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विटामिन डी कैसे बढ़ाएं और विटामिन डी की कमी से कौन सा रोग होता है | Vitamin D Kaise Badhaye

Supriya Srivastava  |  Nov 21, 2019
विटामिन डी कैसे बढ़ाएं

कई ऐसी बीमारियां हैं जिन्हें हम अनजाने में ही खुद को न्यौता दे देते हैं और इसका कारण है अनियमित खान-पान और असंतुलित आहार। बदलते परिवेश के कारण हम अपने भोजन में आवश्यक पोषक तत्वों को महत्व देकर पेट भरने की प्रक्रिया के साथ न्याय नहीं कर पाते और परिणामस्वरूप हमारे शरीर में कई पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। इससे कई तरह की बीमारियां हमारे शरीर को घेर लेती हैं। इन्हीं पोषक तत्वों में से एक है विटामिन डी (Vitamin C Serum Benefits in Hindi), जिससे भरपूर शरीर हर तरह के संक्रमण से लड़ सकता है। विटामिन डी सिर्फ हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए ही नहीं बल्कि शरीर को कई बीमारियों से दूर रखने के लिए भी जरूरी होता है।

हमारी त्वचा जब सूर्य के प्रकाश, यानी धूप के संपर्क में आती है तो शरीर में विटामिन डी बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। विटामिन डी की मदद से शरीर में कैल्शियम की कमी नहीं रहती। कैल्शियम हड्डियों की मजबूती के लिए बेहद आवश्यक होता है। कैल्शियम की कमी से हड्डियां कमजोर होती हैं और टूट भी सकती हैं। विटामिन डी को अच्छे स्वास्थ्य के लिए बेहद ज़रूरी माना जाता है। यह न केवल हड्डियों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि लंबे समय से चली आ रही कई स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने और उनका इलाज करने में भी कारगर साबित हो सकता है। यहां हम आपको विटामिन डी के फायदे (vitamin d ke fayde)के साथ-साथ , विटामिन डी कैसे बढ़ाएं (vitamin d kaise badhaye), विटामिन डी की कमी के लक्षण (vitamin d ki kami ke lakshan) क्या होते हैं और विटामिन डी 3 साइड इफेक्ट क्या है ? इन सभी के बारे में आपको विस्तारपूवर्क जानकारी दे रहे हैं, ताकि आप विटामिन डी की कमी से होने वाली बीमारियों से अपना बचाव कर सकें।

Vitamin D Lena Kyo Jaruri Hai | विटामिन डी लेना क्यों जरूरी है

अगर आप सोच रहे हैं कि अन्य विटामिन्स (जानिए विटामिन सी क्या है) की तुलना में विटामिन डी में क्या खास है तो हम आपको बता दें कि जब आपके शरीर को विटामिन डी मिलता है तो यह विटामिन डी को एक हार्मोन में बदल देता है। इस हार्मोन को कभी-कभी “सक्रिय विटामिन डी” या “कैल्सीट्रियॉल” भी कहा जाता है।

मजबूत हड्डियों के लिए विटामिन डी के फायदे (vitamin d ke fayde) बहुत जरूरी है। कैल्शियम और फास्फोरस आपकी हड्डियों की संरचना और ताकत को विकसित करने के लिए आवश्यक हैं। यहां तक ​​कि अगर पर्याप्त विटामिन डी के बिना कैल्शियम और फास्फोरस वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं तो आप उन्हें अपने शरीर में एब्सॉर्ब नहीं कर सकते। विटामिन डी सामान्य अच्छे स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। विटामिन डी बाकी विटामिन्स की तरह नहीं काम करता। जब आप अपनी त्वचा पर सूरज की रोशनी पड़ने देते हैं तो आपका शरीर खुद विटामिन डी बना सकता है, लेकिन आपका शरीर अन्य विटामिन्स नहीं बना सकता है। 

विटामिन डी हड्डियों के अच्छे स्वास्थ्य के अलावा भी शरीर के लिए कई अन्य कारणों से महत्वपूर्ण है, जैसे- इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाना, जिससे हमारा शरीर संक्रमण से लड़ने के लिए तैयार रहता है। विटामिन डी से हमारी मसल्स अच्छी तरह से फंक्शन करती हैं। हमारी श्वसन प्रणाली व स्वस्थ फेफड़ों के लिए भी विटामिन डी ज़रूरी है। इसके अलावा मस्तिष्क वृद्धि में भी विटामिन डी एक अहम भूमिका निभाता है। रोज़ाना विटामिन डी लेने से कैंसर जैसी घातक बीमारी होने की आशंका भी कम रहती है।

