आपकी अलमारी से रजाई और ऊनी कपड़ों ने बाहर निकलने के लिए खींचा-तानी शुरू कर दी है, क्योंकि अब उनके बाहर निकलने और खेलने के दिन शुरू हो चुके हैं। ठंड के मौसम (Winter) ने दस्तक जो दे दी है। ऐसे में इस मौसम में हम जानते हैं कि आपने पूरी लिस्ट तैयार कर ली है कि आपको किन-किन डिशेस का लुत्फ़ उठाना है। यही तो वह समय है, जब आग तापते हुए दोस्तों के साथ अब महफिलें सजेंगी। आखिर सर्दियों का ही मौसम तो होता है, जब आपको ढेर सारी सब्जियां बाजार में मिलती है और ठंड के मौसम का अपना मैन्यू होता है।
खासतौर से उत्तर भारत के लिए तो यह मौसम किसी जश्न से कम नहीं होता है, जब हर दिन के लिए अलग फूड मैन्यू तैयार होते हैं तो साथ ही डिज़ाइनर गर्म कपड़े भी पहने जाते हैं, लेकिन ठंड की खूबसूरती तभी है, जब आप बिना बीमार पड़े इस मौसम का आनंद लें और अपनी फिटनेस के साथ भी कोई समझौता ना करें। चूंकि इस मौसम में कई बीमारियां भी होती हैं, सो जरूरी है कि पहले से इसकी सारी तैयारी करके रखी जाए। यही वजह है कि आज हम आपको इस आलेख में वे सारी जानकारियां देना चाहेंगे, ताकि आप ठंड के मौसम का पूरा लुत्फ़ भी उठाएं और बीमारियों को भी अपने पास भटकने न दें और अपनी फिटनेस को भी ध्यान में रखें। तो आइए, इससे जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं पर एक बार विस्तार से बात करते हैं।
दरअसल, सर्दी के मौसम में ही फिटनेस फ्रीक लोगों की अग्निपरीक्षा हो जाती है। चूंकि हर दिन घर में कुछ न कुछ नया पकवान बनता रहता है। खासतौर से कई सब्जियों के परांठे और गाजर का हलवा इसी मौसम में कई-कई बार बन जाता है। ऐसे में खुद को कंट्रोल करना बहुत कठिन हो जाता है, लेकिन अगर आप फिट रहना चाहते हैं तो कंट्रोल तो करना ही होगा।
जरूरी है कि कभी-कभी आप सीजनल सब्जियों के व्यंजन का भी लुत्फ़ उठाएं। साथ ही अपनी फिटनेस को भी इग्नोर न करें। इसके लिए कुछ आसान तरीके अपनाए जा सकते हैं।
सर्दियों के मौसम में लोग हेवी डाइट अधिक लेते हैं। मसलन ड्राई फ्रूट्स वगरैह अधिक मात्रा में खाते हैं। यह अच्छी बात है, लेकिन हद से अधिक नट्स खाने से तबियत बिगड़ भी सकती है, इसलिए संतुलन बनाए रखना जरूरी है।
इस मौसम में ज्यादा से ज्यादा मुठ्ठी भर मेवा ही खाना चाहिए। इससे ऊर्जावान बने रहने में मदद मिलती है। साथ ही कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है।
ड के मौसम में कई बार सुबह-सुबह बिस्तर से उठने का मन नहीं होता है। ऐसा लगता है कि धूप जब तक न निकल जाए, पैर जमीन पर न रखे जाएं , रजाई के अंदर ही रहें। ऐसे में काम के सिलसिले में भागदौड़ के चलते कई बार ब्रेकफास्ट समय पर नहीं हो पाता है या शॉर्ट कट में काम किया जाता है, लेकिन यह सही नहीं है।
