इसे चाहे आज के जमाने में बढ़ता पैसे और प्रभाव का ग्लैमर कहें या फिर आगे बढ़ने की चाह, देश में पिछले कुछ सालों से फीमेल मर्डर की वारदातें बढ़ती ही जा रही हैं। इनमें बहुत सी मर्डर मिस्ट्रीज़ ऐसी भी हैं जिनमें हाई प्रोफाइल लोगों के नाम भी जुड़े हुए हैं। समय- समय पर ऐसी मर्डर मिस्ट्रीज़ हमारे पूरे देश को झकझोरती ही रहती हैं। चाहे वह सुनंदा पुष्कर का मामला हो या फिर आरुषि मर्डर केस, ऐसे हाई प्रोफाइल मामलों में न्याय की उम्मीद करना ही बेमानी लगने लगता है। यह ऐसे मामले हैं जिनमें कोर्ट के फैसले के बावजूद रहस्य बना ही हुआ है। आइये देखें क्या है इन मामलों का सच –
1.सुनंदा पुष्कर मर्डर मिस्ट्री
पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा की 17 जनवरी 2014 को चाणक्यपुरी स्थित पांच सितारा होटल लीला पैलेस के एक सुइट में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। मूल रूप से कश्मीरी सुनंदा पुष्कर के पिता पीएन दास भारतीय सेना में वरिष्ठ अधिकारी थे। सुनंदा और शशि थरूर की शादी 2010 में ही हुई थी। यह सुनंदा की तीसरी और शशि थरूर की दूसरी शादी थी। एम्स की फॉरेसिंक रिपोर्ट में कहा गया कि सुनंदा पुष्कर की मौत ड्रग्स ओवरडोज़ की वजह से हुई थी।
इस मौत को पहले आत्महत्या बताया गया था, लेकिन एक साल बाद विसरा रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया था। मामले की जांच के लिए एसआइटी बनाई गई। लेकिन, चार साल बाद भी न तो केस सुलझ सका और न ही किसी की गिरफ्तारी हुई। अब दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में सुनंदा पुष्कर के पति शशि थरूर को खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोपी माना है। इस पर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने एक सुनवाई के दौरान शशि थरूर को 7 जुलाई को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है।
2. शीना बोरा मर्डर केस
स्टार इंडिया के पूर्व सीईओ पीटर मुखर्जी की पत्नी इंद्राणी मुखर्जी की बेटी शीना बोरा 24 अप्रैल 2012 से लापता थी। शीना बोरा मुंबई मेट्रो वन में काम करती थी। मुंबई पुलिस ने स्टार इंडिया के पूर्व सीईओ पीटर मुखर्जी की पत्नी इंद्राणी मुखर्जी को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। पुलिस पूछताछ में उन्होंने खुलासा किया था कि शीना बोरा उनकी बहन नहीं बल्कि बेटी थी। पीटर मुखर्जी ने 2002 में इंद्राणी से शादी की थी। इंद्राणी ने पीटर से पहले भी दो शादी की थी।
पुलिस का कहना है कि इंद्राणी मुखर्जी ने अपने ड्राइवर श्याम मनोहर राय और अपने पूर्व पति संजीव खन्ना की मदद से इस मर्डर को अंजाम दिया। इस हत्या के लिए सुपारी दी गई थी। श्याम मनोहर ने ही दूसरे आदमी की मदद से शीना की लाश को रायगढ़ के जंगल में ठिकाने लगाया था। शीना का मर्डर गला दबाकर किया गया था। मुंबई पुलिस ने इंद्राणी के पहले पति संजीव खन्ना को भी कोलकाता से गिरफ्तार कर लिया।
यहां आपको बता दें कि शीना बोरा का मर्डर अप्रैल, 2012 में हो चुका था और उनकी मौत के तीन साल बाद यह केस पीटर मुखर्जी के बेटे और शीना के दोस्त राहुल मुखर्जी की पहल के बाद खुला और जांच शुरू हुई। इस मामले की जांच पहले मुंबई पुलिस कर रही थी, जबकि बाद में यह केस सीबीआई को सौंप दिया गया। फिलहाल इंद्राणी मुखर्जी और संजीव खन्ना ड्राईवर के साथ जेल में हैं और इस केस का स्टेटस पेंडिंग है।
