भारत में हर खास मौके पर कुछ मीठा हो जाए… का रिवाज है। हमारे यहां अधिकतर लोगों को मिठाइयां खाना पसंद होता है और यही कारण है कि हमारे देश में विभिन्न अवसरों पर अलग- अलग तरह की मिठाइयां बनाई जाती हैं। इन्हें देखते ही मुंह में ऐसे पानी आता है कि चाह कर भी उससे दूर नहीं रहा जा सकता। यही कारण है कि भारत में मीठे के शौक के चलते लोगों को स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियां हो रही हैं।
Table of Contents
- शुगर क्रेविंग क्या होती है? – What is Sugar Craving in Hindi?
- शुगर क्रेविंग होने के कारण – Causes of Sugar Cravings in Hindi
- शुगर क्रेविंग्स के नुकसान – Side Effects of Sugar Cravings in Hindi
- शुगर क्रेविंग कम करने के तरीके – Sugar Kam Karne ka Tarika
- डेली रुटीन में इन 5 आदतों को शामिल करने से नहीं होगी शुगर की क्रेविंग – Sugar Kaise Kam Kare
- शुगर की क्रेविंग को लेकर पूछे जाने वाले सवाल- जवाब – FAQ’s
एक व्यक्ति को दिन भर में 30 ग्राम शुगर की आवश्यकता होती है, जिससे वह पूरे दिन ऊर्जावान महसूस करता है। लेकिन शुगर की क्रेविंग के कारण लोग दिन भर में इतना मीठा खा लेते हैं कि उनमें मधुमेह, मोटापे और असंतुलित रक्तचाप की समस्या पैदा हो जाती है। अगर आपको भी शुगर की क्रेविंग होती है और आप खुद को शुगर लेने से रोक नहीं पाते हैं तो पढ़िए यह आर्टिकल (sugar control tips in hindi)।
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शुगर क्रेविंग क्या होती है? – What is Sugar Craving in Hindi?
कुछ लोगों को मीठा खाने की आदत होती है लेकिन जब यह आदत परेशानी का सबब बन जाए तो उसे दूर कर लेना चाहिए। हालांकि, जिन लोगों को शुगर की क्रेविंग्स होती हैं, वे चाहकर भी मीठे से दूर नहीं रह पाते हैं क्योंकि उनका मन बार- बार मीठे की तरफ आकर्षित होता है। इसकी वजह से उन्हें कई स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। बता दें कि जिन लोगों को शुगर की क्रेविंग्स होती हैं, उन्हें आधी रात को भी मीठा खाने की इच्छा होने लगती है या जब भी वे खुश या दुखी महसूस करते हैं तो उनका मन मीठा खाने के लिए करता है। इसलिए अगर आपको भी शुगर की क्रेविंग्स हो रही हैं तो फौरन सावधान हो जाएं।
शुगर क्रेविंग होने के कारण – Causes of Sugar Cravings in Hindi
हमारी बॉडी में शुगर क्रेविंग्स होने के कई कारण हैं। आपके लिए उन्हें जानना बहुत ज़रूरी है।
तनाव के कारण
उन लोगों को शुगर की क्रेविंग ज्यादा होती है, जो मीठा पसंद करते हैं लेकिन एक्सपर्ट मानते हैं कि अगर लाइफ में कोई तनाव है या आप डिप्रेशन में हैं तो भी बार-बार शुगर की क्रेविंग्स होती हैं। तनाव के हॉर्मोन मुंह के स्वाद वाली कोशिकाओं में छिपे होते हैं और तनाव की स्थिति में ये न सिर्फ स्वाद को प्रभावित करते हैं बल्कि मीठा खाने की इच्छा भी पैदा करते हैं।
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कार्बोहाइड्रेट की अधिक मात्रा
भारतीय व्यंजनों में कार्बोहाइड्रेट अधिक मात्रा में रहता है। इसके चलते हमारे शरीर में शुगर की कमी महसूस होने लग जाती है और कुछ मीठा खाने की क्रेविंग होती है।
डायबिटीज के लक्षण
