आपने अक्सर खिलाड़ियों को खेल के मैदान में जाने से पहले स्ट्रेचिंग करते देखा होगा। इसके ज़रिए वो न सिर्फ अपने शरीर में फ्लेक्सिबिलिटी लाते हैं बल्कि इससे शरीर को नई ऊर्जा भी मिलती है। प्रोफेशनल डांसर्स भी स्टेज पर जाने से पहले यही फॉर्मूला अपनाते हैं। इससे मांसपेशियां ढीली होती हैं और शरीर को आराम मिलता है। वर्कआउट रूटीन से पहले भी स्ट्रेचिंग करना बेहद ज़रूरी होता है। अपने शरीर को व्यायाम यानि एक्सरसाइज़ के लिए तैयार करने और चोटों से बचाने के लिए आपको हर सेशन से पहले और बाद में 10-15 मिनट तक स्ट्रेचिंग करने की आवश्यकता होती है। अगर आपने अभी- अभी एक नया फिटनेस रूटीन शुरू किया है और सोच रहे हैं कि आपकी मांसपेशियों में इतना कसाव क्यों महसूस होता है, तो ये आर्टिकल आपके लिए ही है।
स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ के फायदे – Benefits of Stretching Exercise in Hindi
फ्लेक्सिबिलिटी के लिए स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ – Stretching Exercises for Flexibility in Hindi
स्ट्रेचिंग करते समय ध्यान रखने वाली बातें – Tips for Stretching in Hindi
सबसे पहले हमारा ये जानना बेहद ज़रूरी है कि हमारा फिट और फ्लेक्सिबल होना क्यों ज़रूरी है और स्ट्रेचिंग क्या है? सोचिए आपका शरीर एक रबर बैंड है और इसका पूरा इस्तेमाल करने के लिए इसे स्ट्रेचेबल होना चाहिए। स्ट्रेचिंग में बहुत अधिक कैलोरी बर्न नहीं होती है इसलिए हम अक्सर इसे अनदेखा कर देते हैं। इसकी जगह हम नियमित वर्कआउट करते हैं क्योंकि हमें लगता है कि इससे अधिक तेजी से रिजल्ट दिखने लगेंगे। मगर हम आपको बता दें कि वर्कआउट से पहले फ्लेक्सिबिलिटी बेहद ज़रूरी है क्योंकि लचीली मांसपेशियां आपके जोड़ों को मूव करने में ज्यादा मददगार होती हैं। अपने वर्कआउट शेड्यूल में स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज (stretching exercises in hindi) को शामिल करने से आपको फ्लेक्सिबिलिटी में सुधार, शरीर की जकड़न कम करने और अपने वर्कआउट को ज्यादा अच्छा और सुरक्षित बनाने में मदद मिलेगी।
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स्ट्रेचिंग से आपके शरीर को अधिक फ्लेक्सिबल होने में मदद मिलती है। इसके लिए आपको किसी भारी- भरकम सामान की ज़रूरत नहीं है बल्कि आप इसे घर पर अपनी आरामदायक पैंट और टीशर्ट पहनकर भी कर सकते हैं। अगर अभी भी आपको लगता है कि स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ ज़रूरी नहीं है तो हम आपको बता रहे हैं इसके कुछ ऐसे फायदे, जिन्हें पढ़कर आप आज से ही अपने रूटीन में स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ शुरू कर देंगे।
1- स्ट्रेचिंग के बाद वर्कआउट से अधिक फायदा मिलता है।
2- स्ट्रेचिंग करने से वर्कआउट के समय शरीर में किसी तरह का दर्द नहीं होता है।
3- यह मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
4- इससे चोट लगने का खतरा कम होता है।
5- यह मांसपेशियों के दर्द को कम करने में मदद करता है।
6- यह पीठ के निचले हिस्से के दर्द को ठीक करने में मदद करता है।
7- यह शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है और फ्लेक्सिबिलिटी लाता है।
8- यह मांसपेशियों के कोऑर्डिनेशन में सुधार करता है।
9- यह आपके बॉडी पॉश्चर्स को बेहतर बनाने में मदद करता है।
10- स्ट्रेचिंग करने से मांसपेशियों का तनाव कम होता है।
11- यह मांसपेशियों की मरम्मत कर उन्हें मजबूत बनाता है और अकड़न कम करता है।
12- स्ट्रेचिंग से रोजमर्रा की गतिविधियों जैसे झुकने, बैठने, लेटने आदि में सुधार आता है।
13- यह मांसपेशियों की अकड़न को कम कर शरीर को आराम देता है और मूड को बेहतर बनाने में मदद करता है।
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स्ट्रेचिंग कैसे करें? सबसे पहले अपनी योगा मैट तैयार करें और आरामदायक लेकिन फिट कपड़े पहनें। स्पोर्ट्स शूज़ ज़रूर पहनें और अपने बालों को बांध लें। अब आप खिंचाव के लिए पूरी तरह तैयार हैं। आइये बिगिनर्स के लिए कुछ स्ट्रेचिंग एक्सरसाइजेज के बारे में जानें (stretching exercises for beginners in hindi)।
