भारतीय सिनेमा का इतिहास बहुत पुराना है। एक समय था जब हमें फिल्मों में लीड किरदार में केवल हीरो को देखना पसंद था। जहाँ शायद किसी हीरो के बिना फिल्म के बारे सोच कर ही अजीब लगता था। मगर बदलते समय के साथ बॉलीवुड में कई बदलाव आये। बीते कुछ सालों में कई ऐसी फिल्में बनी जो पूरी तरह से महिला प्रधान (वुमेन सेंट्रिक फिल्में) रहीं। इन फिल्मों में महिलाओं के अलग-अलग रंग ढंग देखने को मिले। इसी के साथ ऑडियंस के सोचने का नजरिया भी बदलता हुआ दिखा की एक हीरो के बिना भी फिल्म सुपरहिट हो सकती है। इनमें से कुछ कहानियां इतनी शानदार थी कि कोई भी इनको नकार नहीं सका और ये फिल्में माइल स्टोन साबित हुई। वुमेन सेंट्रिक फिल्मों की हमेशा से यह खास बात रही की इनमें महिलाओं के किरदार को बहुत सकारत्मकता से दिखाया गया जिसने महिलाओं के प्रति पिछड़ी सोच को बदलने का काम किया।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आज हम आपको बॉलीवुड की उन फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ महिलाओं ने लीड किरदार निभा कर अपने अभिनय का लोहा मनवाया। इस महिला दिवस के मौके पर आप भी अपने दोस्तों परिजनों और रिश्तेदारों को स्पेशल फील करवाएं और सेंड करें वूमेंस डे कोट्स इन हिंदी। आप चाहें तो महिला दिवस की शुभकामना संदेश व्हाट्सप्प और फेसबुक पर शेयर करें।
Mother India
साल 1957 में आयी मदर इंडिया फिल्म के बारे में शायद ही कोई हो जो न जानता हो। इस फिल्म में मुख्य किरदार नरगिस ने निभाया था। यह एक ऐसी महिला प्रधान फिल्म थी जिसमें एक महिला के संघर्षों की कहानी को दर्शाया गया था। फिल्म में एक महिला की जिंदगी के तमाम उतार-चढ़ाव की कहानी को पूरी संवेदना से पिरोया गया। इस फिल्म ने आज तक दर्शकों के दिल में अपनी जगह बना रखी है।
भारत की प्रसिद्ध महिला राजनेताए
No One Killed Jessica
साल 2011 में रिलीज हुई फिल्म नो वन किल्ड जेसिका सच्ची घटना पर आधारित है। फिल्म की मुख्य भूमिका रानी मुखर्जी और विद्या बालन ने निभाया था। फिल्म के सुपरहिट होने का पूरा क्रेडिट रानी मुखर्जी को जाता है। उन्होनें अपने किरदार के साथ पूरा जस्टिस किया और यह साबित कर दिया की जरुरी नहीं एक फिल्म को हिट करने के लिए हीरो की जरुरत पड़ती है।
Gulab Gang
एक महिला ही महिला की दुश्मन होती है। यह कहावत आपने कई बार सुना होगा। मगर गुलाब गैंग एक ऐसी फिल्म है जिसमें आपको महिलाओं के सभी पहलू देखने को मिलेंगे। इस फिल्म में मुख्य किरदार माधुरी दीक्षित ने और खलनायक का किरदार जूही चावला ने निभाया था। दोनों ने अपनी दमदार एक्टिंग से महिलाओं के अलग-अलग संघर्षों की कहानी दर्शायी। इस फिल्म में महिलाओं के एक्शन सीन से लेकर इमोशन प्लाट तक सब कुछ देखने को मिलेगा।
Kahaani
बदलते समय के साथ बॉलीवुड में भी कई ट्रेंड्स बदले है। कहानी भी उन्ही बदलते ट्रेंड्स पर बनी फिल्म है।जिसमें मुख्य किरदार विद्या बालन ने निभाया था। जो एक जासूस बनी थी। आजतक हमने ज्यादातर फिल्मों में केवल मेल कैरक्टर को ही जेम्स बॉन्ड और खुफिया जासूस बनते हुए देखा है। कहानी एक सस्पेंस थ्रिलर है। कहानी जैसी फिल्में महिला सशक्तिकरण में अपना अहम योगदान निभाती है। महिलाओं को प्रेरित करने के लिए ऐसी फिल्में हमेशा बनानी चाहिए।
