पीपल का पेड़ (pipal ka ped) न केवल पौराणिक कथाओं में ही पूज्य माना गया है, बल्कि स्वास्थ्य को ठीक रखने में भी इसके कई फायदे हैं। वैसे तो हिन्दू धर्म में अनेक अवसरों पर पीपल के पेड़ की पूजा होती है, लेकिन आदिकाल से ही पीपल के पत्ते (peepal leaf) छाल और फल आदि कई बीमारियों को दूर करने में इस्तेमाल किए जाते हैं। यह एक ऐसा पेड़ है, जो हमें चौबीस घंटे ऑक्सीजन देता है। आइए, जानते हैं पीपल के फायदे, औषधीय गुण और उपयोग के बारे में।
Table of Contents
पीपल का महत्व – Importance of Peepal in Hindi
पीपल के पेड़ को भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान मिला हुआ है। पीपल के पेड़ (pipal ka ped)की छाया बहुत ठंडी होती है। इसकी जड़ें भूमि के अंदर बहुत दूर तक फैली रहती हैं। कई पुराने आयुर्वेदिक ग्रंथों में पीपल के पेड़ और इसकी पत्तियों के अनेक गुणों के बारे में बताया गया है। पीपल के प्रयोग से रंग में निखार आता है। साथ ही घाव, सूजन, दर्द में भी आराम मिलता है। यह सेक्सुअल स्टेमिना को भी बढ़ाता है और गर्भधारण करने में मदद करता है। पीपल खून साफ करता है। इसकी छाल के उपयोग से पेट साफ रहता है।
पीपल के पत्ते से लाभ – Pipal ke Patte ke Fayde
पीपल के पेड़ की खास बात ये है कि इसकी जड़, छाल, पत्तियां, फल सभी फायदेमंद हैं। पीपल के अनेक फायदे हैं, लेकिन ज्यादातर लोग इसका पौराणिक महत्त्व ही जानते हैं। आइए, हम आपको विस्तार से बताते हैं कि पीपल के अन्य गुण क्या हैं।
दिल के रोगों के लिए
खराब लाइफस्टाइल और बढ़ते प्रदूषण के कारण आजकल दिल की समस्याएं बढ़ रही हैं। दिल के रोगों से बचने के लिए पीपल की 15-20 पत्तियों को एक गिलास पानी में अच्छी तरह उबाल लें। अब पानी को ठंडा करके छान लें। इस काढ़े को हर तीन घंटे के बाद लें। ऐसा करने से हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है।
खांसी, जुकाम होने पर
खांसी, ज़ुकाम बदलते मौसम में हर उम्र के लोगों के लिए परेशानी बन जाता है। इसके लिए पीपल के पांच पत्तों को दूध में उबालकर चीनी डालकर दिन में दो बार, सुबह-शाम पीने से ज़ुकाम, खांसी में बहुत आराम मिलता है।
पीलिया में
पीलिया में राहत के लिए पीपल एक बेहतरीन इलाज है। पीपल के 3-4 नए पत्तों को मिश्री के साथ 250 मिली. पानी में बारीक पीसकर छान लें। यह शर्बत रोगी को दिन में 2 बार पिलाएं। इसे 3 से 5 दिन तक निरंतर प्रयोग करें।
दाद और खाज में
पीपल की छाल का काढ़ा बनाकर 10-30 मिली. मात्रा में रोज़ सुबह और शाम पिलाने से खुजली ठीक होती है। पीपल की कोमल कोपलें खाने से खुजली और त्वचा पर फैलने वाले चर्म रोग खत्म हो जाते हैं। खाज-खुजली की समस्या हो तो 50 ग्राम पीपल की छाल की भस्म बना लें। इसमें आवश्यकतानुसार चूना और घी मिलाकर अच्छी प्रकार से लेप बना लें। इसका लेप प्रभावित हिस्सों में करने से खाज-खुजली ठीक होती है।
