वरमाला या जयमाला हमारे देश में हिंदू विवाह की एक जरूरी रीति है, जिसमें दूल्हा और दुल्हन फेरों से पहले एक दूसरे को फूलों की माला पहना कर हमेशा एक दूसरे के साथ रहने का वादा करते हैं। जयमाला समारोह सिर्फ दो आत्माओं का मिलन ही नहीं है, बल्कि दो परिवारों का एक हो जाना भी है। यह परंपराओं, मूल्यों और रीति-रिवाजों का भी मिलन है जो किसी भी शादी का अभिन्न अंग है। जयमाला या वरमाला एक प्राचीन परंपरा है जिसे हिंदू रीति रिवाज वाली हर भारतीय शादी में फॉलो किया जाता है।
फूलों से भावनाओं को करें जाहिर
अपनी जयमाला के समय ध्यान रखें कि स्टेज के पीछे के पैनल पर आपको कौन से फूल चाहिए। दरअसल अलग – अलग फूल अलग- अलग भावनाओं को जाहिर करते हैं। आप अपनी शादी पर कौन से फूलों का चुनाव करती हैं, यह इस पर निर्भर करता है कि आप अपनी शादी के दिन अपने पार्टनर के साथ किस भावना को प्रदर्शित करना चाहती हैं। यही फूल आपके जोड़े के बंधन को भी अभिव्यक्ति देते हैं। ध्यान रखें कि गुलाब जहां बहुत ज्यादा खुशी का संकेत हैं, वहीं सुर्ख लाल गुलाब सच और भावुक प्यार को प्रदर्शित करते हैं। ऑर्किड जहां शान को प्रदर्शित करते हैं, वहीं मैरीगोल्ड समृद्धि का संकेत देते हैं। अरबी चमेली (मोग्रास) के फूल जहां पवित्रता का प्रदर्शन करते हैं, वहीं नारंगी गुलाब जुनून को दर्शाते हैं।
पहले से तय कर लें स्टेज पर वरमाला का प्लान
दूल्हा और दुल्हन फूलों की माला पकड़े हुए अपने परिवार के सदस्यों, दोस्तों, रिश्तेदार और सभी आमंत्रित लोगों के साथ अपने वरमाला के पलों को खास और यादगार बनाना चाहते हैं। लेकिन अक्सर यह पल पहले से प्लान न किये जाने की वजह से गड़बड़ हो जाता है। दुल्हन जहां वरमाला डाल ही रही होती है, दूल्हे के दोस्त उसे ऊपर उठा लेते हैं, ताकि दुल्हन माला न डाल पाए। कई बार उल्टा भी होता है, जहां दुल्हन को लोग ऊपर उठा लेते हैं। इस मस्ती के चक्कर में कई बार दूल्हा या दुल्हन गिर भी जाती है या फिर उसके कपड़े या मेकअप खराब हो जाता है। ऐसी दुर्घटनाओं से बचने के लिए पहले से ही यह तय कर लें कि स्टेज पर दूल्हा या दुल्हन के साथ कौन होगा और किस मौके पर क्या किया जाना है, ताकि दूल्हा या दुल्हन पहले से ही मानसिक रूप से खुद को इस मस्ती के लिए तैयार कर लें।
मजा लें इन अनमोल पलों का
दूल्हा और दुल्हन की ओर के दोनों पक्षों के मेहमान वरमाला यानि जयमाला के अनमोल पलों का पूरा मजा लेने के लिए एक-दूसरे के साथ चुहल और मौज मस्ती के लिए चिढ़ाते हैं। ज्यादातर ऐसे मौकों पर दोनों पक्षों के मित्र और परिवार के सदस्य एक सुखद लड़ाई लड़ते हैं, लेकिन कई बार ऐसा चिढ़ाना या चुहल गंभीर रूप भी ले लेता है। शादी में भाग ले रहे सभी लोगों को यह ध्यान रखना चाहिए कि यह पल खासतौर पर दूल्हा और दुल्हन के लिए अनमोल होते हैं।
वरमाला का मौका तो शादी के सबसे खास क्षणों में से एक होता है। ऐसे में दोनों पक्षों के लोगों को यह ध्यान रखना चाहिए नए जोड़े की खुशी के लिए अगर किसी बात पर बुरा भी लगे तो हर तरह के मजाकिया झगड़े का आनंद लें, बातों को बढ़ाकर इसे गंभीर रूप बिलकुल न दें। यही दोस्तों और रिश्तेदारों का दूल्हा और दुल्हन के लिए सबसे बड़ा उपहार होगा।
(इमेज और इनपुट्स- कुणाल खन्ना, डायरेक्टर, व्हाइट फ्रॉग प्रोडक्शंस)
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