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कैल्शियम की कमी के लक्षण और कारण – Calcium ki Kami ke Lakshan

Spardha Mann  |  Mar 27, 2019
कैल्शियम की कमी के लक्षण और कारण – Calcium ki Kami ke Lakshan

कैल्शियम एक रासायनिक तत्व है, जो हम इंसानों के साथ अन्य जीवों के जीवन के लिए भी जरूरी है। यह शरीर में उपस्थित सबसे ज्यादा मात्रा में उपलब्ध मिनरल है, जो बेहतरीन स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। हमें मस्तिष्क और शरीर के अन्य हिस्सों के बीच मजबूत हड्डियों के निर्माण के लिए कैल्शियम की एक निश्चित मात्रा का सेवन करने की आवश्यकता होती है। कैल्शियम कई खाद्य पदार्थों में प्राकृतिक तौर पर पाया जाता है। कैल्शियम के फायदे (calcium ke fayde) बहुत लाभदायक हैं।

कैल्शियम की कमी के लक्षण – Symptoms of Calcium Deficiency in Hindi

रोजाना की कैल्शियम की आवश्यकता – Daily Calcium Requirement

कैल्शियम के स्रोत – Sources of Calcium in Hindi

रोजाना की डाइट में ऐसे शामिल करें कैल्शियम – Add Calcium in Daily Diet

कैल्शियम के तथ्य – Calcium Facts

क्यों जरूरी है कैल्शियम का सेवन – Why Calcium Intake is Important?

कैल्शियम शरीर में कई तरह की भूमिकाएं निभाता है, जिसकी वजह से इसका सेवन करना अनिवार्य हो जाता है। अगर किसी वजह से शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है तो शरीर अनेक प्रकार की बीमारियों से ग्रस्त हो सकता है।

हड्डी का स्वास्थ्य – Healthy Bones

इंसानों के शरीर में कैल्शियम का लगभग 99 फीसद हड्डियों और दांतों में पाया जाता है। हड्डी के विकास और देखभाल के लिए कैल्शियम बहुत जरूरी है। 20- 25 साल की उम्र तक हड्डियों का घनत्व (बोन डेंसिटी) उच्चतम होने पर कैल्शियम मनुष्यों की हड्डियों को मजबूत करता है। इस उम्र के बाद बोन डेंसिटी कम हो जाती है लेकिन कैल्शियम हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखता है और बोन डेंसिटी के नुकसान को धीमा करता है। हालांकि यह उम्र बढ़ने की प्रक्रिया का एक स्वाभाविक हिस्सा है। जो लोग 20- 25 साल की उम्र से पहले तक पर्याप्त कैल्शियम का उपभोग नहीं करते हैं, उन्हें बाद में ब्रिटिल बोन डिजीज या ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा रहता है। ऐसा इसलिए क्योंकि कैल्शियम हड्डियों से रिजर्व के तौर पर निकलता रहता है।

मसल कॉन्ट्रैक्शन – Muscle Contraction

कैल्शियम मांसपेशियों (मसल कॉन्ट्रैक्शन) को नियंत्रित करता है, जिसमें ह्दय की मांसपेशियों की धड़कन भी शामिल है। जब एक नर्व एक मांसपेशी को उत्तेजित करती है तो कैल्शियम निकलता है। यह मांसपेशियों में प्रोटीन के संकुचन (कॉन्ट्रैक्शन) के काम को पूरा करने में मदद करता है। फिर मांसपेशियों को रिलैक्सेशन तभी महसूस होता है, जब कैल्शियम वापस मसल्स से निकल जाता है।

ब्लड क्लॉटिंग – Blood Clotting

कैल्शियम सामान्य रक्त की जमावट में अहम भूमिका निभाता है। क्लॉटिंग की प्रक्रिया काफी जटिल है, जिसमें कई तरह के केमिकल्स शामिल होते हैं। कैल्शियम इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

