महिलाओं को परेशानी की घड़ी में असली हीरो के रूप में देखा जाता है और कपूरथला की राजकुमारी अमृत कौर (Amrti Kaur) ने अपने जीवन में इस बात को कई मौकों पर साबित किया है। वह केवल अपने खून से ही शाही नहीं थीं बल्कि वह अपने काम के कारण भी रॉयल थी। वह स्वतंत्रता की लड़ाई के दौरान हमेशा स्वतंत्रता सेनानियों के साथ खड़ी रहीं। तो चलिए इस अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (Womens Day Shayari in Hindi) के मौके पर हम आपको उस राजकुमारी की कहानी बताते हैं, जो बाद में भारत की पहली स्वास्थ्य मंत्री (India’s First Health Minister) बनी और देशवासियों (Women’s Day 2021) के जीवन को बेहतर बनाने के लिए उन्होंने कुछ बहुत ही अच्छे काम किए।
WHO की पहली एशियाई प्रेसिडेंट
बता दें कि राजकुमारी अमृत कौर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की पहली एशियाई प्रेसिडेंट भी थीं और उन्होंने ही भारत में पहले All Indian Institute of Medical Science (AIIMS) का निर्माण करवाया था। यह संस्थान 1956 से भारत के अमीर और गरीब हर तबके के व्यक्ति का इलाज करती आ रही है। यहां तक कि भारत में जब भी मेडिकल सर्विस की बात आती है तो आज भी AIIMS (AIIMS Founder) का कोई मुकाबला नहीं है, जबकि भारत में अब कई सारे स्वास्थ्य केंद्र और अस्पताल हैं।
महिलाओं के हक के लिए भी की लड़ाई
भले ही 1964 में भारत ने राजकुमारी अमृत कौर जैसी साहसी और अपने काम से लोगों के दिल में जगह बनाने वाली महिला को खो दिया हो लेकिन आज भी वह कइयों के लिए इंस्पिरेशन हैं। जिस जमाने में भारत में कोई भी महिला सशक्तिकरण की बात नहीं कर रहा था, उस समय में भी राजकुमारी अमृत कौर हमेशा महिलाओं के हक के लिए लड़ती रहीं। देश और यहां के लोगों के लिए उनका योगदान पौराणिक है। उन्होंने हमारी कई विभागों, विशेष रूप से स्वास्थ्य में उत्कृष्टता की ऊंचाई तक पहुंचने में मदद की है।
नेहरू कैबिनेट में जगह बनाने वाली पहली महिला
वह भारत छोड़ो आंदोलन के प्रमुख सदस्यों में से एक थीं और इसके चलते वह 3 साल तक जेल में भी रही थीं। स्वतंत्रता की लड़ाई में हिस्सा लेने के कारण ही वह उन्हें जवाहरलाल नेहरू की कैबिनेट में अहम भूमिका मिली थी और वह नेहरू कैबिनेट का हिस्सा बनने वाली पहली सदस्य थीं। यहां तक कि AIIMS को अंतरराष्ट्रीय चेहरा देने के लिए उन्होंने कई विदेशी लोगों के साथ भी काम किया।