कई बार ऐसी स्थितियां आती हैं, जब दोस्तों या फिर परिवार के सदस्यों का सपोर्ट होना काफी नहीं होता है। आपको जीवन में अपने आप ही कई फैसले लेने होते हैं, या फिर कई सारे उतार-चढ़ाव देखने होते हैं। ऐसी बहुत सी परिस्थितियां आपके सामने आती हैं, जिनमें आपके साथ कोई नहीं होता है। ऐसे में आपको महसूस होने लगता है कि आपकी जॉब, पैशन, जिंदगी किसी भी चीज में आपको खुशी नहीं मिल पा रही है। ऐसे में आपकी खुशी के लिए बाहरी तत्व जिम्मेदार नहीं होते हैं।
अगर आप अंदर से खुश नहीं हैं तो कोई भी बाहरी इंसान आपको अच्छा महसूस नहीं करवा सकता है। ऐसे वक्त में आपको खुद को दोस्त बनाना पड़ता है और खुद का बेस्ट फ्रेंड (Be your own Best Friend) और सपोर्ट सिस्टम बनना होता है। इस वजह से आज हम अपने इस लेख में आपको कुछ ऐसी टिप्स बताने वाले हैं, जिनकी मदद से आप खुद को अपना बेस्ट फ्रेंड (Love Yourself) बना सकते हैं।
इन 5 तरीकों से बनाएं खुद को अपना बेस्ट फ्रेंड – 5 Tips to Love Yourself in Hindi
खुद की सराहना करें
कई बार ऐसा होता है कि आप जिंदगी की रेस जीतने के लिए खुद का ध्यान नहीं रखते हैं और खुद के साथ सही तरीके से पेश नहीं आते हैं। ऐसे में खुद की सराहना करना बहुत अधिक आवश्यक है। इस वजह जरूरी है कि आप अपने जीवन की छोटी-छोटी उपलब्धी पर जश्न मनाएं या फिर खुद की सराहना करें और खुद के साथ समय बिताएं।
दयालु रहें
खुद के साथ सहानुभूति रखना बहुत ही जरूरी है। यह वैसा ही है जैसा आपके बेस्ट फ्रेंड आपके साथ होने पर करते। आप जैसे हैं वैसे ही खुद को स्वीकार करें और दुनिया की नजरों से नहीं बल्कि खुद की नजरों से खुद को देखें। खुद को अंदर से संतुष्ट रखें और लोगों की सोच के अनुसार खुद को बदलने की कोशिश ना करें।
खुद को बहुत ज्यादा सीरियसली ना लें
अजीब-गरीब चीजों में मजा ढूंढने की कोशिश करें। खुद पर हंसना सीखें और खुद को बहुत ज्यादा सीरियसली लेना छोड़ दें। खुद के साथ मजा करना, घूमना सीखें और खुद के साथ हंसते हुए समय बिताना सीखें।
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खुद की कंपनी में आराम ढूंढे
खुद के साथ एन्जॉय करना सीखें और खुद की कंपनी के साथ जीना सीखें। स्वतंत्र होने का मतलब केवल फ़ाइनेंशियल स्वतंत्र होने से नहीं है, इसका मतलब है कि आप खुद के साथ एकांत में रहना सीखें। खुद के साथ एक बॉन्ड बनाएं। साथ ही अकेले होने और अकेलापन महसूस करने के बीच के अंतर को समझें।
स्वीकारें
अपनी गलतियों को स्वीकार करना सीखें। साथ ही अपनी कमजोरी और ताकतोतं को समझें और उसे स्वीकार करें। आपको खुद से नाराज होने या फिर खुद के साथ हार्श होने की जरूरत नहीं है बल्कि खुद को समझने और स्वीकार करने की जरूरत है।