‘बच्चे मन के सच्चे’ यकीनन बच्चे मन के सच्चे होते हैं। वे कच्ची मिट्टी के उस घड़े की तरह होते हैं जिसे जिस रूप में ढालना चाहो ढल जाता है। तो यह हम पर निर्भर करता है कि हम उन्हें कैसा बनाना चाहते हैं। कहा भी जाता है कि किसी भी देश का भविष्य, वर्तमान में बच्चों को दी गई शिक्षा पर निर्भर करता है। कहना गलत नहीं होगा कि बच्चों का विकास ही देश के विकास को मजबूती देता है। जितना ज्यादा बच्चा शिक्षित होगा भविष्य में वे उतना ही जिम्मेदार नागरिक बनेगा। यही वजह है कि देश के हर राज्य में बाल दिवस को खास महत्व दिया जाता है ताकि लोगों के अंदर बाल अधिकारों और बच्चों की शिक्षा के प्रति जागरुकता लाई जा सके साथ ही बच्चों का मार्गदर्शन भी किया जा सके। बाल दिवस के खास मौके पर बच्चों को स्पेशल फील कराने के लिए हम आपके लिए बाल दिवस पर कविताएं (Children’s Day Poems in hindi) लेकर आए हैं। जिन्हें आप अपने बच्चों को सुना सकते हैं या स्कूल प्रोगाम के लिए उन्हें याद भी करवा सकते हैं।
बाल दिवस हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है। इस दिन देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिवस भी होता है। जवाहरलाल नेहरू का बच्चों से खास लगाव था वे बच्चों से बहुत प्यार करते थे और इसलिए बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे। यही वजह है कि हर साल उनके जन्मदिन के मौके पर children’s day मनाया जाता है। बाल दिवस मनाने के मुख्य मकसद बच्चों के अधिकारों के हनन को रोकने व बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करना है। भारत में बाल दिवस मानने का प्रचलन सन् 1964 में पंडित जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद शुरु हुआ था जो अब तक जारी है। बाल दिवस के मौके पर पढ़िए और अपने बच्चों को भी पढ़वाइये बाल दिवस पर कविता (Bal Diwas par Kavita)।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कोट्स
बाल दिवस पर कविता-1
बचपन में होती हैं खुशियां
बचपन होता है अनमोल
आता नहीं कभी दोबारा ये
समझो तुम सब इसका मोल।।
बचपन के वो खेल पुराने
दोस्तों के संग यादों के तराने
बारिश में वो नाव तैराना
याद आता है वो जमाना ।।
स्कूल में जाना रोजाना
नए-नए बहाने बनाना
दोस्तो के संग घूमने जाना
बचपन होता है बहुत पुराना ।।
बाल दिवस पर दुकान लगाना
नए-नए सामान ले जाना
खूब खाना सबको खिलाना
बचपन है यादों का जमाना ।।
कभी कभी स्कूल नहीं जाना
बहाने बना कर घर पर रुक जाना
होम वर्क नहीं करने पर टीचर की डांट खाना
बचपन होता है यादों का खजाना ।।
समय के साथ बड़े हो जाना
पर बचपन को कभी ना भूल पाना
बचपन का वो जमाना
याद आता है वक्त पुराना ।।
बाल दिवस पर कविता – 2
देखो बाल दिवस का दिन आया है,
बच्चों के लिए खुशियां लाया है।
आओ मिलकर सब इसे मनाए,
लोगों को बाल अधिकारों की बात बताएं।
सब तक यह संदेश पहुंचा कर,
देश को और भी खुशहाल बनाएं।
14 नवंबर को आता है यह दिन,
जो है चाचा नेहरू का जन्मदिन।
जिन्होंने सबको शांति का मार्ग दिखाया,
विश्व को शांति का पाठ पढ़ाया।
बाल अधिकारों को समर्पित है यह दिन,
जिसके लिए हमें काम करना है हर दिन।
आओ मिलकर लोगों तक यह संदेश पहुंचाएं,
लोगों में बाल अधिकारों की ललक जगाएं।
क्योंकि देश तभी खुशहाल बनेगा,
जब बच्चा-बच्चा अपना अधिकार जानेगा।।
बाल दिवस पर कविता -3
देखो कैसे बच्चे ईंटें ढो रहे हैं,
कोने में खड़े अपने दुखों पर रो रहे हैं।
इस तरह से कैसे बाल दिवस मनाएं,
आओ सब मिलकर इस विषय पर सतर्कता लाएं।
