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गर्मी के मौसम में खासतौर पर जून से अगस्त तक के महीने को फलों का मौसम कहा जाता है। आम, तरबूज और अंगूर के साथ एक अन्य फल को जामुन के नाम से भी जाना जाता है। ये फल गांव में बहुत आम हैं। जामुन के पेड़ शहरी क्षेत्रों में कम ही देखे जाते हैं। हालांकि यह फल स्वाद में मीठा-नमकीन-कसैला होता है। वैसे ऐसे बहुत से कम ही मौसमी फल होते हैं जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी बेहद उपयोगी होते हैं, जैसे कि जामुन (jamun benefits in hindi)। जी हां, जामुन के पेड़, पत्तिया, फूल, बीज, छाल सभी का उपयोग कई तरह के रोगों को इलाज करने में इस्तेमाल किया जाता है। जामुन में बहुत से पोषक तत्व और खनिज पाए जाते है। इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, कैल्शियम, लोहा, फाइबर, मैग्नीशियम, पोटेशियम, ग्लूकोज, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और अन्य आवश्यक पोषक तत्व मौजूद है। यह हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। जामुन को अंग्रेजी में जवा प्लम, ब्लैक प्लम या ब्लैकबैरी के नाम से जाना जाता है और इसके अलावा अन्य भाषाओं में जाम्बुल , काला जाम , जाम्बोलन , जम्बुस , नेरेडु आदि कहा जाता है। अपने स्वाद और औषधीय गुणों के कारण जामून का एक अलग ही महत्त्व है। इसका अनोखा स्वाद सबको पसंद आता है। आज यहां हम आपको जामुन के फायदे (jamun ke fayde), जामुन के सिरके के फायदे, जामुन के पत्ते के फायदे यानि कि जामुन के पेड़ से जुड़ी हर महत्वपूर्ण चीजों के फायदे के बारे में बता रहे हैं। ड्रैगन फ्रूट के फायदे
जामुन खाने के फायदे और उपयोग – Jamun Khane ke Fayde
आयुर्वेद में जामुनी का विशेष महत्व है। जामुन का प्रयोग कई आयुर्वेदिक औषधियों को बनाने में किया जाता है। ये फल बैंगनी रंग का होता है और मधुमेह, गुर्दे की पथरी, दस्त, कब्ज, यकृत रोग और रक्तस्रावी विकारों में बहुत फायदेमंद होता है। मधुमेह को नियंत्रित करने के अलावा, जामुन का उपयोग शरीर से हानिकारक रसायनों को बाहर निकालने के लिए भी किया जाता है। तो आइए जानते हैं जामुन के फायदे (jamun khane ke fayde) के बारे में –
जामुन के सिरके के फायदे
जामुन का सिरका पीने से से शरीर को कई लाभ प्राप्त होते हैं। इस सिरके को आसानी से घर में भी बनाया जा सकता है। किडनी और लीवर को स्वस्थ बनाए रखने में भी जामुन का सिरका लाभदायक (jamun ka sirka ke fayde) माना जाता है और इसका नियमति सेवन करने से किडनी और लीवर सही से कार्य करते हैं। इसके अलावा जामुन के सिरका का प्रयोग आप खून की कमी को पूरा करने, डायबिटिज कंट्रोल करने और हाजमा ठीक रखने के लिए भी कर सकते हैं। जानिए मौसमी जूस के फायदे और नुकसान
जामुन के पत्ते के फायदे
जामुन की पत्तियों में भी ऐसे गुण है जो स्वास्थ्य की समस्या को ठीक करने में मदद करता है। जैसे मधुमेह को नियंत्रण करने में, कैंसर को रोकने में, उच्च रक्तचाप, पाचन आदि में फायदेमंद होता है। जामुन की पत्तियों जीवाणुरोधक गुण होता है जो संक्रमण को रोकने के लिए फायदेमंद होता है। पाचन स्वास्थ्य को मजबूत करने के लिए जामुन की पत्तिया गुणकारी होती है। अगर आपके मुंह में छाले हो गए है तो जामुन की पत्तियों का उपयोग दवा के रूप में कर सकते है।
मधुमेह में जामुन की गुठली के फायदे
