वेजाइनल इंफेक्शन (vaginal infection) को खमीर संक्रमण भी कहते हैं। खमीर एक तरह का फंगस होता है जो काफी कम मात्रा में वैजाइना में पाया जाता है। अगर आपकी वैजाइना में खमीर की मात्रा में अत्यधिक वृद्धि हो जाए तो उससे संक्रमण हो सकता है। वैजाइना में खुजली इसके सबसे सामान्य लक्षणों में से एक है। अन्य लक्षणों में मूत्र विसर्जन या यौन क्रिया के समय दर्द और जलन, योनि में सूजन, पेशाब में जलन आदि शामिल हैं। यह संक्रमण कोई बीमारी नहीं है लेकिन यह समस्या उन महिलाओं में अधिक होती है जो सेक्स में अक्सर सक्रिय रहती हैं। किसी भी रूप में एंटीबायोटिक के सेवन से यीस्ट संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है। लेकिन प्रोबायोटिक पूरक लेना या प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थों को खाने से प्राकृतिक आंत वनस्पति को बनाये रखने में मदद मिलती है और यह कैंडिडा जैसे फंगस पर प्रतिबंध लगाता है। एंटीबायोटिक टेट्रासाइक्लिन शरीर में यीस्ट जीवों के विकास के लिए विशेष रूप से जिम्मेदार होता है। अक्सर आपने देखा होगा कि बुखार या फिर किसी और उपचार के दौरान अचानक आपकी वैजाइना लाल हो जाती है और इचिंग होने लगती है। वह इसी कारण होता है। इसके अन्य कारण हैं – गर्भावस्था के दौरान एस्ट्रोजन का स्तर, हॉर्मोन में बदलाव, मधुमेह।
ज्यादातर वैजाइनल इन्फेक्शन का कारण कैंडिडा एल्बीकैंस (candida albicans – एक प्रकार का कवक) है। मुंह, गले या वैजाइना में पाया जाने वाला यह फंगस तेजी से बढ़ते हुए वैजाइना के ऊतकों को नुकसान पहुंचाता है। योनि में यीस्ट इन्फेक्शन होने पर महिलाओं को खुजली, जलन और वैजाइना में दर्द महसूस होने लगता है। हालांकि कई बार महिला जननांग में नम वातावरण के कारण भी इस फंगस को बढ़ने का मौका मिल जाता है। वैसे तो पुरुषों को भी इसका अनुभव हो सकता है लेकिन यह समस्या महिलाओं में ज्यादा आम है। इस संक्रमण से ग्रस्त महिलाओं की वैजाइना पर सफेद रंग के निशान पड़ जाते हैं और वहां से होने वाले डिस्चार्ज से बदबू आती है। वैजाइना में बैक्टीरियल संक्रमण के शुरुआती स्तर पर घरेलू नुस्खों की मदद से इसे ठीक किया जा सकता है लेकिन स्थिति गंभीर होने पर तुरंत चिकित्सक या स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए। किसी भी घरेलू नुस्खे का प्रयोग करने से पहले ये सुनिश्चित कर लें कि आपको फंगल संक्रमण ही हुआ है। अगर आपको वेजाइनल इंफेक्शन (vaginal infection) के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो देरी न करें और फौरन उसका उपचार करें।
घरेलू उपायों की मदद से योनि में इन्फेक्शन को ठीक किया जा सकता है। यहां हम आपको कुछ ऐसे ही नुस्खे शेयर कर रहे हैं, जिसके इस्तेमाल से योनि में दर्द, खुजली, जलन और स्मेली डिस्चार्ज आदि समस्याओं को कम किया जा सकता है।
योनि को सेब साइडर सिरके से धोने से वैजाइनल इन्फेक्शन से होने वाली इचिंग और रेडनेस को कम करने में मदद मिलती है। इसके लिए लगभग एक लीटर पानी में 3 बड़े चम्मच कार्बोनिक सेब साइडर सिरका मिला कर वैजाइना को धोएं। यह आपको किसी भी स्टोर में आसानी से मिल जाएगा।
संक्रमण को रोकने के लिए वैजाइना को क्लीन और हेल्दी रखना बहुत जरूरी होता है। इसलिए उसे साफ रखें और उस पर साबुन न लगाएं। वैजाइना काफी सेंसिटिव होती है इसलिए अपनी वैजाइना की सॉफ्टनेस के अनुसार ही उस पर सॉफ्ट साबुन या स्पेसिफिक एंटी बैक्टीरिया लिक्विड वॉश का इस्तेमाल करें।
किसी भी बीमारी या संक्रमण के बढ़ने की सबसे अहम वजह है तनाव इसलिए तनाव से बचने की कोशिश करें। शरीर को पूरा आराम नहीं मिलता है तो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, जिसके कारण स्वास्थ खराब हो जाता है। इसलिए अपने शरीर को आराम दें, रोजाना कम से कम 7-8 घंटे की नींद जरूर लें।
तनावपूर्ण जीवन शैली कैंडिडा के अधिक विकसित होने का कारण बनती है क्योंकि इस समय आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। ध्यान, मालिश, योग और नियमित एक्सरसाइज से इसे कम किया जा सकता है।
ढीले-ढाले कपड़े और अंडरवियर पहनने से ऑक्सीजन मिलती रहती है, जिससे फंगस का विकास रुकता है।
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