हिंदी केवल एक भाषा ही नहीं बल्कि हिंदुस्तान का गर्व है। ”हिंदी हैं हम, वतन है हिंदोस्तां हमारा” ये लाइनें हम बड़े ज़ोर-शोर से गाते हैं। यही कारण है कि हिन्दी दिवस पर कविता हम हिंदुस्तानियों के लिए अपने आप में एक विशेष महत्व रखती है। वैसे भी भारत को भाषाओं के मामले में काफी समृद्ध देश माना जाता है। हिन्दी विश्व में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाओं में से एक है। विश्व की प्राचीन, समृद्ध और सरल भाषा होने के साथ-साथ हिन्दी हमारी ‘राष्ट्रभाषा’ भी है। हिन्दी दिवस भारत में हर साल ’14 सितंबर’ के दिन मनाया जाता है। ये भी पढ़ें – हिंदी दिवस की शुभकामनाएं
इस दिन भारतवासी एक दूसरे को हिंदी दिवस पर हास्य कविता (Hindi Diwas Par Hasya Kavita) या हिंदी दिवस पर कविता लिखकर जरूर भेजते हैं। अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल्स पर भी हिंदी के सम्मान में हिंदी दिवस पर कविता (Hindi Diwas par Kavita) लगाने का ट्रेंड है इसलिए हम यहाँ लेकर आए हैं Best Hindi Diwas Poem, हिंदी दिवस पर कविता और हिंदी दिवस पर हास्य कविता का शानदार कलेक्शन, जिसे आप हिंदी दिवस के मौके पर सभी के साथ शेयर कर सकते हैं ….
Poem on Hindi Diwas | हिंदी दिवस पर कविता
हम हिंदी दिवस पर हास्य कविता (Hindi Diwas Par Hasya Kavita) या हिंदी दिवस पर कविता इसलिए भेजते हैं ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियां हिंदी भाषा का महत्व (Hindi Ka Mahatva) को समझ सकें और उसका सम्मान करना सीखें। पढ़ें कुछ शानदार हिंदी दिवस कविता (Poems on Hindi Diwas) और अपने प्रियजनों के साथ शेयर करें। ये भी पढ़ें – हिंदी दिवस कब मनाया जाता है
- माँ भारती के भाल का शृंगार है हिंदी, हिंदोस्ताँ के बाग़ की बहार है हिंदी, घुट्टी के साथ घोल के माँ ने पिलाई थी, स्वर फूट पड़ रहा, वही मल्हार है हिंदी, तुलसी, कबीर, सूर औ’ रसखान के लिए ब्रह्मा के कमंडल से बही धार है हिंदी, सिद्धांतों की बात से न होयगा भला, अपनाएँगे न रोज़ के व्यवहार में हिंदी, कश्ती फँसेगी जब कभी तूफ़ानी भँवर में, उस दिन करेगी पार, वो पतवार है हिंदी, माना कि रख दिया है संविधान में मगरपन्नों के बीच आज तार-तार है हिंदी, सुन कर के तेरी आह ‘व्योम’ थरथरा रहा, वक्त आने पर बन जाएगी तलवार ये हिंदी।
- पाथेय है, प्रवास में, परिचय का सूत्र है, मैत्री को जोड़ने की सांकल है यह हिन्दी। पढ़ने व पढ़ाने में सहज है, यह सुगम है, साहित्य का असीम सागर है यह हिन्दी। तुलसी, कबीर, मीरा ने इसमें ही लिखा है, कवि सूर के सागर की गागर है यह हिन्दी।”
- जन्म लिया जिसके आँगन में जिसके गोद में बड़ा हुआ, हिंदी हो तुम माँ की जैसी तेरे सहारे खड़ा हुआ। भले त्रुटियां हो मुझमें मैं अभी तुम्हारे लायक नहीं, मां को छोड़ चला जाऊं मैं ऐसा पुत्र नालायक नहीं। रोम रोम में बसती है तू कैसे तेरा तिरस्कार करूं, तुझसे जुड़ा है मेरा भोजन तेरी ही जयकार करूं।अंग्रेजी से डर लगता है छड़ी तान कर खड़ी है वो, देखो कैसे झुठलाती है कहती है तुझसे बड़ी है वो। खुश होते हो कैसे कह कर इंग्लिश का झंडा गाड़ दिया, जिस आंचल में पले बड़े उस आँचल को ही फाड़ दिया। हम हैं तेरे सेवक माता क्यों तुम छुप कर रोती हो, देश के सारे लोगों को तुम एक धागे में पिरोती हो।