Important Source Of Vitamin D in Hindi | विटामिन डी के महत्वपूर्ण स्त्रोत

हमारे शरीर को मुख्य रूप से सूर्य के प्रकाश से विटामिन डी (vitamin d ke fayde) मिलता है। हालांकि कुछ खाद्य पदार्थों में भी विटामिन डी सीमित मात्रा में भी पाया जाता है। कुछ खाद्य पदार्थों में स्वाभाविक रूप से विटामिन डी होता है, हालांकि कुछ खाद्य पदार्थ विटामिन से समृद्ध होते हैं। ज्यादातर लोगों के लिए, पर्याप्त विटामिन डी प्राप्त करने का सबसे अच्छा तरीका धूप सेंकना होता है क्योंकि भोजन के माध्यम से पर्याप्त मात्रा में खाना मुश्किल होता है। लेकिन हम यहां आपको उसके साथ कुछ ऐसे फूड्स के बारे में भी बता रहे हैं, जिनसे आप विटामिन डी की दैनिक खुराक (vitamin d kaise badhaye) पूरी कर सकते हैं –

अंडे की जर्दी

विटामिन डी के मुख्य स्त्रोत में से एक है अंडे की जर्दी, यानी अंडे का पीला वाला भाग। अंडे की जर्दी में कई सारे पोषक तत्व होते हैं। इसमें मौजूद विटामिन डी न सिर्फ हड्डियों को मजबूत बनाता है, बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है। रोज़ एक अंडा खाने से शरीर स्वस्थ रहता है व कई बीमारियों से भी बचाव होता है। अंडे की जर्दी में विटामिन डी के अलावा विटामिन ए, बी-6, बी-12 और जिंक भी होता है। साथ ही इसमें मौजूद फैट शरीर को एनर्जी भी प्रदान करता है। 

दूध

अगर आप भी उन लोगों में से हैं, जो दूध पीने में आना-कानी करते हैं तो जल्द ही इस आदत को सुधार लीजिए। दूध विटामिन डी के बेहतरीन स्त्रोत में से एक है। दिन भर में शरीर के लिए जितना विटामिन डी ज़रूरी होता है, उसका 20 प्रतिशत हिस्सा दूध से पूरा हो जाता है। वैसे तो गाय के दूध को सबसे बेहतर माना जाता है, लेकिन भैंस के दूध में गाय के दूध की तुलना में 12 प्रतिशत कैल्शियम, 37 प्रतिशत आयरन और 118 प्रतिशत अधिक फॉस्फोरस होता है। ये सभी तत्व हड्डियों को मजबूत करते हैं, जिससे शरीर स्वस्थ बना रहता है।

मछली

अगर आप मछली खाने के शौकीन हैं तो सॉल्‍मन और टुना फिश खाने से भी विटामिन डी की कमी को पूरा कर सकते हैं। हालांकि काफी लोग मछली खाना एवॉयड भी करते हैं। ऐसे में सूरज की रोशनी तथा विटामिन डी वाले अन्य खाद्य पदार्थ आदि से भी विटामिन डी की कमी से होने वाली बीमारियों को दूर किया जा सकता है।

सूरज की रोशनी

आहार में विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा ले पाना कई बार संभव नहीं होता है। ऐसे में सूरज की रोशनी, यानी धूप से सीधा सम्पर्क ही हमारे शरीर में विटामिन डी उत्पन्न करने का एकमात्र विश्वसनीय तरीका है। रोज़ाना 10-15 मिनट धूप ज़रूर सेंकें। खासतौर पर सर्दियों के दौरान इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करना न भूलें। 

मक्खन

मक्खन, यानी बटर भी विटामिन डी का एक मुख्य स्त्रोत है। अपने आहार में मक्खन की सीमित मात्रा को शामिल करके विटामिन डी की पूर्ति की जा सकती है।  मक्खन में वसा पाया जाता है, जो एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन डी के गुणों से भरपूर होता है। 