लोगों में बाल अधिकारों की जागरुकता जगाएं,
देश में तरक्की का पैगाम लाएं।
बाल मजदूरी के खिलाफ आवाज उठाओ,
जन-जन तक यह बात पहुंचाओ।
जब हर व्यक्ति बाल दिवस का महत्व समझेगा,
बाल कुरुतियों से लड़ने हेतु आगे आयेगा
तभी बच्चे को उसका अधिकार मिलेगा।
आओ मिलकर इस ओर कदम बढ़ाएं।
बाल मजदूरी के खिलाफ आवाज उठाएं,
लोगों तक बाल दिवस का पैगाम पहुचाएं।
और सार्थक रुप से यह बाल दिवस मनाएं।।
बाल दिवस पर कविता – 4
बच्चे होते हैं कितने प्यारे,
प्यारी होती इनकी मुस्कान
सब करते हैं प्यार इनको,
यह होते हैं बहुत शैतान।।
बच्चों का मन होता निर्मल पावन
यह होते आफत की दुकान
भोली सी इनकी मुस्कान
बच्चे होते हैं शैतान।।
कितनी सच्चाई होती बच्चों में
छल कपट से होते अनजान
प्यारा सा यह बचपन इनका
सदा रहे खुशहाल मुस्कान।।
बाल दिवस पर कविता -5
प्यारे बच्चे गर खिले, कोमल कुसुम समान
ये खिल जाए तो महके, सारा हिंदुस्तान।।
इस मासूम सूरत में, फूलों सी मुस्कान
रूठे और माने पल में, करे नहीं अभिमान।।
मधुर तोतली बोल पर, फिदा सब की जान
इनके निश्छल भाव पर, ईश्वर भी कुर्बान।।
बच्चे सब सच्चे लगे, वो अमूल्य वरदान
जो आगे चलकर रखे, देश-धर्म का मान।।
भाग्य विधाता देश के, ये भारत की शान
ये खिल जाए तो महके, सारा हिंदुस्तान।।
बाल दिवस पर कविता -6
आओ बच्चों बाल दिवस के दिन
हम सब मिलकर ऊंच-नीच का भेद मिटाएं
साथ खेले ,साथ पढ़े और साथ में बाल दिवस मनाएं
नए-नए हम खेल खेलें, चलो सबका मन बहलाएं
नेहरू जी के जन्मदिन पर कुछ यादगार पल मनाएं।।
इस दिन हम सब मिलकर खुशी के गीत गाएंगे
गले मिलेंगे खेलेंगे और बाल दिवस मनाएंगे
प्रण करेंगे खूब पढ़ेंगे भारत के गुणगान गाएंगे
बाल दिवस के दिन नेहरू जी को श्रद्धा फूल चढ़ाएंगे।।
हर वर्ष आता है यह दिन हर्षोल्लास से मनाएंगे
बात मानेंगे टीचर की सबको खूब हसाएंगे
बाल दिवस के अवसर पर अच्छी-अच्छी बातें बताएंगे
नेहरू जी के बारे में कविता हम सबको सुनाएंगे।।
देश के लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू लेकिन बच्चों के लिए चाच नेहरू…जी हां क्योंकि जवाहरलाल नेहरू बच्चों से बहुत प्यार करते थे इस वजह से बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे। और इसलिए नेहरू जयंती को बाल दिवस के नाम से जाना जाता है। बाल दिवस का दिन बच्चों के लिए बहुत खास होता है। बच्चों का यह दिन पूरी तरह से चाचा नेहरू को समर्पित होता है। इस दिन खासतौर पर बच्चों के लिए तरह-तरह के कार्यकर्मों का आयोजन किया जाता है। इस दिन बच्चे कविताओं के जरिए चाचा नेहरू से अपने प्यार को जाहिर करते हैं। इसके अलावा बच्चे नृत्य, गान और नाटक आदि कार्यों में भी हिस्सा लेते हैं। पढ़िए चाचा नेहरू पर बेहतरीन कविताएं…
चाचा नेहरू पर बाल दिवस कविता-1
चाचा नेहरू को हम करते हैं सैल्यूट
शांति, सद्भावना और अमन के वो दूत
बच्चों को भी करते वो बहुत प्यार
अपना जन्म दिवस कर दिया बच्चों के नाम।
लोहा बनाया, इस्पात बनाया
नदियों से निकाल बांध बिजली से हर घर को रोशन किया,
देश को दिया तरक्की का तोहफा
जहां हर किसी को मिले समान मौका।
चाचा नेहरू पर बाल दिवस कविता-2
नेहरू चाचा तुम्हें सलाम।
अमन-शांति का दे पैगाम॥
जग को जंग से बचाया।
हम बच्चों को भी मनाया॥
जन्मदिवस बच्चों के नाम।
नेहरू चाचा तुम्हें सलाम॥
देश को दी हैं योजनाएं।
लोहा और इस्पात बनाएं॥
बांध बने बिजली निकाली।
नहरों से खेतों में हरियाली॥
प्रगति का दिया इनाम।
नेहरू चाचा तुम्हें सलाम।।
चाचा नेहरू पर बाल दिवस कविता-3
रहा प्यार की दिखलाते थे
चाचा नेहरू! चाचा नेहरू!
