एड़ी या पैरों का दर्द महिलाओं की एक आम समस्या है। यह दर्द आमतौर पर एड़ी के नीचे या उसके ठीक पीछे होता है, जहां एच्लीस टेंडन एड़ी की हड्डी से जुड़ता है। कभी-कभी यह एड़ी के किनारे को प्रभावित कर सकता है। एड़ी के नीचे होने वाले दर्द को प्लांटर फैसीसाइटिस कहते हैं। यह पैरों के दर्द का सबसे आम कारण है। एड़ी के पीछे का दर्द अकिलीज़ टेंडिनाइटिस है। यह दर्द एड़ी और पैर के अंदरूनी या बाहरी हिस्से को भी प्रभावित कर सकता है। ज्यादातर मामलों में, महिलाओं के पैरों में दर्द चोट के कारण नहीं होता है। कभी-कभी हील्स पहनने से भी पैरों में दर्द होता है। सबसे पहले, यह आमतौर पर हल्का होता है, लेकिन यह गंभीर और कभी-कभी अक्षम हो सकता है। यह आमतौर पर उपचार के बिना गायब हो जाता है, लेकिन कभी-कभी यह बना रह सकता है और पुराना हो सकता है।
Table of Contents
महिलाओं के पैरों में दर्द होने के कारण
1- मोच आने की वजह से
2- हील्स पहनने की वजह से
3- गठिया के कारण
4- गोखरू का कारण
5- गिरने की वजह से
6- वजन ज्यादा होने के चलते
जब आप खड़े होते हैं और वहां जाते हैं जहां आपको जाने की आवश्यकता होती है तो आपके शरीर का वजन पैरों पर होता है। इस वजह से पैरों में दर्द होना आम बात है। पैर का दर्द पैर के एक या अधिक हिस्सों में किसी भी दर्द या परेशानी को संदर्भित करता है, जैसे- पैर की उँगलियाँ, हील, आरशेज़ या तलवे। महिलाओं के पैरों में दर्द की दवा जानने से पहले इस बात का पता होना बेहद ज़रूरी है कि महिलाओं के पैरों में दर्द क्यों होता है। हम यहां आपको इसके कुछ कारण बता रहे हैं।
मोच आने की वजह से
महिलाओं की लाइफस्टाइल काफी व्यस्त होती है। एक समय पर कई काम करने की वजह से उन्हें मल्टीटास्कर भी कहा जाता है। ऐसे में जल्दी काम करने व जल्दी चलने की वजह से उन्हें पैरों में मोच आने की आशंका बानी रहती है। मोच आने की वजह से महिलाओं के पैरों में दर्द आ जाता है।
हील्स पहनने की वजह से
हील्स पहनने की वजह से न सिर्फ पैर दर्द बल्कि कमर दर्द के कारण में से भी एक है। कई महिलाओं को हील्स पहनकर चलने की ज्यादा प्रैक्टिस नहीं होती है। ऐसे में अगर किसी दिन वो हील पहनकर अधिकदर चल लेती है तो उन्हें पैरों में दर्द की शिकायत का सामना करना पड़ सकता है। हाई हील्स पहनने के नुकसान के बारे में पढ़िए।
गठिया के कारण
गठिया एक ऐसी बीमारी है, जो ज्यादातर महिलाओं को अपना शिकार बनाती है। डॉक्टर में 30 की उम्र के बाद महिलाओं को अपनी हड्डियों का अधिक ध्यान देने की सलाह देते हैं। हड्डियां कमजोर होने के चलते गठिया जैसी बीमारी अपना शिकार बना लेती है और पैरों में दर्द बना रहता है। यहाँ पढ़िए गठिया को जड़ से खत्म करने के उपाय।
गोखरू के कारण
गोखरू पैर की अंगुली के जोड़ पर एक गांठ होती है। जूते गोखरू को बढ़ा सकते हैं, लेकिन वे इसका कारण नहीं बनते हैं। हम सभी के पैर अलग-अलग प्रकार के होते हैं- ओवरप्रोनेटर, ओवरसुपिनेटर, फ्लैट पैर आदि, जो आनुवंशिकी, तनाव या कुछ स्थितियों के साथ मिलकर अस्थिरता पैदा कर सकते हैं। यह आपकी हड्डियों को बदल देता है और गोखरू की ओर जाता है। पिंकी टो के किनारे पर भी गोखरू होना संभव है। यह गोखरू महिलाओं के पैरों में दर्द का कारण बनता है।
गिरने की वजह से
अगर कभी आपको गिरने की वजह से पैरों में चोट लग गई है, तो यहाँ भी पेअर दर्द का एक कारण हो सकता है। अगर चोट पुरानी होने के बाद भी दर्द दे रही है तो तुरंत इस बारे में डॉक्टर से सलाह लें।
वजन ज्यादा होने के चलते
इस बात से तो सभी वाकिफ हैं कि चलते समय शरीर का सारा वजह पैरों पर होता है। ऐसे में अगर आपका वजन ज्यादा है, तो यह भी पेअर दर्द का कारण बन सकता है। इसके लिए अपना वजन नियंत्रित करने की और ध्यान दें। वजन घटाने के लिए घरेलू नुस्खे अपनाइये और पैरों के दर्द के अलावा और भी कई समस्याओं से मुक्ति पाइये।
पैरों में दर्द के लिए घरेलू उपचार
1- फुट बाथ लें
2- पैरों को स्ट्रेच करें
3- पैदल चलें
4- पैरों की मालिश करवाएं
5- अपने जूते बदलें
6- पैर पर बर्फ लगाएं
7- दर्द निवारक दवा लें
8- दर्द निवारक बाम लगायें
महिलाएं अक्सर अपने दर्द को इग्नोर कर देती हैं। डॉक्टर के पास जाना तो दूर की बात है, वह घर के किसी सदस्य से भी अपने दर्द के बारे में बात नहीं करतीं। उन्हें लगता है, अगर हम आराम करने लग गए तो घर के और बाहर के काम कैसे होंगे। आपको समझना होगा कि आराम करना आपके लिए भी बहुत जरूरी है। अगर आप डॉक्टर के पास नहीं जाना चाहती हैं तो पैरों में दर्द के लिए घरेलू उपचार भी उपलब्ध हैं। आप इन्हें भी आज़मा सकती हैं।