3. आरुषि तलवार मर्डर मिस्ट्री
16 मई 2008 को डॉक्टर राजेश और नूपुर तलवार की बेटी आरुषि तलवार और नौकर हेमराज नोएडा में उसके ही घर में मृत मिले थे। यह मर्डर उस समय हुआ जब आरुषि के माता-पिता दोनों ही अपने फ्लैट में मौजूद थे। आरुषि के पिता ने बेटी को उसके बेडरूम में जान से मारने का शक अपने नौकर पर व्यक्त करते हुए पुलिस में हेमराज के नाम एफआईआर दर्ज़ करायी। यह मर्डर मिस्ट्री करीब साढ़े पांच साल तक सुर्खियों में रही।
इसके बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले में तलवार दंपती को दोषी करार दिया। दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। अंत में 12 अक्टूबर 2017 को इलाहाबाद हाइकोर्ट द्वारा आरुषि के माता-पिता को निर्दोष करार दे दिया गया और वे जेल से रिहा हो गये, लेकिन यह बात अब तक एक मिस्ट्री
4. जेसिका लाल मर्डर केस
जेसिका लाल मर्डर केस ने राजधानी दिल्ली में काफी सनसनी फैलाई थी। 29 अप्रैल 1999 को महरौली स्थित कुतुब कोलोनेड रेस्तरां में सोशलाइट बीना रमानी ने हाई प्रोफाइल पार्टी दी थी। जहां राजधानी की नामी हस्तियां पहुंची थी। इन्हीं में से एक कांग्रेसी नेता विनोद शर्मा का बेटा मनु शर्मा अपने दोस्तों के साथ वहां पहुंचा। रात के 2 बजे पार्टी में शराब सर्व होने का टाइम खत्म होने के बाद मनु शर्मा ने वहां बारटेंडर बनी मॉडल जेसिका लाल से शराब की मांग की। इसके लिए जेसिका के इंकार करने पर नाराज मनु शर्मा ने अपनी पिस्टल से फायरिंग कर दी। पहली गोली हवा में और दूसरी जेसिका के सिर में लगी। इसके बाद मनु शर्मा अपने दोस्तों के साथ फरार हो गया, लेकिन बाद में उसने उत्तरप्रदेश के नेता डीपी यादव के बेटे विकास यादव और अपने दूसरे दोस्तों समेत आत्मसमर्पण कर दिया। सत्र अदालत ने हत्या के मामले में नौ लोगों के खिलाफ आरोप तय किए।
बाद में अदालती कार्यवाही के दौरान अनेक गवाहों के मुकरने के बाद रेस्त्रां और बार मालकिन बीना रमानी और उसकी डिजाइनर बेटी मालिनी रमानी ने मनु शर्मा की शिनाख्त के बाद अंततया सुप्रीम कोर्ट ने मनु शर्मा को उम्रकैद की सजा सुनाई। सह अभियुक्त अमरदीपसिंह गिल और विकास यादव को चार-चार साल की जेल की सजा हुई। फिलहाल मनु शर्मा पिछले करीब 15 साल से तिहाड़ जेल में बंद है और जेसिका मर्डर केस में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। उसके अच्छे व्यवहार को देखते हुए उसे पिछले 6 महीने से खुली जेल में भेज दिया गया है और जेसिका की बहन सबरीना लाल ने 19 साल के बाद माफ कर दिया है। सबरीना ने कहा कि अगर पुलिस चाहे तो उसे आजाद कर सकती है।
5. शिवानी भटनागर हत्या कांड
दिल्ली के अख़बार ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की पत्रकार शिवानी भटनागर की 23 जनवरी 1999 को उनके पूर्वी दिल्ली स्थित अपार्टमेंट में हत्या कर दी गई थी। इस केस में हत्या का आरोप एक आईपीएस अधिकारी आरके शर्मा पर लगा। दिल्ली पुलिस को जैसे ही इस हत्याकांड में तत्कालीन आईजी आरके शर्मा के होने का पता चला, शर्मा फरार हो गया। अदालत ने अगस्त 2002 में ही भगोड़े आईपीएस आरके शर्मा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया और उसे आईजी जेल पद से हटा दिया गया। आरके शर्मा ने सितंबर 2002 में उसने अंबाला कोर्ट के सामने सरेंडर कर दिया। रवि शर्मा ने अपने कबूलनामे में कहा था कि शिवानी से अवैध रिश्ते की भनक किसी को न लगे इस वजह से उनकी हत्या करवा दी थी। मामले में रवि शर्मा सहित भगवान शर्मा, प्रदीप शर्मा और सत्य प्रकाश को गिरफ्तार किया गया।
