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india VS bharat controversy

India to Bharat : इन देशों के भी पहले बदले जा चुके हैं नाम, तो इंडिया को भारत कहने पर इतनी कंट्रोवर्सी क्यों?

इस समय हमारे पूरे देश में इंडिया बनाम भारत (India Vs Bharat) का विवाद गरमाया हुआ है। केंद्र सरकार इंडिया का नाम बदलकर भारत करने की कोशिश कर रही है। यह मामला इस वक्त देशभर में खूब चर्चा में है। जहां एक तरह लोग इस बात से सहमत वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग इंडिया को भारत कहने पर कंट्रोवर्सी कर रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं सिर्फ हमारा ही देश नहीं बल्कि ऐसे और भी कई बड़े देश हैं जिन्होंने विभिन्न कारणों से अपना नाम बदला है।

उन देशों के नाम की सूची, जिन्होंने बदले हैं अपने नाम –

देश के नाम (पहले)देश के नाम (अब)
पर्शियाईरान
बर्माम्यांमार 
श्यामदेश या सियामथाईलैंड
डेमोक्रेटिक कंपूचिया कंबोडिया
चेक गणराज्य चेकिया
आयरिश फ्री स्टेटआयरलैंड
हॉलैंडनीदरलैंड
सीलोनश्रीलंका
स्वाजीलैंडस्विट्जरलैंड
तुर्किएतुर्की
रोडेशियाजिम्बाब्वे

जानिए इंडिया और भारत नाम विवाद का पूरा मामला

राष्ट्रपति भवन में G20 शिखर सम्मेलन के रात्रिभोज के निमंत्रण में ‘भारत के राष्ट्रपति’ के बजाय ‘भारत के राष्ट्रपति’ लिखा गया था। इसके बाद से ही चर्चा शुरू हो गई कि देश का नाम बदल दिया जाएगा। तो आइए संक्षेप में जानते हैं कि ‘भारत’ नाम कहां से आया और इसका इतिहास क्या है —

ऋग्वेद में भारत का नाम

एक अन्य मान्यता के अनुसार हिंदू पौराणिक कथाओं में ‘भारत’ शब्द का उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है। इसका उल्लेख विशेष रूप से सातवीं पुस्तक के 18वें सूक्त में किया गया है जिसमें ‘दाशराग्य’ या दस राजाओं के युद्ध का वर्णन है। यह युद्ध पंजाब में रावी नदी के पास हुआ था। यह भरत जनजाति के राजा सुदास के लिए एक महत्वपूर्ण जीत थी। जैसा कि जवाहरलाल नेहरू ने अपनी पुस्तक ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ में लिखा है, पूरे इतिहास में इस भूमि को ‘भरत’, ‘भारत’ और ‘हिंदुस्थान’ सहित कई नामों से जाना जाता है।

संविधान में कैसे आए ‘इंडिया’ और ‘भारत’ 

17 सितंबर 1949 को संविधान सभा की बहस के दौरान ‘संघ नाम और क्षेत्र’ पर बहस शुरू हुई। पहले खंड में कहा गया था कि ‘इंडिया, यानी भारत, राज्यों का एक संघ होगा’। हालांकि, सदस्यों के बीच मतभेद पैदा हो गए। कई सदस्य ऐसे थे जो ‘इंडिया’ नाम के इस्तेमाल के ख़िलाफ़ थे। उन्होंने कहा कि यह औपनिवेशिक अतीत की याद दिलाता है। तब राजनेता और संविधान सभा के सदस्य हरि विष्णु कामथ ने सुझाव दिया कि इसे ‘भारत, या अंग्रेजी में इंडिया’ लिखा जाना चाहिए। उन्होंने ऐसा प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा, ‘भारत को विदेश में इंडिया के नाम से ही जाना जाता है।’

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06 Sep 2023

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