वर्षों से माना जा रहा है कि शरीर में हो रही किसी भी तरह की समस्या का उचित इलाज आयुर्वेद (Ayurveda) में पाया जाता है, जो कि सच भी है। बदलती लाइफस्टाइल (lifestyle) और कमज़ोरी के कारण बीमारियां शरीर को अपना घर बनाने लग जाती हैं पर अगर हम अपना ध्यान रखें और आयुर्वेद को अपनाएं तो इन समस्याओं से बच सकते हैं। लगभग 2000 वर्षों से त्रिफला (Triphala) का इस्तेमाल आयुर्वेद में किया जा रहा है और इसके फायदों की लिस्ट बहुत लंबी है। आंवला, बहेड़ा और हरड़ नाम के तीन अलग- अलग फलों के सूखे पाउडर से तैयार किए गए त्रिफला चूर्ण (Triphala Churna) को काफी गुणकारी माना जाता है। अगर आप अपने आज और कल को सेहतमंद बनाना चाहते हैं तो जानें, त्रिफला चूर्ण के सभी फायदों के बारे में।
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त्रिफला चूर्ण क्या है? – What is Triphala Churna in Hindi
त्रिफला एक आयुर्वेदिक हर्बल (herbal) चूर्ण है, जिसे अमालकी (आंवला), बिभितकी (बहेड़ा) और हरितकी (हरड़) जैसे तीन फलों को पीसकर बनाया जाता है। त्रिफला चूर्ण में एक भाग हरड़, दो भाग बहेड़ा और एक चौथाई भाग आंवला का मिश्रण होता है। इनका उपयोग अलग- अलग तरह की बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है।
इन तीन फलों में मीठा, खट्टा, कड़वा, नमकीन और खट्टा जैसे पांच अलग- अलग तरह के स्वाद होते हैं। तीन फलों के पाउडर का मिश्रण होने के कारण त्रिफला चूर्ण को उसके अनोखे स्वाद के साथ ही तीनों के मिले- जुले फायदों का सोर्स भी माना जाता है। आयुर्वेद में मान्यता है कि अगर वात, कफ और पित्त दोष ठीक रहे तो व्यक्ति की सेहत भी दुरुस्त रहती है। त्रिफला इन सभी दोषों को ठीक रख स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
त्रिफला चूर्ण के फायदे – Triphala Churna Benefits in Hindi
स्वाद व गुणों में खास त्रिफला चूर्ण के फायदे भी बेहद खास हैं। जानिए, किस तरह से शरीर को स्वस्थ रखता है त्रिफला चूर्ण।
त्रिफला चूर्ण वजन कम करने के लिए
त्रिफला चूर्ण मेटाबॉलिज्म (metabolism) को करते हुए वजन घटाने में मददगार है। अगर आप एक्सरसाइज़ (exercise) या डाइटिंग (dieting) नहीं करना चाहते हैं तो त्रिफला चूर्ण का सेवन कर वजन को कम कर सकते हैं। जिन लोगों के पाचन तंत्र में समस्या होती है या अक्सर भूखा महसूस करते हैं तो वे बिना सोचे- समझे ज़रूरत से ज्यादा खाना खा लेते हैं, जिसकी वजह से उनका मोटापा बढ़ने लगता है। शरीर की बड़ी आंत के अंग कॉलन (colon) के लिए त्रिफला को फायदेमंद माना जाता है, त्रिफला कॉलन के ऊतकों को मजबूत कर उसे साफ रखने में मदद करता है, जिसकी वजह से वजन नियंत्रित रहता है। यह चूर्ण आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को आसानी से निकालने में भी मदद करता है, जिससे अतिरिक्त फैट और मोटापे को भी कम किया जा सकता है।
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आंखों के लिए गुणकारी है त्रिफला चूर्ण
त्रिफला चूर्ण से आंखों की कई बीमारियों को ठीक किया जा सकता है व इसे दृष्टि में सुधार के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। यह आंखों की मांसपेशियों को मजबूत करता है और ग्लूकोमा (glucoma) व मोतियाबिंद जैसी आंखों की समस्याओं को शुरुआती चरणों में ही ठीक करने के लिए जाना जाता है। आंख आने वाली समस्या में भी त्रिफला काफी लाभदायक रहता है। त्रिफला चूर्ण में यष्टिमधु और लौहभस्म के अलावा सप्तामृत लौह की मात्रा भी पाई जाती है, जो आंख संबंधी बीमारियों के इलाज में काफी उपयोगी होती है। शुद्ध मक्खन से बना त्रिफला घृत और त्रिफला पाउडर भी भी आंखों की सेहत के लिए फायदेमंद साबित होता है। यह आंखों के रोगों को दूर रखते हुए आंखों की रोशनी को बढ़ाता है।
त्वचा के लिए
