हल्दी को मसालों की रानी कहा जाता है क्योंकि गिने- चुने भारतीय व्यंजन ही इसके बिना बनते हैं। हल्दी को अपने देश में अनेक नाम से जाना जाता है। इसे हिंदी में हल्दी, तेलुगू में पसुपु, तमिल और मलयालम में मंजिल आैर कन्नड़ में अरिसिना कहा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम कर्कुमा लॉन्ग है। भारत के अलावा, कई दक्षिण पूर्व एशियाई राज्यों में इसकी पैदावार होती है।
अल्ज़ाइमर रोग से सुरक्षा – Preventing Alzheimer Disease
डायबिटीज़ में फायदेमंद – Beneficial In Diabetes
हल्दी भी कर सकती है नुकसान – Side Effects Of Turmeric
इसे भी पढ़ें – त्वचा को निखारने के लिए बेहद असरदार हैं ये 20 आयुर्वेदिक उपाय
कैंसर से बचाव – Prevents Cancer
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन शरीर में कैंसर के विकास को रोकता है। करक्यूमिन कैंसर से लड़ता है और कीमोथेरेपी के प्रभाव को भी बढ़ाने में मदद करता है। यदि इसे काली मिर्च के साथ मिला दिया जाए तो इसका प्रभाव और भी बढ़ जाता है। कई शोध बताते हैं कि हल्दी में निहित सक्रिय घटक ट्यूमर के खिलाफ रक्षा प्रदान करने वाले आहारों में से एक है।
गठिया में लाभदायक – Beneficial In Arthritis
हल्दी के एंटी- इंफ्लेमेट्री गुण ऑस्टियो आर्थराइटिस आैर रह्यूमेटॉयड आर्थराइटिस के इलाज में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसमें निहित एंटी- ऑक्सिडेंट शरीर के उन मुक्त कणों भी नष्ट कर देता है, जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। इस स्थिति से पीड़ित व्यक्ति को किसी भी तरह के हल्के दर्द आैर सूजन से राहत पाने के लिए इस मसाले का उपयोग रोजाना करना चाहिए। हालांकि, यह भी समझ लेना चाहिए कि हल्दी किसी भी तरह से दवा का विकल्प नहीं हो सकता।
हृदय के लिए बेहतरीन – Good For Heart
कोलेस्ट्रॉल का स्तर सही बनाए रखने से हृदय संबंधी कई रोगों को रोका जा सकता है। हल्दी में निहित करक्यूमिन और विटामिन बी 6 कार्डियोवास्कुलर स्वास्थ्य को सही रखता है। विटामिन बी6 होमोसिस्टीन को पैदा होने से रोकता है। यह होमोसिस्टीन सेल कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती हैं। यह हृदय रोग का कारण है।
इसे भी पढ़ें – #DeepVeerkiShaadi: देखिए दीपिका- रणवीर की हल्दी और चूड़ा सेरेमनी की तस्वीरें
लीवर का संरक्षण
हल्दी जरूरी एंजाइम्स के निर्माण को बढ़ाती है, जो टॉक्सिन्स को कम करके हमारे लीवर में खून को डीटॉक्सिफाई करती है। ब्लड सर्कुलेशन को भी सुधार कर हल्दी लीवर को स्वस्थ रखने में मदद करती है।
अल्ज़ाइमर रोग से सुरक्षा – Preventing Alzheimer Disease
हल्दी में टरमैरोन भी होता है, जो यौगिक मस्तिष्क की कोशिकाओं को मरम्मत करने में मदद करता है। यह स्ट्रोक और अल्ज़ाइमर जैसे रोग को भी रोकने में मददगार है। करक्यूमिन भी अल्ज़ाइमर रोग में स्मरण की शक्ति को सुधारने में मददगार है। हल्दी मस्तिष्क में प्लाक के गठन को हटाने और ऑक्सीजन के प्रवाह को सुधारने में मदद करता है। इससे अल्ज़ाइमर रोग की गति धीमी हो जाती है।
इसे भी पढ़ें – फैशन : शादी व दूसरी रस्मों के लिए बेस्ट रहेंगी ये 41 वेडिंग ड्रेसेज़
डायबिटीज़ में फायदेमंद – Beneficial In Diabetes
हल्दी में निहित एंटी- इंफ्लेमेट्री और एंटी- ऑक्सिडेंट गुण प्री- डायबिटीज़ वाले लोगों में टाइप 2 डायबिटीज़ के आने में देरी कर सकते हैं। यह इंसुलिन स्तर को बनाए रखने में मदद करता है और डायबिटीज़ के इलाज वाली दवाओं के प्रभाव को बढ़ाता है। हालांकि, जरूरी है कि आप दवाइयों के साथ इसे लेने से पहले किसी चिकित्सक से परामर्श कर लें।
पाचन को रखे दुरुस्त – Improves Digestive System
