क्या आप जानती हैं कि महिलाओं में, दुनिया में दूसरा सबसे ज़्यादा पाया जाने वाला कैंसर है- ब्रेस्ट कैंसर और भारत में तो ये पहले नंबर पर है। लेकिन हमारे यहां आज भी इस स्तन कैंसर के बारे में इतनी जागरूकता और जानकारी नहीं है और इसका एक कारण ये भी है कि कोई इसके बारे में खुल के बात नहीं करता है। ब्रेस्ट कैंसर कैसे होता है तथा इसके कारण क्या हैं, इस विषय में मतभेद है पर इस बात में कोई दोराय नहीं कि स्तन कैंसर एक जानलेवा बीमारी है। आइए जानते हैं ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी हर वो जानकारी जो आपको जाननी चाहिए।
ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी बेसिक जानकारी और कुछ बेसिक प्रैक्टिस – Breast Cancer Information in Hindi
रेगुलर चेक-अप – Regular Check Up
लेडीज़, ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए ये बेहद ज़रूरी है!! जैसे आप दूसरे चेक-अप्स कराती हैं वैसे ही ये भी ज़रूरी हैं और इसके लिए आपको ज़्यादा वक़्त भी नहीं लगता है। जो महिलाएं अपने 20’s और 30’s में हैं वो तो ये खुद अपने घर पर ही कर सकती हैं, इसे “ब्रेस्ट सेल्फ एग्जाम” कहते हैं। 40’s में जो महिलाएं हैं उन्हें ब्रैस्ट सेल्फ एग्जाम के साथ “क्लिनिकल ब्रेस्ट एग्जाम” साल में एक बार ज़रूर कराना चाहिए। क्लिनिकल ब्रेस्ट एग्जाम डॉक्टर द्वारा किया जाता है और इसमें 5 मिनट से ज़्यादा नहीं लगते हैं। 50’s और उससे ऊपर वाली महिलाओं को क्लिनिकल ब्रैस्ट एग्जाम साल में दो बार और डॉक्टर की राय पर साल में एक बार “मैमोग्राफी” ज़रूर करानी चाहिए। मैमोग्राफी एक तरह का x-रे होता है ब्रेस्ट के लिए और ये स्तन कैंसर को जल्दी डिटेक्ट करने में काफी मददगार होता है।
अगर आपकी फैमिली हिस्ट्री में ब्रेस्ट कैंसर है तो आपको ज़्यादा सतर्क रहना चाहिए और डॉक्टर के पास रेगुलर चेक-अप के लिए ज़रूर जाना चाहिए फिर चाहे आपकी उम्र कुछ भी हो।
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण – Breast Cancer ke Lakshan
हर महिला को ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों की जानकारी होनी ही चाहिए क्योंकि इसकी वजह से स्तन कैंसर को जल्दी पकड़ा जा सकता है और उसका इलाज करके ब्रेस्ट कैंसर को हराया भी जा सकता है। तो आइये जानते हैं:-
अ) पेन (दर्द) – ब्रेस्ट में दर्द होना भी एक लक्षण होता है लेकिन ज़्यादातर केसेस में ये ब्रेस्ट कैंसर का कारण नहीं होता। ब्रेस्ट पेन को क्लिनिकली “मेस्टेल्जिया” कहते हैं और इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे:-
– पीरियड्स के दौरान हार्मोनल बदलाव की वजह से
– गलत फिटिंग की ब्रा पहनने की वजह से
– बर्थ कंट्रोल पिल्स का साइड इफ़ेक्ट
– ब्रेस्ट सिस्ट की वजह से
– हेवी ब्रेस्ट की वजह से
– तनाव
तो ब्रेस्ट पेन को हमेशा स्तन कैंसर से ना जोड़ें और बताई गयी बातों को ध्यान में रखकर किसी नतीजे पर पहुचें।
ब) लम्प (गाँठ) – ये स्तन कैंसर का एक कॉमन साइन है और अगर आप रेगुलर ब्रैस्ट सेल्फ एग्जाम करते हैं तो इसे आप जल्दी ही डिटेक्ट कर सकते हैं। ब्रेस्ट की ये गांठ स्तन कैंसर की शुरूआत हो सकती है। तो आइये जानते हैं कि अगर लम्प डिटेक्ट होता है, तो कैंसरस लम्प के क्या सिम्पटम होते हैं।
गांठ दो जगह पाई जाती है- ब्रेस्ट और आर्मपिट ।
– ब्रेस्ट की गांठ
अगर गांठ डिटेक्ट होने के बाद से हमेशा मौज़ूद है और साइज़ में कम नहीं हो रही है या पीरियड्स खत्म होने के बाद भी गायब नहीं हुई है।
गांठ नरम (tender) सी है लेकिन उसमें दर्द नहीं हो रहा है।
गांठ ऐसी लग रही है जैसे वो ब्रेस्ट या उसकी स्किन से अटैच्ड हो और बिल्कुल हिल नहीं रही हो।
सख्त और अजीब से शेप की गांठ हो जो बाकी ब्रेस्ट टिश्यू से एकदम अलग महसूस हो रही हो।
– आर्मपिट
कभी-कभी आर्मपिट में छोटे और हार्ड लम्प (मटर की तरह के) हो सकते हैं जो ये इशारा करते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर फैलकर लिम्फ नोड तक पहुंच गया है। ज़्यादातर इस गांठ में दर्द बिल्कुल नहीं होता है। कभी-कभार ये गांठ नर्म भी होती है।
स) ब्रेस्ट शेप और साइज में बदलाव
अगर ब्रेस्ट का आकार बदला हुआ लगे या ब्रेस्ट साइज में बड़ा (ब्रेस्ट एनलार्जमेंट) या छोटा लगने लगे, खासकर ऐसा एक ही ब्रेस्ट में हो, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
द) ब्रेस्ट त्वचा में बदलाव
ब्रेस्ट की त्वचा का मोटा हो जाना और उसमें डिंपल या सल जैसा बदलाव आना भी ब्रेस्ट कैंसर का एक लक्षण है। ऐसी त्वचा को ऑरेंज पील स्किन भी कहा जाता है क्योंकि त्वचा संतरे के छिलके जैसी हो जाती है। त्वचा में सूजन आना, लाल (रेडनेस) हो जाना, ब्रेस्ट या निप्पल्स में खुजली (इचिंग) होना यानि इन्फेक्शन जैसे लक्षण इन्फ्लेमेट्री ब्रेस्ट कैंसर की तरफ इशारा करते हैं। ऐसी खुजली किसी भी लोशन या ऑइंटमेंट से ठीक नहीं होती है।
इ) निप्पल में बदलाव
निप्पल्स में सूजन आना या लाल (redness) हो जाना भी स्तन कैंसर का लक्षण है।
अगर नार्मल निप्पल्स का डायरेक्शन (दिशा) एकदम से बदल गया हो (जैसे वो इनवर्टेड/इनवर्ड हो गए हो) तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
यदि निप्पल्स से डिस्चार्ज हो रहा हो खासकर अगर बिना उसे दबाए खून के साथ डिस्चार्ज निकल रहा हो तो ये ब्रैस्ट कैंसर के लक्षण हैं।
ये सारे स्तन कैंसर के लक्षण आप जल्दी पकड़ सकती हैं अगर आप नियमित चेकअप कराएं और “ब्रेस्ट सेल्फ एग्जाम” को अपने रुटीन में शामिल करें। और ये ब्रैस्ट कैंसर के लक्षणों को अपने दिमाग में बैठा लीजिए क्योंकि ये ब्रेस्ट सेल्फ एग्जाम में बहुत काम आएंगे।
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