सही तरीके से ध्यान रखना जरूरी है। ठंड के मौसम में अगर आप अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहते हैं और चाहते हैं कि वजन न बढ़े तो हैवी नाश्ता जैसे परांठा वगरैह खाने का सबसे सही वक़्त यही है और वह भी सुबह के वक्त। कोशिश करें कि इस मौसम में ब्रेकफास्ट में अंडे जरूर खाएं। इसके अलावा दूध पीना हरगिज न भूलें। ठंड के मौसम में दूध, वह भी अगर हल्दी वाला हो तो नियमित रूप से जरूर लें। इन सबके साथ फल और सलाद भी भरपूर लें। इस मौसम में मक्के की रोटी, सरसों का साग, चावल की रोटी वगैरह गुड़ के साथ खा सकते हैं।
इस मौसम में लंच के समय भोजन में हरी सब्जी, चपाती, ताजा दही या छाछ, छिलके वाली दाल के साथ चावल खाना सही होगा। कोशिश करें कि खाना गरम ही खाया करें। लंच में हरी चटनी शामिल करना अच्छा होगा। इससे मल्टी विटामिन्स की कमी पूरी होती है।
ठंड के मौसम में डिनर अक्सर लोग हैवी और इत्मीनान से करना पसंद करते हैं, लेकिन सच यह है कि इस वक़्त आपको रात का भोजन जल्दी करने की आदत डालनी चाहिए। साथ ही दोपहर की तुलना में हल्का डिनर लेना चाहिए।
जितना संभव हो सके, सोने से चार घंटे पहले भोजन कर लेना चाहिए, ताकि आपको पाचन क्रिया में किसी भी तरह की तकलीफ न हो। इसके साथ ही सोने से पहले हल्दी और अदरक वाले दूध का भी सेवन करना चाहिए।
इस मौसम में सीजन के अनुसार मिलने वाली सारी साग-सब्जियों का पूरा लुत्फ़ उठाना चाहिए। इस समय पर पालक, बीटरूट, गाजर, पत्तागोभी, मटर और ब्रोकली एकदम ताजे मिलते हैं।
उनका सेवन अवश्य करना चाहिए। इसके अलावा मूंगफली भी इस मौसम में खूब खाएं। मूंगफली में फाइबर, मिनरल, आयरन होता है, इसलिए यह सर्दियों के मौसम में खून की मात्रा बढ़ाने में मदद करती है। मूंगफली के अलावा लहसुन को अपने खान-पान में जरूर शामिल करें। इससे सर्दी -जुकाम से छुटकारा मिलेगा। कच्चा लहसुन खाने से भी शरीर में गरमाहट आती है। इस मौसम में अदरक को भी एंटी बायोटिक माना जाता है। सर्दियों में अपने दिन के आहार में इसे जरूर शामिल करना चाहिए। इस मौसम में काली मिर्च और मिश्री खाना भी सेहत के लिए अच्छा होता है।
सर्दियों के मौसम में अमरूद, संतरा, सेब, आंवला, अनार और सीताफल खूब मिलते हैं। इन्हें अपनी डाइट में शामिल करें। ताजे फलों के सेवन के लिए इससे अच्छा समय और क्या होगा! इन फलों में एंटी ऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर को रोगों से बचाते हैं।
सर्दियों में च्यवनप्राश का सेवन जरूर करें। गरम दूध के साथ इसे लेना शरीर को ऊर्जा देता है और ठंडक से बचाता है।
सर्दियों के मौसम में इस बात का खास ख्याल रखें कि आपको किसी भी तरह से विटामिन और कैल्शियम की कमी न हो। चूंकि इसी मौसम में पैरों में और शरीर की हड्डियों में काफी दर्द होता है, इसलिए अपनी डायट में ऐसे फल आहार में शामिल करें, जो इन कमियों को दूर करने में सहायक हो।
इस मौसम में गरम पानी खूब पिएं। इसे अलावा बादाम वाला अथवा हल्दी वाला दूध, सूप वगैरह पीते रहना अच्छा होगा।
यह जरूरी नहीं है कि भूख नहीं भी लगी है, तब भी आप कुछ न कुछ खाते रहें। इससे आपका वजन सबसे अधिक बढ़ता है। यह जरूरी है कि आप अपने वजन पर कंट्रोल रखने के लिए सही समय पर, जब भूख लगे, तभी खाएं।
