हाल ही में आपने इंटरनेट पर “बॉडी पॉज़िटिविटी” शब्द को कई बार इस्तेमाल होते हुए देखा होगा। लोग इसे इंस्टाग्राम पर अपनी तस्वीर के नीचे हैशटैग के रूप में भी लिखते हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि “बॉडी पॉज़िटिविटी” का इस्तेमाल किस लिए किया जाता है और इसका मतलब क्या ह? दरअसल यह एक मूवमेंट है, जिसकी आज के समय में सबसे ज्यादा ज़रूरत है।
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यह एक कड़वा सच है कि जिस तरह के समाज में हम रहते हैं, वहां अगर आपका बॉडी टाइप यानि शरीर की बनावट थोड़ी भिन्न है तो लोग आपको अलग नज़र से देखते हैं। हमें आकर्षक मैगज़ीन कवर, बॉलीवुड या टीवी सेलिब्रिटीज के माध्यम से यह मानने के लिए बाध्य किया जाता है कि यही “आदर्श शरीर” यानि आइडियल बॉडी होती है। इतना ही नहीं हम सब भी धीरे- धीरे इस बात को स्वीकार कर लेते हैं और बिलकुल वैसी ही फिट बॉडी पाने की ख्वाहिश अपने मन में जगा लेते हैं।
ये समाज हमें वैसे स्वीकार करने को तैयार ही नहीं होता जैसे हम हैं। अगर हम पतले हैं तो कोई भी यह कहने से नहीं चूकता कि कुछ खाया करो, थोड़ा मांस बढ़ाओ। वहीं अगर शरीर का आकार थोड़ा मोटा होता है तो सब यह सुनाकर चले जाते हैं कि तुम्हारा पेट निकल रहा है, कम खाया करो या फिर एक्सरसाइज़ किया करो। इसी के चलते न चाहते हुए भी हम अपनी बॉडी को विपरीत नेचर की तरफ धकेलने लग जाते हैं, जो कि सही नहीं है।
“बाॅडी पाॅज़िटिविटी” का महत्व – Importance Of Body Positivity
सेलिब्रिटीज़ और “बाॅडी पाॅज़िटिविटी”- Celebrities & Body Positivity
क्या है “बाॅडी पाॅज़िटिविटी” – What Is Body Positivity?
“बाॅडी पाॅज़िटिविटी” यानि शरीर की सकारात्मकता। जैसा कि नाम से ही जाहिर है, शरीर के हर प्रकार को पूरी पाॅज़िटिविटी के साथ स्वीकार करना ही “बाॅडी पाॅज़िटिविटी” है। फिर चाहे वो हमारा शरीर हो या फिर किसी और का। सभी एक समान रूप से बेहद खूबसूरत हैं। इस सोच से कोसों दूर कि सिर्फ सेलिब्रिटी या फिर मॉडल्स का बॉडी शेप ही परफेक्ट होता है बल्कि हर तरह का बॉडी टाइप तारीफ के काबिल है। मायने यह रखता है कि आप आत्मविश्वासी और स्वस्थ हों, न कि आपका बॉडी टाइप या फिर बॉडी शेप कैसा है। हमारे लिए यह समझना बेहद ज़रूरी है कि हम अपने आप से और अपने शरीर से प्यार करें। फिर चाहे वो कैसा भी क्यों न हो। लोगों की बातों, उनके कमेंट्स, उनकी टोक का हमारे ऊपर कोई भी नेगेटिव असर नहीं होना चाहिए।
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आगे बढ़ने से पहले हमारा यह जानना भी ज़रूरी है कि “बाॅडी पाॅज़िटिविटी” का मतलब सिर्फ लोगों की बातें और उनके कमेंट्स को इग्नोर करना नहीं है। हम सभी इंसान हैं और खुद से प्यार भी करते हैं। मगर कई बार लोगों की नकारात्मक बातें हमारे ऊपर हावी होने लगती हैं और हम अपने ही शरीर से नफरत या फिर शर्म महसूस करने लगते हैं। एक तरह से देखा जाए तो यह पूरी तरह से नैचुरल भी है। ऐसे में आपको सकारात्मक किताबें पढ़ने की कोशिश करनी चाहिए या फिर उन लोगों से बातें करें जो आपको प्रोत्साहित करते हैं या जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। आप चाहें तो खुद आईने के सामने खड़े होकर अपनी तारीफ भी कर सकते हैं।
