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Nag Panchami ki Katha – जानिए क्यों और कैसे मनाया जाता है नागपंचमी का त्योहार

Archana Chaturvedi  |  Jul 24, 2019
Nag Panchami ki Katha – जानिए क्यों और कैसे मनाया जाता है नागपंचमी का त्योहार

श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को पूरे उत्तर भारत में नागपंचमी का त्योहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन नाग को देवता मान कर उनकी पूजा की जाती है। भगवान शिव को भी सर्प अत्‍यंत प्रिय हैं, इसलिए यह त्‍योहार उनके प्रिय मास सावन में मनाया जाता है। मान्यता है कि नागों की पूजा करने से अन्‍न- धन के भंडार भरे रहते हैं और परिवार में किसी को भी नागदंश का भय नहीं रहता है। भारत के अलग- अलग प्रांतों में इसे अलग- अलग ढंग से मनाया जाता है। भारत के दक्षिण महाराष्ट्र और बंगाल में इसे विशेष रूप से मनाया जाता है। पश्चिम बंगाल, असम और उड़ीसा के कुछ भागों में इस दिन नागों की देवी मां मनसा कि आराधना की जाती है। केरल के मंदिरों में भी इस दिन शेषनाग की विशेष पूजा की जाती है। 

Nagpanchami Kyon Manate Hai – नागपंचमी का त्योहार क्यों मनाया जाता है

नागपंचमी नागों और सर्पों की पूजा का पर्व है। हिंदू धर्मग्रन्थों में नाग को देवता माना गया है, इसके पीछे कई मान्यताएं हैं, जैसे कि शेषनाग के फन पर यह पृथ्वी टिकी है। भगवान विष्णु क्षीरसागर में शेषनाग की शैय्या पर सोते हैं। भोलेनाथ के गले में सर्पों का हार है और भगवान श्री कृष्ण के जन्म पर नाग की सहायता से ही वासुदेव जी ने यमुना नदी पार की थी। यही नहीं, समुद्रमंथन के समय देवताओं की मदद भी वासुकी नाग ने ही की थी। इसीलिए नागपंचमी के दिन नाग देवता का आभार व्यक्त किया जाता है। एक अन्य कारण यह भी है कि बारिश के मौसम में सांपों के बिलों में पानी ज्यादा भर जाने से वो बिल छोड़कर अन्य सुरक्षित स्थान की खोज में निकलते हैं। उनकी रक्षा और सर्पदंश के भय से मुक्ति पाने के लिए भारतीय संस्कृति में नागपंचमी के दिन नाग के पूजन की परंपरा शुरू हुई।

 

Significance Of Nag Panchami in Hindi – नागपंचमी पूजन का महत्व 

 

नागपंचमी के त्योहार का महत्व अलग- अलग स्थानों के लोगों में अलग- अलग है। वो अपने रीति- रिवाजों के अनुसार इसे मनाते हैं। इस दिन नाग देवता के दर्शन करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा नागपंचमी पर रुद्राभिषेक का भी अत्यंत महत्व है। पुराणों के अनुसार, पृथ्वी का भार शेषनाग ने अपने सिर पर उठाया हुआ है इसलिए उनकी पूजा का विशेष महत्‍व है। यह दिन गरुड़ पंचमी के नाम से भी प्रसिद्ध है और नाग देवता के साथ इस दिन गरुड़ की भी पूजा की जाती है। जानकार बताते हैं कि इस दिन घर की महिलाओं को उपवास रख, विधि- विधान से नाग देवता की पूजा करनी चाहिए। इससे परिवार की सुख- समृद्धि में वृद्धि होती है और सर्पदंश का भय भी नहीं रहता है। 

 

Nag Panchmi Puja Vidhi in Hindi – नाग पंचमी पूजन विधि

गरुड़ पुराण के अनुसार, इस दिन प्रात: नित्यक्रम से निवृत्त होकर, स्नान कर घर के दरवाजे पर पूजा के स्थान पर गोबर और काजल से नाग बनाया जाता है। मुख्य द्वार के दोनों ओर दूध, दूब, कुशा, चंदन, अक्षत, पुष्प आदि चढ़ाएं। इसके बाद नाग देवता की कथा पढ़कर आरती करें। फिर मिठाई का भोग बनाकर भोग लगाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सर्प को दूध से स्नान कराने से सांप से किसी प्रकार का भय नहीं रहता है।

Nag Panchmi ki Katha – नागपंचमी की पौराणिक कथा

नागपंचमी के दिन उपवास रख, पूजन करना कल्याणकारी माना गया है। इस दिन के विषय में कई दंतकथाएं प्रचलित है, जिनमें से कुछ कथाएं इस प्रकार हैं। इन में से किसी कथा का स्वयं पाठ या श्रवण करना शुभ रहता है। साथ ही विधि- विधान से नागों की पूजा भी करनी चाहिए।

