बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी और धर्मेंद्र की बड़ी बेटी ईशा देओल इन दिनों फिल्मों से दूर अपनी शादीशुदा ज़िंदगी और मदरहुड को इंजाॅय कर रही हैं। ईशा की दो बेटियां हैं। पिछले साल 10 जून में ही ईशा ने अपनी दूसरी बेटी को जन्म दिया, जिसका नाम उन्होंने मिराया तख्तानी रखा। आपको बता दें कि एक्ट्रेस होने के साथ ईशा देओल अब एक लेखक भी बन चुकी हैं। हाल ही में उन्होंने एक किताब लिखी है, जिसका नाम ‘अम्मा मियां’ है। इस किताब में उन्होंने अपनी प्रगनेंसी से लेकर डिलीवरी तक के अनुभवों को शेयर किया है। इसी बीच एक चैट शो के दौरान ईशा देओल ने इस बात का खुलासा किया कि अपनी दूसरी बेटी को जन्म देने के बाद वे खूब रोया करती थीं।
‘धूम’, ‘न तुम जानों न हम’ और ‘युवा’ जैसी फिल्मों से बॉलीवुड में पहचान बना चुकीं ईशा देओल ने साल 2012 में अपने लॉन्ग टर्म बॉयफ्रेंड व बिजनेसमैन भरत तख्तानी से शादी कर ली थी। शादी के बाद ईशा ने फिल्मों से दूरी बना ली। इसके बाद साल 2017 में ईशा देओल ने अपनी बड़ी बेटी राध्या को जन्म दिया। पहली बेटी राध्या के बाद जब ईशा ने साल 2019 में अपनी दूसरी बेटी मिराया को जन्म दिया।
मगर इस बार बेटी का जन्म ईशा के लिए आसान नहीं रहा। एक चैट शो के दौरान ईशा देओल ने इस बात का खुलासा किया कि दूसरी बेटी के जन्म के बाद वह एक ऐसी बीमारी की शिकार हो गई थीं, जिसकी वजह से वे भरी सभा में भी रोने लगती थीं। दरअसल, इस बीमारी का नाम है, पोस्टपार्टम डिप्रेशन (Postpartum Depression)। ये बीमारी बच्चे को जन्म देने के बाद हॉर्मोन्स में उतार-चढ़ाव की वजह से होती है। इस बीमारी में इंसान का मूड बार-बार चेंज होने लगता है।
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चैट शो के दौरान ईशा देओल ने बताया, ” जब राध्या हुई थी, तब मैं पोस्टपार्टम डिप्रेशन से नहीं गुजरी थी। मेरी दूसरी डिलीवरी के बाद लोग मुझे देखकर पूछते थे कि तुम्हे क्या हुआ है, तुम ठीक तो हो न। तब मैं नहीं जानती थी कि पोस्टपार्टम डिप्रेशन क्या होता है। डिलीवरी के बाद मैं नहीं जानती थी कि मुझे क्या हो रहा है। मैं अकेले एक कमरे में बैठी रहती थी या फिर सबके सामने बिना बात के खूब रोना शुरू कर देती थी। मैं दिन पर दिन चुपचाप और सुस्त होती जा रही थी।”
ईशा के अनुसार एक दिन उनकी मां हेमा मालिनी ने उनके व्यवहार में आए इस बदलाव को नोटिस किया। साथ ही इसे गंभीरता से लेते हुए उन्हें ब्लड टेस्ट कराने का सुझाव भी दिया। ईशा ने आगे बताया, “मैंने अपनी मां की सलाह मानीं और तुरंत ब्लड टेस्ट करवाया, जिसके बाद ये पता चला कि मेरे हार्मोन्स चेंज होने की वजह से ये सब हो रहा है। मुझे पता चला कि मेरा प्रोजेस्टेरोन सही स्थिति में नहीं है। इसके बाद मैंने इस बीमारी से सम्बंधित दवाइयां लेनी शुरू कीं और एक महीने के अंदर ठीक हो गई।”
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