आज-कल की दौड़ती-भागती ज़िंदगी में शादी करवाना भी एक बहुत बड़ा काम हो गया है। जहां पहले घरवाले पंडित-पुजारियों और रिश्तेदारों से मिलकर अपने बेटे या बेटी की शादी तय कर देते थे, वहीं समय बीतने के साथ अरेंज मैरिज की जगह लव मैरिज ने ले ली। कामकाजी युवा अक्सर अपने साथ या अपने जैसे क्षेत्र में काम करने वाले पार्टनर को तरजीह देते हैं और इसीलिए वे कई महीनों या सालों तक एक-दूसरे को डेट करने के बाद शादी जैसा अहम फैसला लेते हैं। बीते कुछ सालों में मैट्रिमोनियल साइट्स (matrimonial sites) का ट्रेंड बढ़ा है।
इन साइट्स पर लड़का या लड़की कभी खुद ही अपना अकाउंट बना लेते हैं तो कभी उनके घरवाले। कुछ अच्छे प्रॉस्पेक्ट्स ढूंढने के बाद वे मिलने-जुलने का कार्यक्रम तय करते हैं और फिर उसी हिसाब से अपनी बात आगे बढ़ाते हैं। हालांकि, इस डिजिटल युग में उस लड़के या लड़की को परखना एक बहुत बड़ा चैलेंज बनता जा रहा है। दरअसल, कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें फर्स्ट मीटिंग या कई में तो शादी के बाद खुलासा हुआ कि मैट्रिमोनियल साइट पर बना प्रोफाइल (profile) फेक था। अगर आपने भी ऐसी किसी साइट पर अपना प्रोफाइल बनाया हुआ है तो इन तरीकों से परखें कि वह रियल है या फेक।
फोटो से पहचानें
असली और नकली अकाउंट्स की पहचान के लिए उनका फोटो भी काफी होता है। अगर आपके सामने कोई ऐसा अकाउंट आया है, जिस पर प्रोफाइल फोटो नहीं लगी हुई है तो उसकी तरफ गौर करने की भी ज़रूरत नहीं है। वह प्रोफाइल दूसरे पैमानों में कितना भी विश्वसनीय और बेहतर लग रहा हो पर फोटो न होना उसे संदेह के घेरे में खड़ा कर सकता है।
इसी तरह यह भी ध्यान दीजिए कि प्रोफाइल पर किसी सेलेब्रिटी की फोटो न लगी हो और वह अमुक व्यक्ति की असली फोटो ही हो।
एडिटिंग पर करें गौर
कुछ लोगों को फोटो एडिटिंग का काफी शौक होता है। अगर आपके पास मैट्रिमोनियल साइट के किसी अकाउंट से रिक्वेस्ट आई है तो उसके नाम के साथ ही उसकी फोटो भी ध्यान से देखें। अगर आपको लगे कि वह फोटो एडिटेड है या अलग-अलग फोटोज़ के फीचर्स लेकर तैयार की गई है तो उसे इग्नोर करें।
हो सकता है कि वह लड़का या लड़की शादी जैसे बड़े फैसले को लेकर सीरियस ही न हो या वह अपनी असली पहचान को छिपाना चाहता है या हो सकता है कि उसका अकाउंट यूं ही किसी ने बना दिया हो।
नाम में बहुत कुछ रखा है
अगर आप सोचते हैं कि नाम में कुछ नहीं रखा है तो आप गलत हो सकते हैं। आपने जो भी प्रोफाइल सेलेक्ट किया है, उस पर लिखे हुए नाम को कॉपी कर सोशल मीडिया साइट्स पर पेस्ट कर दीजिए। बात आगे बढ़ाने से पहले तसल्ली करना ज़रूरी है कि वह अकाउंट असली है भी या नहीं।
अगर आपको फेसबुक, इंस्टाग्राम या ट्विटर पर वह नाम उसी फोटो (या मिलती-जुलती फोटो) के साथ मिल जाता है तो उस पर यकीन किया जा सकता है। अगर वहां न मिले तो आप लिंक्डइन पर भी सर्च कर सकते हैं।
प्रोफाइल की स्टडी ज़रूरी
आपने जो प्रोफाइल अपने लिए शॉर्टलिस्ट किया है या जिस प्रोफाइल की तरफ से आपके पास रिक्वेस्ट आई है, उसे गंभीरता से जांचें। अगर आपको लगे कि उसके द्वारा दी गई बेसिक जानकारी आपकी पसंद या क्राइटेरिया से मेल नहीं खाती है तो उसे जाने दें। इसी तरह से अगर आपको लगे कि किसी प्रोफाइल को कई बार एडिट किया गया है तो उसके लिए भी अपना समय बर्बाद करने की कोई ज़रूरत नहीं है।
दरअसल, माना जाता है कि फेक अकाउंट बनाने वाले लोग बार-बार अपने प्रोफाइल को एडिट करते रहते हैं।
शर्तें न मानें
अगर एक-दो मीटिंग के बाद या उससे भी पहले ही सामने वाला व्यक्ति आपसे रुपयों या किसी भी तरह की कोई डिमांड रख रहा हो तो उसकी बातों में आने की कोई ज़रूरत नहीं है। हो सकता है कि वह आपको इमोशनली ब्लैकमेल भी करे, ऐसे में उससे कट ऑफ करना ही बेहतर रहेगा। किसी भी प्रोफाइल पर बात आगे बढ़ाने से पहले अपनी तरफ से उसे सही ढंग से परख ज़रूर लें।