कोएंजाइम फैक्टर – Coenzyme Factor

इसके अलावा, कैल्शियम कई एंजाइम्स का को- फैक्टर है। इसका मतलब यह है कि कैल्शियम की उपस्थिति के बिना ये महत्वपूर्ण एंजाइम ठीक तरह से काम नहीं कर सकते हैं। कैल्शियम स्मूद मसल्स को भी प्रभावित करता है, जो ब्लड वेसल्स को घेरता है और यह रिलैक्स करने लगती हैं। सबसे जरूरी तो यह है कि विटामिन डी की उपस्थिति के बिना कैल्शियम आसानी से अवशोषित नहीं होता है।

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कैल्शियम की कमी के कारण – Calcium ki Kami ke Karan

कैल्शियम की कमी सबसे ज्यादा तभी होती है, जब व्यक्ति अपने भोजन में कैल्शियम का सेवन नहीं करता है। इन दिनों अधिक समय इनडोर में गुजारने और सूरज की रोशनी न लेने की वजह से भी कैल्शियम की कमी हो जाती है। इसके अलावा, विटामिन सी की कमी, अधिक कैफीन का सेवन, सोडियम वाले खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करने और ड्रिंकिंग सोडा का लगातार सेवन करने से भी कैल्शियम की कमी हो जाती है।

अमूमन कैल्शियम की कमी सबसे ज्यादा महिलाओं में होती है क्योंकि महिलाएं अपने जीवन में कई चरणों से गुजरती हैं, जिसमें पीरियड्स, प्रेगनेंसी, ब्रेस्टफीडिंग और मेनोपॉज़ शामिल हैं। लेकिन अगर आप अपनी सेहत का ठीक से ध्यान रखेंगे तो कैल्शियम की कमी का इलाज (Calcium ki kami ka ilaj) किया जा सकता है।

कैल्शियम की कमी के लक्षण – Symptoms of Calcium Deficiency in Hindi

कैल्शियम की कमी उम्र के किसी भी चरण में हो सकती है। इन दिनों कई लोगों को विशेष तौर पर महिलाओं और युवा लड़कियों को भी कैल्शियम की कमी की वजह से कई रोग हो रहे हैं।

1. कैल्शियम की कमी की वजह से हड्डियों में दर्द होने लगता है, जिससे उठाने और फिर बैठने में दर्द महसूस होता है। मांसपेशियों में अकड़न भी होती है। कई बार यह दर्द इतना बढ़ जाता है कि व्यक्ति के अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आ जाती है।

2. कैल्शियम की कमी होती है तो अक्सर व्यक्ति का बहुत जल्दी थक जाता है।

3. कैल्शियम की कमी से दांत कमजोर हो जाते हैं और नाखून जल्दी टूटने लगते हैं।

4. इससे कई बार कमर झुक जाती है और बाल झड़ने लगते हैं।

5. जब कैल्शियम की कमी होती है तो हाथ और पैरों में झुनझुनी या सुन्न सा महसूस होने लगता है।

6. हम लोग अक्सर नींद न आने की समस्या को अन्य कई कारणों से जोड़कर देखते हैं जबकि कई बार नींद न आने की समस्या के पीछे कैल्शियम की कमी भी होती है।

7. डर लगना और हर समय तनाव सा महसूस होना भी कैल्शियम की कमी का ही लक्षण है।

8. याददाश्त का कमजोर हो जाना भी कैल्शियम की कमी के लक्षणों में से एक है।

रोजाना की कैल्शियम की आवश्यकता – Daily Calcium Requirement

कैल्शियम की कमी कैसे दूर करें (calcium ki kami kaise dur kare)? औसत तौर पर हमें निम्नलिखित मात्रा में प्रति दिन कैल्शियम का सेवन करना चाहिए

3 सालप्रति दिन 700 मिलीग्राम
8 सालप्रति दिन 1,000 मिलीग्राम
50 सालप्रति दिन 1,300 मिलीग्राम
ब्रेस्ट फीडिंग या प्रेगनेंट वयस्कप्रति दिन 1,000 मिलीग्राम
70 साल का पुरुषप्रति दिन 1,000 मिलीग्राम
70 साल महिलाप्रति दिन 1,200 मिलीग्राम
71 से अधिक उम्रप्रति दिन 1,200 मिलीग्राम