अपने पैरों को लगभग 12 इंच अलग रखते हुए सीधे खड़े हो जाएं। अब अपने सिर को फर्श के करीब ले जाते हुए आगे की ओर झुकें। अपनी सांस छोड़ते हुए सिर, गर्दन और कंधों को रिलैक्स रखें। अपने हाथों को पैरों के पीछे रखें। इस आसन को लगभग 2- 3 मिनट तक बना कर रखें।
सबसे प्रभावी- गर्दन, पीठ, काफ मसल्स और पैरों के लिए
अपने पैरों को बराबर रखकर खड़े हो जाएं। अब अपने बाएं पैर के साथ एक बड़ा कदम आगे बढ़ाएं। फिर अपने बाएं घुटने को मोड़ें और आगे की तरफ झुक जाएं। अपने दाहिने पैर को पीछे की तरफ सीधा रखें और पैर की उंगलियों को जमीन पर रखें। अब अपने दाहिने हाथ को फर्श पर रखें और ऊपरी शरीर को बाईं ओर घुमाएं। बाएं हाथ को ऊपर की तरफ बढ़ाएं। लगभग दो मिनट के लिए इसी स्थिति में बने रहें। अब इसी एक्सरसाइज़ को दाहिने पैर से दोहराएं।
सबसे प्रभावी- हिप फ्लेक्सर्स, लंग्स और पीठ के लिए
अपने पैरों को कूल्हे के नीचे की तरफ रखकर बैठ जाएं। अब अपनी बांहों को फैलाएं और उन्हें बढ़ाएं। फिर अपनी दाहिनी बांह को अपनी रीढ़ के करीब कंधे के पीछे रखें। पोजीशन को बनाए रखने और और खिंचाव महसूस करने के लिए बाएं हाथ को अपनी दाहिनी कोहनी पर रखें। अब धीरे से दाहिनी कोहनी को नीचे की तरफ खींचें। करीब दो मिनट के लिए इस आसन को बनाए रखें। अब हाथों को बदलें और इस एक्सरसाइज़ को दोहराएं।
सबसे प्रभावी- गर्दन, कंधे, पीठ और ट्राइसेप्स के लिए
दोनों हाथों को जमीन पर रखें। धीरे से दोनों घुटनों को फर्श पर रखें और उन्हें कंधे की चौड़ाई से अधिक चौड़ा रखें। अपने पैरों को धीरे से मोड़ें और पंजों को बाहर की तरफ तान लें। अपने पैरों के घुटने तक के हिस्से को फर्श पर टिकाएं। अब अपने कूल्हों को ऊपर की तरफ उठाएं। अपने हाथों के सहारे इस पोजीशन को दो-तीन मिनट के लिए बना कर रखें।
सबसे प्रभावी- कूल्हों, पीठ और कंधे के लिए
अपनी पीठ सीधी और अपने पैरों को सामने फर्श पर रखकर बैठें। अब पैरों को अपने पास खींचें और अपने घुटनों को मोड़ लें। अपने पैरों के तलवों को एक दूसरे से मिला लें, बिलकुल वैसे, जैसे किसी को नमस्ते करते समय हाथों को जोड़ते हैं। अब अपने हाथों को पैर के पंजों के ऊपर रखें। इसके बाद अपने ऊपरी शरीर को आगे की ओर धकेलें और अपने घुटनों को फर्श के करीब रखें। लगभग दो मिनट के लिए इस स्ट्रेच को बना कर रखें।
सबसे प्रभावी- कूल्हों, पीठ और जांघों के लिए
इस एक्सरसाइज़ के लिए सबसे पहले घुटने के बल पीठ सीधी करके फर्श पर बैठ जाएं। फिर थोड़ा सा ऊपर उठते हुए अपने बाएं पैर को बाहर की तरफ निकाल लें। दाहिने पैर को मुड़ा हुआ ही रखें। अब अपने दाहिने हाथ को ऊपर की तरफ स्ट्रेच करें और अपने बाएं पैर पर बाएं हाथ को आराम दें। धीरे- धीरे अपने ऊपरी शरीर को बाईं ओर झुकाएं। दो मिनट के लिए इस आसन को बनाए रखें और फिर अपने दाहिने पैर को बाहर निकालने के साथ एक्सरसाइज़ को दोहराएं।
सबसे प्रभावी- कूल्हों और जांघ के अंदरूनी हिस्से के लिए
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सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं और अपने दोनों पैरों को सीधा रख लें। अब अपने दाएं पैर को ऊपर उठाएं और दाएं घुटने को अपनी छाती के करीब मोड़ते हुए खींचें। बाएं पैर को एकदम सीधा रहने दें और अपनी पीठ के निचले हिस्से को फर्श पर दबाने की कोशिश करें। दो मिनट के लिए इस स्ट्रेच को बनाए रखें और फिर अपने बाएं पैर के साथ इसी एक्सरसाइज़ को दोहराएं।
सबसे प्रभावी- पीठ के निचले हिस्से और कूल्हों के लिए
घुटने के बल बैठ जाएं और अपने पैरों को कूल्हे के नीचे रख लें। अब अपने ऊपरी शरीर को आगे की ओर झुकाएं। अपने कूल्हों को ऊपर की ओर धक्का दें और अपनी एड़ी को आधा पीछे ले जाएं। अपनी बांहों को फैलाकर अपनी पीठ और कंधों पर दबाव डालें। अपनी बांहों को सीधा रखें और मोड़ें नहीं। दो मिनट के लिए इस स्ट्रेच को बना कर रखें।