Vitamin D ki Kami ke Karan | विटामिन डी की कमी के कारण

अगर शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी नहीं मिलता है तो इसे विटामिन डी की कमी कहा जाता है, जिसके चलते कभी-कभी बच्चों में रिकेट्स नामक रोग और वयस्कों में ऑस्टियोमलेशिया नामक रोग पैदा हो सकता है। इसके अलावा हड्डी के पतला और कमजोर होने को ऑस्टियोपोरोसिस कहते हैं। शरीर में विटामिन डी की कमी के कई कारण (vitamin d ki kami ke karan) हो सकते हैं। इनमें से कुछ हम आपको यहां बता रहे हैं –

एसी के संपर्क में अधिक रहना

आजकल की लाइफस्टाइल में हम घर से निकलकर वातानुकूलित गाड़ी में बैठते हैं और फिर सीधा एसी वाले स्कूल, कॉलेज या ऑफिस पहुंच जाते हैं। ऐसे में त्वचा का धूप से संपर्क न के बराबर ही रहता है। इस तरह की लाइफस्टाइल जी रहे कई लोगों में विटामिन डी की कमी पाई जाती है।

इम्यून सिस्टम कमज़ोर होना

जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमज़ोर होता है, उन्हें विटामिन डी की कमी के रिस्क ज्यादा होते हैं। इसके अलावा, जो लोग अपने घर में ज्यादा रहते हैं, बाहर नहीं निकलते, दूध, अंडे आदि डेयरी पदार्थों का सेवन नहीं करते, उनमें विटामिन डी की कमी अक्सर पाई जाती है। इस लिस्ट में वृद्ध, अधिक वजन वाले लोग और मेनोपॉज़ से गुज़र चुकी महिलाएं शामिल हैं।

सूरज की रोशनी के संपर्क में न होना

वैसे तो सूरज की रोशनी हर किसी को बराबर लाभ देती है, लेकिन ऐसी जगह पर रहने वाले लोग, जहां साल भर धूप की रोशनी बहुत कम आती है, वे भी विटामिन डी की कमी से ग्रस्त रहते हैं।

सनस्क्रीन का अत्यधिक इस्तेमाल

हमें सनबर्न न हो जाए या फिर हमारी त्वचा धूप से बदरंग न जाए, इस वजह से कई लोग घर से सनस्क्रीन लगाए बिना बिल्कुल नहीं निकलते। सनस्क्रीन सूरज से निकलने वाली अल्ट्रा वायलट किरणों को त्वचा के संपर्क में आने से रोकता है, जबकि ये किरणें शरीर मे विटामिन डी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ऐसे में विटामिन डी की कमी होने का रिस्क बना रहता है। 

Symptoms Of Vitamin D Deficiency in Hindi | विटामिन डी की कमी के लक्षण 

हमारे शरीर में विटामिन डी की कमी है या नहीं, इसका पता लगाने के लिए सामान्य तौर पर डॉक्टर्स विटामिन डी का टेस्ट कराते हैं। हम आपको यहां कुछ ऐसे लक्षणों (vitamin d ki kami ke lakshan) के बारे में बता रहे हैं, जो बिना डॉक्टर के पास जाए आपके लिए विटामिन डी 3 की कमी के लक्षणों का संकेत बन सकते हैं। ऐसे लक्षणों का अंदाज़ा लगते ही आप इस कमी को दूर करने के उपाय अपना सकते हैं या फिर सीधा किसी डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। 

Vitamin D ki Kami se Hone wala Rog | विटामिन डी की कमी से कौन सा रोग होता है

विटामिन डी की कमी से कौन सा रोग होता है इस बारे में एक्सपर्ट की अलग-अलग राय है। लेकिन आमतौर पर विटामिन डी की कमी से हड्डियों के घनत्व में कमी हो सकती है, जो ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर जैसी समस्याओं को बुलावा देती है। 

गंभीर विटामिन डी की कमी से अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं। बच्चों में, यह रिकेट्स का कारण (vitamin d ki kami ke lakshan) बन सकता है। रिकेट्स एक दुर्लभ बीमारी है जिसके कारण हड्डियां मुलायम और मुड़ जाती हैं। अफ्रीकी अमेरिकी शिशुओं और बच्चों को रिकेट्स होने का अधिक खतरा होता है। वयस्कों में, गंभीर विटामिन डी की कमी से ऑस्टियोमलेशिया हो जाता है। ऑस्टियोमलेशिया कमजोर हड्डियों, हड्डियों में दर्द और मांसपेशियों की कमजोरी का कारण बनता है।