- देश की ऊंची शान करें, हम हिंदी में काम करें। भांति-भांति की भाषा सबको आती, पर हिंदी ही सबको भाती। शर्म नहीं, सम्मान है, हिंदी ही हमारा अभिमान है। सौंधी सुगंध, मीठी सी भाषा, गर्व से कहो हिंदी है मेरी भाषा।
- दीप से दीप जलाए जा, हिंदी भाषा का ज्ञान फैलाए जा। पढ़ना है, पढ़ाना है, सबको सिखाना है, हिंदी भाषा को आगे बढ़ाना है।
- कभी अंग्रेजी आई कभी फारसी आयी, हमारे समझ में तो बस हिंदी आयी। हिंदी का सम्मान, देश का सम्मान है। अंग्रेजी भाषा को पछाड़ दो और हिन्दी भाषा को आकार दो। hindi diwas par nara
14 September Hindi Diwas par Kavita | 14 सितंबर हिंदी दिवस पर कविता
हिंदी भाषा दिखावे की भाषा नहीं और न ही झगड़े की भाषा है। हिन्दी ने अपने अस्तित्व से लेकर आज तक कितनी ही सखी भाषाओं को अपने आंचल से बांध कर हर दिन एक नया रूप धारण किया है। फारसी, अरबी, उर्दू से लेकर ‘आधुनिक बाला’ अंग्रेजी तक को आत्मीयता से अपनाया है। अब समय है कि हम हिन्दी को वो मान-सम्मान दिलाएं जिसकी वो हकदार है। 14 सितंबर हिंदी दिवस पर कविता का खूब आदान-प्रदान करें। हिंदी दिवस (National Hindi Day) के बहाने ही सही, हमें इस साल भी फिर एक बार हिन्दी की रक्षा करने का संकल्प लेना चाहिए। इसी क्रम पढ़िए हिंदी दिवस पर कविता (Hindi Diwas Poem)।
- हमारी स्वतंत्रता कहां है, राष्ट्रभाषा जहां है। बढ़ाना हैं देश को व्यक्तित्व विकास की ओर तो दें हिंदी भाषा पर जोर। जन-जन की आशा हैं हिंदी, भारत की भाषा है हिंदी।
- ”हिंदी हैं हम, वतन है हिन्दुस्तान हमारा, कितना अच्छा व कितना प्यारा है ये नारा। हिंदी में बात करें तो मूर्ख समझे जाते हैं। अंग्रेजी में बात करें तो जैंटलमेल हो जाते। अंग्रेजी का हम पर असर हो गया। हिंदी का मुश्किल सफ़र हो गया। देसी घी आजकल बटर हो गया, चाकू भी आजकल कटर हो गया। अब मैं आपसे इज़ाज़त चाहती हूं, हिंदी की सबसे हिफाज़त चाहती हूं।”
- निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल। अंग्रेजी पढ़ि के जदपि, सब गुन होत प्रवीन पै निज भाषा-ज्ञान बिन, रहत हीन के हीन। उन्नति पूरी है तबहिं जब घर उन्नति होय, निज शरीर उन्नति किये, रहत मूढ़ सब कोय। निज भाषा उन्नति बिना, कबहुं न ह्यैहैं सोय लाख उपाय अनेक यों भले करे किन कोय।
- इक भाषा इक जीव इक मति सब घर के लोग, तबै बनत है सबन सों, मिटत मूढ़ता सोग। और एक अति लाभ यह, या में प्रगट लखात, निज भाषा में कीजिए, जो विद्या की बात।
- तेहि सुनि पावै लाभ सब, बात सुनै जो कोय, यह गुन भाषा और महं कबहूं नाहीं होय। विविध कला शिक्षा अमित, ज्ञान अनेक प्रकार, सब देसन से लै करहू, भाषा माहि प्रचार।
- भारत में सब भिन्न अति, ताहीं सों उत्पात, विविध देस मतहू विविध भाषा विविध लखात। सब मिल तासों छांड़ि कै, दूजे और उपाय, उन्नति भाषा की करहु, अहो भ्रातगन आय। ”