कैल्शियम के स्रोत – Sources of Calcium in Hindi

कैल्शियम की कमी होने पर क्या खाना चाहिए? कैल्शियम की कमी को दूर करना मुश्किल काम नहीं है, बस कैल्शियम की कमी दूर करने के उपाय (calcium ki kami ke upay) पता होने चाहिए। इसके लिए आपको रोजाना की अपनी डाइट में थोड़े बदलाव करने की और कैल्शियम किसमें पाया जाता है जानने की जरूरत है। कैल्शियम की कमी होने पर क्या खाएं? निम्नलिखित खाद्य पदार्थों (calcium rich food in hindi) को अपनी डाइट में शामिल कीजिए, जो कैल्शियम के बेहतरीन स्रोत हैं।  कैल्शियम युक्त सब्जियों और फलों की सूची

बीज – Seeds

बीज छुटकु पोषक पावरहाउस हैं, जो आपके शरीर की हर जरूरत को पूरा करते हैं। खसखस, तिल, अजवाइन और चिया के बीजों में कैल्शियम बहुत ज्यादा होता है। एक बड़े चम्मच खसकस में लगभग 125 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। बीजों में प्रोटीन और हेल्दी फैट्स भी होते हैं। जैसे, चिया के बीज पौधे आधारित ओमेगा- 3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं। तिल के बीज में भी कैल्शियम के साथ कॉपर, आयरन और मैंग्नीज सहित अन्य मिनरल्स भी होते हैं।

चीज़ – Cheese

अधिकतर चीज़ कैल्शियम के बेहतरीन स्रोत होते हैं। लेकिन परसेमन चीज़ इन सबमें बेहतर है। इसमें प्रति 28 ग्राम 331 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। मुलायम चीज़ में कैल्शियम की मात्रा कम होती है। 28 ग्राम में केवल 52 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। एक अतिरिक्त बोनस के तौर पर आपका शरीर डेयरी प्रोडक्ट्स से कैल्शियम को आसानी से अवशोषित करता है। अन्य तरह की चीज़ जैसे- पनीर में कैल्शियम के साथ प्रोटीन भी होता है। प्राकृतिक तौर पर पर कठोर और पुराने चीज़ लैक्टोज के मामले में कम होते हैं, जिसकी वजह से लैक्टोज इनटॉलरेंस वाले लोग आसानी से इसे पचा पाते हैं। हालांकि, डेयरी प्रोडक्ट्स में अतिरिक्त स्वास्थ्य लाभ होते हैं। हाल का एक अध्ययन बताता है कि यह दिल के रोग के जोखिम को कम करने की क्षमता रखता है।

दही – Curd

दही को कैल्शियम के उत्कृष्ट स्रोत के तौर पर माना जाता है। कई प्रकार की दही जीवित प्रोबायोटिक बैक्टीरिया से समृद्ध रहती है, जिसके कई स्वास्थ्य संबंधी लाभ होते हैं। एक कप यानी 245 ग्राम सादे दही में लगभग 175 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। साथ ही फास्फोरस, पोटैशियम और विटामिन बी2 एवं बी12 भी होते हैं। एक कप लो फैट दही में कैल्शियम की मात्रा अधिक रहती है, जो लगभग 250 मिलीग्राम कैल्शियम के बराबर है। ग्रीक योगर्ट प्रोटीन पाने के लिए बढ़िया है लेकिन यह नियमित  दही की तुलना में कम कैल्शियम प्रदान करता है। एक अध्ययन के जरिए यह पता चला है कि जो लोग दही का नियमित सेवन करते हैं, उन्हें मेटाबोलिक रोग जैसे- टाइप 2 डायबिटीज और दिल के रोग होने का खतरा कम रहता है।

