हम सभी जानते हैं कि विश्वभर अभी कोविड-19 जैसी वायरल बीमारी का सामना कर रहा है, जो आजतक की सबसे खतरनाक वायरल बीमारियों में से एक है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि हम अन्य बीमारियों के बारे में भूल जाएं। जी हां, हम यहां मलेरिया की बात कर रहे हैं, जो एक मच्छर के काटने की वजह से होती है और यह एक बहुत ही सामान्य बीमारी है। इस बीमारी के कारण 6,27,000 लोगों ने अपनी जान गवाई है और इनमें से अधिकतर अफ्रिका में रहने वाले बच्चे हैं। इस वजह से हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस (malaria divas) मनाया जाता है ताकि इस बीमारी को लेकर लोगों को जागरूक किया जा सके। मलेरिया के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए इस दिन बहुत सारे लोग एकत्रित होते हैं और अलग-अलग कार्यक्रम करते हैं।
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विश्व मलेरिया दिवस कब मनाया जाता है – Malaria Diwas Kab Manaya Jata Hai
पहली बार विश्व मलेरिया दिवस (vishwa malaria divas) 25 अप्रैल 2008 को मनाया गया था। हर साल की तरह इस साल भी विश्व मलेरिया दिवस 25 अप्रैल को ही मनाया जाएगा। बता दें कि मलेरिया आमतौर पर मानसून के मौसम में सबसे अधिक फैलता है। ऐसा इसलिए क्योंकि उस समय बारिश का पानी कई जगहों पर इक्ट्ठा हो जाता है, जिस वजह से मलेरिया का मच्छर पनपने लग जाता है और फिर यह बीमारी तेजी से फैलने लग जाती है। इस वजह से मानसून में अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है और इसके लिए आप मॉनसून हेल्थ टिप्स आर्टिकल को चेक कर सकते हैं।
विश्व मलेरिया दिवस क्यों मनाया जाता है
विश्व मलेरिया दिवस मनाए (malaria divas kab manaya jata hai) जाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को मलेरिया के प्रति जागरूक करने का है और इस वजह से हर साल 25 अप्रैलक को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाए जाने के पीछे एकमात्र उद्देश्य यही था कि लोगों को मलेरिया के कारण होने वाली मौतों के प्रति जागरूक करना है। जानकारी के मुताबिक 106 देशों में 3.3 बिलियन लोगों को हर साल मलेरिया का खतरा रहता है। ऐसे में लोगों को मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों के प्रति जागरूक करना बहुत ही जरूरी है। यहां आपको बता दें कि यदि आपके घर में या फिर घर के आसपास काफी मच्छर हैं तो आप घर में इन पौधों को लगाएं और मच्छर भगा सकते हैं।
मलेरिया के लक्षण – Malaria ke Lakshan
विकासशील देशों में मलेरिया (मलेरिया रोग का क्या कारण है) के कारण कई लोग हर साल अपनी जान गवा देते हैं। यह बहुत लोगों के लिए खतरनाक बीमारी (malaria ke lakshan) के रूप में आता है। दरअसल, मादा एनोफिलीज मच्छर, प्रोटोजुअन प्लासमोडियम नामक कीटाणु को एक संक्रमित से दूसरे संक्रमित में फैलाता है। इसके लक्षण (मलेरिया रोग के लक्षण) इस प्रकार हैं-
– निश्चित अंतराल पर रोजाना बुखार का आते रहना।
– सिर में दर्द होना।
– मितली आना और साथ में कपकपी होना और ठंड लगना।
– मरीज के हाथ पैरों में दर्द होना।
– शरीर में कमजोरी आना।
मलेरिया का इलाज – Malaria ka Ilaaj
मलेरिया (मलेरिया का इलाज) से बचने के लिए सबसे अच्छा तरीका है कि आप इस मच्छर को पनपने ही ना दें और इसके लिए आप नीचे दिए गए उपाय (malaria ka upchar) कर सकते हैं-
– मलेरिया का मच्छर अधिकतर शाम या रात के समय काटते हैं और इस वजह से ऐसे वक्त पर घर पर ही रहें।
– मलेरिया से बचने के लिए उन कपड़ों का इस्तेमाल करें जिनमें आपके शरीर का अधिकतर हिस्सा ढका रहे।
– अपने घर में या फिर घर के आसपास पानी या फिर गंदा पानी जमा ना होने दें।
– यदि किसी को बुखार है और बहुत तेजी से बढ़ रहा हो तो उसे किसी डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
– मलेरिया की संभावना को कम करने के लिए एंटिमलेरियल (मलेरिया के उपचार की गोली) दवा लेनी चाहिए।
मलेरिया के इलाज (malaria ka ilaaj) के लिए आपको सबसे पहले डॉक्टर से सलाह मशवरा करना चाहिए और यदि आपकी रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो डॉक्टर द्वारा दी गई दवाई का सेवन करना चाहिए। इसमें एंटीमलेरियल ड्रग्स, बुखार की दवा, ,एंटिसिजिर दवाएं आदि शामिल है। इसके अलावा आप चाहें तो मलेरिया से बचाव के घरेलू उपाय की भी मदद ले सकते हैं।
केवल मलेरिया ही नहीं बल्कि डेंगू भी एक ऐसी ही बीमारी है, जो मच्छरों के कारण फैलती है। इस वजह से डेंगू के प्रति सावधान रहना भी उतना ही जरूरी है जितना कि मलेरिया के प्रति। डेंगू की रोकथाम के उपाय के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप ये लेख पढ़ सकते हैं।
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Supriya Srivastava