‘पैडमैन’ और ‘टॉयलेट : एक प्रेम कथा’ जैसी बॉलीवुड फिल्मों से सामाजिक मुद्दों पर बात करने वाले एक्टर अक्षय कुमार ने मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे के मौके पर पीरियड्स और पर्सनल हाइजीन से जुड़े विषयों पर बात की।
धारणाओं को तोड़ना होगा
अपनी फिल्म ‘पैडमैन’ के माध्यम से अक्षय कुमार और ट्विंकल खन्ना ने पीरियड्स और पैड को लेकर फैली गलतफहमियों को दूर करने की कोशिश की थी। वे आगे भी महिलाओं से जुड़ी इस सामान्य प्रक्रिया पर काम करते रहना चाहते हैं। अक्षय कुमार नाइन मूवमेंट के ब्रांड एंबेसडर हैं, जो कि पीरियड्स से जुड़े टैबू को तोड़ने के लिए प्रयासरत है। मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे के मौके पर अक्षय ने पीरियड्स के बारे में बात करते हुए कहा, ‘यह एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है। इसके बारे में समाज में बहुत सी गलतफहमियां फैली हुई हैं, जिन्हें दूर करना जरूरी है।’ अक्षय ने कहा कि मासिक धर्म के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए बच्चियों व महिलाओं के साथ ही पुरुषों को भी सजग करना जरूरी है।
Image Source : Instagram/Akshay Kumar
कमर्शियल सिनेमा में करें बदलाव
अक्षय कुमार अब कंटेंट बेस्ड फिल्मों पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। उनका मानना है कि स्वच्छता व पीरियड्स जैसे सामाजिक मुद्दों पर लोगों को जागरूक करने के लिए सिनेमा का सहारा लिया जाना चाहिए। बकौल अक्षय, ‘फिल्में समाज का आईना हैं। सिनेमा लोगों को बहुत कुछ सिखाता है। अगर हम वाकई में लोगों को सजग करना चाहते हैं तो हमें सिनेमा के रूप को बदलना होगा। इन मुद्दों पर डॉक्युमेंट्री फिल्में बनाने से कुछ हासिल नहीं होगा। लोग पर्दे पर रोमांस और मसाला देखना चाहते हैं, जो कि डॉक्युमेंट्री फिल्मों में मुमकिन नहीं हो पाता है। कमर्शियल सिनेमा के माध्यम से लोगों को काफी कुछ सिखाया जा सकता है क्योंकि दर्शक एक्टर-एक्ट्रेस को पहचानते हैं और उनसे आसानी से रिलेट कर सकते हैं।’
नाइन मूवमेंट की सार्थक पहल
नाइन मूवमेंट देश भर में महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर लोगों को जागरूक करने की कोशिश में कई कार्यक्रम आयोजित करवा रहा है। दिल्ली में मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे के अवसर पर आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में अक्षय कुमार के अलावा शबाना आजमी और नाइन मूवमेंट के निदेशक अमर तुलसियान भी मौजूद थे। इस मौके पर अमर तुलसियान ने बताया कि भारत में केवल 18 प्रतिशत महिलाएं ही सैनेटरी पैड का इस्तेमाल करती हैं, जबकि चीन में यही फीसद 90 है। उनका मानना है कि हाल के वर्षों में शहरों में महिलाओं की स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है। गांवों में अभी भी लड़कियां व महिलाएं गंदे कपड़ों व अन्य चीजों का इस्तेमाल करती हैं, जिससे उनमें बीमारी और संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है।
नाइन मूवमेंट व अक्षय कुमार के साथ ही अगर देश का हर व्यक्ति यह प्रण कर ले कि उसे देश में महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने के लिए अपना योगदान देना है तो हालात में बदलाव लाना आसान हो जाएगा।
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