्ता की शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
14 वर्ष की आयु तक के बच्चों द्वारा किया जाने वाला कोई भी ऐसा काम, जिसकी वजह से वे स्कूल न जा पा रहे हों या जो उनके शारीरिक व मानसिक विकास में बाधा डालता हो, उसे बाल श्रम माना जाता है।
मजदूर दिवस पर कुछ कोट्स और नारे
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