ज्यादा मीठा खाने से ज्यादा प्यास लगनी शुरू हो जाती है। ब्लड में ज्यादा शुगर बढ़ने से शरीर को ब्लड को फ्लो में लाने के लिए ज्यादा पानी की जरूरत पड़ती है, जिस कारण प्यास ज्यादा लगने लगती है। ये एक तरह से प्री डायबिटीज का लक्षण है। मतलब कि अगर शुगर की क्रेविंग ज्यादा हो रही है तो आपको डायबिटीज हो सकती है।
बदलती लाइफस्टाइल
बदलती लाइफस्टाइल में लोग हेल्दी फूड्स के बजाय पिज्जा, बर्गर, चिप्स, बेकरी फू़ड्स, कोल्ड ड्रिंक आदि आहार खाना पसंद करते हैं और फिर धीरे- धीरे इस तरह के फूड आइटम्स लाइफस्टाइल का हिस्सा बन जाते हैं और जब वह उनसे दूर होते हैं तो उन्हें शुगर की क्रेविंग्स होने लगती हैं। दरअसल ये सभी फूड आइटम्स शरीर को शुगर लेने के आदी बना देते हैं।
थकान के कारण
आप पूरा दिन ठीक से डाइट फॉलो करते हैं। सब कुछ हेल्दी खाते हैं। लेकिन शाम होते ही आप जिम या डाइटिंग से इतना थक जाते हैं कि कुछ और बनाना नहीं चाहते तो एक चॉकलेट या डोनट खा लेते हैं।
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शुगर क्रेविंग्स के नुकसान – Side Effects of Sugar Cravings in Hindi
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बड़े बुजुर्ग कहते हैं कि अति किसी भी चीज की ठीक नहीं है और अगर आप किसी भी चीज की अति करते हैं तो उससे आपको नुकसान के अलावा कुछ नहीं मिलता। ऐसा ही कुछ आपके खाने के साथ भी है। कुछ लोगों को मीठा खाना पसंद होता है तो कुछ को नमकीन। ज्यादातर लोग मीठा खाते वक्त इससे होने वाले नुकसान (meetha khane ke nuksan) की परवाह नहीं करते हैं अगर ये सब जरूरत से ज्यादा खा लिया जाए तो ये आपको नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। आइए जानते हैं कि शुगर की क्रेविंग्स के कारण बार- बार मीठा खाने से आपको क्या- क्या नुकसान हो सकते हैं।
जानलेवा मोटापा
शुगर की क्रेविंग्स से सबसे ज्यादा असर वजन पर पड़ता है, क्योंकि बार- बार मीठा खाने के कारण मोटापा बढ़ जाता है। इससे कई बीमारियां आपको अपने चंगुल में लेने के लिए आपके आसपास मंडराने लगती हैं, जिनमें हृदय रोग, हाइपरटेंशन, आर्थराइटिस, प्रोस्टेट कैंसर आदि प्रमुख हैं। मोटापा यानी ओबेसिटी एक जटिल समस्या है और शुगर इसका सबसे बड़ा स्त्रोत है।
डायबिटीज
शुगर का सेवन करने से ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ती है और इसके कारण डायबिटीज होने की आशंका बढ़ जाती है। ज्यादा मीठा खाने से डायबिटीज जैसी खतरनाक जानलेवा बीमारी होने की आशंका रहती है। जिन लोगों को डायबिटीज होती है, उन्हें डॉक्टर अक्सर मीठे से परहेज करने की हिदायत देते हैं।
हार्ट अटैक
आवश्यकता से बहुत ज्यादा मात्रा में चीनी का सेवन हृदय रोग को बुलावा देता है। जो लोग ज्यादा शुगर का सेवन करते हैं, उन्हें हार्ट अटैक का डर बना रहता है।
कोलेस्ट्रॉल
मोटापा और डायबिटीज की तरह ही कोलेस्ट्रॉल का बढ़ता स्तर भी हृदय रोग को बुलावा देता है। इस बात के कई प्रमाण हैं कि चीनी की बहुत ज्यादा मात्रा बुरे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ावा देती है। कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने के लिए चीनी और इसके इस्तेमाल से बने खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए।
अल्जाइमर
शुगर ज्यादा खाने से वृद्धावस्था में अल्जाइमर्स होने का खतरा भी हो सकता है। नए अध्ययन में दावा किया गया है कि ज्यादा कार्बोहाइड्रेट और चीनी वाला भोजन करने वाले बुजुर्गों में अल्जाइमर्स होने का खतरा चार गुना बढ़ जाता है।
