आज की जीवनशैली के कारण हमें हर तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हैं। रोजाना एक जगह बैठकर कंप्यूटर के सामने काम करने, बाहर जंक फूड खाने, देर से सोने और देर से उठने की आदत आपकी सेहत को खराब कर देती है। इन सभी बुरी आदतों का पाचन तंत्र पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है और कब्ज सहित कई अन्य समस्याओं का कारण बनता है। ऐसे में इसबगोल की भूसी बेहद फायदेमंद साबित होती है, क्योंकि यह एक तरह का फाइबर होता है। कमरख फल के फायदे
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इसबगोल (psyllium husk meaning in hindi) एक पौधे का बीज है जिसे प्लांटागो ओवाटा के नाम से जाना जाता है। इसबगोल का पौधा लगभग गेहूं के पौधे जैसा ही होता है। इसबगोल की भूसी का इस्तेमाल कई तरह की दवाओं में भी किया जाता है। वर्तमान जीवन शैली को देखते हुए, पेट के अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए इसबगोल खाने की सलाह दी जाती है। विश्व स्तर पर भारत इसबगोल का सबसे बड़ा उत्पादक है। भारत में प्रमुख रूप से गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में इसबगोल की खेती की जाती है। इसबगोल का पौधा कितना आपकी स्वास्थ्य का कैसे ख्याल रखता है, यह जानने के साथ ही ईसबगोल के फायदे (isabgol benefits in hindi) के बारे में भी जान लेना चाहिए। इसीलिए यहां हम आपको ईसबगोल के फायदे और नुकसान (isabgol ke fayde aur nuksan) के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दे रहे हैं जो आपके बहुत काम आ सकती है। पारिजात फूल के फायदे
ईसबगोल के फायदे – Isabgol Ke Fayde
ईसबगोल में बड़ी मात्रा में फाइबर पाया जाता है। इसबगोल एक तरह से लैक्सेटिव की तरह काम करती है। साथ ही वसा और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बिल्कुल भी नहीं होती है। डॉक्टर और कई आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का मानना है कि ईसबगोल कब्ज में तो बेहद फायदेमंद है ही साथ ही अन्य समस्याओं को भी आपके शरीर से दूर रखता है। आइए एक नजर डालते हैं आपकी सेहत के लिए ईसबगोल के फायदे (isabgol ke fayde) पर।
वजन कम करने में सहायक
आजकल हर तीसरा व्यक्ति मोटापे से ग्रस्त है और मोटापे से निजात पाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। कुछ आयुर्वेदिक तरीके हैं जो वजन कम करना बहुत आसान बनाते हैं। ज्यादातर मामलों में, पेट की दिक्कत से भी वजन बढ़ता है। ऐसे में ईसबगोल लेने से पेट अच्छे से साफ होता है और वजन घटाने में मदद मिलती है।
इसबगोल के फायदे लिवर के लिए
अगर लिवर में कोई दिक्कत होती है तो उससे काफी सारी दिक्कतें हो सकती हैं। इसलिए इसका ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इसबगोल के फायदे लिवर के लिए एक नहीं बल्कि बहुत सारे हैं। यदि किसी को फैटी लिवर की समस्या है या फिर लिवर वाली जगह पर दर्द महसूस हो रहा है तो उस समय पर आप इसबगोल का इस्तेमाल (psyllium husk in hindi) करें तो आपको काफी लाभ होगा।
मधुमेह को करे कंट्रोल
ईसबगोल में जिलेटिन पाया जाता है जो ग्लूकोज के उत्सर्जन और अवशोषण की प्रक्रिया को धीमा कर देता है। जिससे मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। कई शोधों ने पुष्टि की है कि आहार में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ लेने से मधुमेह कम होता है और रक्त शर्करा का स्तर कम होता है, जिससे मधुमेह को नियंत्रित करना आसान हो जाता है।