घाव को ठीक करने में
घाव के लिए पीपल का पेड़ (peepal tree) बहुत ही फायदेमंद है। पीपल की नरम कोपलों को जलाकर कपड़े से छान लें। इसे फोड़ों पर लगाने से लाभ होता है या फिर पीपल की छाल के चूर्ण को पीसकर उसमें घी मिला लें। इससे जलने या घाव से प्रभावित स्थान पर लगाने से रक्तस्राव बंद हो जाता है और घाव जल्दी भरने में लाभ मिलता है।
मधुमेह में
डायबिटीज़ के मरीजों के लिए पीपल रामबाण की तरह है। पीपल के पेड़ (pipal ka ped) की छाल का 40 मिली. काढ़ा नियमित रूप से पिलाने से डायबिटीज़ में लाभ मिलता है।
पीपल के जड़ के फायदे- Benefits of Peepal Root in Hindi
पीपल की जड़ के कई लाभ हैं, जिनमें से एक त्वचा सम्बंधित भी है। त्वचा पर होने वाली समस्याओं, जैसे- दाद, खाज, खुजली में पीपल के कोमल पत्तों को खाने या उनका काढ़ा बनाकर पीने से लाभ होता है। इसके अलावा फोड़े-फुंसी जैसी समस्या होने पर पीपल की छाल को घिसकर लगाने से फायदा होता है। त्वचा का रंग निखारने के लिए भी पीपल की छाल का लेप या इसके पत्तों का प्रयोग किया जा सकता है। इतना ही नहीं, यह त्वचा की झुर्रियों को कम करने में भी मदद करता है। पीपल की ताजी जड़ को भिगोकर त्वचा पर इसका लेप करने से झुर्रियां कम होने लगती हैं।
पीपल के फायदे – Benefits of Peepal in Hindi
– आंखों के कई रोगों के लिए पीपल फायदेमंद है। आंखों के रोग को पीपल के पत्ते से लाभ मिलता है पीपल के पत्तों से निकलने वाले दूध को आंख में लगाने से आंखों में होने वाला दर्द ठीक हो जाता है।
– अगर किसी को हकलाने की समस्या हो तो उसका आत्मविश्वास कम हो जाता है। इस समस्या में भी पीपल फायदा पहुंचाता है।आधी चम्मच पीपल के पके फल के चूर्ण में शहद मिलाकर उसका सुबह-शाम सेवन करने से हकलाहट की बीमारी में लाभ होता है।
– यदि आपको हिचकी, उल्टी या बहुत ज्यादा प्यास लगने की समस्या हो रही है तो पीपल की 50-100 ग्राम छाल के कोयलों को पानी में बुझा लें। इस पानी को साफ कर पीने से इन समस्याओं में लाभ मिलता है।
– कई बार भूख न लगना एक बीमारी बन जाता है। लगातार इसे नज़रअंदाज़ करने से स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है। अगर आपको भूख कम लगती है तो आप पीपल के पके फलों का सेवन करें। इससे कफ, पित्त, रक्तदोष, विष दोष, जलन, उल्टी तथा भूख की कमी की समस्या ठीक होती है।
– घर में काम करते रहने से महिलाओं को अक्सर यह शिकायत रहती है कि उनके पैरों की एड़ियां फट गई हैं। अगर आप कोमल और सुन्दर एड़ियां पाना चाहती हैं तो हाथ-पांव फटने पर पीपल के पत्तों का रस या दूध लगाएं। यह बहुत अधिक असरदार है।
– फोड़े-फुंसियों में भी पीपल के पत्ते (pipal ka patta) के फायदे मिलते हैं। पीपल की छाल को पानी में घिसकर फोड़े-फुंसियों पर लगाने और गीली पट्टी बांधने से लाभ होता है।पीपल के कोमल पत्तों को गेहूं के गीले आटे में पीसकर मिला लें। इसे फोड़ों पर लगाने से फोड़े और सूजन ठीक हो जाते हैं।