किसान और नागिन की कथा

एक नगर में एक किसान अपने परिवार सहित रहता था। उसके तीन बच्चे थे- दो लड़के और एक लड़की। एक दिन जब वह हल चला रहा था तो उसके हल में फंसकर सांप के तीन बच्चे मर गए। बच्चों के मर जाने पर मां नागिन विलाप करने लगी और फिर उसने अपने बच्चों को मारने वाले से बदला लेने का प्रण किया। एक रात को जब किसान अपने बच्चों के साथ सो रहा था तो नागिन ने किसान, उसकी पत्नी और उसके दोनों पुत्रों को डस लिया। दूसरे दिन जब नागिन किसान की पुत्री को डसने आई तो उस कन्या ने डरकर नागिन के सामने दूध का कटोरा रख दिया और हाथ जोड़कर क्षमा मांगने लगी। उस दिन नागपंचमी थी। नागिन ने प्रसन्न होकर कन्या से वर मांगने को कहा। लड़की बोली- ‘मेरे माता- पिता और भाई जीवित हो जाएं और आज के दिन जो भी नागों की पूजा करे उसे नाग कभी न डसे। नागिन तथास्तु कहकर चली गई और किसान का परिवार जीवित हो गया। उस दिन से नागों के कोप से बचने के लिये इस दिन नागों की पूजा की जाती है और नाग -पंचमी का पर्व मनाया जाता है।

राजा और पांच नाग कथा

 

एक अन्य कथा के अनुसार, एक राजा के सात पुत्र थे, सभी का विवाह हो चुका था। उनमें से छ: पुत्रों के यहां संतान भी जन्म ले चुकी थी, परन्तु सबसे छोटे की संतान प्राप्ति की इच्छा अभी पूरी नहीं हुई थी। संतानहीन होने के कारण उन दोनों को घर- समाज में तानों का सामना करना पड़ता था। समाज की बातों से उसकी पत्नी परेशान हो जाती थी। परन्तु पति यही कहकर समझाता था, कि संतान होना या न होना तो भाग्य के अधीन है। इसी प्रकार उनकी जिन्दगी के दिन किसी तरह से संतान की प्रतीक्षा करते हुए गुजर रहे थे। एक दिन श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि थी। इस तिथि से पूर्व कि रात्रि में उसे रात में स्वप्न में पांच नाग दिखाई दिये। उनमें से एक ने कहा की अरी पुत्री, कल नागपंचमी है, इस दिन तू अगर पूजन करे, तो तुझे संतान की प्राप्ति हो सकती है। प्रात: उसने यह स्वप्न अपने पति को सुनाया, पति ने कहा कि जैसे स्वप्न में देखा है, उसी के अनुसार नागों का पूजन कर देना। उसने उस दिन व्रत कर नागों का पूजन किया और समय आने पर उसे संतान सुख की प्राप्ति हुई।

नागपंचमी के दिन सांप को दूध पिलाने की मान्यताएं और सच्चाई

हिंदु धर्म में नागपंचमी पर्व की काफी मान्यता है। इस दिन को लोग बड़ी श्रद्धा और आस्था से मनाते आ रहे हैं। नागपंचमी के दिन शहर की तमाम गलियों में पहले ‘सांप को दूध पिलाओ’ की आवाजें सुनाई देती थीं, जो कि आजकल सुनाई नहीं देती हैं। इसके पीछे कारण है कि आजकल प्रशासन ने इस पर कड़ी कार्रवाई कर रखी है। दरअसल, विशेषज्ञों का कहना है कि सांप सरीसर्प जीव है, इसलिए दूध उसके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। वहीं कुछ जानकार बताते हैं कि पहले के समय सर्प को दूध पिलाया नहीं जाता था बल्कि उससे स्नान कराया जाता था। वहीं प्रशासन द्वारा यह तर्क दिया जाता है कि नागपंचमी से महीने- डेढ़ महीने पहले जंगल से सांपों को पकड़ा जाता है। उसके बाद इन्‍हें बहुत ही निर्ममता से भूखा- प्‍यासा रखा जाता है और कई बार तो इनके दांत तक निकाल दिए जाते हैं। ताकि ये काट न सकें। एक महीने तक इस तरह से रहने के बाद सांप का शरीर सूख जाने के साथ ही उसकी मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। यही वजह है कि एक महीने तक भूखा- प्‍यासा रहने के बाद नागपंचमी वाले दिन सांप तेजी से दूध पी लेते हैं। लेकिन यह इनके लिए बहुत ही नुक़सानदेह होता है

 