दूध – Milk

सबसे सस्ते और कैल्शियम के मुख्य स्रोत में से एक है दूध। एक कप या 237 मिली गाय के दूध में 276- 352 मिलीग्राम कैल्शियम होता है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि दूध होल है या नन- फैट। डेयरी में कैल्शियम अच्छे से अवशोषित हो जाता है। इसके अतिरिक्त दूध प्रोटीन, विटामिन ए और विटामिन डी का भी बढ़िया स्रोत है। बकरी का दूध कैल्शियम का उत्कृष्ट स्रोत है। इसके एकप या 237 मिली दूध में 327 मिलीग्राम कैल्शियम होता है।

सार्डिन और सालमन – Sardine and Salmon

सार्डिन और डिब्बा बंद सालमन में कैल्शियम खूब होता है, क्योंकि इनकी हड्डियां भी खाने लायक होती हैं। लगभग तीन आउंस हड्डियों के साथ डिब्बा बंद सार्डिन में 325 मिलीग्राम कैल्शियम और इतनी ही मात्रा के सालमन में 180 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है।ये ऑयली फिशेज हैं, जिनमें प्रोटीन और ओमेगा 3 फैटी एसिड भी होता है, जो आपके दिल, मस्तिष्क और स्किन के लिए भी बढ़िया है। देखा जाए तो सीफूड में मक्र्यूरी हो सकता है लेकिन सार्डिन जैसी छोटी मछली में इसका तर काफी कम होता है। सार्डिन और सालमन दोनों में सेलेनियम के उच्च स्तर होते हैं। यह एक खास किस्म का मिनरल है, जो मक्र्यूरी टॉक्सिटी को रोक और रिवर्स भी कर सकता है।

बीन्स और दाल – Beans and Lentils

बीन्स और दालों में फाइबर, प्रोटीन और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स भी होते हैं। इनमें आयरन, जिंक, फोलेट, मैग्नीशियम और पोटैशियम भी होता है। कुछ में अच्छी मात्रा में कैल्शियम भी होता है। 172 ग्राम पके हुए सेम में 244 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। सफेद बीन्स और मसूर में भी कैल्शियम की अच्छी मात्रा होती है। शोध यह भी बताते हैं कि बीन्स बैड एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं।

बादाम – Almond

सभी मेवों में से बादाम में कैल्शियम सबसे ज्यादा होता है। 28 ग्राम बादाम में 3 ग्राम फाइबर के साथ ही फैट और प्रोटीन भी होता है। साथ ही यह मैग्नीशियम, मैंगनीज और विटामिन ई का बेहतरीन स्रोत होता है। मेवे खाने से ब्लड प्रेशर, बॉडी फैट और मेटाबोलिक डिजीज जैसे अन्य जोखिम कारकों को कम करने में मदद मिलती है।

अंजीर – Fig

सूखे अंजीर एंटीऑक्सिडेंट्स और फाइबर से भरपूर होते हैं। अन्य सूखे मेवे की तुलना में इसमें कैल्शियम भी अधिक होता है। पोटैशियम और विटामिन के भी इसमें भरपूर होता है।

व्हे प्रोटीन – Protein

व्हे प्रोटीन यानी मट्ठा को दूध से निकाला जाता है। इसके स्वास्थ्य लाभों के लिए बड़े पैमाने पर अध्ययन किया गया है। यह प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत होने के साथ ही जल्दी पचने वाले एमिनो एसिड से भरा है। वजन घटाने और बेहतर ब्लड शुगर कंट्रोल के लिए मट्ठा समृद्ध डाइट को लेने के लिए कहा जाता है। यह कैल्शियम का भी बढ़िया स्रोत है। 28 ग्राम व्हे प्रोटीन पाउडर में करीब 200 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। ऑनलाइन कई साइट्स पर व्हे प्रोटीन के डिब्बे उपलब्ध हैं।

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हरी पत्तेदार सब्जियां – Green Leafy Vegetables

कैल्शियम युक्त सब्जियों और फलों की सूची (calcium ki kami me kya khaye) – हरी पत्तेदार सब्जियां खाने में जरूर शामिल करनी चाहिए। इनमें से कुछ में कैल्शियम के बेहतर स्रोत हैं। पालक, कोलार्ड और केले में कैल्शियम की अच्छी मात्रा होती है। एक कप यानी 190 ग्राम पके कोलार्ड के साग में लगभग 266 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। पालक भी कैल्शियम का बढ़िया स्रोत है।