– नाक से खून निकलने की समस्या में पीपल के ताजे पत्तों का रस फायदा करता है।
– पीपल की छाल और इमली से बने काढ़े को पीने से अनियमित मासिक धर्म में फायदा मिलता है।
– पीपल की छाल के चूर्ण को जले हुए स्थान पर छिड़कने से तुरंत ही लाभ मिलता है।
– पुराने तथा न भरने वाले घावों पर पीपल की अंतर छाल को गुलाब जल में घिसकर लगाएं। इससे घाव जल्दी भर जाते हैं।
– ताजे झड़े हुए पीपल के पत्ते के बारीक चूर्ण को घाव पर छिड़कने से घाव तुरंत ठीक हो जाता है।
पीपल के औषधीय गुण – Medicinal Benefits of Peepal in Hindi
पीपल के कुछ औषधीय गुण भी हैं। जानिए ऐसे ही कुछ औषधीय गुणों के बारे में।
सांस की तकलीफ में
पीपल के सूखे फलों को पीसकर 2-3 ग्राम मात्रा में 14 दिन तक जल के साथ सुबह-शाम सेवन करें। इससे सांस की बीमारी और खांसी में लाभ होता है।
दांतों के लिए
पीपल की छाल को उबालकर इसका कुल्ला करने से दांतों के रोग ठीक होते हैं। पीपल की ताजी टहनी से रोज़ दातुन करने से दांत मजबूत होते हैं और उनमें दर्द की समस्या खत्म हो जाती है। इससे मसूड़ों की सूजन और मुंह से आने वाली दुर्गंध भी खत्म हो जाती है। इसके अलावा 10 ग्राम पीपल की छाल, कत्था और 2 ग्राम काली मिर्च को मिलाकर बारीक पीसकर बनाए गए मंजन को रोज़ इस्तेमाल करने से भी दांतों की समस्या में छुटकारा मिलता है।
सेक्सुअल स्टेमिना बढ़ाने में पीपल से फायदे
पीपल के फल और जड़ की छाल के दूध को पका लें। इसमें शक्कर और शहद मिलाकर पीने से सेक्सुअल स्टेमिना बढ़ता है। पीपल के फल, जड़ तथा शुंठी को बराबर भाग में मिलाकर दूध में पका लें। इसमें मिश्री और शहद मिलाकर रोज़ सुबह-शाम खाने से शारीरिक कमज़ोरी दूर होती है।
बुखार को ठीक करने में उपयोगी पीपल
बुखार में भी पीपल बहुत फ़ायदे करता है। 10-20 मिली. पीपल के पत्ते (pipal ka patta) के काढ़े का सेवन करने से बुखार में लाभ होता है।
टाइफाइड में
टाइफाइड का बुखार बहुत गंभीर होता है। 1-2 ग्राम पीपल की छाल के चूर्ण को सुबह और शाम शहद के साथ सेवन करने से टाइफाइड में लाभ होता है।
पेचिश में फायदेमंद पीपल
पीपल की टहनियां, धनिये के बीज तथा मिश्री को बराबर भाग में मिला लें। 3-4 ग्राम रोज़ सुबह-शाम सेवन करने से पेचिश में लाभ होता है।
गले के रोग में पीपल का प्रयोग
गले के रोग में पीपल की अंतर छाल को गुलाब जल में घिसकर लगाएं। इससे घाव जल्दी भर जाते हैं।
टीबी रोग में पीपल का प्रयोग
पीपल की जड़ का रोज़ सेवन करने से टीबी रोग में लाभ होता है।
नाक कान से खून बहने की समस्या में पीपल के लाभ
पीपल के फल के चूर्ण और मिश्री को बराबर मात्रा में मिला लें। इसे 1 चम्मच की मात्रा में दिन में तीन बार ठंडे जल के साथ सेवन करने से कुछ ही दिनों में नाक-कान से खून बहने की समस्या में लाभ होता है।
पीपल के पत्ते से पेट दर्द का इलाज