इस मौसम में लोग जम कर मक्खन, घी और चीज़ खाते हैं। खासतौर से परांठों पर लगा कर इसे खाना पसंद करते हैं। तली चीजें भी घरों में खूब पकती है। उन चीजों को भी खाने से बचें।
सर्दी के मौसम में पानी की कमी शरीर में बहुत हो जाती है, क्योंकि हमें प्यास कम लगती है। जरूरी है कि प्यास न लगने पर भी खूब पानी पिया जाए। इसके लिए आप रिमाइंडर सेट करके रख सकती हैं।
जो लोग नॉन वेज के शौक़ीन हैं, उन्हें इस महीने में चिकन सूप अधिक पीना चाहिए। साथ ही मटन पाया भी पी सकते हैं। चिकन सूप और ग्रिल्ड चिकन वगरैह ही अपने आहार में अधिक शामिल करें। रात की अपेक्षा लंच में चिकन के मसालेदार व्यंजन अधिक लें।
यह सच है कि इस मौसम में शरीर में बहुत आलस्य होता है। ठंड लगती है तो मन ही नहीं करता कि सुबह के समय उठकर व्यायाम किया जाए या फिर वॉक के लिए भी जाया जाए, लेकिन यह सही नहीं है। इस मौसम में भी अपने शरीर का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। आइए, हम आपको बताते हैं कि इस मौसम में भी आप किस तरह की एक्सरसाइज कर अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं।
इस मौसम में सबसे अधिक हड्डियों की परेशानियां होती हैं, इसलिए जरूरी है कि आप घर पर ही ऐसे व्यायाम करें, जिनसे किसी भी प्रकार की तकलीफ न हो। इस मौसम में पवनमुक्तासन, भुजंगासन, मकरासन जैसे व्यायाम किए जाने चाहिए। साथ ही मेडिटेशन और प्राणायाम भी करना चाहिए। ताड़ासन, त्रिकोणासन और कमर को खड़े होकर आगे-पीछे व दाएं-बाएं झुकाने से भी इस मौसम में बहुत आराम मिलता है।
इसके अलावा साइकिलिंग, सीधा नौकासन, भुजंगासन, शलभासन,धनुरासन नौकासन, रोलिंग नौकासन करना चाहिए। इनसे भी शरीर को काफी आराम मिलता है। ठंड के मौसम में जिन्हें बीपी की या हार्ट से संबंधित समस्याएं हैं, उन्हें काफी परेशानी होती है। ऐसे में उन्हें नियमित रूप से हर दिन सुबह और शाम आधे-आधे घंटे ही सही, लेकिन घूमने के लिए जरूर निकलना चाहिए। दिन में एक बार दिल खोलकर हंसना चाहिए।
इस मौसम में वॉर्म अप करना बेहद जरूरी है किसी भी एक्सरसाइज से पहले। चूंकि ठंड में मांसपेशियां अलग तरीके की हो जाती हैं, इस वजह से इस मौसम में चोट लगने की संभावना ज्यादा होती हैं। जरूरी है कि सही तरीके से वॉर्म अप कर लिया जाए।
इस मौसम में डांस वाले वर्कआउट चुनें। यह आपके पूरे शरीर में गरमाहट पैदा करेगी और आपको वर्क आउट सेशन में काफी मजा भी आएगा। अगर कहीं नहीं भी जा पा रहे हैं तो घर में ही डांस कर सकते हैं। स्किपिंग भी कर सकते हैं।
अगर आपको जॉगिंग पर जाने की आदत है, तब भी आपका कोहरे से बचना जरूरी है। कोशिश करें कि बहुत कोहरे में घूमने या जॉगिंग करने न जाएं। घर में ट्रेडमिल या किसी जिम में तीन महीनों के लिए मेंबरशिप लेकर वहीं ट्रेडमिल पर भाग लिया करें। अगर आप पार्क में ही जाना चाहते हैं तो खुद को गर्म कपड़ों से अच्छे से कवर करके रखें।
इस मौसम में पानी पीने में कोताही न करें। जब भी वर्क आउट करें, पानी पीती रहें।
