ADVERTISEMENT
home / पैरेंटिंग
पिता कैसे कर सकते हैं बच्चे को ब्रेस्टफीड कराने में हेल्प, यहां जानें

पिता कैसे कर सकते हैं बच्चे को ब्रेस्टफीड कराने में हेल्प, यहां जानें

जब बात स्तनपान की होती है, तो इसे सिर्फ माँ से जोड़कर देखा जाता है। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि बच्चे को सिर्फ माँ दूध पिला सकती है। लेकिन, बच्चे को बच्चे को ब्रेस्टफीड में डेड (पिता) भी हिस्सा ले सकते हैं। लेख में इसी विषय पर चर्चा करेंगे। यहां जानेंगे कि ब्रेस्टफीडिंग के प्रोसेस में पति कैसे शामिल हो सकते हैं और अपनी पार्टनर की मदद कर सकते हैं।

शिशु को ब्रेस्टफीडिंग कराने के लिए पिता कैसे पार्टनर की मदद करें? (How Dad Can Support Breastfeeding Moms in Hindi)

पिता बच्चे के लिए दूध का उत्पादन व उसे ब्रेस्टफीड नहीं करा सकते हैं, लेकिन इस प्रोसेस में पार्टनर पूरी तरह सपोर्ट कर सकते हैं। नीचे क्रमानुसार कुछ ऐसे टिप्स दे रहे हैं, जिन्हें फॉलों कर आप अपनी वाइफ की मदद करने के साथ आपको बच्चे के साथ कनेक्शन बिल्ड करने में मदद करेंगे।

1. ब्रेस्टफीडिंग के प्रति जानकारी जुटाएं

बच्चे को ब्रेस्टफीड में डेड
ब्रेस्टफीडिंग में कैसे करें पार्टनर की मदद

इससे हमारा यह मतलब नहीं है कि आप लैक्टेशन कंसल्टेंट के पास जाकर पूरा प्रोसेस समझें। ब्रेस्टफीडिंग के प्रोसेस को समझने के लिए न ही आपको अपनी छाती पर ब्रेस्ट पंप लगाकर देखना है। इससे हमारा मतलब है कि आप थोड़ा बहुत इस पर रिसर्च करें। ब्रेस्टफीडिंग, लैचिंग, बच्चे को दूध पिलाने की सही पोजिशन, बच्चे को भूख लगी है इसके लक्षण आदि के बारे में आपको मालूम होना चाहिए।

2. बेबी को अच्छे से लैच करने में मदद करें

कुछ माँ में अच्छी ब्रेस्ट सप्लाई होने के बावजूद बच्चे का पेट नहीं भरता है। इसका कारण है बच्चे का ठीक तरह से लैच न कर पाना। इससे बच्चे का पेट नहीं भरता और वह भूख से रोते रहते हैं।

ADVERTISEMENT

ज्यादातर न्यू मॉम्स की दिन रात बच्चे की देखभाल में व्यस्त रहने के चलते नींद पूरी नहीं होती हैं। ऐसे में देर रात तक रोते बच्चे को ठीक पोजीशन में पकड़कर फीड कराना उनके लिए बहुत मुश्किल काम होता है। इस वजह से कई बार माँ चिड़चिड़ी हो जाती हैं। इस समय आप उनकी मदद कर सकते हैं। शिशु को अपने हाथ से सपोर्ट देते हुए बच्चे को ठीक तरह से लैच करवाने में मदद करें।

3. ब्रेस्टफीडिंग सेशन के दौरान पार्टनर का ध्यान रखें

शुरुआत के कुछ दिन बच्चे को फीड कराना न्यू मॉम्स के लिए मुश्किल होता है। जैसे-जैसे वक्त बीतता है माँ और बेबी के बीच में अच्छी ट्यूनिंग हो जाती है। जब पार्टनर बच्चे को फीड करा रही हो तो यह सुनिश्चित करें कि वह कंफर्टेबल हैं या नहीं, उन्हें किसी चीज की जरूरत तो नहीं है। 

दरअसल, ब्रेस्टफीडिंग कराने में माँ को काफी एनर्जी की जरूरत होती है। इस वजह से माँ को बार-बार भूख व प्यास लग सकती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए स्तनपान के समय उनके पास हमेशा हेल्दी स्नैक्स व पानी की बोतल रखें। उनकी गोद में तकिया सेट कर बच्चे को फीड के लिए ऐसे लेटाएं, जिससे वह कंफर्टेबल फील करें। ये छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप उनके पोस्टपार्टम स्ट्रेस को काफी हद तक कम कर सकते हैं।

4. पार्टनर को कंपनी दें

डिलीवरी के छह महीने तक बच्चे का आहार सिर्फ माँ का दूध होता है। ऐसे में दिनभर में ज्यादातर समय माँ को बच्चे को ब्रेस्ट से लगाकर रखना होता है। हर वक्त फीड कराने से परेशान होकर कई बार माँ का व्यवहार चिड़चिड़ा हो सकता है। उन्हें अकेलापन महसूस हो सकता है। ऐसे में जब भी आप फ्री हैं, तो उनका साथ दें। ये एक समय है जब आपके पार्टनर को सबसे ज्यादा भावनात्मक सपोर्ट की जरूरत होती है।

ADVERTISEMENT

5. बेबी को डकार दिलवाएं

बेबी को फीड कराने के बाद उन्हें डकार दिलानी होती है। इसके लिए बेबी कंधे पर लेकर बैठना होता है। ऐसे में जब माँ बच्चे को दूध पिला ले, तो डकार दिलाने की ड्यूटी ले सकते हैं। भले ही ये छोटे-छोटे काम हैं। लेकिन इससे आपकी वाइफ को बहुत हेल्प होगी।

6. बच्चे को बोतल फीड कराएं

बच्चे को ब्रेस्टफीड में डेड
बेबी के साथ स्किन टू स्किन टाइम

माना बच्चे को छह महीने तक माँ का दूध ही देना होता है। लेकिन ब्रेस्ट पंप की मदद से ब्रेस्ट मिल्क निकालकर स्टोर किया जा सकता है। जैसे वाइफ कुछ देर अच्छे से सोना चाहती है। तो उन दो घंटों के लिए बच्चे की पूरी जिम्मेदारी आप अपने ऊपर ले लें। इन दो घंटों में आपको सिर्फ बच्चे को दूध नहीं पिलाना। इसके साथ ही बच्चे का डायपर बदलना, डकार दिलाना, सुलाना आदि, ये सारे काम आपको अकेले करने होंगे।

बच्चे को भूख लगने पर स्टोर ब्रेस्ट मिल्क को बोतल की मदद से बच्चे को फीड कराएं। इस दौरान बच्चे को बिल्कुल उस पोजीशन में होल्ड करें, जैसे आपकी वाइफ करती हैं। अच्छा होगा अगर आप इस दौरान टीशर्ट उतार देंगे। क्योंकि बच्चे की स्किन से आपकी स्किन टच होगी तो इससे बच्चे को माँ जैसा फील होगा और आप दोनों के बीच एक गहरा रिश्ता बनता है।

इस लेख को पढ़ने के बाद आपकी यह गलतफहमी दूर हो गई होगी कि पिता का बच्चे को ब्रेस्टफीड कराने में कोई रोल नहीं होता है। लेख में दिए गए टिप्स को फॉलों कर बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने के प्रोसेस में अपने पार्टनर की मदद करें।

ADVERTISEMENT

चित्र स्रोत: Freepik

10 Aug 2022

Read More

read more articles like this
good points

Read More

read more articles like this
ADVERTISEMENT