एसिडिटी से राहत
कभी-कभी कुछ हानिकारक खाने के बाद पेट में एसिडिटी होना एक आम समस्या है। यह समस्या रात के खाने के बाद ज्यादा होती है। एसिडिटी से सिरदर्द होता है। अगर आप लंबे समय से इस समस्या से जूझ रहे हैं तो इसबगोल की भूसी आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकती है।
दिल के लिए फायदेमंद
ईसबगोल की भूसी में कोलेस्ट्रॉल बिल्कुल नहीं होता है और इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है। शोध से पता चला है कि अपने आहार में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ को शामिल करने से आपके हृदय रोग का खतरा कम हो जाता है। ईसबगोल का सेवन (isabgol ke fayde hindi) करने से रक्तचाप को कम करने, लिपिड के स्तर को बढ़ाने और हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है। यही कारण है कि यह हृदय को स्वस्थ रखने के लिए बहुत उपयोगी है।
कब्ज की रामबाण दवा
कई बार तो कब्ज की समस्या इतनी बढ़ जाती है कि आप कुछ भी कर पाने की हालत में नहीं होते। ऐसे में हम कई बार राहत पाने के लिए दवाएं भी खा लेते हैं, जो सेहत को और नुकसान पहुंचा सकती हैं। लेकिन ईसबगोल कब्ज की रामबाण दवा है। ईसबगोल में मौजूद फाइबर की अधिक मात्रा लैक्सेटिव की तरह काम करती है। यह आंतों की मांसपेशियों की गतिशीलता बढ़ाती है और मल को मुलायम बनाती है जिससे मलत्याग करना काफी आसान हो जाता है।
दस्त के इलाज में फायदेमंद
कब्ज दूर करने के साथ ही डायरिया या दस्त को रोकने में भी ईसबगोल (psyllium husk uses in hindi) बहुत कारगर है। अधिकांश डॉक्टर इसबगोल को दस्त के लिए मुख्य उपाय के रूप में लेने की सलाह देते हैं। दस्त होने पर ईसबगोल दही में मिलाकर खाएं। दही के प्रोबायोटिक गुणों के कारण यह संक्रमण को जल्दी ठीक करता है, जबकि इसबगोल दस्त को रोकता है।
ईसबगोल खाने के नुकसान – Side Effects of Isabgol in Hindi
अति तो हर चीज की बुरी होती है। इसीलिए अगर आप ईसबगोल का सेवन (isabgol use in hindi) भी तय मात्रा में नहीं करेंगे तो आपको इसके साइड इफेक्ट्स भी झेलने पड़ सकते हैं। अधिक मात्रा में और गलत तरीके से ईसबगोल खाने से कुछ स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती है। इसीलिए इसबगोल की भूसी खाने (psyllium husk in hindi) में कुछ सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए। तो आइए जानते हैं ईसबगोल के नुकसान के बारे में –
- अगर कोई व्यक्ति एपेंडिसाइटिस या पेट की किसी बड़ी बीमारी से पीड़ित है तो उसे ईसबगोल का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर परामर्श ले लेना चाहिए।
- ईसबगोल एक आयुर्वेंदिक औषधि है इसीलिए गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन डॉक्टर की सलाह लेने के बाद ही करना चाहिए। क्योंकि इससे एलर्जी भी हो सकती है।
- कभी भी इसबगोल के पाउडर को सीधे निगलने की कोशिश ना करें। ऐसा करने से यह गले में अटक सकता है और तेज खांसी या गले में जलन की समस्या हो सकती है। इसीलिए हमेशा ईसबगोल को पानी या दही के साथ मिलाकर खाने की सलाह दी जाती है।
- नवजात शिशु और 3 साल की उम्र तक के बच्चों को ईसबगोल की भूसी नहीं खिलाना चाहिए, ये उन्हें नुकसान कर सकती है।