हर कोई हो सकता है “बाॅडी पाॅज़िटिव”- Everyone Can Be Body Positive
कई बार हम सिर्फ कर्वी बॉडी वाली लड़कियों को ही बाॅडी पाॅज़िटिव होने की राय देते हैं। जबकि ये बात हर किसी पर लागू होती है, फिर चाहे कोई पतली काठी ही क्यों न हो।
यह किसी भी जेंडर तक सीमित नहीं है – Not Restricted To Any Gender
शरीर की बनावट को लेकर कमेंट्स सिर्फ लड़कियों को ही नहीं सुनने पड़ते बल्कि लड़के भी इसमें बड़ी तादाद में शामिल हैं। उन्हें भी अपने बॉडी शेप को लेकर लोगों की बातें सुननी पड़ती हैं, जैसे पेट निकला होना, मोटा होना आदि। हर जेंडर के लोगों का “बाॅडी पाॅज़िटिव” होना बेहद ज़रूरी है। इसलिए “बाॅडी पाॅज़िटिविटी” सिर्फ किसी जेंडर तक सीमित नहीं है।
“बाॅडी पाॅज़िटिविटी” का महत्व – Importance Of Body Positivity
बॉडी शेमिंग को कहें ना – Say No To Body Shaming
एक बार आप यह समझ गए कि “बाॅडी पाॅज़िटिविटी” क्या है, तो आपको यह भी समझ में आना चाहिए कि “बॉडी शेमिंग” को न कहना क्यों जरूरी है। हमारा अस्तित्व हमारे शरीर से बढ़कर है। इंस्टाग्राम पर दिखने वाली खूबसूरत तस्वीरें और फेसबुक जैसे कई सोशल मीडिया वेबसाइट्स की वजह से हम यह सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि इंसान की बाहरी सुंदरता ही सबकुछ होती है। धीरे- धीरे हमें यह विश्वास होने लगा कि बाहर से दिखने वाला हमारा शरीर ही सबकुछ है। “बाॅडी पाॅज़िटिविटी” के ज़रिए हमें इस बात का पता चलता है कि सिर्फ शरीर ही नहीं बल्कि हमारा दिल, दिमाग और बुद्धिमत्ता भी बेहद मायने रखती है। हर कोई अपनी प्रतिभा की वजह से खास है न कि अपनी बाहरी सुंदरता की वजह से। जो लोग हमारे शरीर की बनावट को देखकर हमें जज करते हैं, “बाॅडी पाॅज़िटिविटी” मूवमेंट उनके खिलाफ है। दुनिया में हर कोई परफेक्ट है और प्यार करने लायक है।
दूसरों से प्यार करना सीखें – Learn To Love Others
जब हम चारों ओर नफरत और नेगेटिविटी फैलाते हैं, तो इसे अपनी ओर भी आकर्षित कर लेते हैं। लेकिन जब हम खुद में सुंदरता देखना शुरू करते हैं, तो हम इसे अपने आसपास भी देखना शुरू कर सकते हैं।
यह मूवमेंट हर किसी को स्वीकार करने के लिए है – This Movement Is For Everyone To Accept
“बाॅडी पाॅज़िटिविटी” समाज में रह रहे हर तरह के लोगों को स्वीकार करने और उन्हें प्यार करने के लिए है। इसमें ट्रांसजेंडर भी शामिल हैं, जो स्त्री या पुरुष की परिभाषा पर खरे नहीं उतरते। इसमें शारीरिक अक्षमता वाले लोग भी शामिल हैं, क्योंकि किसने कहा कि केवल सक्षम शरीर ही प्यार के काबिल हैं? इसलिए हमें आम तौर पर एक- दूसरे को गले लगाने के लिए खुले दिल से उन्हें स्वीकार करना होगा।
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सोशल मीडिया के प्रति ज्यादा सीरियस न हों – Don’t Take Social Media Seriously
