ये सेक्सुअली एक्टिव लड़कियों या जो सेक्सुअली एक्टिव होने जा रही हैं – उन सभी लेडीज़ के लिए बेहद ज़रूरी चीज़ है! और फिर भी इसके बारे में ज़्यादा बात नहीं होती है। ये अधिकतर केमिस्ट के काउंटर के पीछे छुपे होते हैं, और अगर आप इसे खरीदने जाएंगी तो लोगों के घूरने का कारण बन जाते हैं – इस 21वीं सदी में भी कंडोम एक “टैबू” बना हुआ है। और कोई भी इसके बारे में सवालों के जवाब देने को तैयार नहीं होता। लेकिन आप चिंता ना करें – यहां कंडोम के बारे में सभी जानकारी (condom kya hai) और आपके सभी सवालों के जवाब मौजूद हैं!
कंडोम क्या है | Condom Meaning in Hindi
अनचाहें गर्भ को रोकने के लिए कंडोम का उपयोग किया जाता है। इसके साथ ही यह यौन संबंधित बीमारिया जैसे एड्स, एचआईवी, गोनोरिया, सिफलिस का जोखिम कम करने में कारगर होता है। कंडोम का इस्तेमाल संभोग करने के दौरान किया जाता है। आपको बता दें कंडोम रबड़ का आवरण होता है जिसे शुक्राणुओं को महिला के गर्भाशय में प्रवेश करने से रोकने के लिए तने लिंग के ऊपर पहना जाता है। अधिकांश कंडोम लेटेक्स से बने होते हैं। यह सुरक्षित माना जाता है। यौन संबंध बनाने से पहले इसका इस्तेमाल किया जाता है।
कंडोम इस्तेमाल क्यों करें?
क्योंकि प्रेगनेंसी और STD बीमारियों से सुरक्षित रहने का ये सबसे असरदार तरीका है। आपको ये जानकार आश्चर्य होगा कि बहुत सी महिलाएं ना सिर्फ प्रेगनेंसी बल्कि सेक्सुअली फैलने वाले इन्फेक्शन के डर को अनुभव करती हैं। सच में, बस यही सिम्पल सा कारण है कंडोम के इस्तेमाल का।
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इसे पहनने का सही तरीका क्या है?
कंडोम के इस्तेमाल को समझाना मुश्किल है और प्रैक्टिस के साथ आप इसमें एक्सपर्ट हो जाते हैं। लेकिन हम आपको ऐसा कहने का मौका नहीं देंगे कि हमने आपको समझाने की कोशिश नहीं की! आप कंडोम तभी पहना सकती हैं जब लड़का थोड़ा उत्तेजित हो चुका हो। वरना इसे पहनाना नामुमकिन है। इसे पहनाने से पहले आपके हाथ एकदम साफ होने चाहिए। मसाज ऑइल या फिर पसीना भी लेटैक्स को कमजोर कर सकता है। इसलिए शुरू करने से पहले अपने हाथों को साबुन से धो कर सुखा लें। फॉयल पेक को सॉर्टेड एज (ये सभी में होती है) वाली तरफ से खोलें। ऐसा करते वक़्त ध्यान रखें कि इसे एज के साथ साथ ही खोलें, बिना कंडोम को छूए। अगर गलती से आपसे कंडोम खिंच गया (और इस कारण कमजोर हो गया है) या निकालते वक़्त फट गया है, तो फिर दूसरे पैक के साथ वापस से शुरू करें! चेक करें कि आपने उसे सही पकड़ा हो – कंडोम रोल की एज ऊपर की तरफ होनी चाहिए, ताकि आप उसे नीचे रोल करते हुए पेनिस पर पहना सकें। अगर वो रोल नहीं हो रही हो, तो इसका मतलब है कि आपने उसे सही ढंग से