शोधकर्ता मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कैंसर और मल्टीपल स्केलेरोसिस जैसी ऑटोइम्यून स्थितियों सहित कई चिकित्सीय स्थितियों के संभावित कनेक्शन के लिए विटामिन डी का अध्ययन कर रहे हैं। इन स्थितियों पर विटामिन डी के प्रभावों को समझने से पहले उन्हें और अधिक शोध करने की आवश्यकता है।(सोर्स)

Vitamin D wale Fruits | विटामिन डी वाले फल 

क्या सेब में विटामिन डी होता है? क्या संतरे में विटामिन डी होता है? अंगूर और विटामिन डी के बारे में क्या? जब फल और विटामिन डी की बात आती है, तो आप के जहन में इस तरह के सवाल जरूर आते हैं। अगर आप विटामिन डी कैसे बढ़ाएं (vitamin d kaise badhaye) ये सोच रहे हैं तो आपको फलों से परे देखने की आवश्यकता होगी। जी हां कोई ऐसा कोई भी फल नहीं है जिसमें विटामिन डी की मात्रा सब्जियों से अधिक पाई जाती हो। यहां हम इस बात को एक सोर्स के चलते पुख्ता करना चाहते थे कि फलों में विटामिन डी नहीं पाया जाता है। हालांकि, अपना विटामिन डी प्राप्त करने के चार तरीके हैं। हालाँकि प्रचलित ज्ञान कहता है कि पहले भोजन से अपने पोषक तत्व प्राप्त करें, फिर पूरक आहार जोड़ें, विटामिन डी के मामले में, अकेले भोजन से ज्यादा लाभ प्राप्त करना वास्तव में कठिन है। क्योंकि विटामिन डी के धूप से बढ़िया कोई सोर्स नहीं है।

Vitamin D wale Dry Fruits | विटामिन डी ड्राई फ्रूट्स नाम

फूड के कई शाकाहारी और मांसाहारी स्रोत विटामिन डी से भरपूर होते हैं। अगर आप शाकाहारी हैं, तो आप अपने आहार में विटामिन-डी से भरपूर अनाज, पनीर, दही, सोया दूध, पालक और मशरूम शामिल कर सकते हैं। मांसाहारी लोग विटामिन-डी वसायुक्त मछली, कच्चा मांस और अंडे खाकर अपने शरीर में विटामिन डी के स्तर को बढ़ा (vitamin d kaise badhaye) सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके पसंदीदा ड्राई फ्रूट्स विटामिन डी का एक बड़ा स्रोत हैं। तो आइए जानते हैं विटामिन डी वाले ड्राई फ्रूट्स के नाम –

बादाम

बादाम का दूध विटामिन डी का एक समृद्ध स्रोत है। औसतन 100 ग्राम फोर्टिफाइड बादाम का दूध विटामिन डी के DV का 9% प्रदान करता है। बादाम के सेवन से शरीर स्वस्थ्य रहता है और हेल्दी स्किन को बढ़ावा मिलता है। यही नहीं डेयरी दूध के स्वस्थ विकल्प के रूप में बादाम का दूध अधिक से अधिक लोकप्रिय हो गया है। यह दिल और त्वचा के स्वास्थ्य में भी सुधार कर सकता है।

अंजीर

जीर को जन्नत का फल कहा जाता है। यह कैल्शियम, फास्फोरस, फॉस्फोरिक एसिड और प्रोटीन का एक प्राकृतिक स्रोत है। अंजीर अक्सर सूखे पाए जाते हैं, चाहे वे सूखे हों या भिगोए हुए; उन दोनों के संभावित स्वास्थ्य लाभ हैं। अंजीर विटामिन डी, सी, ए और बी का एक अद्भुत स्रोत है, जो स्वस्थ हड्डियों और त्वचा के लिए आवश्यक हैं। अंजीर में कैल्शियम, विटामिन डी और फास्फोरस सभी मौजूद होते हैं और हड्डियों के स्वास्थ्य में मदद करते हैं। 

