सर्दी और गर्मी के मौसम में शिशु का स्किन केयर रूटीन अलग होता है। कई लोगों का मानना होता है कि सिर्फ सर्दी के मौसम में शिशु की त्वचा को हाइड्रेट रखने के लिए मॉइश्चराइजर की जरूरत होती है। वहीं, कुछ लोग गर्मी में भी इसे लगाना जरूरी मानते हैं। शिशु को गर्मी में मॉइश्चराइजर लगाना चाहिए या नहीं, इस बात को लेकर ज्यादातर पेरेंट्स में संशय बना रहता है। घमौरी के लिए पाउडर
यही वजह है इस लेख में हम शिशु को गर्मी में मॉइश्चराइजर लगाना चाहिए या नहीं, इसके बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। साथ ही लेख में गर्मी में शिशु का स्किन केयर रूटीन कैसा होना चाहिए, यह भी जानेंगे।
क्या शिशु को गर्मी में मॉइश्चराइजर लगाना चाहिए?
सर्दी में त्वचा की ड्राईनेस को दूर करने के लिए मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल किया जाता है। यह त्वचा को गहराई से नमी प्रदान कर कोमल बनाता है। बहुत सारे लोग सिर्फ सर्दी में शिशु को मॉइश्चराइजर लोशन लगाते हैं। जबकि शिशु को गर्मी में मॉइश्चराइजर लगाना भी उतना ही आवश्यक होता है। बस फर्क इतना है कि सर्दी और गर्मी के मौसम में मॉइश्चराइजर का टाइप अलग हो सकता है।
शिशु को गर्मी में क्यों मॉइश्चराइजर लगाया जाता है, नीचे इसकी जानकारी दे रहे हैं:
- सर्दियों की तरह गर्मी के मौसम में भी बच्चों की त्वचा का सही ध्यान न रखा जाए, तो उनकी त्वचा बेजान होने लगती है। धूप, गर्म हवा की वजह से बच्चों की त्वचा का नैचुरल ऑयल खोने लगता है। इसके चलते बच्चों की त्वचा रूखी हो जाती है। इसलिए, बच्चों को गर्मी के मौसम में भी मॉइश्चराइजर लगाना जरूरी होता है।
- गर्मी के मौसम में घरों में दिनभर एसी चलता है। एसी कमरे के तापमान को तो बेहतर कर देता है। लेकिन यह शिशु की त्वचा को सुपर ड्राई बना देता है। एक वजह यह भी है कि गर्मी के मौसम में शिशु की त्वचा को हाइड्रेट रखने के लिए सही तरीके से मॉइश्चाइज करके रखना चाहिए।
- कई पेरेंट्स शिशु को नहलाने के तुरंत बाद पसीने से बचाने के लिए पाउडर लगाते हैं। ये तरीका गलत है। क्योंकि बेबी पाउडर शिशु की त्वचा को ड्राई तो रखता है, लेकिन नहाने के तुरंत बाद इसे लगाने से त्वचा के पोर्स ब्लॉक हो सकते हैं। इसलिए शिशु को हमेशा नहलाने के बाद पहले मॉइश्चराइजर लगाना चाहिए। इसके बाद पाउडर लगाना चाहिए।
- अगर बच्चा स्वीमिंग क्लासेस जाता है, तो उसे मॉइश्चराइजर लगाकर भेजें। क्योंकि स्वीमिंग पूल के पानी में क्लोरीन होता है, जिससे शिशु की त्वचा का प्राकृतिक ऑयल खो सकता है। मॉइश्चराइजर की लेयर शिशु की त्वचा को ड्राई होने से सुरक्षा प्रदान करती है।
शिशु के लिए कौन सा मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करना चाहिए?
- बच्चों के लिए खास तैयार किया गया जेंटल और फ्रेग्नेंस फ्री मॉइश्चराइजिंग लोशन का चुनाव करना चाहिए। उनके मॉइश्चराइजर को लेने से पहले उसके इंग्रीडिएंट्स पर गौर करें। हमेशा नैचुरल इंग्रीडिएंट्स से तैयार प्रोडक्ट ही खरीदें।
- यदि मॉइश्चराइजिंग लोशन में पैराबीन व अन्य कोई केमिकल है तो उसे न खरीदें। बता दें कि पैराबीन एक तरह का केमिकल कंपाउंड है। इसे ज्यादातर लोशन में ज्यादा समय तक ठीक रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। शिशुओं की सेंसिटिव स्किन के लिए इसका इस्तेमाल नुकसानदायक हो सकता है।
- शिशुओं के लिए ‘द मॉम्स को नेचुरल बेबी लोशन’ बेहतर साबित हो सकता है। इस मॉइश्चराइजर को मिल्क प्रोटीन, एवोकाडो ऑयल, ऑर्गेनिक शिया बटर और कोकोआ बटर से खास तैयार किया गया है। यह शिशु की त्वचा को गहराई से हाइड्रेट करता है। साथ ही त्वचा के पीएच स्तर को संतुलित बनाए रखता है।
इस लेख को पढ़ने के बाद गर्मी में शिशु को मॉइश्चराइजर लगाना चाहिए या नहीं, इसे लेकर आपका संशय दूर हो गया होगा। तो अब सोचना क्या है, अपने बेबी के लिए बेहतर मॉइश्चराइजर का चुनाव कर उनकी त्वचा को करें पैंपर।
चित्र स्रोत: Freepik
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