Nag Panchami Wishes in Hindi – नागपंचमी त्योहार बधाई संदेश

नागपंचमी का दिन बहुत शुभ माना जाता है। लोग इस दिन एक- दूसरे को इस पर्व की शुभकामनाएं देते हैं। यहां हम आपके साथ कुछ ऐसे ही चुनिंदा मैसेज साझा कर रहे हैं, जिन्हें आप नागपंचमी के सुअवसर पर अपने दोस्तों और परिवारवालों को भेजकर उन्हें शुभकामनाएं दे सकते हैं –

  1. शिव की शक्ति के साथ, शिव की भक्ति के साथ, आपको इस शुभ अवसर पर जिंदगी में खूब तरक्की मिले… हैप्पी नागपंचमी।
  2. सावन का महीना है, नागपंचमी का त्योहार, शिव भोले की कृपा है सब पर जो जपे शिव का नाम … नागपंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं।
  3. आई है सावन के महीने में, नागपंचमी की पावन बेला। आओ सब मिलकर इसे मनाएं और साथ में जाएं देखने मेला। आप सभी को नागपंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं।
  4. शिव जी के गले में होकर सवार, अपने फन पर लेकर पृथ्वी को लिया है तार, ऐसे नाग देवता को हमारा कोटि- कोटि प्रणाम.. हैप्पी नाग पंचमी।
  5. त्योहार है नाग पंचमी का आज, दुआ है दिल से ये हमारी आज खुश रहें सदा आप और मुस्कुराता रहे आपका परिवार… नागपंचमी की शुभकामनाएं।
  6. भोले आएं आपके द्वार, संग लेकर सारा परिवार, करें आप पर खुशियों की बौछार, आ जाये आपके जीवन में बहार… मुबारक हो आपको नागपंचमी का त्योहार।
  7. भोलेनाथ सावन के इस पावन मास में आप लोगों के पूरे परिवार की रक्षा करें, शुभ नागपंचमी।
  8. भोले नाथ के प्‍यारे हैं नाग देवता,  करते हैं सभी पूरी मनोकामना, होंगे सब काम पूरे आप सबके, अगर रहे आपकी शुद्ध भावना .. Happy Nag Panchami 
  9. करो भक्‍तों नाग देवता की पूजा दिल से,  होंगे भोले बाबा बहुत खुश, देंगे शिव वरदान, होंगे दूर सारे पाप … नागपंचमी की शुभकामनाएं 
  10. देवादिपति महादेव का हैं आभूषण, श्री विष्णु भगवान का है शेष नाग सिंहासन, अपने फन पर जिसने पृथ्वी उठाई, ऐसे नाग देवता को मेरा वंदन … नागपंचमी की शुभकामनाएं।

नागपंचमी को लेकर पूछे जाने वाले सवाल और उनके जवाब FAQS

1. नागपंचमी और गुड़िया का त्योहार का आपस में क्या संबंध है ?

दरअसल उत्तरप्रदेश में नागपंचमी के दिन गुड़िया पीटने की प्रथा है। घर के पुराने कपड़ों या कतरन से बनी गुड़िया बनाकर उसमें उबले गेहूं और चना भरकर उसे चौहारे पर डालते हैं। बच्चे उन्हें कोड़ों और डंडों से पीटकर खुश होते हैं। हालांकि इसके पीछे कोई ऐसा संदेश नहीं है जिससे लोग प्रेरित हों, मगर सालों से चली आ रही प्रथा के कारण लोग उसे मनाते आ रहे हैं। 

2. क्या नागों और सांप को दूध नहीं पिलाना चाहिए ? 

नागपंचमी पर लोग नागों को दूध पिलाना शुभ मानते हैं। पर आपको बता दें कि विज्ञान के अनुसार नागों को दूध पिलाना नुकसानदेह है। डॉक्‍टरों का कहना है कि सांप का पाचन तंत्र ऐसा नहीं होता कि वो दूध को हजम कर पाए। सांप एक मांसाहारी रेंगनेवाला जीव है जबकि दूध तो स्‍तनपायी जीवों को दिया जाता है। नाग को दूध पिलाकर लोग उनको नुकसान पहुंचाते हैं। 

3. क्या नागपंचमी का दिन कालसर्प दोष की पूजा के लिए उत्तम माना जाता है?

यदि किसी की कुंडली में कालसर्प दोष है तो नागपंचमी के दिन उपाय करने से वो दूर हो सकता है। इस दिन नाग देवता की पूजा करें और ऊं नम: शिवाय का जप करें। ऐसी मान्यता है कि जातक के पूर्व जन्म में किसी जघन्य अपराध या शाप की वजह से उसकी कुंडली में कालसर्प योग बनता है।

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