त्रिफला चूर्ण से त्वचा संबंधी कई समस्याओं का इलाज किया जा सकता है और यह त्वचा में प्राकृतिक चमक भी लाता है। यह त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाकर रोम छिद्रों व खून को साफ करता है। अगर त्वचा पर किसी प्रकार के चकत्ते, निशान, मुंहासे या सनबर्न (sunburn) हो गया हो तो भी त्रिफला से उसका इलाज संभव है। त्रिफला अपने रक्तशोधक गुणों के कारण भी त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद है। इसमें मौजूद आंवला कोलेजन (collagen) के निर्माण में सहायता करता है, वहीं बहेड़ा स्किन पिगमेंटेशन (skin pigmentation) में मदद करता है। इसमें मौजूद विटामिन सी (Vitamin C) की अधिकता त्वचा पर झुर्रियां रोकने में सहायक है। यह त्वचा के रूखेपन को भी काफी हद तक दूर करता है। यह त्वचा से दूषित पदार्थों को भी हटाता है।
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कब्ज को दूर करे त्रिफला चूर्ण
कब्ज दूर करने के लिए लोग अक्सर घरेलू उपायों को ढूंढते हैं। त्रिफला चूर्ण आपकी कब्ज की समस्या (constipation) का उचित हल है। यह शरीर में चयापचय को सही करते हुए पाचन तंत्र को आसान बनाता है। इसके सेवन से मलत्याग करने में आसानी हो जाती है और पेट भी अच्छी तरह से साफ हो जाता है। त्रिफला चूर्ण का सेवन उन लोगों के लिए भी काफी फायदेमंद है, जिन्हें रोजाना ही शौच करने में समस्या होती है और शरीर में पूरा दिन भारीपन भी महसूस होता है। अगर नियमित तौर पर एक चम्मच त्रिफला चूर्ण का सेवन करें तो कब्ज की समस्या से राहत मिल सकती है।
यह एक आयुर्वेदिक औषधि है, मन मुताबिक नतीजे मिलने तक रोज़ाना खाने के बाद इसका सेवन करते रहने से ही लाभ मिलेगा।
दांत भी रहेंगे मज़बूत
त्रिफला में एंटी- इंफ्लेमेट्री (anti- inflammatory) और एंटी- बैक्टीरियल (anti- bacterial) गुण पाए जाते हैं। त्रिफला का सेवन करने से दांतों पर मैल जमने, दांतों में कीड़े लगने, मसूड़ों की सूजन और मसूड़ों से खून आने जैसी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। बच्चों के लिए भी त्रिफला का सेवन फायदेमंद माना जाता है और उनके दांत व मसूड़े बुढ़ापे तक स्वस्थ रह सकते हैं। मुंह की दुर्गंध और छालों की समस्या को दूर करने के लिए भी त्रिफला चूर्ण को रामबाण उपाय माना जाता है। त्रिफला को रात भर पानी में भिगोकर रखें, सुबह ब्रश (brush) करने के बाद इस पानी को कुछ देर तक अपने मुंह में भरकर रखें। थोड़ी देर बाद मुंह से इस पानी को निकाल दें। बच्चों के दांतों को मज़बूत रखने के लिए यह उपाय काफी कारगर साबित हो सकता है।
बालों की सेहत का रखे ख्याल
लाइफस्टाइल में बदलाव का सीधा असर बालों की सेहत पर भी देखा जा रहा है। कम उम्र में ही लोग गंजेपन, बालों के सफेद होने व बालों के झड़ने की समस्याओं से दो- चार हो रहे हैं। त्रिफला में विटामिन सी (Vitamin C) की अधिक मात्रा होने की वजह से यह बालों की सेहत के लिए भी लाभदायक माना जाता है। त्रिफला (Triphala) में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो बालों के रोम के अंदर असर करके बालों का विकास व उनकी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। बालों को झड़ने से रोकने के लिए त्रिफला को 2- 3 ग्राम की मात्रा में लें और उसके साथ ही 125 मि.ग्रा. लौह भस्म या आयरन (iron) की गोली का सेवन भी करें। त्रिफला में आंवला की उचित मौजूदगी बालों को काला बनाए रखने में मददगार साबित होती है।
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त्रिफला रस पीने के फायदे – Triphala ke Fayde
ऊपर बताए गए सभी फायदों के अलावा त्रिफला चूर्ण के कुछ और फायदे भी हैं।
1. त्रिफला के काढ़े से घाव की सफाई करने पर किसी एंटीसेप्टिक या एलोपैथिक दवाई की ज़रूरत नहीं होती है।
2. त्रिफला चूर्ण अल्सर को ठीक करने में भी काफी प्रभावी है।
3. इसके सेवन से बुरे कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है।