कोशिश करें, इस मौसम में योग, डांसिंग और मेडिटेशन वाली हल्की एक्सरसाइज करें। जिस दिन अधिक गाजर का हलवा खा लिया है या पार्टी की है, उसके अगले दिन वेट ट्रेनिंग करना न भूलें।
इस मौसम में कई बीमारियां घर करती हैं, इसलिए जरूरी है कि पहले से ही इन बीमारियों से सुरक्षा करने के लिए कुछ नुस्खे अपनाए जाएं।
सर्दियों में सबसे अधिक सर्दी और जुकाम होता है और हम इस बात पर ध्यान नहीं देते। खासतौर से आस-पास के लोग, जिन्हें यह परेशानी हो रही होती है, कोशिश करें कि खांसते-छींकते समय उनसे सुरक्षित दूरी पर रहें।
हर किसी का भी रूमाल इस्तेमाल न करें। इस मौसम में हम घर-परिवार में एक-दूसरे के गर्म कपड़े शेयर कर लेते हैं। सच यह है कि इससे भी शरीर के बैक्टेरिया फैलते हैं। सो जरूरी है कि आप अपने ही कपड़े पहनें।
इस मौसम में हम कई बार हफ़्तों तक एक ही स्वेटर और बाकी गर्म कपड़े पहनते रहते हैं, यह सोच कर कि इस मौसम में गर्मी नहीं होती तो कपड़े गंदे नहीं होते। यह सही नहीं है। ऊनी कपड़ों में अधिक गंदगी होती है। सो, हर तीन दिन में स्वेटर धोएं।
इस मौसम में सबसे अधिक संक्रमण भी होता है, यहां तक कि कई तरह की खाने की चीजों से भी। सो कहीं भी स्ट्रीट फूड न खाने लगें। साफ़-सफाई जरूर देख लें।
ठंड के मौसम में घरों में भी खूब तली-भूनी चीजें इस्तेमाल होती हैं। जरूरी है कि एक ही तेल बार-बार इस्तेमाल न करें, यह बीमारियों का घर होता है। जितनी जरूरत है, उतना ही तेल कड़ाही में डालें।
1. इस मौसम में वायरल बुखार सबसे अधिक होते हैं, इसलिए खुद को उससे बचाए रखना भी बेहद जरूरी है।
2. थ्रोट इंफेक्शन इस मौसम में बहुत होता है, इसलिए यह जरूरी है कि सिर्फ गर्म कपड़ों से शरीर को न ढकें, बल्कि अपने कानों को भी ढकें और हाथों में भी ग्लब्स जरूर पहनें। कई तरह की बीमारियां शरीर के इन अंगों से भी आसानी से फैलती हैं।
3. रात में कोशिश करें कि रूम में रूम हीटर का प्रयोग कम से कम ही करें, क्योंकि इससे आस-पास के वातावरण में मौजूद जरूरी नमी भी खत्म हो जाती है। अगर ठंड बहुत ज्यादा लग रही है तो प्राकृतिक आग जला कर शरीर ताप लें।
4. शाम होते ही घर के दरवाजे बंद कर दें, ताकि ठंडी हवा घर में प्रवेश न करें।
5. इस मौसम में गर्म पानी खूब पिएं। ठंड लगते ही डॉक्टर से सलाह लें।
6. अदरक वाली चाय पीते रहें।
7.मोजे और स्पोर्ट्स शूज अधिक पहनें। सैंडल कम पहनें। जूते इस मौसम में अधिक पहनें, ताकि पैरों में ठंड न लगे।
8.अच्छी क्वालिटी के गर्म कपड़ें लें, वरना शरीर में कई बार खुजली जैसी परेशानी हो जाती है।
9.मिनी स्कर्ट वगरैह की जगह पैंट्स, जींस अधिक पहनें ।
10. कोशिश करें कि कोल्ड और सनस्क्रीन क्रीम लगाकर ही निकलें। यह भ्रम है कि इस मौसम में शरीर पर टैन नहीं होता, जबकि सबसे अधिक इसी मौसम में टैन होता है। सो अपनी त्वचा का खास ख्याल रखें।
… अब आएगा अपना वाला खास फील क्योंकि POPxo आ गया है 6 भाषाओं में … तो फिर देर किस बात की! चुनें अपनी भाषा – अंग्रेजी, हिन्दी, तमिल, तेलुगू, बांग्ला और मराठी.. क्योंकि अपनी भाषा की बात अलग ही होती है।