नहीं पकड़ा है। आपको कंडोम को हल्के से सिर्फ उसकी एज से ही पकड़ना है, और कहीं से नहीं। कंडोम को खोलते हुए उसकी टिप को पिंच करना ना भूलें – वो छोटा सा बल्ब जैसा हिस्सा होता है – ताकि उसमें हवा ट्रैप ना हो सके। ये वो हिस्सा होता है जहां ऑर्गाज़्म के बाद सीमेन एकत्र होता है – और अगर वहाँ हवा ट्रैप हो गई तो कंडोम यूज़ के समय गुब्बारे की तरह फट सकता है! इस बात का ख्याल रखें कि अनरोल्ड कंडोम का बेस, पेनिस के बेस पर अच्छे से सेटल होना चाहिए ताकि कंडोम फिसल ना जाये। और बस हो गया आपका काम! (ये वादा है कि आपको इसका तरीका जल्द ही समझ में आ जाएगा! इसे करने का डेमो देखने के लिए आप ये वीडियो देख सकती हैं।
फ्लेवर कंडोम के उपयोग | How to Use Condom in Hindi
अक्सर कंडोम के इस्तेमाल के दौरान यह ख्याल एक बार जरूर आता हैं कि आखिरकार फ्लेवर कंडोम का इस्तेमाल क्यों किया जाता है। तो आपको बता दें की फ्लेवर्ड कंडोम का इस्तेमाल ओरल सेक्स के चलते आजकल बहुत बढ़ गया है। मगर इस दौरान प्लेन कंडोम की गंध को दूर करने के लिए फ्लेवर्ड कंडोम का इजात किया गया। फ्लेवर और कंडोम कलर को मैच कराने के लिए ज्यादातर निर्माता बहुत अधिक सिंथेटिक कलर्स का प्रयोग करते हैं। आपको बाज़ार में आसानी से स्ट्रॉबेरी, ऑरेंज, मिंट, ग्रेप, बनाना, बबलगम, चॉकलेट फ्लेवर के कंडोम मिल जायेंगे। आजकल फ्लेवर कंडोम के इस्तेमाल का चलन युवाओं में ज्यादा है। तो चलिए आपको कंडोम के उपयोग से जुड़े कुछ सवालों के जवाब जानने में मदद करते हैं।
क्या में कंडोम के इस्तेमाल के साथ लुब्रीकेंट इस्तेमाल कर सकती हूं?
जी हाँ, बिल्कुल। आखिरकार बाहरी लुब्रीकेंट का काम ही कई तरह के प्रोसेसेज को आसान बनाने का है। लेकिन एक बात दिमाग में रखें कि कंडोम के साथ आप सिर्फ वॉटर बेस्ड लुब्रिकेंट्स का ही इस्तेमाल कर सकती हैं – अगर आप ऑइल बेस्ड या पैट्रोलियम बेस्ड प्रोडक्टस जैसे वैसलिन इस्तेमाल करती हैं, तो वो कंडोम के साथ रियेक्ट करते हैं जिससे या तो लेटैक्स पोरस हो (लीकेज की समस्या) जाता है या उसके फटने की आशंका बहुत बढ़ जाती है। इसलिए वॉटर बेस्ड लुब्रीकेंट जैसे सुरक्षित विकल्प को ही चुनें।
“रिब्ड” और “डॉटेड” का क्या मतलब होता है?
रिब्ड और डॉटेड कंडोम के सबसे कॉमन टेक्सचर्स को कहा जाता है। इसमें कंडोम की बाहरी सरफेस बारीक पैटर्न (ribbed) में उभरी हुई होती है या उस पर छोटे गोले होते हैं (dotted)। इसके पीछे ये आइडिया है कि पैटर्न्ड कंडोम यूज़ के दौरान उसकी पेनिस और आपके लेडी पार्ट्स के बीच ज़्यादा फ्रिक्शन (रगड़) पैदा करता है जिससे ज़्यादा प्लेज़र मिलता है।
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फ्लेवर्ड? लॉन्ग लास्ट? ये सब क्या हैं?
