चना सेहत के लिहाज से काफी फायदेमंद होता है। चना में आयरन, प्रोटीन, कैल्शियम, फाइबर, फोलेट और विटामिन सी जैसे कई पोषक तत्व होते हैं। कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति रोजाना चना खाता है तो उसके शरीर में खून की कमी नहीं होगी। इसलिए यह गर्भवती महिलाओं के लिए भी बहुत अच्छा माना जाता है। दरअसल, प्रेग्नेंसी के दौरान शिशु के विकास के लिए शरीर अधिक मात्रा में खून बनाता है और अगर इस दौरान आप पर्याप्त आयरन या अन्य पोषक तत्व नहीं ले रही हैं तो आपके शरीर में अधिक खून बनाने के लिए जरूरी लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण रुक सकता है। इस वजह से प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादातर महिलाएं एनीमिया का शिकार हो जाती है, जोकि एक सामान्य बात है।
इसी वजह से गर्भवती महिलाओं को सामान्य लोगों की तुलना में अधिक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। क्योंकि उन्हें अपने साथ भ्रूण के स्वास्थ्य का ध्यान रखना होता है। इसके अलावा गर्भावस्था में हार्मोनल असंतुलन के कारण महिलाओं को कब्ज, गैस, जी मिचलाना आदि समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं के लिए चना खाने के फायदे और नुकसान के बारे में जानें।
गर्भवती महिलाओं के लिए चना खाने के फायदे और नुकसान chana during pregnancy is beneficial for health in hindi
-गर्भावस्था के दौरान महिलाएं बहुत थका हुआ और कमजोर महसूस करती हैं। चने के सेवन से थकान और कमजोरी दूर होती है। यह आपको फ्रेश और रिलैक्स फील कराता है। 2 महीने गर्भावस्था के लक्षण
-गर्भावस्था के दौरान ज्यादातर महिलाओं को कब्ज की शिकायत रहती है। ऐसे में चना उनके लिए काफी फायदेमंद होता है। छोला-चना में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, इसलिए इनका सेवन कब्ज से राहत दिलाने में मदद करता है।
– करीब 65 से 75 फीसदी महिलाएं गर्भावस्था के दौरान एनीमिया की शिकायत करती हैं। चना में भरपूर मात्रा में आयरन होता है, जो शरीर में रक्त के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है और एनीमिया को रोकता है।
– गर्भ में पल रहे शिशु के मानसिक विकास के लिए फॉलेट बेहद जरूरी है। यह बच्चे की वृद्धि में मदद करता है और न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (Neural tube defect) को रोकता है।
– गर्भावधि मधुमेह का भी खतरा होता है। ऐसे में चने का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। छोले में प्रतिरोधी स्टार्च और एमाइलोज होते हैं, जो रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ने से रोकते हैं। यह मधुमेह के खतरे से भी बचाता है।
– गर्भावस्था के दौरान कई महिलाओं को एलर्जी होती है। ऐसी स्थिति में चना नहीं खाना चाहिए। चाना एलर्जी को बदतर बना सकती है। छोला-चना में बहुत अधिक फाइबर होता है, जो समस्या को बढ़ा सकता है।
– वहीं कई महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान चना खाने से दस्त, उल्टी, सिर दर्द और गला सूखना जैसी समस्याएं हो जाती है। इसीलिए किसी भी चीज का सेवन इस दौरान सीमित मात्रा में करना चाहिए।
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