ये तो आपने अक्सर लोगों को कहते हुए सुना होगा कि ‘हंसो और मस्त रहो’! यानी हंसने से हम स्वस्थ रहते हैं। जैसे हंसने के कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं, वैसे ही रोने से भी होता है। थोड़ी देर का रोना न सिर्फ दिल को हल्का करता है बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद है। आमतौर पर हम दुख व्यक्त करने के लिए रोते हैं। जब हमें किसी बात का बुरा लगता है या जब कोई हमारे साथ गलत व्यवहार करता है तो हमें बुरा लगाता है और फिर हमारी आंखों से आंसू बहने लगते हैं। लेकिन हमारे समाज में ये बचपन से सिखाया जाता है कि पुरुषों को रोना नहीं चाहिए। रोना कमजोरी की निशानी माना जाता है। लेकिन स्वास्थ्य की दृष्टि से शोधकर्ताओं का मानना है कि स्त्री और पुरुष दोनों को अपना मन हल्का करने के लिए थोड़ा बहुत रोना चाहिए। क्योंकि रोने से हम अक्सर राहत महसूस करते हैं।
सेहत के लिए रोने के फायदे Health Benefits Of Crying in hindi
जी हां, रोना मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों के लिए फायदेमंद होता है। शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में रोना यानि आंसू निकलने के फायदे पाए है, जिससे पता चला कि ज्यादातर लोग रोने के बाद हल्का और तरोताजा महसूस करते हैं। प्राचीन ग्रीस और रोम के विचारकों और चिकित्सकों का भी मानना था कि आँसू एक रेचक के रूप में काम करते हैं, जो अंदर और बाहर की सफाई करते हैं। आज का मनोविज्ञान भी इसे स्वीकार करता है। तो आइए जानते हैं रोने से किस तरह के हेल्थ बेनिफिट्स होते हैं –
हेल्दी आंखों के लिए
आंखों में आंसू पुतली और पलकों को नम रखते हैं, जिससे आंखें सूखती नहीं हैं। आंखों में पर्याप्त नमी न होने से देखने में दिक्कत हो सकती है। यदि आंख की झिल्ली शुष्क हो जाती है, तो दृष्टि कमजोर हो जाती है। आंसू हमारी आंखों को सूखने नहीं देते जिससे आंखों की रोशनी बरकरार रहती है।
मानसिक बीमारियों से रखे दूर
अगर कोई बात आपको अंदर ही अंदर परेशान कर रही है और आप उसे जानबूझ कर सहन कर रहे हैं तो इससे आपको मानसिक तनाव हो सकता है। जब आप रो लेते हैं तो आपकी मानसिक स्थिति काफी सामान्य हो जाती है और आप किसी भी परेशानी का हल बेहतर तरीके से सोच पाते हैं।
मांसपेशियों का तनाव कम करने में मददगार
कई बार शरीर में तनाव बढ़ जाता है और हमें इसका एहसास भी नहीं होता है। कई शारीरिक समस्याएं तनाव से जुड़ी होती हैं। रोने से मांसपेशियों का तनाव भी कम होता है।
शरीर के टॉक्सिन बाहर निकाले
हमारे आँसुओं में लाइसोजाइम नामक एक लिक्विड होता है जो 90-95 प्रतिशत बैक्टीरिया को केवल 5-10 मिनट में मार सकता है। कई अध्ययनों ने सुझाव दिया है कि जब हम बहुत दुखी या उदास होते हैं, तो शरीर कुछ जहरीले रसायनों का उत्पादन करना शुरू कर देता है। इन टॉक्सिन को शरीर से आंसू के माध्यम से निकाल दिया जाता है।
तनाव से रखे दूर
कई बार शरीर में मैंगनीज की मात्रा अधिक होने से बेचैनी, भ्रम, थकान, क्रोध जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। रोने से शरीर में मैंगनीज का स्तर कम हो जाता है, जिससे आप हल्का और बेहतर महसूस करते हैं। रोना दर्द और तनाव से खुद को दूर करने का एक प्राकृतिक तरीका है। रोने से मन शांत होता है और मूड भी अच्छा होता है।
आंखों का रक्षा कवच
आंसू बाहरी कैमिकल्स से भी आंखों की रक्षा करते हैं। इसलिए, प्याज से निकलने वाले रसायनों या धूल के संपर्क में आने से आंखों में आंसू आ जाते हैं, जिससे आंखों की रक्षा होती है।
बॉडी को रिलैक्स करता है
इमोशंस में बहे आंसुओं में 24 प्रतिशत अधिक एल्ब्यूमिन प्रोटीन होता है, जो मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है। बिना तनाव के रोने से मस्तिष्क, हृदय और लिम्बिक सिस्टम को ठीक से काम करने में मदद मिलती है, जिससे शरीर को आराम मिलता है।
नोट – जब भी कभी आपको रोने का मन करे तो जरूर अपने इमोशंस को व्यक्त करें। लेकिन रोने के बाद बेहतर नींद जरूर लें। लेकिन अगर हम बहुत रोते हैं या घंटों रोते रहते हैं, तो हमें सावधान रहना चाहिए कि यह मानसिक विकार, चिंता, अवसाद का संकेत हो सकता है इसलिए हमें ज्यादा देर तक रोना नहीं चाहिए।
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