Rhyme Hindi Diwas Poem | हिंदी दिवस की कविता
अक्सर लोग खोजते रहते है कि हिंदी दिवस पर कविता बताइए, इसीलिए नीचे हम दे रहें हैं कुछ बेहतरीन हिन्दी दिवस की कविता (Rhyme Hindi Diwas Poem) जो आपके इस हिंदी प्रेम को और अधिक बढ़ाने में आपकी मदद कर सकती हैं। आप एक नजर यहाँ भी जरूर डालें – हिन्दी दिवस से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें
- करते हैं तन-मन से वंदन, जन-गण-मन की अभिलाषा का, अभिनंदन अपनी संस्कृति का, आराधन अपनी भाषा का, यह अपनी शक्ति सर्जना के माथे की है चंदन रोली, माँ के आँचल की छाया में हमने जो सीखी है बोली, यह अपनी बँधी हुई अंजुरी ये अपने गंधित शब्द सुमन, यह पूजन अपनी संस्कृति का यह अर्चन अपनी भाषा का। अपने रत्नाकर के रहते किसकी धारा के बीच बहें, हम इतने निर्धन नहीं कि वाणी से औरों के ऋणी रहें, इसमें प्रतिबिंबित है अतीत आकार ले रहा वर्तमान, यह दर्शन अपनी संस्कृति का यह दर्पण अपनी भाषा का। यह ऊँचाई है तुलसी की यह सूर-सिंधु की गहराई, टंकार चंद वरदाई की यह विद्यापति की पुरवाई, जयशंकर की जयकार निराला का यह अपराजेय ओज, यह गर्जन अपनी संस्कृति का यह गुंजन अपनी भाषा का।
- मन के भावों को जो ब्यक्त करा दे, ऐसी साहित्यिक रसधार है ‘हिंदी’ छोटे बड़े अक्षरों का जो भेद मिटा दे ऐसा समानता का अधिकार है ‘हिंदी’,टूटे अक्षरों को सहारा जो दिला दे , ऐसी भाषाओ का हार है ‘हिंदी’, सभी नदियों को सागर में मिला दे, ऐसा शब्दो का समाहार है ‘हिंदी’, कवियों को जो गौरवान्वित कर दे, साहित्यिक ज्ञान का वो भंडार है ‘हिन्दी’, प्रकृति का जो विस्तार बता दे, ऐसी सुंदरता का सार है ‘हिंदी’, शास्त्रो का जो ज्ञान दिला दे, संस्कृत का नव अवतार है ‘हिंदी’, परमात्मा का जो दरश दिखा दे, ऐसी वात्सल्यता अपरम्पार है ‘हिंदी’, लोगो को जो नैतिकता सिखा दे, मर्यादाओ सी सुविचार है ‘हिंदी’, आप-तुम में जो भेद बता दे, ऐसे संस्कारो का ब्यवहार है ‘हिंदी’, मानव को जो मानवता सिखा दे, उन संवेदनाओ का द्वार है ‘हिंदी’, बिछड़े हुए को जो स्वयं से मिला दे, ऐसा सुखद प्यार है ‘हिंदी’, नरेशो को जो गौरव महसूस कर दे, सोने चांदी सा उपहार है ‘हिंदी’
- हम सबकी प्यारी, लगती सबसे न्यारी। कश्मीर से कन्याकुमारी, राष्ट्रभाषा हमारी। साहित्य की फुलवारी, सरल-सुबोध पर है भारी। अंग्रेजी से जंग जारी, सम्मान की है अधिकारी। जन-जन की हो दुलारी, हिन्दी ही पहचान हमारी।
- अपने को आता है बस इसमें ही रस, वर्ष में मना लेते एक दिन हिंदी दिवस, मानसिकता पूर्णतया: इंगलिश की है, ‘लवली एटीकेट’ से ‘लव’ ‘प्यार फारेन डिश’ से है, अपना पप्पू ‘टाप’ है इस साल ‘कोचिंग क्लास’ में अब तो नाता उसके ‘फ्यूचर’ और उसके ‘विश’ से है, हिन्दी का ‘स्कोप’ क्या है? रह गया है कहाँ वो रस? यही क्या कम है मना लेते हैं हम एक दिन को हिन्दी दिवस।
- हिन्दी मेरा ईमान है, हिन्दी मेरी पहचान है, हिन्दी हूँ मैं, वतन भी मेरा प्यारा हिन्दुस्तान है, बढ़े चलो हिन्दी की डगर. हो अकेले फिर भी मगर, मार्ग की काँटे भी देखना, फूल बन जाएँगे ये इस पथ पर।