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शुगर क्रेविंग कम करने के तरीके – Sugar Kam Karne ka Tarika
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कुछ लोगों की मीठा खाने की इच्छा इतनी तीव्र होती है कि अगर वे दिन में एक बार मीठा न खाएं तो उन्हें पूरे दिन उसकी कमी महसूस होती रहती है। इसलिए अगर आपको भी शुगर की क्रेविंग होती है तो हम आपको उसे कम करने के तरीके बता रहे हैं (sugar ko kaise control kare)।
नेचुरल शुगर का सेवन करें
कुछ लोग चाहे कितनी भी कोशिश क्यों न कर लें लेकिन वे अपना मन नहीं मार सकते। इसलिए ऐसे लोग नेचुरल शुगर का सेवन कर सकते हैं। नेचुरल रूप से शुगर का सेवन कम नुकसानदायक होता है। फल, सब्जियों आदि में प्राकृतिक शुगर के साथ विटामिन और मिनरल्स जैसे अन्य पोषक तत्व भी होते हैं। यह रक्त में शुगर के स्तर को सीमित करने में मदद करता है और डोपामाइन के स्तर को नियंत्रित करता है। इसलिए जब भी मन करे तो नेचुरल शुगर वाली कोई चीज खाकर अपनी क्रेविंग कम कर सकते हैं।
कम मात्रा में शुगर का सेवन करें
बहुत कोशिश करने पर भी अगर शुगर की क्रेविंग कम नहीं हो रही तो परेशान न हों। हम जानते हैं कि दोपहर के भोजन या रात के खाने के बाद कुछ मीठा खाना कई लोगों की आदत होती है। इसलिए जब भी आपको मीठा खाने का मन करे तो पहले की अपेक्षा आधा या हाफ खाना शुरू करें। इससे आपकी क्रेविंग भी शांत होगी और नुकसान भी ज्यादा नहीं होगा।
तय करें शुगर की मात्रा
खुद को हेल्दी रखने के लिए अपने डेली रुटीन में यह तय कर लें कि आपको कितनी मात्रा में शुगर लेनी है। आप इसके लिए पानी पी सकते हैं। शरीर में जब पानी की कमी होती है तो इससे मीठा खाने की क्रेविंग होती है। इसलिए दिन में 8- 10 गिलास पानी पिएं। शरीर हाइड्रेट रहेगा और मीठे पर ज्यादा ध्यान नहीं जाएगा।
मिनरल्स युक्त खाना खाएं
जिन लोगों के शरीर में मिनरल्स की कमी होती है, उन्हें रह- रहकर शुगर की क्रेविंग होती है इसलिए शरीर में शुगर की मात्रा कम करने के लिए मिनरल्स युक्त खाना खाएं। दरअसल ब्लड में शुगर के स्तर को नियंत्रित करने और दिल को स्वस्थ रखने के लिए हमें क्रोमियम, जिंक, मैग्नीशियम आदि मिनरल्स की अच्छी मात्रा की जरूरत होती है। इसलिए शुगर क्रेविंग्स को रोकने के लिए ज्यादा से ज्यादा हरी पत्तेदार सब्जियां, चुकंदर और नट्स खाएं।
गर्म पानी का शॉवर
गर्म पानी से नहाने से शरीर में शुगर का स्तर कम होता है, जिससे मन में शुगर की क्रेविंग खत्म होती है। इसलिए अगर आपने मन में जरूरत से ज्यादा शुगर की क्रेविंग हो रही हो तो आप गर्म पानी का शॉवर ले सकते हैं।
वॉक करने की आदत
शुगर की क्रेविंग को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप वॉक करने के लिए जाएं। जब आप शुगर खाने के बजाय टहलते हैं, तो आपका दिमाग बदल जाता है। एक्सपर्ट मानते हैं कि वॉक करने से शुगर की क्रेविंग को रोकने में मदद मिलती है।
पेट भरकर खाना
जब पेट फुल होता है तो दिमाग कुछ भी खाने की क्रेविंग पर ताला लगा देता है इसलिए उस समय कुछ भी खाने का मन नहीं होता। कोशिश करें कि खाना हमेशा पेट भरकर खाएं ताकि शुगर की क्रेविंग न हो।
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डेली रुटीन में इन 5 आदतों को शामिल करने से नहीं होगी शुगर की क्रेविंग – Sugar Kaise Kam Kare