फॉर्टिफाइड फूड्स – Fortified Foods

कैल्शियम प्राप्त करने का एक अन्य तरीका फॉर्टिफाइड खाद्य पदार्थ हैं। कुछ अनाज प्रति सर्विंग 1000 मिलीग्राम कैल्शियम प्रदान करते हैं, लेकिन इसमें दूध डालने से पहले तक। हालांकि, ध्यान में यह रखें कि उतने सारे कैल्शियम को आपका शरीर एक साथ अवशोषित नहीं करता है। इसलिए बेहतर तो यह होगा कि आप पूरे दिन में थोड़ा- थोड़ा करके कैल्शियम का सेवन करें।

फॉर्टिफाइड ड्रिंक्स – Fortified Drinks

यदि आपको दूध पीना नहीं पसंद है तो भी आप फॉर्टिफाइड और नन- डेयरी बेवरेजेज से कैल्शियम प्राप्त कर सकते हैं। इसमें इतना पोषक तत्व है कि यह गाय के दूध के बराबर माना जाता है। सोया मिल्क के साथ अन्य मेवे और बीज आधारित दूध में कैल्शियम होता है।

अमरनाथ – Amarnath

अमरनाथ पोषणात्मक गुणों से भरा है। यह फोलेट का बढ़िया स्रोत होने के साथ ही मैंगनीज, मैग्नीशियम, फास्फोरस और आयरन जैसे मिनरल्स का भी अच्छा स्रोत है। पके हुए एक कप या 246 ग्राम अमरनाथ अनाज में 116 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। अमरनाथ के पत्तों में भी कैल्शियम होता है। ये विटामिन ए और सी के भी बेहतरीन स्रोत हैं।

टोफू – Tofu

टोफू में कैल्शियम उच्च मात्रा में होता है। आधा कप टोफू में इतना कैल्शियम होता है कि यह पूरे दिन के एक बार की कैल्शियम की जरूरत को पूरा करने के लिए काफी है।

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रोजाना की डाइट में ऐसे शामिल करें कैल्शियम – Add Calcium in Daily Diet

1. एक गिलास पानी को उबालकर इसमें एक चम्मच जीरा डालें। पानी को ठंडा होने दें। इस पानी को दिन में दो बार पी सकती हैं। इससे शरीर में कैल्शियम की कमी दूर होगी।

2. रागी अनाज को पीसकर डिब्बे में बंद करके रख लें। रोटी का आटा गूंथते समय एक कप रागी के आटे को गेहूं के आटे में मिला लें। रोजाना इसका सेवन करने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम मिलता रहेगा।

3. तिल के तेल को रोजाना की डाइट में शामिल करें। एक चम्मच तिल के तेल को सूप, सीरियल्स या सलाद में मिलाकर खाने से लगभग 88 मिलीग्राम कैल्शियम मिलता है।

4. आंवला में कैल्शियम अधिक मात्रा में पाया जाता है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। इसका जूस बनाएं और पी लें। चाहें तो मिक्स जूस में आंवले को डाला जा सकता है।

कैल्शियम के तथ्य – Calcium Facts in Hindi

हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है कैल्शियम।

विटामिन डी शरीर में कैल्शियम को अवशोषित करने और बनाए रखने में मदद करता है।

दूध, ब्राोकोली और टोफू कैल्शियम से भरपूर कुछ खाद्य पदार्थ हैं।

कैल्शियम सप्लीमेंट्स के सेवन से साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जैसे- ब्लोटिंग और गैस।

कुछ डार्कग्रीन वेजीटेबल्स में ऑक्सैलिक एसिड के उच्च स्तर पाए जाते हैं, जो कैल्शियम को अवशोषित करने की शरीर की क्षमता को कम कर सकते हैं। कैल्शियम की कमी को दूर करने के उपाय के तौर पर हमें कैल्शियम से भरपूर भोजन करना चाहिए।

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