नवजात शिशु की आंखों में काजल लगाने की परंपरा बहुत पहले से चली आ रही है। हर नये मां-बाप इस बात से परेशान रहते हैं कि आखिर वो अपने नवजात शिशु की आंखों में काजल लगाये कि नहीं ? क्योंकि बड़े-बुजुर्गों का उनपर इतना प्रेशर रहता है कि न चाहते हुए भी वो काजल लगा ही देते हैं और अंदर ही अंदर उनको ये डर रहता है कि ये उनके बच्चे के लिए सेफ है कि नहीं। लेकिन आज हम एक्सपर्ट से जानते हैं कि यह हमारे होने वाले बच्चे की सेहत के लिए कितना सुरक्षित है।
दरअसल, बच्चे की आंखों में काजल लगाना एक बहुत पुरानी भारतीय परंपरा है और माना जाता है कि काजल लगाने से बच्चे की आंखें बड़ी दिखती हैं और उसके आंखों की रोशनी भी तेज होती हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
लेकिन अगर इस विषय को मेडिकल दृष्टिकोण से देखा जाए तो बच्चों की आंखों में काजल लगाना (baccho ki aankho me kajal lagana) उनकी सेहत के लिए काफी खतरनाक हो सकता है। बच्चों की आंखें बहुत नाजुक होती हैं, अगर गलती से उनकी आंखों में गंदगी चली जाए तो बच्चों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा कई लोग बच्चों के लिए घर का बना काजल भी इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या घर का बना काजल वाकई सुरक्षित है? इस बारे में आइए जानते हैं डॉ. सौरभ खन्ना, लीड कंसल्टेंट, नियोनेटोलॉजी एंड पीडियाट्रिक्स, सीके बिड़ला हॉस्पिटल से –
क्या बच्चे की आंखों पर काजल लगाना सुरक्षित है?
बच्चों की आंखों को बड़ा दिखाने के लिए उनकी आंखों में काजल लगाया जाता है। लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि किसी भी तरह की गंदगी बच्चों की आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है। बच्चों की आंखें बहुत नाजुक होती हैं, ऐसे में इस्तेमाल होने वाला कोई भी केमिकल, राख या क्रीम बच्चों के आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है।
एक्सपर्ट की सलाह के मुताबिक बच्चों की आंखों में काजल लगाना बिल्कुल भी सेफ नहीं होता है। गंदगी में मौजूद तत्व शिशु के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। इससे ब्रेन, किडनी और बोन मैरो से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
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बच्चों के आंख में काजल लगाने के नुकसान
बच्चों की आंखों में काजल लगाने से आंखों में संक्रमण, लाल आंखें, आंखों में पानी आना या चिपचिपापन हो सकता है। वहीं अगर जलन बढ़ जाए तो इससे इंफेक्शन, आंखों के पास रैशेज जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
बच्चों की आंखों के लिए काजल का रोजाना इस्तेमाल करने से कॉर्नियल अल्सर की समस्या भी हो सकती है। इस समस्या में आंखों में दर्द के साथ आंखों का लाल होना भी शामिल हो सकता है। जैसे-जैसे समस्या बढ़ती है, यह शरीर के अन्य अंगों को प्रभावित करने लगती है।
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