कोरोनावायरस (coronavirus) के बढ़ते प्रकोप के चलते देशभर के थिएटर्स बंद हैं। सरकार ने अपने अनलॉक फेज़ में उनके खोले जाने की कोई सूचना भी अब तक जारी नहीं की है। ऐसे में जहां कुछ फिल्ममेकर्स अभी भी सिनेमा हॉल्स के खुलने की राह देख रहे हैं तो वहीं कुछ ने ओटीटी प्लेटफॉर्म्स का सहारा लेना शुरू कर दिया है। महीनों से अपने घरों में रह रहे दर्शक भी अब ओटीटी प्लेटफॉर्म्स से दिल लगा बैठे हैं। इसी कड़ी में ‘गुंजन सक्सेना-द कार्गिल गर्ल’ (Gunjan Saxena-The Kargil Girl) को भी वहीं रिलीज़ किया जा रहा है।
नेटफ्लिक्स पर गुंजन सक्सेना
देश की पहली भारतीय महिला एयरफोर्स ऑफिसर गुंजन सक्सेना (Gunjan Saxena) की बायोग्राफी फिल्म ‘गुंजन सक्सेना-द कार्गिल गर्ल’ तैयार हो गई है। उसे इसी साल यानि कि 2020 में बड़े पर्दे पर रिलीज़ किया जाना था, मगर देश के हालात में कोई सुधार न होता देख अब इस फिल्म को ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ किया जा रहा है। नेटफ्लिक्स व फिल्म से संबंधित लोग इस बात की जानकारी पहले ही दे चुके हैं।
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"Plane ladka udaye ya ladki, usse pilot hi kehte hain"- Gunjan Saxena – The Kargil Girl, arriving soon. #GunjanSaxenaOnNetflix#JanhviKapoor @DharmaMovies @ZeeStudios_ @karanjohar @apoorvamehta18 @TripathiiPankaj @Imangadbedi @ItsViineetKumar #ManavVij #SharanSharma pic.twitter.com/3blmvho4rG
— Netflix India (@NetflixIndia) June 9, 2020
करण जौहर के प्रोडक्शन हाउस ‘धर्मा मूवीज़’ द्वारा निर्मित इस फिल्म में जाह्नवी कपूर, गुंजन सक्सेना का ऐतिहासिक किरदार निभाती हुई नज़र आएंगी। उनके साथ ही पंकज त्रिपाठी भी फिल्म में अहम भूमिका निभा रहे हैं। ताज़ा जानकारी के अनुसार, यह फिल्म 12 अगस्त को नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ की जाएगी। देश के गौरव से जुड़ी इस फिल्म को स्वतंत्रता दिवस के आस-पास रिलीज़ करना मेकर्स के लिए एक अच्छा फैसला साबित हो सकता है।
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कहानी गुंजन सक्सेना की
गुंजन सक्सेना भारतीय एयरफोर्स की पहली महिला पायलट थीं, जिन्हें कारगिल युद्ध के दौरान जंग के बीच भेजा गया था। 1999 में गुंजन मात्र 25 साल की थीं, जब उनकी पोस्टिंग 132 फॉरवर्ड एरिया कंट्रोल (FAC) में हुई थी। युद्ध के शुरुआती दौर में ही उन्हें श्रीनगर जाने के लिए कहा गया था। आर्मी ऑफिसर की बेटी गुंजन के लिए यह मुश्किल भरा काम नहीं था। ऊधमपुर से श्रीनगर जाने के लिए उन्होंने माता-पिता को फोन पर जानकारी दी। एक आर्मी ऑफिसर होने के नाते उनके पिता ने उनके काम में दखल देना ज़रूरी नहीं समझा और वे श्रीनगर के लिए रवाना हो गईं।
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श्रीनगर में उस समय चार हेलीकॉप्टर तैनात थे, जिनमें से गुंजन हेलीकॉप्टर चीता को उड़ा रही थीं। दस पायलट्स के दल में वे एकमात्र महिला थीं। युद्ध की तेजी होने पर उन्हें असाइनमेंट देने से पहले पूछा जाता था कि वे इसके लिए तैयार हैं या नहीं।
मुश्किल भरे दिन
गुंजन उस पायलट दल में शामिल थीं, जो सर्विलांस के लिए जाता था। 13 हजार फीट की ऊंचाई पर गुंजन अक्सर अपने हेलीकॉप्टर को हैलीपैड पर उतारती थीं। यह किसी भी नौसिखिया पायलट के बस की बात नहीं थी क्योंकि उस क्षेत्र में दुश्मन की गोली लगने का भी डर रहता था। गुंजन अपनी ड्यूटी करते हुए कई बार अपने हेलीकॉप्टर से जख्मी सिपाहियों की मदद भी करती थीं। साथ ही सैनिकों को दवाइयां, खाना और दूसरे ज़रूरी सामान भी पहुंचाने होते थे। पायलट गुंजन ने 20 दिनों में दस ऐसे मिशन पूरे किए थे, जिसके बाद युद्ध में छोटे हेलिकॉप्टरों को हटाकर फाइटर हेलिकॉप्टर लगा दिए गए थे। गुंजन एक आर्मी परिवार से ताल्लुक रखती थीं। माता-पिता को उनके काम के जोखिम के बारे में अच्छी तरह से पता था लेकिन उन्होंने अपनी बेटी के काम में कभी भी दखल नहीं दिया और उसे पूरी निष्ठा से काम करने की स्वतंत्रता दी।
गुंजन सक्सेना के किरदार में जाह्नवी कपूर जंच रही हैं और सभी को इस फिल्म से खास उम्मीदें भी हैं।