इसके बाद करीब 9 साल तिहाड़ जेल में उम्र कैद की सजा काटने के बाद अक्टूबर, 2011 में दिल्ली हाई कोर्ट ने रविकांत शर्मा और अन्य दो अभियुक्तों को बरी कर दिया लेकिन एक अभियुक्त की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा। शर्मा ने इस मामले में अभियुक्त बनाए जाने और उम्रकैद की सजा के खिलाफ याचिका दायर की थी।
6. प्रियदर्शिनी मट्टू मर्डर केस
दिल्ली यूनिवर्सिटी की लॉ स्टूडेंट प्रियदर्शिनी मट्टू की 23 जनवरी 1996 को नई दिल्ली स्थित उसके घर में बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। दिल्ली यूनिवर्सिटी की लॉ स्टूडेंट रहीं प्रियदर्शिनी मट्टू का शव 23 जनवरी, 1996 में दिल्ली स्थित उनके चाचा के घर पर पाया गया था। साल 1999 में निचली अदालत ने उनके क़ातिल और कॉलेज के सीनियर संतोष कुमार सिंह को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया, लेकिन अक्तूबर, 2006 में दिल्ली हाई कोर्ट ने संतोष कुमार सिंह को मौत की सज़ा सुनाई।
कोर्ट में यह मामला 14 साल तक चला। लगभग चार साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मुख्य आरोपी संतोष कुमार सिंह को दोषी ठहराए जाने के हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा, लेकिन उसकी मौत की सजा को यह कहते हुए उम्र कैद में तब्दील कर दिया कि कुछ बातें उसके पक्ष में जाती हैं।
7. नैना साहनी यानि तंदूर मर्डर केस
2 जुलाई, 1995 को कांग्रेस नेता सुशील शर्मा ने अवैध संबंधों के शक में पत्नी नैना साहनी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। कहा जाता है कि सुशील शर्मा ने नैना के अन्य प्रेम सम्बंध होने के शक में उसकी हत्या की। नैना भी कांग्रेस कार्यकर्ता थी। 2 जुलाई 1995 को जब सुशील घर आया तो नैना फोन पर बात कर रही थी। जब उसे पता चला कि वो करीम मतलूम से बात कर रही थी तो उसने गुस्से में उसने नैना पर लाइसेंसी रिवाल्वर से तीन फायर कर दिए।
इसके बाद सुशील नैना के शव को लपेटकर अशोक यात्री निवास होटल के बगिया रेस्टोरेंट ले गया। वहां उसने नैना के कई टुकड़े किए और रेस्टोरेंट के मैनेजर केशव की मदद से नैना के शव को तंदूर में जलाने की कोशिश की। लेकिन इस दौरान मामला खुल गया और पुलिस ने तंदूर से नैना का अधजला शव बरामद कर लिया। निचली अदालत ने सुशील शर्मा को फांसी की सजा सुनाई। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस सजा को उम्रकैद में बदल दिया। इसे तन्दूर हत्याकांड भी कहा जाता है।
8. मधुमिता शुक्ला हत्या कांड
09 मई 2003 को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के पेपर मिल कॉलोनी स्थित अपार्टमेंट में कवयित्री मधुमिता शुक्ला की गोली मार कर हत्या कर दी गई। इस मामले में यूपी पुलिस ने राजनेता अमरमणि त्रिपाठी को अरेस्ट किया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला था कि मधुमिता मां बनने वाली थीं।
बताया जाता है कि अमरमणि त्रिपाठी चाहता था कि मधुमिता अबॉर्शन करवा ले, जिसे उसने अस्वीकार कर दिया था। इसके बाद अमरमणि ने मधुमिता की हत्या करवा दी थी। इस मामले में अमरमणि उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।
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