बाज़ार में कई तरह के कंडोम उपलब्ध हैं जिनमें फ्लेवर्ड और अंधेरे में चमकने वाली (glow-in-dark) कंडोम भी शामिल हैं। फ्लेवर्ड कंडोम लेटेक्स की गंध (जो इतनी अच्छी नहीं होती है) को छुपाती है और ग्लो इन डार्क रंगीन होता है, जो अंधेरे में गाइडिंग लाइट की तरह काम करता है। दो और तरह के कंडोम होते हैं – अल्ट्रा/सुपर थिन या लॉन्ग लास्टिंग। अल्ट्रा थिन – इसका नाम ही सब कुछ बता देता है! सामान्य कंडोम के मुक़ाबले ये ज़्यादा पतला होता है जिसके कारण ये ज़्यादा सेंसेशन देता है – इसलिए आप और आपके पार्टनर ज़्यादा सेंसेशन महसूस करते हैं। लॉन्ग लास्टिंग कंडोम अंदर की तरफ से एनेस्थेटिक प्रॉपर्टी (सुन्न करने वाले) वाले केमिकल से कोटेड होता है – जब ये पेनिस के संपर्क में आता है तो ये सुन्न करने का काम करता है, जिससे लड़के के प्लेज़र सेंसेशन हल्के से दब जाते हैं और वो बिना क्लाइमैक्स किए लंबे समय तक कंटिन्यू कर सकता है। आजकल एक नई वैरायटी और आ गई है: वाइब्रेटर रिंग के साथ कंडोम! ये एक रिंग के साथ आता है, जिसे कंडोम के बेस पर फिट करके ऑन किया जाता है – जिससे वाइब्रेशन्स होते हैं, जो आपके और आपके पार्टनर के प्लेज़र को और बढ़ाता है!
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कंडोम यूज़ में साइज़ का क्या?
जब बात पेनिस की साइज़ की हो तो “सभी आदमी बराबर हैं” ये बात बिल्कुल भी सही नहीं है। लेकिन हिंदुस्तान में कंडोम के अधिकतर मैन्युफैक्चरर और रिटेलर इस बात पर विश्वास करते हैं कि “एक साइज़ सभी को फिट हो जाता है”। ध्यान से सुनिए – ये बहुत बुरा आइडिया है! अधिकांश कंडोम एक्सिडेंट गलत साइज़ के कंडोम का इस्तेमाल करने की वजह से ही होते हैं। अगर कंडोम बहुत बड़ा होगा तो वो फिसल जाएगा और अगर बहुत छोटा होगा तो सेक्स के दौरान वो फट सकता है। लेकिन आजकल चीजों में बदलाव आ रहा है! आजकल आपको अच्छी फिट के लिए “शेप्ड” कंडोम भी मिल जाएंगे, और भारत में ये स्मॉल और लार्ज साइज़ में भी उपलब्ध हैं। इसलिए ध्यान से चुनें – या उसे सही कंडोम चुनने को कन्विंस करें।
अगर इसकी वजह से तकलीफ हुई तो?
आजकल अधिकतर ब्राण्ड्स में लुब्रिकेटेड वैरिएंट्स आने लगे हैं इसलिए ये ज़्यादा तकलीफ नहीं देते हैं। और अगर फिर भी आपको तकलीफ होती है तो आप एक्सटर्नल लुब्रीकेंट इस्तेमाल कर सकती हैं, जैसा कि हमने आपको पहले बताया। लेकिन कुछ महिलाएं ऐसी होती हैं जिन्हें लेटेक्स (या कंडोम बनाते समय जिस प्रोसेस से मटिरियल को ट्रीट किया जाता है) से एलर्जी होती है, उनके लिए नॉन-लेटेक्स कंडोम का इस्तेमाल करें, जैसे ये जो पॉलीयूरेथिन से बनी है – बेस्ट विकल्प है। ये सामान्य लेटेक्स कंडोम से हल्का या पतली होता है। तो हुई ना ये हर तरह से बढ़िया!
फ़ीमेल कंडोम्स (Female Condom) क्या है?
