नाभि हमारे शरीर का केंद्र है और शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग मानी जाती है। गर्भ में पल रहे बच्चे को मां के गर्भ में मौजूद गर्भनाल से पोषण मिलता है। नाभि खिसकना नाभि और पेट की मांसपेशियों की गलत स्थिति है। यह नाभि केंद्र का ज्यादातर ऊपर या नीचे की दिशा में बदलाव है और कई कारणों से हो सकता है। जब नाभि खिसकने या नाभि झारने की समस्या लंबे समय तक खिंच तो व्यक्ति शारीरिक रूप से कमजोर हो जाता है। यदि नाभि खिसकने के लक्षण जानकर समस्या का समय पर इसका उपचार नहीं किया गया तो यह रोगी के शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है। वैसे तो नाभि में तेल लगाने के फायदे भी हैं लेकिन जब नाभि खिसक जाती है तो यह उपाय भी काम नहीं आता। हम यहां आपको nabhi khisakne ke lakshan नाभि खिसकने के लक्षण और नाभि खिसकने के घरेलू उपाय बता रहे हैं।
नाभि खिसकने के लक्षण नाभि केंद्र की गति की दिशा पर निर्भर करते हैं। यदि इसे नीचे की ओर ले जाया जाए तो दस्त होने की संभावना होती है और यदि नाभि केंद्र ऊपर की ओर विस्थापित हो जाए तो इससे उल्टी, कब्ज और मतली हो सकती है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि यह किस दिशा में जाता है, पेट में दर्द होगा और नितंबों, जांघों और काफ मसल्स तक फैल सकता है। कुछ योग के प्रकार अपनाकर आप नाभि खिसकने की दशा में योग के लाभ उठा सकते हैं। इसे कुछ योग आसनों या घर पर कुछ अन्य तरीकों से प्राकृतिक रूप से ठीक किया जा सकता है। नाभि खिसकने के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं-
– अचानक वजन बढ़ना।
– नाभि के हिलने के कारण उस जगह पर दर्द होना।
– पेट के बीचोंबीच यानि नाभि में लगातार दर्द होना।
– कब्ज और दस्त (1)।
– घबराहट, मतली के साथ-साथ उल्टी और दस्त भी।
– महिलाओं में अनियंत्रित मासिक धर्म।
– गुर्दे और आंतों में दर्द।
– आंतों और मासिक धर्म में दर्द, प्रोस्टेट, दिल की जलन, अनिद्रा, खांसी आदि नाभि खिसकने के लक्षण हो सकते हैं। यदि ऊपर की ओर खिंचाव हो तो उपर्युक्त समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।
कभी-कभी कमजोर पाचन भी नाभि खिसकने का कारण बन सकता है; यह महिलाओं में अधिक आम है और इससे गंभीर मासिक धर्म दर्द और अत्यधिक रक्तस्राव हो सकता है। नाभि विस्थापन के कई संभावित कारण हो सकते हैं, उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
– अचानक मुड़ना या झुकना
– भारी सामान उठाना
– भारी सामान जैसे- सिलेंडर इत्यादि खिसकाने की कोशिश करना
– गलत यौन गतिविधि
– दौड़ना
– असमान चलना
– असमान कूद
1- आंवला और गिलोय का उपाय
2- सौंफ भी है फायदेमंद
3- सरसों के तेल का अचूक उपाय
4- नाभि के आसपास हल्की मालिश
5- योग भी है फायदेमंद
6- चाय की पत्ती
सबसे पहले, आपको यह पता लगाना होगा कि आपकी नाभि विस्थापित है या नहीं। उसके लिए, आपको अपने दोनों पैरों के बड़े पंजों और नाभि केंद्र के बीच की दूरी को मापने के लिए एक तार की आवश्यकता होगी। एक समतल और सपाट सतह पर लेट जाएं और ऊपर की ओर मुंह करें। अब पैर के अंगूठे और नाभि केंद्र के बीच की दूरी दोनों पैरों से नापें, अगर दोनों नापों में अंतर मिलता है तो आपकी नाभि विस्थापित हो जाती है। मापते समय सुनिश्चित करें कि आपका शरीर एकदम सीधा है और आप सही तरीके से लेटे हैं। सिर्फ इतना ही काफी नहीं हैं, सुनिश्चित करने के लिए अपने डॉक्टर से मिलकर परामर्श लें। वैसे नाभि खिसकने के घरेलू उपाय भी मौजूद हैं, जो हम आपको यहां बता रहे हैं।
