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Parenting Tips: बेबी का ब्रेस्टफीडिंग छुड़ाने के लिए मैंने आजमाया एक तरीका और तुरंत ही ये काम भी कर गया

मां का दूध बच्चे के लिए अमृत माना जाता है जो उसे कई तरह की बीमारियों से बचाने में सहायक है। नवजात शिशु को ब्रेस्ट फीडिंग यानि कि स्तनपान कराने से न केवल बच्चे को बल्कि मां को भी कई फायदे होते हैं। ब्रेस्टफीडिंग से बच्चे के विकास के लिए उचित पोषण मिलता है, वहीं मां को प्रेग्नेंसी फैट से भी छुटकारा मिलता है। इसके अलावा बच्चे के नर्वस सिस्टम में सुधार कर मां को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा भी कम होता है। इसीलिए WHO भी जन्म से लेकर 6 महीने तक बच्चे को सिर्फ मां का दूध पिलाने की ही सलाह देते हैं। लेकिन 6 महीने के बाद धीरे-धीरे ऐसा समय आ जाता है जब एक मां के लिए बच्चे को हर समय ब्रेस्टफीडिंग करना मुश्किल भरा हो जाता है। 

बहुत बार शिशु को 1 साल तक भी दूध पिलाया जाता है। कुछ मामलों में देखा जाता है कि बच्चा 2 से 3 साल तक भी मां का दूध पीता है। ऐसी परिस्थितियों में अगर बच्चे को मां का दूध पीने की आदत है तो रात में वह भूख लगने पर फिर दूध मांगेगा। ऐसे में बच्चा और मां दोनों की नींद डिस्टर्ब होती है। 1 साल तक तो ब्रेस्टफीडिंग ठीक है पर जब बच्चा बड़ा होने लगता है और उसे ठोस आहार की जरूरत होती है, तब स्तनपान छुड़वाना जरूरी हो जाता है। बच्चे और मां दोनों के लिए यह एक जटिल प्रक्रिया है। लेकिन यहां मैं आपके साथ अपने बेबी का ब्रेस्टफीडिंग छुड़ाने का अनुभव शेयर कर रही हूं। इसकी मदद से आप बहुत ही आसानी और बिना किसी मुश्किल के बेबी का ब्रेस्टफीडिंग छुड़ा सकते हैं।

बेबी का ब्रेस्टफीडिंग छुड़ाने के लिए क्या करें?

मैंने ब्रेस्टफीडिंग छुड़ाने का तब ही सोच लिया था जब मुझे चला कि कुछ ही दिनों में ऑफिस जाना शुरू करना है। इसके लिए सबसे पहले मैंने अपने बेबी को गाय का दूध 2 टाइम पिलाना शुरू किया। इसके बाद से ही जहां बेबी दिन भर में 7-8 बार ब्रेस्टफीडिंग करता था अब वो घटकर 2-3 टाइम हो गया। मेरे बेबी की सबसे गंदी आदत थी कि उसको जब भी सोना होता तो उसे ब्रेस्टफीड ही चाहिए। ऐसे में मेरे लिए काफी बड़ा चैलेंज था स्तनपान छुड़ाना। फिर क्या मैंने आपकी ही तरह इंटरनेट का सहारा लिया और तरह-तरह के ब्रेस्टफीडिंग छुड़ाने के उपाय देंखे। हालांकि उसमें ज्यादातर तो मुझे पर्सनली सही नहीं लगे। इसीलिए मैंने अपनी सासू मां और मम्मी से इस बारे में राय ली। फिर क्या था दोनों की एडवाइस ने एक कमाल का तरीका सुझाया, जो न तो मेरे लिए मुश्किल और पेनफुल था और न ही मेरी 19 महीने के बेबी के लिए।

बेहद कारगर निकाला ये तरीका

मैंने बेबी का ब्रेस्टफीडिंग छुड़ाने के लिए करेले का रस लगाने का नुस्खा ट्राई किया। इसके लिए एक करेले को अच्छे से धुलकर उसे कद्दूकस कर लिया और उसे निचोड़कर साफ बर्तन में रस निकाल लिया। इस रस को मैंने निप्पल्स वाले एरिया पर लगा लिया। फिर क्या था … बेबी ने तुरंत ही मुंह हटा लिया और अजीब सा मुंह बना लिया। फिर दूसरे ब्रेस्ट पर उसने ट्राई किया और उसे वहां से भी सेम कड़वा टेस्ट मिला और तुरंत पानी पीने के लिए भागा। उसके 2 दिन तक तो उसने खुद से ब्रेस्टफीड करने के लिए मना कर दिया। फिर एक दिन जब उसने फिर से जिद्द की तो मैंने सेम करेले के रस वाला तरीका अपनाया। फिर क्या उसने उसके बाद से पलट कर दोबारा फिर की ब्रेस्टफीडिंग करने की जिद्द नहीं की। 

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अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा थोड़ा हो सकता है कि बेबी ने 1-2 ही बार में ब्रेस्टफीडिंग करना छोड़ दिया। तो मैं आपको बता दूं, ये बिल्कुल सच है सिर्फ मेरे बेबी ही ने नहीं बल्कि मैंने जिन 2 ब्रेस्टफीडिंग मदर के साथ ये नुस्खा शेयर किया था उनके बच्चों ने भी सेम ऐसा ही रिएक्ट किया था। इस आधार पर ये नुस्खा बेहद कारगर साबित हुआ।

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