पीरियड की शुरुआत होने के बाद लड़कियों का ध्यान बाकी चीजों के साथ इस ओर भी जाने लगता है कि पैड कौन सा अच्छा होता है। पीरियड केयर से जुड़े आज कई तरह के प्रोडक्ट बाजार में उपलब्ध हैं, लेकिन फिर भी पैड के फायदे ऐसे हैं कि हर लड़की इन्हें पूरे कॉन्फिडेंस से यूज करती है। प्यूबर्टी के बाद जब पहली बार पीरियड शुरू होता है तो ज्यादातर लड़कियां अपनी केयर के लिए सेनेटरी पैड (cotton sanitary pads) का इस्तेमाल ही करती हैं।
पीरियड्स और सेनेटरी नैपकिन
सेनेटरी नैपकिन पीरियड के दौरान यूज किया जाने वाला पैड होता है जो कि वजाइना से निकले ब्लड व अन्य द्रव्य को सोखता है। एक समय था जब पीरियड के दौरान महिलाएं घर में मौजूद कॉटन कपड़ों से पैड बनाया करते थी। इसके बाद मार्केट में कई तरह के सिंथेटिक पैड्स लॉन्च किए गए। अब पिछले एक डेढ़ दशक से पीरियड केयर से जुड़ी दिशा में कंपनियों और विशेषज्ञों ने कई तरह के शोध के बाद महिलाओं को टेम्पोन, मेंस्ट्रुअल कप जैसे प्रोडक्ट्स की सौगात दी है। हालांकि आज भी ज्यादातर महिलाएं सेनेटरी पैड का इस्तेमाल करती हैं और उन्हें इसे यूज करना आरामदाय और सहज लगता है।
सेनेटरी पैड का चुनाव
आज मार्केट में कई तरह के सेनेटरी पैड हैं जो महिलाओं की हर तरह की जरूरत को पूरा करते हैं। फ्लो हेवी हो या कम, पारियड के शुरूआती दिन के लिए अलग अगर हल्का पैड चाहिए, रैश फ्री पैड हर जरूरत के अनुसार मार्केट में कई कंपनियों के पैड हैं। महिलाओं को अपनी जरूरत और पसंद दोनों के अनुसार पैड का चुनाव करना चाहिए और इसके लिए कोई नीयम या वजह सही या गलत नहीं होता है। जैसे पैड यूज करना पसंद हो वैसा पैड यूज करें।
सेनेटरी नैपकिन कितने तरह के होते हैं
पीरियड केयर के प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनियों ने महिलाओं की हर जरूरत को देखते हुए रेगुलर पैड के अलावा पैड के कई प्रकार बाजार में उतारे हैं जैसे अल्ट्रा थिन, एक्स्ट्रा लॉन्ग, विग्स वाले पैड आदि।
रेगुलर नैपकिन और अल्ट्रा थिन
पैड्स के थिकनेस के आधार पर पैड दो तरह के होते हैं, रेगुलर और अल्ट्रा थिन। रेगुलर सेनेटरी नैपकिन का मतलब होता है ऐसे पैड जो बहुत सिंपल और पारंपरिक तरीके से पीरियड ब्लड को सोखने के लिए बनाए गए हों। अल्ट्रा थिन पैड्स की खासियत ये होती है कि ये दिखते तो हैं बहुत पतले, मगर इन्हें ऐसे डिजाइन किया जाता है कि किसी रेगुलर पैड जितना ही ब्लड सोख सके, फिर भी ज्यादा अच्छे और आरामदायक बने रहे।
सिरोना का रैश फ्री नेचुरल और अल्ट्रा थिन पैड ऐसा ही पैड है जो पूरी तरह से बायो बेस्ड है और इसे ऐसे बनाया गया है कि इसमें किसी तरह का केमिकल यूज न हो। इस पैड की एक और खिसियत है कि ये ब्लैक कलर में बनाया गया है। अल्ट्रा थिन होने की वजह से ये पता ही नहीं चलता कि आपने अलग से कुछ पहना है और आप दिन भर आराम से रह सकती हैं।
पैंटी लाइनर और विंग्ड पैड्स
पैंटी लाइनर को इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि ये नॉर्मल पीरियड फ्लो, पीरियड शुरू होने के पहले स्पॉटिंग से बचने के लिए या शुरू के दिनों में जिनका फ्लो कम हो उनके के लिए काम आता है। जो लोग टेम्पोन या मेंस्ट्रुअल कप यूज करते हैं वो भी इन्हें बैकअप के लिए यूज करते हैं।