सोशल मीडिया पर जो भी कहा या फिर सुना जाता है, हम उसे गंभीरता से अपनी ज़िंदगी में उतार लेते हैं। इसके अनुसार सिर्फ फिट और खूबसूरत दिखने वाला इंसान ही सबकुछ होता है, जबकि ऐसा नहीं है। हम फिट रहने के लिए कड़े अनुशासन का पालन तो कर सकते हैं लेकिन इसे अपनी ज़िद बनाना गलत है। सेलिब्रिटी जैसा दिखने की चाह कभी- कभी हमें अंधकार के गर्त में पहुंचा देती है, जहां से निकलना नामुमकिन हो जाता है। “बाॅडी पाॅज़िटिविटी” के साथ खुद से और अपने शरीर से प्यार करना सीखिए। दुनिया अपने- आप खूबसूरत लगने लगेगी। याद रखिएगा, जब तक आप खुद से प्यार करना नहीं सीखेंगे, दूसरे भी आपको प्यार की नज़र से नहीं देख पाएंगे।
सेलिब्रिटीज़ और “बाॅडी पाॅज़िटिविटी”- Celebrities & Body Positivity
ऐसा नहीं है कि सिर्फ आम लोगों को ही “बाॅडी पाॅज़िटिविटी” मूवमेंट की ज़रूरत है बल्कि आज के समय में सबसे ज्यादा सेलिब्रिटीज़ को ही बॉडी शेमिंग का शिकार होना पड़ता है। सोशल मीडिया के युग में उन्हें लगातार इस बात का एहसास दिलाया जाता है कि वे कैसे दिखते हैं या फिर दूसरों की तुलना में अधिक मोटे या फिर कर्वी हैं। अधिक पतला होने की दशा में भी उन्हें ट्रोल कर शर्मिंदा किया जाता है। उनके कपड़ों से लेकर मेकअप तक हर बात के लिए ट्रोल किया जाता है। यहां तक कि सेलिब्रिटी किड, जिनकी उम्र 18 साल से भी कम है, उन्हें भी बॉडी शेमिंग और ट्रोलिंग का शिकार बनाया जाता है। यहां कुछ सेलिब्रिटीज़ ने इस ट्रोलिंग के खिलाफ अपने बयान दिए हैं।
सोनाक्षी सिन्हा – Sonakshi Sinha
यह बेहद शर्मनाक है। अगर आज के समय में सबसे ज्यादा किसी को बॉडी शेमिंग का शिकार होना पड़ा है, तो वो मैं हूं। मगर मैं इसे अपने आसपास भी नहीं फटकने देती। मुझे पता है कि क्या अधिक महत्वपूर्ण है। मैं मेरे जैसी दिखने वाली लड़कियों के लिए एक स्वस्थ शरीर का उदाहरण पेश करती हूं। कल अगर मैं पतली हो गई तो क्या? मैं ठीक से काम नहीं कर पाऊंगी, हर समय बीमार बनी रहूंगी क्योंकि मैं जानती हूं कि यह मेरी नैचुरल बॉडी नहीं है, क्योंकि मेरा बॉडी टाइप ही ऐसा नहीं है। आज मैं जैसी भी दिखती हूं, वैसा दिखने के लिए मैंने बहुत मेहनत की है। पहले मेरा वजन 95 किलो था। अब और क्या चाहिए मुझसे…?
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सोनम कपूर – Sonam Kapoor
खूबसूरत दिखने के कई सख्त नियम होते हैं। हर किसी का पालन करना नामुमकिन है। अनुष्का शर्मा को ट्रोल किया गया क्योंकि वो ज्यादा पतली हैं, सोनाक्षी सिन्हा को अधिक मोटा कहकर ट्रोल किया गया। यहां तक कि कटरीना कैफ को सिर्फ इसलिए ट्रोल किया जाता रहा क्योंकि वो कुछ ज्यादा ही फिट हैं। ये सभी हमेशा से ही खूबसूरत रही हैं। मगर जहां प्रॉब्लम होती है वहीं सोल्यूशन भी होता है। समस्या यह है कि लोगों ने एक लड़की की खूबसूरती की अलग ही परिभाषा बना रखी है और जो कोई भी उसमें फिट नहीं बैठता, उसे लोग ट्रोल करना शुरू कर देते हैं।
प्रियंका चोपड़ा – Priyanka Chopra
हमारे समाज में लड़कियों को कैसा दिखना चाहिए, उसके शरीर को कैसा दिखना चाहिए संबंधित कई गलत धारणाएं हैं। खासतौर पर जब आप फिल्म लाइन में होते हैं तो लोग आपको कुछ ज्यादा ही जज करने लगते हैं और आप बॉडी शेमिंग का शिकार हो जाते हैं। हमारे शरीर में समय के साथ कई उतार- चढ़ाव आते हैं और मुझे इस बात से कोई प्रॉब्लम नहीं है।
तो इसलिए बाॅडी शेमिंग को छोड़िए और “बाॅडी पाॅज़िटिविटी” मूवमेंट का हिस्सा बनकर बिना किसी भेदभाव के सबको अपने गले लगा लीजिए।
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