नहीं किसी से भी डरते थे
आगे ही आगे बढ़ते थे
अमन-चैन था उनका सारा
दुष्ट फिरंगी जिससे हारा
अंग्रेजों को दहलाते थे
चाचा नेहरू! चाचा नेहरू!
आजादी अधिकार हमारा
ऊंचा रहे तिरंगा प्यारा
बढ़कर हम देंगे कुर्बानी
गरज उठा था यह सेनानी
नदियां, सागर खौलाते थे
चाचा नेहरू! चाचा नेहरू!
सीने पर हंसता गुलाब था
हर ढंग उनका लाजवाब था
बच्चों में बच्चे बन जाते
साथ-साथ कहकहे लगाते
इसीलिए इतना भाते थे
चाचा नेहरू! चाचा नेहरू!
चाचा नेहरू पर बाल दिवस कविता-4
चाचा नेहरू चाचा नेहरू
बच्चों के प्यारे चाचा नेहरू
सबके न्यारे चाचा नेहरू।
इलाहाबाद में जन्मे नेहरू
इंग्लैंड में पढ़े थे नेहरू
देश आजाद कराने को
जेल कई बार गए थे नेहरू।
आजाद जब हुआ भारत
देश के पहले प्रधानमंत्री बने थे नेहरू
बापू को बहुत प्यारे थे नेहरू
बच्चों के भी चहेते थे नेहरू।
चाचा नेहरू चाचा नेहरू
सबसे प्यारे सबके न्यारे चाचा नेहरू।
चाचा नेहरू पर बाल दिवस कविता-5
ऐसी शिक्षा हमें आपसे
मिली यही सौभाग्य हमारा
मरकर भी हो गया अमर जो
चाचा नेहरू सबका प्यारा।
नेहरू चाचा प्यारे चाचा
बच्चों की आंख के तारे चाचा।
चाचा नेहरु का बच्चों से
बहुत पुराना नाता
जन्म दिवस चाचा नेहरू का
बाल दिवस कहलाता।
चाचा नेहरू ने देखे थे
नव भारत के सपने
सपने पूरे कर सकते थे
उनके बच्चे अपने।
चाचा नेहरू पर बाल दिवस कविता-6
राष्ट्र रूपी इस वाटिका के फूलों में
एक थे जवाहर लाल नेहरू
जिस दिन लिया जन्म लाल ने
कहलाया वो दिवस बाल।
उनको प्यार से बच्चे
बुलाते थे चाचा नेहरू
बच्चों के बीच में वो रहते थे
बनकर चाचाजी।
सब फूलों में एक गुलाब ही
लगता था उन्हें प्यारा
भारत माता का यह लाल
लगता था सबसे न्यारा।
पाठ पढ़ाया उन्होंने सब जग को
अमन और शांति का
बढ़ाया मान भारत मां का
ऐसा था ये चमन का लाल।
चाचा नेहरू पर बाल दिवस कविता-7
इस दिन हम सब बच्चें मिलकर
गीत खुशी के गाते
चाचा नेहरू के चरणों में
श्रद्धा सुमन चढ़ाते
बाल दिवस के इस अवसर पर
एक शपथ यह खाओ
ऊंच नीच का भेद भूलाकर
सबको गले लगाओ
जिस दिन लाल जवाहर ने था
जन्म जगत में पाया
उसका जन्मदिवस भारत में
बाल दिवस कहलाया।