सिरोना के पैंटी लाइनर्स नॉर्मल पैड से बहुत हल्के हैं और ये लंबे समय तक फ्रेश रहने में मदद करते हैं। जिन लोगों को अनियमित पीरियड होता हो, या जिन्हें कहीं जाना है और पीरियड करीब है, लेकिन शुरू नहीं हुआ, उन लोगों के लिए भी पैंटी लाइनर्स उपयोगी होते हैं।
विंग वाले पैड्स में पैड के बीच वाले हिस्से के दोनों तरफ विंग्स लगाए जाते हैं। ये पैड को पैंटी के साथ ऐसे सील करते हैं कि उठने, बैठने या चलने के दौरान पैड अपनी जगह से न हट सके। कुछ लड़कियां बीना विंग्स वाले पैड प्रिफर करती हैं क्योंकि उन्हें वो ज्यादा इजी और फस फ्री लगते हैं।
एक्स्ट्रा लॉन्ग या ओवरनाइट सेनेटरी नैपकिन
एक्स्ट्रा लॉन्ग सेनेटरी नैपकिन ज्यादा लंबे बनाए जाते हैं ताकि जब पहनने के बाद इंसान लेटे तो ब्लड लीक न करे। इनकी अब्जॉर्ब करने की क्षमता ऐसे डिजाइन की जाती है कि ये रात भर के फ्लो को सोख सके। इस तरह के पैड को ओवरनाइट पैड भी कहा जाता है।
मैक्सी या सुपर पैड्स
पीरियड की जब शुरुआत होती है तो उस वक्त कई लड़कियों का फ्लो बहुत हेवी होता है। ऐसी स्थिति के लिए मैक्सी या सुपर पैड्स बनाए जाते हैं जिनकी ब्लड अब्जॉर्ब करने की क्षमता अधिक होती है।
इसी तरह मैटरनिटी पैड्स भी पैड के एक प्रकार हैं जिन्हें प्रेगनेंसी के बाद लोचिया ( प्रेगनेंसी के बाद होने वाला हेवी ब्लड फ्लो) अब्जॉर्ब करने के लिए डिजाइन किया जाता है। ये मैक्सी पैड से थोड़े लंबे होते हैं और ये यूरीन भी अब्जॉर्ब कर सकते हैं।
डिस्पोजेबल और रियूजेबल
डिस्पोजेबल पैड वो होते हैं जो सिंथेटिक होते हैं और इन्हें इस्तेमाल के बाद फेंक दिया जाता है। मार्केट में मिलने वाले ज्यादातर पैड्स सिंथेटिक होते हैं जिन्हें कॉटन, रेयॉन, प्लास्टिक डस्ट आदि के लेयर से बनाया जाता है। इनमें फ्रेग्रन्स और एंटीबैक्टीरियल एजेंट भी मिले होते हैं। इन पैड्स को सही तरीके से लैंडफिल एरिया में न डाला जाए तो ये पर्यावरण को नुकसान दे सकते हैं।
रियूजेबल कॉटन सेनेटरी पैड, बैम्बू या हेम्प से बनाए जाते हैं और इन्हें धोकर फिर से इस्तेमाल किया जाता है। पिछले कुछ दशक में महिलाएं रियूजेबल पैड्स के तरफ फिर से आकर्षित होने लगी हैं, क्योंकि ये बजट फ्रेंडली होते हैं और पर्यावरण फ्रेंडली भी। कई लोगों को इन्हें यूज करना ज्यादा आरामदायक लगता है। ये हर तरह के एजेंट से मु्कत होते हैं इसलिए इनसे सेंसिटिव स्किन वाली महिलाओं को परेशानी नहीं होती है। जब तक मार्केट में सिंथेटिक पैड्स का इजात नहीं हुआ था, तब महिलाएं बेकार हुए कपड़ों से ही पैड बनाकर यूज करती थी।
सिरोना का रियूजेबल सेनेटरी पैड रैश फ्री फेब्रिक से बना है और ये एक साल तक आराम से इस्तेमाल किया जा सकता है। अपने इस प्रोडक्ट में कंपनि ने 3 रेगुलर पैड के साथ एक ओवरनाइट पैड भी दिया है।
तकनीक बढ़ने के साथ आज पीरियड केयर के क्षेत्र में काम कर रही कंपिनियों ने कई तरह के नैपकिन के प्रकार बाजार में उतारें हैं। ये तय करने के पहले की पैड कौन सा अच्छा होता है, कॉटन सेनेटरी पैड (cotton sanitary pads) यूज करना है, रेगुलर सेनेटरी पैड्स (regular sanitary pads) यूज करना या पैंटी लाइनर्स (panty liners) यूज करना है, पहले अपनी जरूरत समझें। तरह-तरह के सेनेटरी पैड्स के फायदे उठाने के लिए जरूरी है कि पहले आप अपनी बॉडी, अपने पीरियड फ्लो, पीरियड के आने का समय आदि समझें और फिर अपने लिए पैड चुनें।