Hindi Diwas ke liye kavita | हिंदी दिवस के लिए कविता
भारत की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा आज भी हिंदी बोलता है। आज विश्व में ऐसे भी देश हैं जो अपने यहां केवल अपनी भाषा में ही काम को महत्व देते हैं। रूस, चीन, जापान ऐसे ही उदाहरण है इन देशों में इनकी ही भाषा में काम को महत्व दिया जाता है। जब ये देश अपनी भाषा के साथ तरक्की कर सकते हैं तो हम क्यों नहीं। इसी भावना का प्रचार-प्रसार करना जरूरी है, इसलिए पढ़े ऐसी ही भावनाओं से ओत-प्रोत ये हिंदी दिवस के लिए कविता (Hindi Diwas ke liye kavita)
- विनती बस यही हिंदी को ना दो तुम यह दोयम दर्जे का मान, हिंदी से सदा करो प्रेम, तुम दो इसे विशेष सम्मान। रोज मनाओ तुम हिंदी दिवस, बनाओ इसे अपना अभिमान, हिंदी है हमारी राजभाषा इसलिए दो इसे अपने ह्रदयों में विशेष स्थान। जन्म हुआ मानवता का हां यही तो वह स्थान है, दी सीख जिन्होंने धर्म की हमको तुलसी, कबीर संत महान हैं, संस्कृत से संस्कृति हमारी हिंदी से हिंदुस्तान है।
- हिंदी का सम्मान करो, यह हमारी राज भाषा, मिलाती देशवाशियों के दिलों को यह, पूरी करती अभिलाषा। देखो प्रेमचंद और भारतेन्दु के यह हिंदी साहित्य, जो लोगो के जीवन में ठहाको और मनोरंजन के रंग भरते नित्य। हिंदी भाषा की यह कथा पुरानी लगभग एक हजार वर्ष, जो बनी क्रांति की ज्वाला तो कभी स्वतंत्रता सेनानियों का संघर्ष। आजाद भारत में भी इसका कम नही योगदान, इसलिए हिंदी दिवस के रुप में इसे मिला यह विशेष स्थान।
- बिहारी, केशव, भूषण जैसे कवियों ने हिंदी अपनाई, हिंदी का महत्व बहुत है बात ये सब को समझाई, यही है कारण कि इन सबकी विश्व में आज पहचान है, संस्कृत से संस्कृति हमारी हिंदी से हिंदुस्तान है। है भाषा ये जनमानस की जो हृदय से सबको जोड़ती है पढ़ा जाए इतिहास तो ये सभ्यता की ओर मोड़ती है, हर हिंदुस्तानी के दिल में इसके लिए सम्मान है, संस्कृत से संस्कृति हमारी हिंदी से हिंदुस्तान है।
Short Poem For Hindi Diwas | हिंदी दिवस पर छोटी सी कविता
हमारी हिंदी भाषा की यह खासियत है कि यह कम शब्दों में अधिक कहने वाले साहित्य की धनी है। गागर में सागर भरने वाले साहित्य से प्रेरणा लेकर हम यहाँ दे रहे हैं हिंदी दिवस पर छोटी सी कविता (Short Poem For Hindi Diwas)
- हिंदी हमारी आन है, हिंदी हमारी शान है, हिंदी हमारी चेतना वाणी का शुभ वरदान है, हिंदी हमारी वर्तनी, हिंदी हमारा व्याकरण, हिंदी हमारी संस्कृति, हिंदी हमारा आचरण, हिंदी हमारी वेदना, हिंदी हमारा गान है, हिंदी से ही विश्व में अपनी सब पहचान है।
- हिंदी हमारी आत्मा है, भावना का साज़ है, हिंदी हमारे देश की हर तोतली आवाज़ है, हिंदी हमारी अस्मिता, हिंदी हमारा राज है, हिंदी निराला, प्रेमचंद का बनाया समाज है। हिंदी अपना कल है, हिंदी अपना आज है।
- हिंदी में बच्चन, पंत, दिनकर का मधुर संगीत है, हिंदी में तुलसी, सूर, मीरा जायसी की तान है, हिंदी विश्व साहित्य का आसमान है, हिंदी हैं हम वतन हैं, ये भाषा अपनी जान है।