सबसे प्रभावी- पीठ और कंधे के लिए
सीधे बैठें और अपने पैरों को अपने सामने फैला लें। अब अपने धड़ को घुटनों के पास मोड़ें। अपनी पीठ के निचले हिस्से में खिंचाव महसूस करने के लिए अपने सिर से घुटनों को छूने की कोशिश करें। धीरे से ऊपरी शरीर को आगे की ओर झुकाएं। 10 सेकंड के लिए इस आसन को बनाए रखें और फिर एक्सरसाइज़ को सात बार दोहराएं।
सबसे प्रभावी- काफ मसल्स और पीठ के निचले हिस्से के लिए
सीधे खड़े हो जाएं। अब अपने दाहिने हाथ को बाएं हाथ की तरफ ले जाएं और इसे अपने बाएं कंधे पर तिरछा रखें। बाएं हाथ से दाएं हाथ को अंदर की तरफ स्ट्रेच करें। फिर अपनी बाईं बांह के साथ उस पर दबाव बढ़ाकर अपनी दाहिनी बांह को अपनी छाती के करीब खींचें। 10 सेकंड के लिए इस स्ट्रेच को बनाए रखें और फिर इसे पांच बार दोहराएं।
सबसे प्रभावी- कंधे और पीठ के लिए
स्ट्रेचिंग के फायदे तो आपने जान लिए मगर क्या आप ये जानते हैं कि गलत तरीके से की गई स्ट्रेचिंग से आपके शरीर में दर्द भी महसूस हो सकता है या आपकी मांसपेशियों में खिंचाव भी हो सकता है? स्ट्रेचिंग शुरू करने से पहले स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करने के तरीके जानना और कुछ बातों को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है। इन स्ट्रेचिंग टिप्स के बारे में पढ़ें और जानें कि ठीक से स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज कैसे करे (stretching exercise kaise kare) और उन्हें अपने स्ट्रेचिंग रूटीन में शामिल कैसे करें।
ठंडी मांसपेशियों के खिंचाव से चोट लग सकती है। यही वजह है कि लोगों को एरोबिक गतिविधियों में अधिक शामिल होने की सलाह दी जाती है, जैसे चलना, टहलना, दौड़ना या तैराकी करना आदि। ये गतिविधियां शरीर को गर्म और लचीला बनाती हैं। गर्म मांसपेशियों में लचीलापन बढ़ता है और खिंचाव के लिए ये अधिक आरामदायक होती हैं।
बेहतर परिणामों के लिए आपको एक रन या जॉग से आने के बाद ही सही तरह से स्ट्रेच करना चाहिए क्योंकि स्ट्रेचिंग के तुरंत बाद मांसपेशियों को बढ़ाने और लचीलेपन में सुधार होता है।
स्ट्रेचिंग करते समय आपको अपनी सांस रोककर नहीं रखनी चाहिए। जब आप अपने शरीर में पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहे हों, तब सांस लेने का एक पैटर्न बना लें और उसी के अनुसार सांस लें।
फ्लेक्सिबल बॉडी पाने और आपकी मांसपेशियों को सिकुड़ने और फैलाने के लिए कम से कम 30 सेकंड के लिए स्ट्रेचिंग ज़रूर बना कर रखनी चाहिए। अगर 30 सेकेंड से ज्यादा स्ट्रेचिंग को बनाकर रख पाते हैं तो यह और भी ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है।
स्ट्रेचिंग करते समय उछलने या फिर शरीर को झटकने से बचें। इससे आपकी मांसपेशियों में खिंचाव हो सकता है। स्थिर गति में की गई स्ट्रेचिंग शरीर को ज्यादा लचीला यानि फ्लेक्सिबल बनाती है।
कोई भी एक्सरसाइज़ एक दिन में अपना असर नहीं दिखाती। रोज़ कम से कम 10 मिनट तक स्ट्रेचिंग करना अपना नियम बना लें। आपके शरीर में अनियमित स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ करने की वजह से दर्द महसूस न हो, इसलिए इसे अपनी आदत में शामिल कर लें।
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इन स्ट्रेच एक्सरसाइज़ के नियमित प्रयास से आप जल्द ही अपनी फ्लेक्सिबिलिटी में सकारात्मक परिणाम पाएंगे। कोशिश करें कि शुरुआत में आप खुद को ज्यादा पुश न करें। धीरे- धीरे अपनी एक्सरसाइज़ को बढ़ाएं। अगर आपकी मांसपेशियों में खिंचाव या मोच आ जाती है तो एक्सरसाइज़ जारी रखने से पहले किसी डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें। उम्मीद है कि हमारा ये आर्टिकल आपको स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ की शुरुआत करने में मदद करेगा।
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