Raazi
राज़ी फिल्म में मुख्य भूमिका आलिया भट ने निभाई थी। अगर फिल्म में आलिया के किरदार को करीब से देखा जाये तो यह कहना गलत नहीं होगा की महिलाएं अगर ठान लें तो कोई भी किरदार निभा सकती है। जरुरत पड़ती है बस साहस और हिम्मत की। फिल्म में आलिया ने एक भारतीय जासूस का किरदार निभाया है। कुछ साइट्स के अनुसार इस फिल्म ने अंतराष्ट्रीय स्तर पर कुल 195.75 करोड़ रूपए का कारोबार किया था।
Neerja
नीरजा भी सच्ची घटना पर आधारित फिल्म है। यह एक ऐसी फिल्म है जो शुरू से अंत तक आपको बनाएं रखेगी। फिल्म की कहानी एक बहादुर महिला और एयर होस्टेस नीरजा भनोट पर बेस्ड है। आपको इसमें देखने को मिलेगा कैसे नीरजा प्लेन में अपहर्ताओं से लोगों को बचाने का प्रयास करते हुए अपनी जान गवा देती है। फिल्म में भरपूर इमोशनल प्लाट है। यह आपकी आँखों में भी आंसू ला देंगे।
Shakuntla Devi
हाल ही 2020 में आयी बायोपिक शकुंतला देवी मानव कंप्यूटर कहलाने वाली शकुंतला देवी के ऊपर बनाई गयी है। फिल्म के निर्देशक अनु मेनन है। फिल्म देख कर कही भी आपको एक हीरो की कमी महसूस नहीं होगी। कहानी में आपको पता चलेगा कैसे शकुंतला देवी आम लड़की से इंटरनेशनल स्टार बनी। साल 1982 में शकुंतला देवी का नाम गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज़ किया गया था। इस फिल्म में शकुंतला का किरदार विद्या बालन ने निभाया था। शकुंतला देवी ने गणित को मज़ेदार बना कर उसे समझने की परिभाषा बदल दी थी।
Gunjan Saxena: The Kargil Girl
गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल भी सच्ची घटना पर आधारित बायोपिक फिल्म है। जान्हवी कपूर ने फिल्म में गुंजन सक्सेना का किरदार निभाया है। फिल्म में उन्होनें पहली महिला भारतीय वायुसेना पायलट का रोल निभाया है। गुंजन सक्सेना कारगिल युद्ध के दौरान युद्ध का हिस्सा थी और 1999 में युद्ध क्षेत्र से घायल सैनिकों को निकाला। असल जीवन में बहादुरी और समझदारी के लिए गुंजन सक्सेना को शौर्य चक्र से भी नवाज़ा गया था। फिल्म का निर्देशन शरण शर्मा द्वारा किया गया था।
Thappad
थप्पड़ फिल्म को बहुत सरे लोगो ने नकारा था, मगर उसके बावजजोद फिल्म हिट रही। इस फिल्म में महिलाओं के उस इमोशन के बारे में बताया गया है जिसके बारे में हम शायद ही सोचते हो। सीधे शब्दों में कहा जाये तो फिल्म का मुख्य प्लाट घरेलू हिंसा पर आधारित है। जिसमें लीड किरदार तापसी पन्नू द्वारा निभाया गया है। हालांकि ज्यादातर लोग तापसी पन्नू को उनके बोल्ड किरदारों के लिए जानते है। मगर इस फिल्म में उन्होनें बिलकुल अपोजिट रोल किया है। समाज के बदलाव और महिलाओं के प्रति सजगता लाने के लिए थप्पड़ जैसी फिल्म बहुत जरुरी है।
इस महिला दिवस के मौके पर आप भी खुद में अपने आस-पास बदलाव की लहर लाएं और यह प्रण लें न किसी महिला का अपमान करेंगे और ना होने देंगे।