फुट बाथ लें
पैरों के दर्द को कम करने के लिए गर्म पानी से फुट बाथ भी किया जा सकता है। अपने फुट बाथ में एप्सम साल्ट मिलाने से आपकी मांसपेशियों में दर्द से राहत मिल सकती है और आपके पैरों की सूजन भी कम हो सकती है। आप बेकिंग सोडा जैसे अन्य उत्पादों को अपने पैरों में भिगोने की कोशिश कर सकते हैं। आप गर्म पानी के टब में एक कप एप्सम सॉल्ट मिलाकर एप्सम फुट बाथ बना सकते हैं। आराम के लिए अपने पैरों को इस मिश्रण में लगभग बीस मिनट के लिए भिगो दें।
पैरों को स्ट्रेच करें
आप अपने पैरों में दर्द से राहत पाने के लिए कुछ स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज भी कर सकते हैं। नीचे बैठकर और अपने पैरों को फैलाकर अपने पैरों को वार्म अप करें। अब अपने पैर के पंजों को सर्कुलर मोशन में घुमाएं। खड़े होने की स्थिति में अपने पैरों के आगे और पीछे जमीन से ऊपर उठाकर अपने वजन को अपनी एड़ी से अपने पैर की उंगलियों तक स्थानांतरित करके अपने पैरों को फैलाना जारी रखें।
पैदल चलें
अपने पैरों को लचीला और मजबूत रखना पैरों के दर्द से बचने की कुंजी है। व्यायाम के लिए नियमित रूप से चलना वास्तव में आपके पैरों को स्वस्थ रखने का सबसे अच्छा तरीका है। ऐसी जीवनशैली में शामिल होने से बचें जो बहुत गतिहीन हो। एक पैडोमीटर यह सुनिश्चित करने का एक तरीका हो सकता है कि आप पर्याप्त चल रहे हैं और अपने पैरों को सक्रिय रख रहे हैं।
पैरों की मालिश करवाएं
दर्द में मदद करने और परिसंचरण में सुधार करने के लिए आप अपने पैरों की मालिश कर सकते हैं। एक आरामदायक कुर्सी पर बैठ जाएं और अपने पैरों के तलवों को रगड़ कर दबाएं। मालिश करने के लिए अपने पैर की उंगलियों को अलग करें और मोड़ें। लोशन या तेल का उपयोग आपकी त्वचा को चिकनाई देने में मदद कर सकता है, जिससे पैरों की मालिश करना आसान हो जाता है।
अपने जूते बदलें
आपके जूते आपके पैर दर्द के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। जूते की गलत शैली या गलत जूते का आकार आपके पैरों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। आपके स्नीकर्स 400 या 500 मील के बाद खराब हो सकते हैं और अब आपको वह सहायता प्रदान नहीं करेंगे जिसकी आपको आवश्यकता है।
ऊंची एड़ी के जूते आपके पैरों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। अपने पैरों में दर्द में मदद करने के लिए नए, अच्छी तरह से फिट होने वाले जूते खरीदने पर विचार करें।
पैर पर बर्फ लगाएं
अपने पैरों पर बर्फ लगाने से सूजन कम हो सकती है, जो दर्द का कारण बनती है। प्लास्टिक की थैली में बर्फ भरकर या जमी हुई पानी की बोतल पर अपने पैरों को घुमाकर पैरों के दर्द पर बर्फ लगाएं। सूजन को कम करने में मदद करने के लिए दिन में कुछ बार प्रभावित क्षेत्र पर 5 से 15 मिनट तक बर्फ लगाने की कोशिश करें।
दर्द निवारक दवा लें
दर्द और सूजन के लिए आप कई ओवर-द-काउंटर दवाएं आज़मा सकते हैं। एसिटामिनोफेन जैसी दवाएं दर्द को कम कर सकती हैं, जबकि नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी, जैसे इबुप्रोफेन और नेप्रोक्सन सोडियम, दर्द के साथ-साथ सूजन को भी कम कर सकती हैं।
दर्द निवारक बाम लगायें
महिलाओं के पैरों में दर्द की दवा भी लगा सकते हैं। दवा को अपने पैर पर लगाने से पैरों के दर्द में मदद मिलती है। काउंटर पर कुछ उत्पाद उपलब्ध हैं जो ठंडक और दर्द से राहत प्रदान करते हैं। इनमें से कुछ दवाओं में मेन्थॉल, नीलगिरी और तारपीन जैसे तत्व शामिल हैं। वहीँ कुछ दवाओं में दर्द को कम करने के लिए सैलिसिलेट या पदार्थ पी होता है।
महिलाओं के पैरों में दर्द को लेकर पूछे जाने वाले सवाल-जवाब – FAQ’s
सवाल- महिलाओं के पैरों में दर्द की दवा
जवाब- एसिटामिनोफेन जैसी दवाएं दर्द को कम कर सकती हैं, जबकि नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी, जैसे इबुप्रोफेन और नेप्रोक्सन सोडियम, दर्द के साथ-साथ सूजन को भी कम कर सकती हैं।
सवाल- किस विटामिन की कमी से पैर में दर्द होता है?
जवाब- विटामिन डी की कमी से पैर में दर्द होता है।
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