पाचन की समस्या होने पर जब हल्दी का सेवन कच्चे तौर पर किया जाता है तो इससे पाचन तंत्र सुधरता है। हल्दी के प्रमुख घटक पित्त का उत्पादन करने के लिए पित्ताशय की थैली को उत्तेजित करते हैं, तुरंत पाचन तंत्र को सही करते हैं। इसे सूजन और गैस के लक्षणों को भी कम करने के लिए जाना जाता है।
इसे भी पढ़ें – इन ब्यूटी टिप्स के साथ लगाएं अपनी खूबसूरती में चार- चांद
चोट- घाव को करे ठीक – Heals Injury
सालों पहले जब कहीं चोट लग जाती थी तो हमारी दादी- नानी हमें हल्दी का लेप लगाने की सलाह दिया करती थीं। ऐसा इसलिए क्योंकि हल्दी एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक आैर एंटी- बैक्टीरियल गुणों वाला मसाला होता है, जो इसे बेहतरीन और प्रभावी डिसइंफेक्टेंट बनाता है। पिसी हुई हल्दी को चोट वाली जगह पर छिड़क दें, चोट जल्दी ठीक हो जाती है।
इम्यूनिटी बूस्टर – Immunity Booster
हल्दी में लिपोपॉलीसैकराइड होता है, जो एंटी- बैक्टीरियल, एंटी- वायरल और एंटी- फंगल एजेंट होने की वजह से हम इंसानों के इम्यून सिस्टम को प्रोत्साहित करता है। रोजाना एक गिलास दूध में एक छोटा चम्मच हल्दी पाउडर मिला कर पिएं, आप पाएंगे कि इससे आपको फ्लू लगने का खतरा कम हो गया है।
हल्दी- दूध के फायदे – Benefits Of Turmeric Milk
इसे भी पढ़ें – घर पर कैसे करें फेशियल, जानें फेशियल से जुड़े सभी सवाल- जवाब
शरीर के बाहरी या अंदरुनी हिस्से में चोट लगने पर हल्दी वाला दूध लाभदायक रहता है। शरीर में दर्द हो तो भी हल्दी वाला दूध रात में सोने से पहले पी लें। सर्दी या जुकाम होने की स्थिति में भी एक गिलास गरम दूध में एक छोटा चम्मच हल्दी मिला कर पीने से फेफड़ों में जमा कफ निकल जाता है आैर व्यक्ति को राहत मिलती है। सांस की तकलीफ वाला व्यक्ति यदि रोजाना हल्दी वाला दूध पिएं तो उसके शरीर में गर्मी का संचार होगा आैर उसे आराम मिलेगा।
पानी के साथ हल्दी – Turmeric With Water
सुबह उठने के तुरंत बाद हल्दी वाला गुनगुना पानी पीने से पेट और छाती की जलन कम होती है। जिन्हें सुबह उठते के साथ ही पेट में जलन होती है, उन्हें हल्दी पानी पीने से आराम मिलेगा। जिन्हें एसिडिटी की समस्या रोजाना रहती है, उन लोगों को यह पानी रोजाना पीना चाहिए।
कैसे करें हल्दी का इस्तेमाल – How To Use Turmeric
भारतीय रसोई के लगभग हर व्यंजन में हल्दी का प्रयोग किया जाता है। चूंकि इसके अनगिनत गुण हैं तो इसे कई डिशेज में डाला जाना चाहिए। यह हमारे स्वास्थ्य को सुचारु रखता है। किसी भी सब्जी में हल्दी को उसकी जरूरत के अनुसार डालें। रोजाना एंटीसेप्टिक और एंटी- बैक्टीरिया का यह डोज सबको मिलना चाहिए। चाहें तो करी, स्मूदी, गरम दूध, सलाद, स्टर फ्राइड डिश, यानी कि अपनी मर्जी से हर व्यंजन में हल्दी को डाला जा सकता है।
इसे भी पढ़ें – ये ब्राइडल मेकअप टिप्स आपकी शादी के लुक को बना देंगे और भी खास
जब भी घर में अपने लिए सूप बनाएं, उसमें एक चम्मच हल्दी पाउडर डाल लें। चाहें तो पानी में हल्दी पाउडर के साथ शहद, नींबू और काली मिर्च मिलाकर ड्रिंक बनाकर पिएं। यह काफी फायदेमंद है। देखा जाए तो हल्दी के सप्लीमेंट भी मौजूद हैं लेकिन कच्ची हल्दी सबसे बढ़िया ऑप्शन है।
कैसे रखें हल्दी को – How To Store Turmeric
ताजी और बिना छीली हल्दी को प्लास्टिक और एयर टाइट बैग में रखकर फ्रिज में रखना चाहिए। इस तरह से यह दो- तीन सप्ताह तक ताजी रहेगी। आप चाहें तो इसे काट कर अच्छी तरह से पैक करके फ्रिज में रख सकते हैं। इस तरह से यह लगभग दो महीने तक रह जाएगी, बस ध्यान यह रखना है कि डिब्बा सही तरीके से बंद हो और सूखे नहीं। यदि आप हल्दी पाउडर खरीद रहे हैं तो ध्यान रखें कि यह ऑर्गेनिक हो और इसे एयर टाइट कंटेनर में अच्छी तरह से बंद करके ही रखें।
ये भी पढ़ें : खुबानी के स्वास्थ्य लाभ (Health Benefits of Apricot)