जलती-चुभती गर्मी का मौसम आ चुका है और ये अपने साथ जलती-चुभती घमौरियों भी लाएगा। इससे पहले शिशु की गर्दन और पीठ लाल-लाल घमौरियों से घिर जाए अभिभावक सतर्क हो जाएं। गर्मी का मौसम शिशुओं में घमौरियां होने के कारण आफत भरा होता है। यही वजह है शिशुओं का गर्मी के दिनों में खास ख्याल रखने की हिदायत दी जाती है। उन्हें समय से नहलाना, कमरे का तापमान मेंटेन रखना और उनके डायपर पर नजर रखना, गर्मी के दिनों में जरूरी हो जाता है। गर्मी के दाने का इलाज
शिशुओं को घमौरियों खूब इरिटेट करती हैं, जिसके चलते वें दिनभर रो-रोकर घर सिर पर उठा लेते हैं। इस लेख में हम शिशुओं को घमौरियों से राहत दिलाने के वो 7 घरेलू उपाय बताएंगे, जिससे घर में शिशुओं के रोने की नहीं बल्कि उनके खिलखिलाने की आवाजें गूजेंगी। चलिए जानते हैं घमौरियों से राहत दिलाने वाले 7 घरेलू नुस्खों के बारे में। घमौरी के लिए पाउडर
शिशुओं में घमौरियां होने के क्या कारण होते हैं? (Causes of Heat Rashes in Babies in Hindi)
शिशुओं में घमौरियां होने का मुख्य कारण गर्मी है। नीचे इसके अनेक कारणों के बारे में बता रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:
- जैसा कि लेख की शुरुआत में आपने जाना कि शिशुओं में गर्मी व उमस के कारण घमौरियों की शिकायत हो सकती है। इसके पीछे की वजह है शिशुओं की पसीने वाली ग्रंथियों का विकास न होना। ऐसे में त्वचा के पोर्स भी रुकावट पैदा करते हैं। यही वजह है कि शिशुओं को गर्मी के कारण आने वाला पसीना शरीर से बाहर नहीं आ पाता और घमौरियों की समस्या उत्पन्न होती है।
- कई बार शिशुओं को तेज बुखार होने के कारण भी घमौरियां हो सकती हैं।
- गर्मी के मौसम में शिशुओं को तंग या सिंथेटिक कपड़े पहनाने से भी घमौरियां हो सकती हैं।
- शिशुओं में घमौरियों का एक कारण त्वचा पर मौजूद स्टेफिलोकोकस ऑरियस और स्टेफिलोकोकस एपीडरमाइडिस नामक जीवाणु हो सकते हैं। जिन शिशुओं की त्वचा पर अधिक मात्रा में ये जीवाणु मौजूद होते हैं। वो जल्दी घमौरियों के शिकार होते हैं।
- कुछ दवाओं का सेवन करने शिशुओं को घमौरिया हो सकती हैं।
- किसी विशेष तेल से मालिश करने से यह समस्या पैदा हो सकता है।
छोटे बच्चों में घमौरियों के घरेलू उपचार (Home Remedies for Heat Rashes in Babies in Hindi)
घमौरियां होने पर सबसे ज्यादा जो चीज परेशान करती है वो है खुजली। बड़े इससे परेशान हो जाते हैं, तो बच्चे कैसे नहीं होंगे। लेकिन, घमौरियों पर खुजली करने से त्वचा पर इंफेक्शन या घाव होने का खतरा रहता है। इसलिए अभिभावक यह सुनिश्चित करें कि उनका बच्चा घमौरियों पर ज्यादा खुजली न करें। नीचे हम शिशुओं में घमौरियों से राहत के लिए कुछ घरेलू उपाय बता रहे हैं:
- एलोवेरा- शिशुओं को घमौरियों से निजात दिलाने में एलोवेरा अहम भूमिका निभा सकता है। यह त्वचा को नमी प्रदान करने के साथ घमौरियों को दूर कर सकता है। इसे लगाने के लिए फ्रेश एलोवेरा के पत्तों से जेल निकालकर सीधा शिशु की त्वचा पर लगाएं। एक बात का ख्याल रखें कि यह जेल शिशु के मुंह में न जाए।
- ओटमील बाथ- ओटमील बाथ को शिशुओं में घमौरियों से राहत के लिए बेहद शानदार हर्बल इलाज माना जाता है। इसके पीछे इसमें मौजूद एंटी-प्रुरिटिक और एंटीमाइक्रोबियल प्रभाव को उपयोगी माना जाता है। साथ ही यह त्वचा को गहराई से नमी प्रदान करता है।
- नीम का लेप- घमौरियों पर हुए एक शोध में नीम के लेप को उपयोगी पाया गया है। इसमें भी एंटी माइक्रोबियल प्रॉपर्टीज मौजूद होती हैं। ऐसे में बच्चों को घमौरियों से राहत दिलाने के लिए आप नीम के लेप का इस्तेमाल कर सकती हैं।
- गुलाब जल के साथ चंदन पाउडर- गुलाब जल और चंदन से तैयार लेप बच्चों को घमौरियों से राहत प्रदान कर सकता है। यह लेप शिशु को ठंडक प्रदान करता है। साथ ही इसमें एंटी माइक्रोबियल गुण पाया जाता है। शिशु को यह लेप लगाने से घमौरी के कारण होने वाली खुजली और जलन से भी कुछ हद तक आराम मिलता है।
छोटे बच्चों को घमौरियों से बचाने के कुछ टिप्स
अभिभावक कुछ बातों को ध्यान में रखकर शिशुओं को घमौरियों से बचा सकते हैं, जिनके बारे में नीचे पॉइंट्स में जानकारी दे रहे हैं:
- शिशु को हवादार और ढीले कपड़े पहनाएं। सूती कपड़ों का चयन करें। यह आसानी से पसीने को सोख लेता है।
- शॉवर के लिए पानी न ज्यादा ठंडा हो और न ही गर्म।
- नहलाने के बाद बच्चे का सॉफ्ट तौलिए से शरीर पोंछे। कुछ देर के लिए उसे पंखे के नीचे खड़ा कर दें। जिससे शरीर से सारा पानी अच्छी तरह सूख जाए।
- नहाने के बाद चिकित्सक द्वारा रिकमेंड किए गए पाउडर का ही इस्तेमाल करें।
- उमस के मौसम में कमरे का तापमान मेंटेन रखें।
- बच्चे को हाइड्रेट रखने के लिए पर्याप्त पानी पिलाएं।
- शिशु को बाहर धूप में न लेकर जाएं।
इस लेख में आप छोटे बच्चों को घमौरियों से कैसे बचाना है व घमौरियों के लिए घरेलू इलाज के बारे में अच्छे से जान गए होंगे। बच्चे को घमौरियों के कारण खुजली हो रही है, तो उसे ऐसा करने से रोकें। इससे संक्रमण हो सकता है। अगर घमौरियों के साथ बच्चे को तेज बुखार हो, तो बिना देर किए बाल विशेषज्ञ से परामर्श लें।
चित्र स्रोत: Freepik/Pexel
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