मल्टीटास्किंग हमेशा ही एक ऐसा शब्द रहा है, जो किसी खास तरह की स्किल को दिखाता है। अपनी इस स्किल की मदद से कई लोग काम को जल्दी और अच्छे से पूरा कर लेते हैं लेकिन ये सच नहीं है और आज हम अपने इस लेख में आपको बताने वाले हैं कि मल्टीटास्किंग (Multitasking) किस तरह से आपकी सेहत को प्रभावित करता है।
हम जानते हैं कि आपके पास काफी अधिक काम होता है और इस वजह से मल्टीटास्किंग की मदद से आप अपने काम को टाइम से पूरा कर पाते हैं। लेकिन ये उनकी भूल है क्योंकि एक ही साथ काफी सारे काम करने से वो अपने दिमाग के प्रोडक्टिविटी लेवल को खराब कर रहे होते हैं।
हो सकता है कि मल्टीटास्क करते वक्त आपको ऐसा लगे कि आपने सभी कामों को अच्छे से और समय से पूरा कर लिया और इस वजह आप खुश हों लेकिन आप वो ही काम अच्छे से कर पाते हैं, जिस पर आपका पूरा ध्यान होता है। बाकी के काम सेकेंडरी हो जाते हैं। यदि आप एक समय में एक ही काम पर ध्यान देंगे तो आपको काफी अधिक सैटिस्फैक्शन मिलेगा। साथ ही आपकी एनर्जी रिटन होती है और आपको मेंटली और फिजिकली एग्जास्टेड नहीं लगता है। तो चलिए बताते हैं कि आपको क्यों मल्टीटास्किंग करना बंद कर देना चाहिए।
दिमाग के फंक्शन को करें प्रभावित
दरअसल, हमारे दिमाग को नहीं पता होता है कि किस तरह से एक से अधिक काम पर ध्यान दें और इस वजह से दिमाग के लिए ऐसा कर पाना काफी मुश्किल हो जाता है। जब हम एक साथ मल्टी टास्क करते हैं तो हमारा दिमाग इतनी सारी इंफॉर्मेशन को प्रोसेस नहीं कर पाता है और समय के साथ दिमाग के फंक्शन प्रभावित होने लगते हैं।
लगातार एक से अधिक कामों के बीच लगे रहने के कारण आपको स्ट्रेस और एंजाइटी हो सकती है। ये आपकी मेंटल हेल्थ को प्रभावित करता है। ऐसे में आप केवल काम को जल्द से जल्द खत्म करने पर ध्यान देते हैं और उसे एन्जॉय नहीं कर पाते हैं। आप अपने वर्तमान पर ध्यान नहीं देते और केवल भविष्य के बारे में सोचते रहते हैं। इस वजह से आपकी मेंटल हेल्थ प्रभावित होती है।
जो लोग मल्टीटास्किंग करते हैं, उनका आई लेवल समय के साथ कम हो जाता है। मल्टी टास्किंग व्यक्ति की इमोशनल इंटेलिजेंस को भी प्रभावित करता है। कुछ रिसर्च की मानें तो मल्टीटास्क करने वाले लोग, रिजर्व, कोल्ड और कम एम्पथेटिक होते हैं।
एक समय पर कई सारे कामों पर ध्यान दे पाना काफी मुश्किल होता है और इस वजह से आपकी एकाग्रता की क्षमता कम होती है। जो लोग काफी अधिक मल्टीटास्किंग करते हैं वो अपने आइडिया और विचारों को ऑर्गेनाइज नहीं कर पाते हैं। वो इंफॉर्मेशन को धीरे-धीरे समझ पाते हैं।
मल्टीटास्किंग की वजह से आपकी फॉक्स करने की क्षमता प्रभावित होती है। इस वजह से आप डिटेल्स पर ध्यान नहीं दे पाते हैं और इसमें आपकी गति धीमी हो जाती है। साथ ही आपका दिमाग अधिक समय तक जानकारी को स्टोर करके नहीं रख पाता है। ये आपकी मेमोरी को कमजोर करता है।
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