शुगर की क्रेविंग को कम करना चाहते हैं तो अपनी डेली डाइट में इन हैबिट्स को अपनाकर शरीर को नुकसान पहुंचाने वाली क्रेविंग से छुटकारा पाएं (meetha kam karne ka tarika)।
प्रोटीन डाइट
अपनी रोजाना की डाइट में प्रोटीन शामिल करें। यह शरीर को एनर्जी देने के साथ- साथ शुगर लेवल को बढ़ने से भी रोकता है। डाइट में पालक, गोभी, हरी सब्जियां, करेला, खीरा, टमाटर आदि शामिल करें। इसके अलावा अंडे, मछली और चिकन का सेवन भी करें। फिटनेस कोच कहते हैं कि प्रोटीन और स्वस्थ फैट्स का सेवन करने से आपको मीठा खाने की इच्छा नहीं होती।
रोज खाएं ताजे फल
फलों में प्राकृतिक शुगर होती है, जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है। इसलिए रोज सुबह -सुबह ताजे फल खाना फायदेमंद होता है। इसके साथ ही फल खाने से आपको मीठा खाने की इच्छा नहीं होती और हानिकारक अप्राकृतिक शुगर से आप बचे रहते हैं।
नींबू से होगा लाभ
दिन में कुछ चम्मच नींबू के रस का सेवन करने से खून में शुगर लेवल 8 से 12 प्रतिशत तक कम होता है। इसलिए रोजाना सलाद या सब्जियों पर नींबू का रस डालकर खाएं। इससे आपका मन मीठे की तरफ नहीं भागेगा।
भरपूर नींद है जरूरी
नींद पूरी न होने से पूरा दिन एनर्जी लेवल लो रहता है। इस वजह से बार- बार शुगर क्रेविंग बढ़ने लगती है। रोजाना आठ घंटे की भरपूर नींद लेना जरूरी है। इससे शुगर क्रेविंग बहुत कम हो जाती है।
शुगर फ्री की आदत डालें
रोज कोशिश करें कि खाने में ज्यादा से ज्यादा शुगर फ्री प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें। इनमें 300 गुना कम चीनी होती है। इससे शुगर नियंत्रित रहेगी और आप बीमारियों से भी बचे रहेंगे।
शुगर की क्रेविंग को लेकर पूछे जाने वाले सवाल- जवाब – FAQ’s
जब दिमाग तनाव में होता है तो शरीर में ग्लूकोकॉर्टिकोयड्स नामक हॉर्मोन सक्रिय हो जाते हैं। ये स्वाद की कोशिकाओं को प्रभावित करते हैं, जिससे मीठा खाने की इच्छा उठती है।
अगर आप दही में चीनी मिलाकर खा रहे हैं तो वह सही नहीं है। आप खमीर उठे खाद्य पदार्थ भी अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं, ये नैचुरली मीठे होते हैं। इसके साथ ही इनमें मौजूद तत्व मीठे की क्रेविंग्स को खत्म करते हैं।
शुगर की क्रेविंग के कारण जब आप मीठा ज्यादा खाते हैं तो आपके ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। खून में शुगर घुली होने के कारण ये मस्तिष्क के काम में बाधा बनती है और तंत्रिकाओं को कमजोर करती है। अगर आपको रोजाना ज्यादा मीठा खाने की आदत है तो लंबे समय में आपके मस्तिष्क को नुकसान पहुंचता है, जिसका सबसे पहला असर आपकी याददाश्त पर पड़ता है।
हां, सेब खा सकते हैं लेकिन अगर आप सेब की जगह उसका सिरका बनाकर इस्तेमाल करें तो ज्यादा अच्छा होगा। एक पानी की बोतल में 1- 2 चम्मच सिरका डालें और इसे धीरे- धीरे पूरे दिन में खत्म करें। इससे आपको मीठा खाने की इच्छा नहीं होगी। रोजाना सेब के सिरके का सेवन करने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है।
एक व्यक्ति को एक दिन में सिर्फ 30 ग्राम शुगर की आवश्यकता होती है, जिससे वह पूरे दिन ऊर्जावान महसूस करता है। लेकिन अगर आपको सुस्ती महसूस होती है तो आप हल्की मात्रा में शुगर ले सकते हैं।
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