4. डायबिटीज़ और हृदय रोगों से ग्रस्त लोगों के लिए इसका सेवन फायदेमंद माना जाता है।
5. त्रिफला का सेवन शरीर में वात, पित्त और कफ को संतुलित करता है। यह मलेरिया के बुखार में भी लाभदायक है।
त्रिफला चूर्ण का उपयोग- Triphala Churna Use in Hindi
1. त्रिफला को चाय या काढ़े के तौर पर लिया जा सकता है। वजन कम करना है तो त्रिफला काढ़े में शहद मिलाकर पिएं।
2. तांबे के लोटे या मिट्टी के बर्तन में पानी भर उसमें दो चम्मच त्रिफला चूर्ण को रात में भिगोकर रख दें। सुबह कपड़े से छानकर उस पानी से अपनी आंखों को धोएं। इससे आंखें स्वस्थ रहती हैं।
3. एक चम्मच त्रिफला को एक गिलास पानी में 10- 15 मिनट तक उबाल कर काढ़ा बना लें। इस काढ़े को अच्छी तरह से छानकर उससे आंखें धोएं।
4. रात को सोने से पहले 5 ग्राम त्रिफला चूर्ण (Triphala Churna) को गुनगुने पानी या दूध के साथ लेने से कब्ज की समस्या दूर होती है।
5. पाचन तंत्र से जुड़ी समस्या को दूर करने के लिए गर्म पानी में एक चम्मच त्रिफला पाउडर मिलाकर पीएं।
6. सांस की बदबू को दूर करना चाहते हैं तो आधा चम्मच त्रिफला चूर्ण में शहद (honey) मिलाकर चाटें।
7. हल्के गर्म पानी में एक चम्मच त्रिफला चूर्ण मिलाकर उस पानी से गरारे करने से भी दांत मज़बूत होते हैं।
8. बालों के विकास के लिए त्रिफला के 2 कैप्सूल (capsule) खाएं।
9. बालों की मजबूती और उन्हें सफेद होने से रोकने के लिए त्रिफला के पेस्ट को आधे घंटे तक बालों में लगाए रखने के बाद धो लें।
10. 5 ग्राम त्रिफला चूर्ण का सेवन करने से दाद, खुजली और चर्म रोग (skin disease) में लाभ मिलता है।
त्रिफला चूर्ण के नुकसान – Triphala Churna Side Effects in Hindi
त्रिफला एक हर्बल फॉर्म्युला (herbal formula) है, जिसके सेवन से शरीर की कई समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है मगर किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह के बगैर इसका सेवन करने से बचें।
1. गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
2. इसका सेवन करने के बाद कुछ लोगों को नींद अधिक आने लगती है।
3. 6 साल से कम उम्र वाले बच्चों को त्रिफला न दें।
4. अगर आप लंबे समय तक त्रिफला चूर्ण (Triphala Churna) का सेवन करने वाले हैं तो इसे कम मात्रा में लें, वहीं अगर आपको कुछ ही समय तक इसका सेवन करना है तो मात्रा बढ़ा सकते हैं।
5. त्रिफला को अधिक मात्रा में लेने से दस्त की समस्या हो सकती है।
6. त्रिफला चूर्ण के ज्यादा सेवन से डायरिया (diarrhoea) का खतरा हो सकता है।
7. त्रिफला की अधिक मात्रा लेने से डीहाइड्रेशन (dehydration) की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
8. जिन लोगों को त्रिफला के कारण नींद न आने की समस्या (insomnia) हो रही हो, वे रात के बजाय इसका सेवन सुबह करें।
9. त्रिफला की तासीर गर्म मानी जाती है, इसके ज्यादा सेवन से घबराहट या पेचिस की समस्या भी हो सकती है।
10. इसकी वजह से कुछ लोगों में ब्लड शुगर (blood sugar) की समस्या भी देखी जाती है।
अगर आप किसी तरह की कोई दवा ले रहे हैं या हाल ही में आपका ऑपरेशन (operation) हुआ है या किसी चीज़ से आपको एलर्जी (allergy) होने की आशंका है तो त्रिफला चूर्ण का सेवन शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें। कई बार अंग्रेजी दवाइयों (allopathic medicines) का कोर्स चलने के कारण आयुर्वेदिक दवाइयों के फायदे पर असर पड़ जाता है।
इनपुट्स – राम एन कुमार, फाउंडर, निरोगस्ट्रीट (Ram N Kumar, Founder, Nirogstreet)
डॉ. सौरभ शर्मा, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, महर्षि आयुर्वेद (Dr. Saurabh Sharma, Medical Superintendent, Maharishi Ayurveda)
विशाल कौशिक, फाउंडर एंड मैनेजिंग डायरेक्टर, उपकर्मा आयुर्वेद (Vishal Kaushik, Founder & Managing Director, Upakarma Ayurveda)
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