- जब तक गगन में चांद, सूरज की लगी बिंदी रहे, तब तक वतन की राष्ट्र भाषा ये अमर हिंदी रहे, हिंदी हमारा शब्द, स्वर व्यंजन अमिट पहचान है, हिंदी हमारी चेतना वाणी का शुभ वरदान है।
- जन – जन ने अपनी वाणी से हिन्दी का रूप तराशा है, हिन्दी हर क्षेत्र में आगे है, इसको अपनाकर नाम करें, हम देशभक्त कहलाएंगे, जब हिन्दी में सब काम करें, हिन्दी चरित्र है भारत का, नैतिकता की परिभाषा है।
Hindi Diwas par Kavita Short | हिंदी दिवस के लिए छोटी सी कविता
डिजिटल प्लेटफार्म यानि सोशल मीडिया पर कुछ ही शेयर करो तो शब्दसीमा जिसे वर्ड लिमिट कहते हैं वो आड़े आ जाती है। ऐसे में आप हिंदी दिवस पर कविता अपने मनचाहे तरीके से शेयर नहीं कर पाते। इसलिए यहाँ से कॉपी करके शेयर करें कुछ बेहतरीन हिंदी दिवस के लिए छोटी सी कविता (Hindi Diwas par Kavita Short)
- हिन्दी विकास की रेखा है, हिन्दी में ही इस धरती ने हर ख़्वाब सुनहरा देखा है,हिन्दी विकास की रेखा है, हिंदी में ही इस धरती की किस्मत का लेखा है, हिन्दी विकास की रेखा है।
- मैं भारत माँ के मस्तक पर सबसे चमकीली बिंदी हूँ , मैं सब की जानी पहचानी भारत की भाषा हिंदी हूँ, मैंने अनगिनत फिल्मों में खूब धूम मचाई है, इसलिए विदेशियों ने भी अपनी प्रीति दिखाई है। सीधा – साधा रूप ही मेरा सबके मन को भाता है , भारत के जनमानस से मेरा सदियों पुराना नाता है।
- मैं हूं हिंदी वतन की बचा लो मुझे, राष्ट्रभाषा हूं मैं अभिलाषा हूं मैं, एक विद्या का घर पाठशाला हूं मैं, मेरा घर एक मंदिर बचा लो मुझे, मैं हूं हिंदी वतन की बचा लो मुझे, देख इस भीड़ में कहां खो गई, ऐसा लगता है अब नींद से सो गई, प्यार की एक थपक से जगा लो मुझे।
- मैं वह भाषा हूं, जिसमें तुम सपनाते हो, अलसाते हो, मैं वह भाषा हूं, जिसमें तुम अपनी कथा सुनाते हो, मैं वह भाषा हूं, जिसमें तुम जीवन साज पे संगत देते, मैं वह भाषा हूं, जिसमें तुम, भाव नदी का अमृत पीते। हिंदी में हम जन्में, चलों हिंदी का दिल जीतें।
- मां! मित्ती का ली मैंने… तुतलाकर मुझमें बोले, मां भी मेरे शब्दों में बोली थी – जा मुंह धो ले,जै जै करना सीखे थे, और खेलते थे बैट-बल्ला, मेरे शब्द खजाने से ही खूब किया हल्ला गुल्ला। मैं वही हूँ तेरी भाषा, तेरी पहचान तेरी आशा।
Inspirational Hindi Diwas Poem | प्रेरणादायक हिंदी दिवस कविता
यूँ तो हिंदी भाषा अपने आप में एक प्रेरणा है जिसने सदियों से अपनी लोकप्रियता को कायम रखा है, तो क्यों न हिंदी दिवस से जुड़ी कुछ प्रेरणादायी कविताओं को भी इस लेख में शामिल किया जाए, पढ़ें कुछ शानदार और प्रेरणादायक हिंदी दिवस कविता (Inspirational Hindi Diwas Poem)।
- अंग्रेजी से हार एक विराम है, हिंदी का जीवन महासंग्राम है, तिल-तिल मिटें मातृभाषा पर, यही हमारा राजगान है, क्योंकि हिंदी माँ के समान है।
- जन हो न निराश करो भाषा को, कुछ जीवित तुम रखो आशा को, जग में रहके निज भाषा के संग यह जन्म बनालो स्वदेशी तरंग , कुछ तो उपयुक्त करो मन को, दो यह सन्देश अब तुम जन-जन को।