हम में से ज्यादातर लोग जामुन की गुठली खाकर उसे फेंक देते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि जामुन की गुठली का इस्तेमाल आयुर्वेद में औषधि के तौर पर किया जाता है। जामुन के बीज हल्का कठोर होता है, लेकिन हाथों के जरिए ताकत से दबाने पर यह टूट भी जाता है। जामुन की गुठली डायबिटीज रोग में रामबाण मानी जाती है। बैंगनी रंग के बीजों में मधुमेह विरोधी गुण होते हैं। इसमें मौजूद रासायनिक एल्कलॉइड स्टार्च को चीनी में बदलने से रोकते हैं और इसलिए रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करते हैं। ये बीज टाइप-2 मधुमेह के रोगियों में रक्त शर्करा को नियंत्रित करने के लिए उपयोगी होते हैं।
जामुन की छाल के फायदे
जामुन की छाल हमारी ओरल हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद है। दांत दर्द, मुंह में बदबू, मुंह के छाले आदि समस्याओं को दूर करने के लिए जामुन के पेड़ की छाल का उपयोग करें। इसके लिए जामुन की छाल को बारीक पीस कर इससे सुबह शाम मंजन करें। ये प्रयोग नित्य करने से दांतों के सभी प्रकार के रोग ठीक हो सकते है। इसी के साथ अगर कोई गठिया का रोगी है तो जामुन के पेड़ की छाल को बारीक पीसकर इसकी 2 चम्मच मात्रा को आधा कप पानी में मिलाकर, इस घोल को दर्द वाले हिस्सों और घुटनों पर दिन में 3 से 4 बार लगाने से गठिया के दर्द से छुटकारा मिलने लगता है।
हाई बीपी में जामुन के फायदे
जामुनी फलियों में रासायनिक एल्कलॉइड पाए जाते हैं। सभी शोधों से पता चला है कि एल्कलॉइड हाई बीपी को कम करने में काफी मददगार होते हैं। ऐसे मामलों में, इसका उपयोग उच्च रक्तचाप के रोगियों में रक्तचाप को कम करने के लिए किया जा सकता है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि एसिटिक एसिड के इस्तेमाल से रक्तचाप लगभग 36 प्रतिशत तक कम हो सकता है।
कब्ज में जामुन के बीज के फायदे
कब्ज की समस्या से बचने के लिए भी जामुन बीज का इस्तेमाल (jamun ke fayde) आपके काम आ सकता है। क्योंकि जामुन बीज में क्रूड फाइबर की मात्रा अधिक पाई जाती है और ये कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए जरूरी है।
दांतों के लिए जामुन के फायदे
जामुन दांतों और मसूड़ों की अच्छी सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। इसके बीजों में कैल्शियम होता है। इसके इस्तेमाल से दांत और मसूड़े मजबूत रहते हैं। जामुन बीज में पाए जाने वाले कैल्शियम का सेवन करने से दांत मजबूत बने रहते हैं और इनका विकास सही से होता है।
पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए जामुन की पत्तियां
इस फल में कच्चा फाइबर होता है। कच्चा फाइबर पाचन तंत्र को बेहतर बनाने के लिए बहुत उपयोगी होता है। यदि आपकी पाचन क्रिया कमजोर है तो जामुन की पत्तियों का उपयोग कुछ अन्य जड़ीबूटियों के साथ चिकिस्तक की सलाह से कर सकते है।
गैस्ट्रिक समस्या के लिए जामुन के चूर्ण के फायदे
अगर आप गैस्ट्रिक की समस्या से जूझ रहे हैं तो जामुन इस्तेमाल से आप इस समस्या से राहत पा सकते हैं। जामुन के चूर्ण बीज का अर्क पानी में मिलाकर पीने से गैस की समस्या दूर होती है। इसके लिए जामुन के बीजों को धोकर साफ कर धूप में सुखा लें। एक स्क्वैश छीलें, इसे कद्दूकस कर लें और रस निचोड़ लें। फिर बीजों को सुखाने के बाद उन्हें बारीक पीसकर पाउडर बना लें। रोज सुबह खाली पेट एक चम्मच चूर्ण गुनगुने पानी में मिलाकर पिएं।
जामुन के घरेलू उपाय
- जामुन की गुठलियों को पानी में भिगोकर चेहरे पर लगाने से चेहरे के पिंपल्स ठीक हो जाते हैं। मुल्तानी मिट्टी, चंदन पाउडर और बैंगनी पाउडर का मिश्रण चेहरे पर नियमित रूप से लगाने से मुंहासों से छुटकारा मिलता है।
- विषैले कीटों और चींटियों के काट लेने पर जामुन की पत्तियों को कुचलकर उसका लेप लगाया जाए तो तुरंत आराम मिलता है।
- किडनी की समस्या वाले लोगों को जामुन के बीज के चूर्ण को दही में मिलाकर खाना चाहिए।