पीपल की नर्म कोपलों का काढ़ा बना लें। रोगी को 40 मिली. काढ़ा पिलाने से पेट साफ हो जाता है और कब्ज़ की समस्या ठीक हो जाती है। पीपल के पत्ते (pipal ka patta) के सेवन से पेट का दर्द ठीक हो जाता हैं। पीपल के ढाई पत्तों को पीसकर 50 ग्राम गुड़ में मिलाकर गोली बना लें। इसे दिन में 3-4 बार खाना चाहिए। कब्ज़ की समस्या ठीक हो जाएगी। कब्ज़ यदि बहुत पुरानी हो तो पीपल के 5-10 फल नियमित रूप से खाने चाहिए।
रक्त-विकार में पीपल से लाभ
वातरक्त जैसे रक्त विकारों में पीपल की छाल से लाभ होता है। छाल को 40 मिली. काढ़े में 5 ग्राम शहद मिलाकर सुबह-शाम रोगी को पिलाना चाहिए। 1-2 ग्राम पीपल के बीज के चूर्ण को शहद के साथ सुबह-शाम रोगी को सेवन कराने से खून साफ होता है।
पीपल के प्रयोग की मात्रा
वैसे तो पीपल को उचित मात्रा में प्रयोग करने से अधिक लाभ मिलता है, इसलिए प्रत्येक दवा में इसे बताई गई मात्रा के अनुसार और बताई गई बार ही सेवन करना चाहिए। फिर भी आप इसके लिए किसी अच्छे चिकित्सक से सलाह लेकर ही प्रयोग करें तो अच्छा रहेगा, फिर वह चाहे इसकी पत्तियों का सेवन हो या फिर काढ़ा। सामान्य तौर पर इसकी मात्रा इस प्रकार होती है-
पीपत का काढ़ा – 50-100 मिली.
पीपल का चूर्ण – 3-6 ग्राम
पीपल का दूध – 1-20 मिली.
पीपल को लेकर अक्सर पूछे जाने वाले आम सवाल-जवाब (FAQ’S)
1- आमतौर पर पीपल कहां पाया जाता है?
पीपल (Peepal) का पेड़ भारत के उपहिमालयी वनों, पश्चिम बंगाल एवं मध्य भारत में प्राप्त होता है। हिन्दू तथा बौद्ध धर्म में धार्मिक महत्त्व होने के कारण पीपल का पेड़ मंदिरों के आस-पास लगाया जाता है। इसके अलावा यह नेपाल और इंडोनेशिया में भी पाया जाता है।
2- क्या आंखों की बीमारी में पीपल का प्रयोग लाभदायक है?
पीपल आंखों के लिए बहुत फायदेमंद है। रोज़ाना 3-4 ग्राम पीपल का सेवन करने से आंखों की बीमारियों में फायदा मिलता है। इतना ही नहीं, इसकी पत्तियों के दूध को आंखों पर मलने से ठंडक मिलती है और बीमारियां भी कम होती हैं।
3- पीपल के पेड़ (pipal ka ped) का सबसे बड़ा लाभ क्या है?
ऐसा माना जाता है कि पीपल का पेड़ 24 घंटे ऑक्सीजन देता है, लेकिन ऑक्सीजन निर्माण की क्रिया केवल प्रकाश संश्लेषण की उपस्थिति में होती है। हालांकि पीपल का पेड़ बाकी पेड़ों से ज्यादा प्रभावशाली है।
4- पीपल को और किन नामों से जाना जाता है ?
पीपल को अंग्रेजी में पीपल ट्री (Peepal tree), द बो ट्री (The Bo tree), बोद्ध ट्री (Bodh Tree), उर्दू में पिपल और गुजराती में पीपरों के नाम से जाना जाता है। पंजाबी और नेपाली में भी इसे पीपल ही कहते हैं।
Read More From Fitness
जवान एक्ट्रेस नयनतारा की तरह फिट होना चाहते हैं तो फॉलो करें उनके ये 8 फिटनेस सीक्रेट्स
Garima Anurag
जानिए क्या है कृति सेनन का फिटनेस सीक्रेट, जिसकी वजह से हमेशा दिखती हैं स्लिम और फिट
Archana Chaturvedi