- पथ आप प्रशस्त करो अपना, बोलो हिंदी, हिंदी में देखो सपना, क्यों पर भाषा का नाम जपना, क्यों हीनता की आंच में तपना, जब प्राप्त तुम्हें सब सम्मान है, जब भाषा तुम्हारी महान है, तो क्यों किसी के डर से रुकना, पथ आप प्रशस्त करो अपना।
- निज गौरव का नित ज्ञान रहे, हम भी कुछ हैं यह ध्यान रहे, निजभाषा का सम्मान रहे, संस्कृति पर सदा मान रहे, हिंदी का गुंजित गान रहे, हम भी कुछ हैं यह ध्यान रहे।
- नहीं बनाया किसी ने टाटा, बिरला, अंबानी, हिंदी वो बोलते थे समझे जाते हैं ज्ञानी, सब ने करी है कड़ी मेहनत, फिर है मेहनत रंग लाई। तुम भी छोड़ो करना केवल अंग्रेजी की अगुआई।
Best Poem on Hindi Diwas in Hindi | अच्छी हिंदी दिवस पर कविता
हिंदी दिवस पर अगर आप कुछ शानदार कविता पोस्ट करना चाहते हैं या आपका मन है कि इस ख़ास दिन पर आपको अच्छी हिंदी दिवस पर कविता पढ़नी है तो हम नीचे कुछ विकल्प दे रहें है जिनके जरिए आप अपने हिंदी दिवस को और ख़ास बना सकते हैं।
- हिंदी भाषा में गाया जाता राष्ट्रगान है, संस्कृत से संस्कृति हमारी हिंदी से हिंदुस्तान है। हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख, इसाई आपस में ये सब भ्राता हैं है हिंदी जिसके कारण ही आपस में इनका नाता है, मिल जुलकर जो ये रहते तो भारत का होता निर्माण है संस्कृत से संस्कृति हमारी हिंदी से हिंदुस्तान है।
- हिंदी में सीखें पढ़ना हम गाने हिंदी में गाते हैं फिर क्यों हिंदी अपनाने में व्यर्थ ही हम घबराते हैं, सारे देश के संचार साधनों की यही तो एक जान है संस्कृत से संस्कृति हमारी हिंदी से हिंदुस्तान है।
- छोड़ के हिंदी अंग्रेजी बोले इसी बात की है निराशा, सीखो अन्य भाषाओं को पर अपनाओ अपनी भाषा, दुनिया में बतलाओ सबको हिंदी से हमारी शान है संस्कृत से संस्कृति हमारी हिंदी से हिंदुस्तान है।
Hindi Language Hindi Diwas par Kavita | विश्व हिंदी दिवस पर कविता हिंदी में
क्या आप जानते हैं कि 10 जनवरी को दुनिया भर में विश्व हिंदी दिवस (Vishwa Hindi Diwas) भी मनाया जाता है। विदेशों में भारत के दूतावास इस दिन को विशेष रूप से मनाते हैं। इसका उद्देश्य है विश्व में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए वातावरण निर्मित करना और हिन्दी को विश्व भाषा के रूप में प्रस्तुत करना है। इसीलिए यहां हम आपके लिए लेकर आये हैं विश्व हिंदी दिवस पर कविता हिंदी में (Hindi Language Hindi Diwas par Kavita)
- अपने आधार से जुड़े रह कर, विश्व हिंदी दिवस मनाएंगे, हिंदी का दीप जलाएंगे,ये मात्र एक भाषा नहीं, परंपरा, संस्कृति व शैली का उल्लेख है, है महाकाव्य की साक्षी जो, वही अद्भुत रचनाओं की सारथी है!! हिंदी दिवस मनाएंगे, हिंदी का दीप जलाएंगे, कश्मीर से कन्याकुमारी तक, हिंदी भाषा के चर्चे हैं, अब तो सारे जग में हिंदी-हिंदी के चर्चे हैं, है खूब ये नारा हिंदी का!! हिंदी दिवस मनाएंगे, हिंदी का दीप जलाएंगे।