अखरोट

अखरोट फाइबर, विटामिन (Vitamins), कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates), प्रोटीन और आयरन (Iron) से भरपूर होता है। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिन डी भी अधिक पाया जाता है। इसलिए इसे खाने से जोड़ों के दर्द में भी फायदा मिलता है। उम्र बढ़ने पर हड्डियां कमजोर पड़ने लगती हैं ऐसे में अखरोट के सेवन से उन्हें मजबूती मिलती है और उनके टूटने का खतरा कम होता है।

मूंगफली

देश के कई हिस्सों में मूंगफली को बादाम के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इसमें बादाम के ज्यादातर गुण होते हैं। मूंगफली, विटामिन-डी का भी बेहतर स्रोत मानी जाती है, जिसे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने के लिए आवश्यक माना जाता है। विटामिन-डी वाली चीजों का सेवन करना कैल्शियम के भंडारण में सहायक है।

काजू

काजू साबुत खाने से अच्छा है कि आप काजू मिल्क इस्तेमाल करें। क्योंकि विटामिन डी युक्त काजू बहुत ही हेल्दी और लो कैलोरी वाला होता है जो आपके सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। विटामिन डी, फॉस्फोरस कैल्शियम को काजू अच्छी तरह से अब्जॉर्ब करने का काम करता है जिससे हड्डियां मजबूत और हेल्दी बनी रहती है।

Side Effects of Excess of Vitamin D in Body in Hindi | विटामिन डी की अधिक मात्रा साइड इफेक्ट

कोई भी चीज अगर आवश्यकता से अधिक हो जाती है तो नुकसान ही करती है। जिस तरह से शरीर में विटामिन डी की कमी के कारण कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है, उसी तरह इसकी अधिकता भी कई बीमारियों को न्योता देती है। आइए जानते हैं विटामिन डी की अधिक मात्रा साइड इफेक्ट के बारे में –

FAQ’s

शरीर में सामान्य तौर पर कितना विटामिन डी ज़रूरी होता है?

आमतौर पर हर इंसान को रोज़ाना 10 से 15 माइक्रोग्राम विटामिन डी की ज़रूरत बताई गई है। इसे सूरज की रोशनी यानी धूप से भी हासिल किया जा सकता है, लेकिन किसी के शरीर में अगर विटामिन डी की भारी कमी है तो वह डॉक्टर द्वारा सुझाए गए विटामिन डी के वैकल्पिक रूपों का भी सहारा ले सकता है। 

क्या विटामिन डी की कमी से मसल्स में दर्द भी बना रहता है?

जी हां, विटामिन डी की कमी से मसल्स में दर्द, खिंचाव और कमज़ोरी की समस्या (vitamin d ki kami ke lakshan) आम है। इससे निजात पाने के लिए धूप की पर्याप्त सिंकाई करें। दर्द फिर भी कम न हो तो किसी डॉक्टर से संपर्क करें।  

विटामिन डी में कौन कौन से फल फ्रूट आते हैं?

विटामिन डी (vitamin d kaise badhaye) आमतौर पर संतरा, पपीता, केला जैसे फलों में दूसरे फलों की तुलाना में ज्यादा पाया जाता है।

महिलाओं में विटामिन डी की कमी से क्या होता है?

एक्सपर्ट्स का मानना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में विटामिन डी की कमी हो जाती है। विटामिन डी की कमी से महिलाओं में हार्ट फेलियर,हार्ट अटैक,स्ट्रोक,मधुमेह तथा हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी होने की संभावना अधिक होती है।

हमारे शरीर में हड्डियों और मसल्स को मजबूत बनाने के लिए विटामिन डी के फायदे के बारे में आप ऊपर तो पढ़ चुके हैं। इसी के साथ विटामिन डी की कमी से कौन सा रोग होता है, विटामिन डी 3 की कमी के लक्षणों के बारे में भी जाना है। अगर आप भी विटामिन डी कैसे बढ़ाएं, विटामिन के नाम जानना चाहते हैं तो आपको इस आर्टिकल से जरूर हेल्प मिली होगी। क्योंकि यहां हमने आपको vitamin d kaise badhaye, विटामिन डी की अधिक मात्रा साइड इफेक्ट, vitamin d ki kami ke lakshan से लेकर विटामिन डी से संबधित हर छोटी सी छोटी जानकारी बताने की कोशिश की है।  

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