हमेशा से ही घर के बड़े-बुजुर्ग नाभि खिसकने पर डॉक्टर के पास जाने से पहले कुछ घरेलू उपाय आजमाने की सलाह देते रहे हैं। इन्हीं में से एक है आंवला और गिलोय का उपाय। अगर आप भी नाभि खिसकने की समस्या से जूझ रहे हैं तो एक चम्मच आंवला पाउडर में गिलोय का रस मिलाकर इस पेस्ट को नाभि के आसपास लगाएं। पेस्ट लगाने के बाद कुछ देर लेट जाएं। इस पेस्ट को दिन में दो बार इस्तेमाल करने से नाभि वापस अपनी जगह पर आ जाती है।
घर से बड़ों से अपने कई बार सौंफ खाने के फायदे के बारे में सुना होगा। मगर क्या आप जानते हैं कि नाभि खिसकने की दशा में सौंफ का इलाज काफी कारगर साबित हो सकता है। घर का भारी सामान उठाते वक्त या फिर अन्य किसी वजह से अचानक नाभि खिसकने की शिकायत हो जाये तो सौंफ का यह घरेलू नुस्खा बहुत असरदार साबित होता है। इसके लिए 10 ग्राम सौंफ को पीसकर उसमें 50 ग्राम गुड़ मिला लें। इसे 2 से 3 दिन तक खाली पेट सेवन करने से नाभि अपनी जगह पर वापस आ जाएगी।
नाभि खिसकने के घरेलू उपाय में सरसों के तेल के फायदे भी देखने को मिलते हैं। इसके लिए मिट्टी का दीपक या आटे से बना दीपक जलाएं। फिर बत्ती को दीपक के बीच में रखें। दीपक में सरसों के तेल का प्रयोग करें। रोगी को आराम से पीठ के बल लेटा दें, ठुड्डी ऊपर और दोनों पैरों को एक साथ बंद कर दें और टांगों को सीधा ऊपर की ओर करने का इशारा करें। अब जले हुए दीपक को रोगी की नाभि-केंद्र पर रखें। इसे स्टील के गिलास से ढक दें। 2 मिनिट बाद गिलास निकाल लीजिए। आप पाएंगे कि दीया अब नहीं जल रहा है। इस प्रक्रिया से उत्पन्न खिंचाव के कारण रोगी की खिसकी हुई नाभि अपनी मूल स्थिति में आ जाएगी। रोगी को धीरे-धीरे एक तरफ मुड़ने और आराम से उठने को कहें। फिर, रोगी को कुछ हल्का नाश्ता या भोजन कराएं।
नाभि खिसकने की स्थिति में अक्सर तेज दर्द होता है। इस दौरान नाभि के आसपास के हिस्से की मालिश करने से दर्द से राहत मिलती है। इसके लिए आप Best Body Massage Oil का उपयोग कर सकते हैं। हालाँकि, यह मालिश स्वयं नहीं करनी चाहिए, बल्कि किसी विशेषज्ञ द्वारा कराई जानी चाहिए। ऐसे में पीड़ित को भारी सामान उठाने से बचना चाहिए।
कहते हैं, योग में हर बीमारी का इलाज छुपा होता है। नाभि खिसकने पर भी योग आपकी मदद कर सकता है। पीड़ित को अर्ध हलासन, उत्तानपादासन, नौकासन और अर्ध पवनमुक्तासन जैसे योगासन करने चाहिए।समस्या को दूर करने में ये आसन काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इन आसनों को नियमित रूप से करने से ये समस्याएं दूर हो जाती हैं।
चाय की पत्ती भी नाभि खिसकने के घरेलू उपाय में से एक है। नाभि खिसकने के बाद लोगों को अक्सर डायरिया हो जाता है। ऐसे में एक चम्मच चाय में एक चम्मच चाय मिलाकर उबाल लें और छान लें और गुनगुनी चाय पीएं। इससे दर्द तो कम होगा ही साथ ही नाभि भी अपनी जगह आ जाएगी।
नाभि खिसकने से होने वाले रोग से बचने के लिए ज़रूरी है कि हम अपने खान-पान पर विशेष ध्यान दें। क्योंकि मामला पेट से जुड़ा होता है इसलिए नाभि खिसकने की दशा में अधिक भरी खाना नहीं चाहिए। यही वजह है कि इस दौरान तला और अधिक मसाले वाला भोजन खाने से बचना चाहिए। इसके बजाय आप मूंग दाल की खिचड़ी खा सकते हैं। इससे पेट पर कम दबाव पड़ता है। इसके अलावा गुड़ व नमक को एकसाथ मिलाकर खाने से भी खिसकी हुई नाभि अपनी जगह पर आ जाती है।
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