- बढ़ते चलना हिंदी की डगर पर, चाहे अकेले का हो ये सफर, जो ज्ञानी है अपनी भाषा का, वो शीश नहीं झुकने देगा!! आओ विश्व हिंदी दिवस पर ये कसम खाएं कि अपनी भाषा को किस अन्जान मोड़ पर मुड़ने नहीं देगा।
Hindi Diwas par Hasya Kavita | हिंदी दिवस पर हास्य कविता
हिन्दी दिवस पर कई बार लोग हंसी-मजाक के जरिए भी एक गंभीर सन्देश दे जाते हैं, इस बार अगर आप भी व्यंग्य के जरिए हिंदी के प्रति जिज्ञासा लोगों में जगाना चाहते हैं तो पढ़ें हिंदी दिवस पर हास्य कविता (Hindi Diwas par Hasya Kavita) जीवन को सुखी बनाने के 3 नियम है , व्यस्त रहें, व्यायाम करे और व्यंग्य पढ़ते रहें आखिरार काम के साथ मनोरंजन भी तो जरूरी है। अपने इस ख़ास ब्लॉग में हम आपके लिए एक और हिंदी हास्य कविता (Hasya Kavita in Hindi) दे रहे हैं, काका हाथरसी की इस रचना को पढ़कर वादा है आपको हँसी जरुर आएगी।
- सुना? रूस में हो गई है हिंदी अनिवार्य, है हिंदी अनिवार्य, राष्ट्रभाषा के चाचा, बनने वालों के मुँह पर क्या पड़ा तमाचा, कहँ ‘काका’, जो ऐश कर रहे रजधानी में, नहीं डूब सकते क्या चुल्लू भर पानी में, पुत्र छदम्मीलाल से, बोले श्री मनहूस, हिंदी पढ़नी होये तो, जाओ बेटे रूस, जाओ बेटे रूस, भली आई आज़ादी, इंग्लिश रानी हुई हिंद में, हिंदी बाँदी, कहँ ‘काका’ कविराय, ध्येय को भेजो लानत,अवसरवादी बनो, स्वार्थ की करो वक़ालत।
- कहीं पर बिंदी, कहीं पर मात्रा भाई, हिंदी की कक्षा में आए जम्हाई, कलम न चले, क्या करें कविताई। इंग्लिश चाय के साथ आप सभी को हिंदी दिवस की बधाई।
- सरपट-सरपट चलती गाड़ी, जल्दी से करलो तैयारी…हिंदी दिवस है आने वाला, फिर से होगा प्रचार मस्ताना…जल्दी जल्दी काम करलो, हिंन्दी को आबाद करलो…कहने को तो है एक भाषा, पर इससे है मेरे दिल नाता… सभी भारतीयों की पहचान है, सब हिन्दुस्तानियों का सम्मान है।
- हिंदी में करें बात तो, मुर्ख समझे जाते हैं, और जब बोल ले अंग्रेजी के दो शब्द, तो जेंटलमैन हो जाते हैं, अंग्रेजी का है भूत चढ़ गया, हिंदी का सफर तो जैसे छूट ही गया, घुट रही कोने में हिंदी, जान इसकी बचा लो, मर रही अंग्रेजी से हिंदी, सफर इसका तुम जगमगा दो, कहते हो खुद को तुम हिन्दू, फिर बोलने में काहे शर्माओ तुम, बोली है अपनी हिंदी, इसे बोलने में ना शर्माओ तुम।
- हिंदी बोले बाबा जी, हिंदी बोले अम्मा, अंग्रेजी में भाषण झाड़ें उनका पूत निकम्मा। हिंदी का जो ना जानें सम्मान, समझे इसको हीन, ऐसे लौंडों को पड़ने चाहिए गिन कर चाटें तीन।
- खोके पर पीते सिगरेट, टपरी पर पीते हैं चाय, आजकल के बालक भूले नमस्ते, बोले अंकल हाय! नयी पीढ़ी को कौन सभ्यता सिखलाए, सोशल मीडिया तक सीमित ना हिंदी दिवस रह जाए।
Kavita on Hindi Diwas| हिंदी दिवस के उपलक्ष में कविता
शुद्ध हिंदी का स्वरूप थोड़ा जटिल जरूर है, आम आदमी के लिए शुद्ध हिंदी को समझना थोड़ा मुश्किल हो सकता है लेकिन नामुमकिन नहीं है क्योकि हिंदी हमारी रगों में है। थोड़े प्रयासों से ही आप हिंदी साहित्य को समझ सकते हैं और उसकी गरिमा को समझ सकते हैं। फिलहाल पढ़ें ये हिंदी दिवस के उपलक्ष में कविता (Kavita on Hindi Diwas)।