ज़ाहिर सी बात है ये कंडोम का इस्तेमाल महिलाओं के लिए हैं! जी हां, यहीं होते हैं वो। आदमी की पेनिस की जगह ये वुमेन की वैजाइना में लगते हैं। इसमें बंद मुंह और खुला मुंह होता है – बंद मुंह अंदर की तरफ जाता है और खुला हुआ मुंह आपकी वलवा की बाहरी एज पर सैटल हो जाता है। एक आज़मा कर देखें! (अगर आपका पार्टनर तैयार नहीं है तो आपके तैयार होने में कोई बुराई नहीं है, है ना?)
क्या ओरल सेक्स के समय भी मुझे कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए?
हां, आपको बिल्कुल कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए। चूंकि ओरल सेक्स के दौरान भी फ्लुइड एक्स्चेंज होता है जिससे कई STD इन्फेक्शन ट्रान्सफर हो सकते हैं। यही सही समय है उन फ्लेवर्ड कंडोम का पूरा फायदा उठाने का! लेकिन अगर आप मोनो ग्रामस रिलेशनशिप में हैं (यानि आप दोनों सिर्फ एक दूसरे के ही साथ सेक्सुअली इन्वॉल्व हैं) और आप दोनों ने टेस्ट करवाया हुआ है (और टेस्ट में कुछ नहीं निकला है), तो आप कंडोम (कंडोम क्या है) के बिना भी ओरल सेक्स कर सकती हैं। (ओरल सेक्स के दौरान कभी भी लॉन्ग लास्टिंग कंडोम का इस्तेमाल नहीं करें – क्योंकि ये ऐसे केमिकल से कोटेड होता है जो सिर्फ बाहरी इस्तेमाल के लिए है, ना कि ओरल इंजेस्टियन के लिए!)
अगर कोंडोम फट जाये तो मुझे क्या करना चाहिए?
अगर ऐसा इंटरकोर्स से पहले हो गया है तो आपको फिर से शुरू करना होगा। लेकिन अगर ऐसा इंटरकोर्स के दौरान हो जाता है, तो आपको तुरंत ही अपने आपको अच्छे से वॉश करना चाहिए। और प्लैन्ड प्रेगनेंसी से बचने के लिए आप इमरजेंसी कंट्रासेप्टिव पिल भी ले सकती हैं (इसे 72 घंटों से पहले ले लें – जितना जल्दी लेंगी उतना बेहतर होगा)। लेकिन इसे आदत ना बनाएं क्योंकि ये कंट्रासेप्शन लेने का सही तरीका नहीं है – बार-बार इसको लेने से ये आपकी हॉर्मोनल साइकल को बिगाड़ देता है। दिमाग को तसल्ली देने के लिए आप होम प्रेगनेंसी टेस्ट का भी इस्तेमाल कर सकती हैं (लगभग 21 दिन बाद)। सेफ साइड पर रहने के लिए अपने आप को टेस्ट कराएं! और अगर आपको ऐसा लगता है कि किसी एक तरह की या एक ब्रांड की कंडोम का इस्तेमाल करने पर ऐसा एक से ज़्यादा बार हुआ है तो ब्रांड बदल दें।
क्या ऐसा और कुछ है जो मुझे पता होना चाहिए?
कंडोम को हमेशा किसी तरह के केस या बॉक्स में स्टोर करें – कंडोम (कंडोम क्या है) का फॉयल पेक कभी भी अपने पर्स या वॉलेट में डायरेक्टली ना रखें। ऐसा करने से कंडोम मुड़ेगा, खिंचेगा और कमजोर हो जाएगा। एक बार इसका काम हो जाने के बाद इसे किसी सीलबंद) पैकेट में ही फेकें। सबसे ज़रूरी बात, कंडोम का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा उसकी एक्सपायरी डेट चेक कर लें। और अगर आपने एक्सपायर्ड कंडोम इस्तेमाल कर ली तो फिर तो कुछ नहीं हो सकता है। इसलिए अफसोस करने से बेहतर है कि सावधानी और सुरक्षा रखी जाएं
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