जिस तरह से बाल दिवस का दिन बच्चों के लिए खास होता है उसी तरह से टीचर्स के लिए भी यह बहुत खास महत्व रखता है। एक टीचर ही बच्चों में अच्छी शिक्षा के माध्यम से बच्चों में अच्छी आदतों की नींव रखता है। और छात्रों के भविष्य को ढालता है। बाल दिवस के मौके पर टीचर्स बच्चों का उत्साह बढ़ाने के लिए स्कूलों में खास कार्यक्रमों को आयोजन करते हैं उनके स्किल्स को निखारने के लिए तरह-तरह के खेलों व कॉम्पिटिशन्स कराते हैं और बच्चों को गिफ्ट्स भी देते हैं। बाल दिवस को और खास बनाने के लिए हम (बाल दिवस पर शिक्षक पर कविता) शिक्षक पर कुछ चुनिंनदा कविताएं लेकर आए हैं।
बाल दिवस पर शिक्षक पर कविता-1
ज्ञान की ज्योति जगाते शिक्षक
अच्छी बात सिखाते शिक्षक
पढ़-लिखकर हम बनें महान
यही सिखाता उनका ज्ञान।
डांट-प्यार कर हमें पढ़ाते
लिखना सुंदर हमें सिखाते
अच्छी-अच्छी बात सिखाते
हर विषय पर ज्ञान दे जाते।
असल जिंदगी का सार बताते
सही इंसान है हमें बनाते।
बाल दिवस पर शिक्षक पर कविता-2
सही क्या है, गलत क्या है,
ये सब बताते हैं आप।
झूठ क्या है और सच क्या है,
ये सब समझाते हैं आप।
जब सूझता नहीं कुछ भी,
राहों को सरल बनाते हैं आप।
जीवन के हर अंधेरे में,
रौशनी दिखाते हैं आप।
बंद हो जाते हैं जब सारे दरवाज़े,
नया रास्ता दिखाते हैं आप।
सिर्फ किताबी ज्ञान ही नहीं,
जीवन जीना सिखाते हैं आप!
बाल दिवस पर शिक्षक पर कविता-3
हम स्कूल रोज हैं जाते
शिक्षक हमको पाठ पढ़ाते,
दिल बच्चों का कोरा कागज
उस पर ज्ञान अमिट लिखवाते।
जाति-धर्म पर लड़े न कोई
करना सबसे प्रेम सिखाते,
हमें सफलता कैसे पानी
कैसे चढ़ना शिखर बताते
टीचर ही बच्चों को अच्छा इंसान बनाते।
बाल दिवस पर शिक्षक पर कविता-4
मां देती नया जीवन, पिता सुरक्षा करते हैं
लेकिन सच्ची मानवता, शिक्षक जीवन में भरते हैं।
सत्य न्याय की राह पर चलना, गुरु हमें बताते हैं
जीवन संघर्षों से लड़ना, गुरु हमें सिखाते हैं।
ज्ञान दीप की ज्योति जलाकर, मन आलोकित करते हैं
विद्या का धन देकर शिक्षक, जीवन सुख से भरते हैं।
गुरु ईश्वर से बढ़ कर है, यह कबीर बतलाते हैं
क्योंकि गुरु ही भक्तों को, ईश्वर तक पहुंचाते हैं।
जीवन में कुछ पाना है तो, गुरु का सम्मान करो
शीश झूका कर श्रद्धा से हम, बच्चे उन्हें प्रणाम करें।
बाल दिवस पर शिक्षक पर कविता- 5
अंधेरे जीवन में हमारे
नया सवेरा लाते हैं,
उनकी ऊंची शान है
शिक्षक वो कहलाते हैं।
तरह-तरह की शिक्षा देकर
काबिल इंसान बनाते हैं,
उनकी अलग पहचान है
शिक्षक वो कहलाते हैं।
सही-गलत और झूठ-सच का
पाठ वो पढ़ाते हैं,
दर-सच्चाई की राह पर
चलना वो सिखाते हैं,
शिक्षक वो कहलाते हैं।
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