- बड़ी मोहब्बत भरी है जिसमें, जिससे जुड़ी हर आशा है, मिसरी से भी मीठी है जो,वो हमारी हिंदी भाषा है,यही वो भाषा है जिसको, बरसों से है सम्मान मिला, आज की जो जनजाति है, उसकी है ये आधारशिला,जो भूल रहे इसके महत्त्व को,होती बहुत निराशा है, मिसरी से भी मीठी है जो, वो हमारी हिंदी भाषा है।
- हिंदी में सुनाये लोरी माँ, भजन हिंदी में गाती है यही तो वो भाषा है जो पूरे देश को मिलाती है, फले फूले ये आगे बढ़े, मेरे दिल की यही अभिलाषा है, मिसरी से भी मीठी है जो, वो हमारी हिंदी भाषा है। प्यार मोहब्बत भरा है जिसमें, जिससे जुड़ी हर आशा है मिसरी से भी मीठी है जो वो हमारी हिंदी भाषा है।
- हर ओर ही मुझको हिंदी दिखती, कलम मेरी बस हिंदी लिखती, बढ़ा रही यह मेरी शान , हिंदी ही है मेरी पहचान। बचपन से हिंदी बोलते आए, जीवन का ज्ञान हम इस से पाएं, हिंदी में बसती मेरी जान, हिंदी ही है मेरी पहचान।, अंग्रेजी भी पढ़ता हूँ पर, लगे न उसमें मेरा ध्यान, हिंदी भाषा है सबसे महान।
Hindi Diwas ke upar kavita | हिंदी दिवस पर व्यंग्य कविता
कवि सम्मेलनों में गैर जरूरी रूप से चिल्लाने वाले अक्सर हिंदी दिवस के दिन ज्यादा ही उत्साह से भर जाते हैं और कविता का सुरताल भूल बैठेते हैं, ऐसे स्वयम्भू कवियों पर यह शार्ट हास्य कविता इन हिन्दी (Short Hasya Kavita in Hindi) आपको गुदगुदाने में कामयाब होगी।
- छंद को बिगाड़ो मत, गंध को उजाड़ो मत, कविता-लता के ये सुमन झर जाएंगे। शब्द को उघाड़ो मत, अर्थ को पछाड़ो मत, भाषण-सा झाड़ो मत गीत मर जाएंगे। हाथी-से चिंघाड़ो मत, सिंह से दहाड़ो मत ऐसे गला फाड़ो मत, श्रोता डर जाएंगे। घर के सताए हुए आए हैं बेचारे यहाँ, यहाँ भी सताओगे तो ये किधर जाएंगे।
- चले सैर को मिस्टर खोटे, पहनकर बूट पैरों में मोटे, साथ चले है रामू काका, हाथ में उनके साहब का छाता, साहब बोले सुन बे रामू, देखना चाहता है संडे को ZOO ? रामू बोला साहब ZOO भी कोई देखने की चीज़ के ? मेरी बीवी रोज निकाले अपने बालों से खींच के। साहब सुनके ये बात, हंसते जाते अपने-आप, उस दिन से छोड़ अंग्रेजी का साथ, रामू से करने लगे हिंदी में बात।
आपने यहाँ पर पढ़ीं हिंदी दिवस पर कविता, और हमें उम्मीद है आपको ये सरल और हिंदी दिवस पर हास्य कविता की लिस्ट जरूर पसंद आई होगी। आप यहाँ से हिंदी दिवस पर कविता कॉपी करके अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर आराम से शेयर करें। हमारे इस ब्लॉग भी ज्यादा से ज्यादा हिंदीप्रेमियों तक भेजें ताकि वो भी इन बेहतरीन हिंदी दिवस कविताओं का आनंद उठा सकें और अपनी भाषा में उनका आकर्षण बना रहे।
- Children’s Day Poems in Hindi : कविताओं का संसार निराला है, किसी भी भाव को शब्दों में कलात्मक ढंग से कहना हो तो कविता से अच्छा माध्यम और क्या हो सकता है?
- शिक्षक दिवस पर कविताएं : शिक्षक समाज के प्रमुख अंग हैं, उन्हें सम्मान प्रकट करने के लिए आपको शिक्षक दिवस पर कविताएं जरूर भेजनी चाहिए।