- जामुन की पत्तिया बुखार के स्तर को कम करने के लिए मदद करता है। बुखार कम करने के लिए जामुन की पत्तियों का उपयोग कर सकते है।
- जामुन की गुठली की गिरी को पीस लें। ये पिसी हुई गिरी दो कप पानी में डालकर उबालें। एक कप रह जाये तब छान कर स्वाद के अनुसार चीनी मिलाकर पी लें। कुछ दिनों तक ऐसा करने से दमा में आराम मिलेगा।
- यदि कोई पेचिश से अधिक परेशान है तो जामुन की पत्तियों का उपयोग कर सकते है।
- जामुन के बीजों का चूर्ण की 2-2 ग्राम मात्रा बच्चों को देने से बच्चे बिस्तर पर पेशाब करना बंद कर देते हैं।
- जामुन की गुठली के चूर्ण को दही के साथ मिलाकर खाने से पथरी में फायदा होता है। लीवर के लिए जामुन का प्रयोग बहुत फायदेमंद होता है।
- काला नमक डालकर पकी हुई मीठी जामून खाने से भी बैठा गला ठीक होता है।
जामुन खाने के नुकसान
अति हर चीज की बुरी होती है। जामुन का भी सेवन अगर आप सही मात्रा में करते हैं तो ये आपके स्वास्थ्य के लिए गुणकारी है लेकिन वहीं अगर आप इसका ज्यादा सेवन करते हैं तो ये आपके स्वास्थ्य को खराब भी कर सकता है। हर चीज के अपने गुण और अवगुण दोनों ही होते हैं। उसी तरह जामुन खाने के फायदे और नुकसान दोनों ही हैं। इसलिए जामुन के नुकसान जानने के बाद ही आप इसका सेवन करें।तो आइए जानते हैं जामुन खाने के नुकसान और सावधानियों के बारे में –
- खाली पेट जामुन खाने से पाचन संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं।
- एक ही बार में ज्यादा मात्रा में जामुन खाने से बुखार भी आने लगता है। इसीलिए इसमें हमेशा नमक मिलाकर खाना चाहिए।
- जामुन अधिक खाने से पेट और फेफड़ों को नुकसान पहुंच सकता है। यह देर से पचता है, कफ बढ़ाता है, तथा फेफड़ों के विकार का कारण बनता है।
- प्रेगनेंसी के दौरान भी जामुन ज्यादा खाने से खांसी और पेट खराब होने की समस्या हो सकती है।
- कच्चे या अधपके जामुन खाने से भी तबियत बिगड़ सकती है। इसीलिए हमेशा पके जामुन ही खाने चाहिए।
- स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए जामुन का सेवन हानिकारक हो सकता है।
- जामुन खाने के तुरंत बाद दूध, दही और आचार का सेवन भूलकर भी न करें। ये आपको बहुत गंभीर बीमारी की चपेट में ला सकता है।
जामुन के फायदे से जुड़े सवाल-जवाब FAQs
जामुन में सबसे ज्यादा विटामिन सी पाया जाता है। इसके अलावा इसमें विटामिन बी, कैरोटिन, मैग्नीशियम और फाइबर भी भरपूर मात्रा में होता है।
आमतौर पर प्रेगनेंसी में 8 से 10 जामुन खाना लाभदायक (jamun benefits in hindi) माना जाता है। लेकिन फिर भी प्रेगनेंसी में जामुन खाने को लेकर दो तरह के मत हैं। हां भी और नहीं भी, इसीलिए अपने डॉक्टर से प्रेगनेंसी में जामुन खाने को लेकर जरूर परामर्श लें।
जामुन की गुठली डायबिटीज के मरीजों के लिए किसी अमृत से कम नहीं है। जी हां, क्योंकि जामुन की गुठली का तेल या चूर्ण का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रखता है।
जामुन के फल (jamun khane ke fayde) की हर एक-एक चीज गुणकारी होती है। इसी तरह से जामुन का पत्ता भी मधुमेह को नियंत्रण करने में, कैंसर को रोकने में, उच्च रक्तचाप, पाचन शक्ति बढ़ाने और इसके अलावा भी कई तरह की बीमारियों को दूर करने में उपयोगी माना गया है।
जामुन को अंग्रेजी में ब्लैकबैरी (blackberry) के नाम से जानते हैं। ये एक सदाबाहर पेड़ होता है जिसमें हर साल काले और बैंगनी रंग के फल आते हैं।
जामुन खाने के तुरंत बाद आचार का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को गंभीर बीमारी हो सकती है। इसीलिए न ही जामुन के साथ और न जामुन खाने के बाद आचार का सेवन करें।
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Archana Chaturvedi