- इसबगोल का नियमित सेवन करने या फिर अधिक मात्रा में करने से भूख में कमी की समस्या भी हो सकती है।
- अगर आप किसी दवाई का सेवन कर रहे हैं तो उसके तुरंत बाद ईसबगोल न खाएं। क्योंकि ऐसा करने से दवाइयों के असर पर प्रभाव पड़ सकता है।
इसबगोल का सेवन कैसे करें? – How to take Isabgol in Hindi
ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि आप जिस तरह से चाहे और जितना चाहे इसबगोल की भूसी का सेवन कर लें। ईसबगोल खाने की खुराक भी तय होती है। हर उम्र और शारीरिक समस्या को देखते हुए ईसबगोल के सेवन (isabgol uses and benefits in hindi) कैसे करें ये सभी को पता होना चाहिए। तो आइए जानते हैं कि इसबगोल का सेवन कैसे करना चाहिए –
- इसबगोल की भूसी एक से दो चम्मच तक आप नियमित उपयोग कर सकते हैं जब तक कब्ज, गैस और एसिडिटी की परेशानी रहती है। वहीं अगर आपको कोई समस्या नहीं है तो इसका सेवन न करें।
- ईसबगोल का सेवन कभी भी डायरेक्ट फॉर्म में नहीं करना चाहिए यानि कि सीधे न खाएं। इसबगोल की भूसी को दूध, दही या फिर पानी के साथ मिलाकर खाना चाहिए।
- पेट साफ़ करने के लिए रात में एक चम्मच त्रिफला पाउडर और दो चम्मच ईसबगोल भूसी मिलाकर गर्म पानी के साथ इसका सेवन करें।
- दस्त रोकने के लिए ईसबगोल का सेवन अक्सर दही के साथ मिलालकर किया जाता है। एक कटोरी दही में एक से दो चम्मच इसबगोल की भूसी मिलाएं। मिठास के लिए आप इसमें चीनी भी स्वादानुसार मिला सकते हैं।
ईसबगोल खाने से जुड़े सवाल और जवाब – Psyllium Husk in Hindi FAQs
इसबगोल की भूसी कैसे बनती है?
इसबगोल प्लांटागो ओवाटा नामक पौधे का बीज होता है। ये आपको देखने में बिल्कुल गेहूं की बालियों जैसा दिखेगा। इस पौधे की डालियों में जो बीज लगे होते हैं उनके ऊपर सफ़ेद रंग का पदार्थ चिपका रहता है। इसे ही इसबगोल की भूसी (psyllium husk in hindi) कहते हैं।
ईसबगोल की तासीर क्या होती है?
ईसबगोल की तासीर ठंडी होती है, इसीलिए सर्दियों के मौसम में इसे हल्के गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए। तासीर ठंडी होने की वजह से ये पेट की गर्मी को भी मार देता है और राहत पहुंचाता है।
कब्ज में इसबगोल का प्रयोग कैसे करें?
कब्ज में तो इसबगोल रामबाण दवा का काम करती है। इसे लगभग 3 से 5 ग्राम तक रात में गुनगुने जल के साथ सेवन करने से सुबह मल त्यागने में परेशानी नहीं होती है। या फिर आप चाहें तो इसबगोल की भूसी को रात में दूध के साथ भी ले सकते हैं।
क्या प्रेगनेंसी में इसबगोल खाने चाहिए?
प्रेग्नेंसी में अक्सर कब्ज की शिकायत रहती है। लेकिन इसबगोल का प्रेग्नेंसी के दौरान सेवन आपको दिक्कत में डाल सकता है। क्योंकि इसबगोल एक तरह की आयुर्वेदिक औषधि है और गर्भावस्था में इनका सेवन करने से परहेज किया जाता है।
तो दोस्तों, आपने इस लेख में जाना कि इसबगोल के फायदे लिवर के लिए, ईसबगोल कब्ज के लिए कितना फायदेमंद (isabgol khane ke fayde) है और साथ ही ईसबगोल का सेवन कैसे करने चाहिए। इस सभी बातों को जानने पर पता चला कि ईसबगोल के फायदे और नुकसान (isabgol ke fayde aur nuksan) दोनों ही हैं। लेकिन अगर आप सीमित मात्रा में या डॉक्टर द्वारा बताई गयी खुराक के अनुसार इसका सेवन करें तो आप ईसबगोल के फायदे (isabgol use in hindi) का लाभ उठा सकते हैं।
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